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Wednesday,06-August-2025
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चुनावी बॉन्ड योजना पर फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने ईबीएस को रोका, इसे असंवैधानिक पाया; एसबीआई से दान की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना की कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सर्वसम्मति से फैसला सुनाया है, जो राजनीतिक दलों को गुमनाम फंडिंग की अनुमति देती है।सुप्रीम कोर्ट का मानना ​​है कि गुमनाम चुनावी बांड योजना अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है।

अपने फैसले में, अदालत ने चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों के महत्व पर जोर दिया, और इस बात पर प्रकाश डाला कि सूचित चुनावी निर्णयों के लिए उनकी फंडिंग के संबंध में पारदर्शिता महत्वपूर्ण है।

अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि राजनीतिक दलों को अज्ञात योगदान सूचना के अधिकार और संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है।यह नोट किया गया कि अनुकूल नीतियों के बदले में राजनीतिक संस्थाओं को दान के परिणामस्वरूप बदले की व्यवस्था हो सकती है।

इसके अलावा, अदालत ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक संबद्धता के संबंध में गोपनीयता का अधिकार सार्वजनिक नीति को प्रभावित करने के उद्देश्य से योगदान तक विस्तारित नहीं है, यह केवल एक निश्चित सीमा से नीचे के योगदान पर लागू होता है।आयकर अधिनियम प्रावधान और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29सी में संशोधन को न्यायालय द्वारा अधिकारातीत माना गया।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ, जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे, ने फैसला सुनाया।एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), डॉ. जया ठाकुर और स्पंदन बिस्वाल ने चुनावी बॉन्ड योजना को अदालत में चुनौती दी थी।

कोर्ट ने ईसीआई को 13 मार्च तक दान विवरण प्रकाशित करने का आदेश दिया

कोर्ट ने चुनावी बांड जारी करने वाले बैंकों को इसकी प्रक्रिया बंद करने का निर्देश दिया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), जिसे केंद्र द्वारा बांड बेचने के लिए अधिकृत किया गया था, को शीर्ष अदालत ने चुनावी बांड के माध्यम से किए गए दान का विवरण और उन राजनीतिक दलों के बारे में जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया है जिन्होंने ये योगदान प्राप्त किया था। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई)।

एसबीआई इन विवरणों को ईसीआई को प्रस्तुत करेगा। इसके बाद ईसीआई इस जानकारी को 13 मार्च 2014 तक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा।

चुनावी बांड योजना क्या है:

चुनावी बांड राजनीतिक दलों को धन दान करने के लिए 2018 में भारत में पेश किया गया एक वित्तीय साधन है। इसे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की निर्दिष्ट शाखाओं से खरीदा जाता है, जिससे दानदाताओं को गुमनामी का एहसास होता है। आलोचक पारदर्शिता और राजनीतिक दलों पर प्रभाव को लेकर चिंता जताते हैं।

चुनावी बांड का पहला बैच 1-10 मार्च, 2018 के बीच भारतीय स्टेट बैंक की नामित शाखाओं में बेचा गया था।

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उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन के बाद केरल और महाराष्ट्र के 28 पर्यटकों के लापता होने की आशंका

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कोच्चि: उत्तराखंड में बादल फटने से हुए भूस्खलन के बाद केरल के मूल निवासी 28 सदस्यीय पर्यटकों का एक समूह लापता हो गया है। परिवार के सदस्यों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

समूह में शामिल एक जोड़े के रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि 28 व्यक्तियों में से 20 केरल के हैं और महाराष्ट्र में बस गए हैं, जबकि शेष आठ केरल के विभिन्न जिलों से हैं।

उन्होंने बताया कि दम्पति के बेटे ने उनसे आखिरी बार एक दिन पहले बात की थी।

उन्होंने कहा, “उन्होंने बताया कि वे उस दिन सुबह लगभग 8.30 बजे उत्तरकाशी से गंगोत्री जा रहे थे। भूस्खलन उसी रास्ते पर हुआ। उनके जाने के बाद से हम उनसे संपर्क नहीं कर पाए हैं।”

उन्होंने बताया कि हरिद्वार स्थित ट्रैवल एजेंसी, जिसने 10 दिवसीय उत्तराखंड दौरे की व्यवस्था की थी, भी समूह के बारे में कोई जानकारी देने में असमर्थ रही।

उन्होंने कहा, “हो सकता है कि अब तक उनके फोन की बैटरी खत्म हो गई हो। उस क्षेत्र में फिलहाल कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है।”

उत्तराखंड के पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र धराली में मंगलवार दोपहर बादल फटने के बाद आई आपदा में कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है।

अधिकारियों ने बताया कि धराली का लगभग आधा हिस्सा कीचड़, मलबे और पानी के विशाल भूस्खलन में दब गया है। यह गाँव गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री जाने वाले मार्ग का एक प्रमुख पड़ाव है और यहाँ कई होटल और होमस्टे हैं।

