राजनीति
एकनाथ शिंदे ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, तो फडणवीस बने डिप्टी सीएम

महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो वहीं मंत्रिमंडल से बाहर होने की बात करने वाले देवेंद्र फडणवीस को राज्यपाल ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई..
महाराष्ट्र की नई सरकार की कैबिनेट का विस्तार बाद में किया जाएगा..फडणवीस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी का आदेश सर्वोपरि है..मैंने पार्टी के आदेश का पालन किया है..आज मैं जो कुछ भी हूं वो पार्टी की वजह से ही हूं..मैं एक पार्टी का प्रमाणित कार्यकर्ता हूं..शपथ ग्रहण के बाद पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा कई दूसरे राजनेताओं ने भी शिंदे और फडणवीस को बधाई दी है…
इससे पहले शिवसेना के अधिकतर नेता बागी हो गए, जिसके कारण सरकार पर संकट मंडराने लगा और आखिरकार कारण 31 महीने पुरानी महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई।
तेज-तर्रार घटनाक्रम के बाद, भाजपा ने शिंदे के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया।
बाद में, भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे पार्टी के शीर्ष अधिकारियों के निर्देशों के बाद, दो बार के पूर्व सीएम फडणवीस अंतत: नंबर 2 (डिप्टी सीएम) के तौर पर नए शासन में शामिल होने के लिए सहमत हो गए।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, शिवसेना और भाजपा के शिंदे समूह के मंत्रियों के रूप में और अधिक विधायकों को शामिल करने के साथ जल्द ही दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।
महाराष्ट्र
नवरात्रि के दौरान मस्जिदों को भी लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति मिलनी चाहिए: अबू आसिम आज़मी

ABU ASIM AZMI
मुंबई: मुंबई महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि जिस तरह अन्य त्योहारों और नवरात्रि के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल में इजाजत दी जाती है, उसी तरह अज़ान के लिए भी लाउडस्पीकर की अनुमति दी जानी चाहिए। यूपी में नवरात्रि के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रियायत पर टिप्पणी करते हुए अबू आसिम आजमी ने कहा कि देश में सभी त्योहारों पर रियायत दी जानी चाहिए क्योंकि त्योहारों के दौरान लोग देर रात तक जश्न मनाते हैं और लाउडस्पीकर की अनुमति केवल रात 10 बजे तक ही होती है। इसके अलावा, मस्जिदों में लाउडस्पीकर की अनुमति देने के साथ-साथ डेसिबल की सीमा को पार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी जानी चाहिए। डेसिबल बहुत कम होता है, जिससे इसमें लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना असंभव है। इसलिए सरकार से लाउडस्पीकर को लेकर नीति बनाने की मांग की जाती है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को नवरात्रि या अन्य त्योहारों के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति और रियायत पर कोई आपत्ति नहीं है अज़ान दो या पाँच मिनट की होनी चाहिए, लेकिन मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं क्योंकि डेसिबल की सीमा बेहद कम है। इसलिए सरकार को मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देनी चाहिए।
राजनीति
जोजरी नदी में प्रदूषण से राजस्थान के कई गांवों को नुकसान, सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

नई दिल्ली, 23 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को राजस्थान की जोजरी नदी में प्रदूषण से जुड़े मामले की सुनवाई हुई। नदी में प्रदूषण की वजह से यहां की कृषि योग्य भूमि बंजर हो गई है। इसके चलते स्थानीय लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और कहा था कि नदी में औद्योगिक कचरे से सैकड़ों गांव प्रभावित हो रहे हैं।
नागौर जिले में पूंडलू गांव के पास की पहाड़ियों से निकलने वाली यह नदी जोधपुर जिले में खेजड़ला खुर्द के पास लूनी नदी में मिल जाती है। नदी के किनारे बड़ी संख्या में कपड़ा उद्योग और टाइल्स निर्माण उद्योग की फैक्ट्रियां हैं।
आरोप है इनसे निकलने वाला औद्योगिक कचरा नदी में डाला जा रहा है। इसका असर सैकड़ों गांवों पर पड़ा है। कचरे की वजह से जहरीले हो चुके जोजरी नदी के पानी ने पर्यावरण और आम जनमानस को नुकसान पहुंचाया है। नदी का पानी जानवरों के लिए भी जहरीला हो गया है, जिससे न केवल स्वास्थ्य बल्कि पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है।
पश्चिमी राजस्थान की जीवनरेखा कही जाने वाली जोजरी नदी आज जहरीली हो गई है। जोधपुर से पाली और बालोतरा तक बहने वाली इस नदी में लगभग 400 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों का प्रदूषित पानी और कचरा डाला जा रहा है। इसकी वजह से नदी का पानी पीने योग्य नहीं है।
जोजरी नदी राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित 83 किलोमीटर लंबी मौसमी नदी है। इसका उद्गम नागौर जिले से होता है। यह उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहते हुए जोधपुर जिले के खेड़ालदा खुर्द के पास लूनी नदी में मिलती है। नदी का जलग्रहण क्षेत्र लगभग 3,600 वर्ग किलोमीटर तक में फैला हुआ है।
राजनीति
‘कांग्रेस की अहंकारी मानसिकता का चेहरा उजागर’, सीएम सिद्धारमैया पर भड़के तरुण चुघ

नई दिल्ली, 23 सितंबर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस को ‘अहंकारी और कुंठित मानसिकता’ वाली पार्टी बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र के साथ देश की जनता से बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता जनता को नौकर और गुलाम समझकर उनसे बात करते हैं।
भाजपा महासचिव तरुण चुघ ने मिडिया से बातचीत में कहा, “कांग्रेस का अहंकारी और कुंठित मानसिकता का चेहरा सामने आया है। जहां प्रधानमंत्री मोदी ‘नागरिक देवो भव’ और ‘मेरा देश मेरा परिवार’ का संबोधन देते हैं, वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व में उनके चमचे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जनता को नौकर और दास समझकर डांटते हैं।”
बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मैसूर दशहरा कार्यक्रम में गए थे, जहां वह जनसभा को संबोधित करते हुए कुछ लोगों को डांटने लगे थे। उनका वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर सवाल उठाए।
कर्नाटक के भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान पर सवाल उठाए।
विधायक अरविंद बेलाड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सिद्धारमैया का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “मैसूर दशहरा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि कर्नाटक की शान और विश्व के सामने हमारी संस्कृति का प्रतीक है, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस ने बेशर्मी से इस पवित्र मंच को अपनी पार्टी का सियासी आयोजन बना दिया। लोग दशहरे की भव्यता देखने आए थे, न कि कर्नाटक कांग्रेस की प्रचारबाजी सुनने के लिए बंधक बनाए जाएं। इस सार्वजनिक मंच का छोटी सियासत के लिए दुरुपयोग न केवल हमारी परंपराओं का अपमान है, बल्कि सत्ता का खतरनाक दुरुपयोग भी है।”
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि कर्नाटक के त्योहार जनता के हैं, उनकी पार्टी के नहीं। जिस अहंकार के साथ वे हर मंच को अपनी स्वार्थी सियासत के लिए हड़प रहे हैं, यही कारण है कि लोग उन पर भरोसा खो रहे हैं।”
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