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राष्ट्रीय समाचार

इंडिया पोस्ट ने एडवांस्ड पोस्टल टेक को किया शुरू, रियल-टाइम ट्रेकिंग से लेकर लेनदेन हुआ तेज

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नई दिल्ली, 6 अगस्त। इंडिया पोस्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) सिस्टम को लॉन्च कर दिया है। इससे रियल-टाइम ट्रेकिंग से लेकर लेनदेन की रफ्तार में इजाफा हुआ है। यह जानकारी संचार मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गई।

एपीटी को आईटी 2.0 के तहत किए जा रहे इंडिया पोस्ट के डिजिटल बदलाव के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि एपीटी सिस्टम से लेनदेन की रफ्तार, डिजिटल पेमेंट एकीकरण, रियल-टाइम ट्रेकिंग और ग्राहक अनुभव में सुधार देखा गया है।

आगे कहा कि पुराने से नए सिस्टम की तरफ यह परिवर्तन, अधिक तीव्र, स्मार्ट और अधिक ग्राहक-केंद्रित डाक सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सरकार ने बताया कि शहरी, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्र में 1.64 लाख से ज्यादा डाक घरों के विशाल नेटवर्क के कारण इस एपीटी सिस्टम के रोलआउट के पहले दिन 4 अगस्त को कुछ धीमापन महसूस किया गया, लेकिन टेक्निकल टीम ने इसका समाधान निकाल लिया और अगले दिन इसे सुधार लिया गया।

मंत्रालय के अनुसार, 5 अगस्त को पूरे भारत में इस नए एप्लिकेशन के माध्यम से 20 लाख से ज्यादा वस्तुओं की बुकिंग की गई और 25 लाख से ज्यादा वस्तुओं की डिलीवरी की गई।

भारतीय डाक विभाग ने कहा, “भारतीय डाक निर्बाध सार्वजनिक सेवा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विभाग कार्य-निष्पादन पर कड़ी नजर रख रहा है और सुचारू एवं कुशल बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है।”

इससे पहले, यह घोषणा की गई थी कि डाक विभाग डिजिटल परिवर्तन और बेहतर ग्राहक सेवा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पूरी दिल्ली में अपना अगली पीढ़ी का एपीटी एप्लिकेशन शुरू करेगा।

वहीं, मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था, “4 अगस्त को, राजधानी भर के 353 डाकघर और 61 शाखा डाकघर इस अपडेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेंगे।”

इसके लिए, विभाग ने सुरक्षित और निर्बाध बदलाव सुनिश्चित करने हेतु शनिवार, 2 अगस्त को सेवा बंद रखने की योजना बनाई थी।

डाकघर सिस्टम आवश्यक डेटा माइग्रेशन, सत्यापन और कॉन्फिगरेशन प्रक्रियाओं से गुजर रहा था, इसलिए उस दिन 414 प्रभावित स्थानों पर कोई सार्वजनिक लेनदेन नहीं हुआ।

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‘स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराएं’, सरकार ने की ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ने की अपील

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नई दिल्ली, 6 अगस्त। तीन साल पहले शुरू हुई ‘हर घर तिरंगा’ पहल अब जन आंदोलन का रूप ले चुकी है। देशभर में समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों ने इस विचार को अपनाया है। इसी क्रम में, ‘एक राष्ट्रगान, एक झंडा और एक राष्ट्र’ की भावना के साथ इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने कदम उठाए हैं।

15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने देशवासियों से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ने की अपील की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए संस्कृति मंत्रालय ने लिखा, “हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हों और देशभक्ति की भावना जगाएं। तिरंगा स्वयंसेवक के रूप में पंजीकरण करें, दूसरों को 15 अगस्त तक अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करें और अपनी ‘सेल्फी विद तिरंगा’को ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर अपलोड करें।

भारत सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के मौके पर 2022 में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया था। इस अभियान के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करना और उन्हें भारत की यात्रा और इस महान राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने वालों की याद दिलाना है। 2022 में इस अभियान को अपार सफलता मिली, जहां 23 करोड़ परिवारों ने अपने घरों में तिरंगा फहराया और 6 करोड़ लोगों ने ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर सेल्फी अपलोड कीं। डाक विभागने इस अभियान को अंतिम छोर तक पहुंचाया और देश के सुदूर कोने में भी राष्ट्रीय ध्वज की उपलब्धता सुनिश्चित की।

संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, साल 2022 में ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर 5 करोड़ से अधिक तिरंगा सेल्फी अपलोड की गई थीं। 2023 में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत 10 करोड़ से अधिक सेल्फी अपलोड की गईं। उसी साल, चंडीगढ़ में 5,885 लोगों की भागीदारी के साथ ‘राष्ट्रीय ध्वज लहराती हुई दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला की तस्वीर’ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। 2024 में 5 करोड़ से अधिक लोगों ने सेल्फी अपलोड की।

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