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अमेरिकी फेड के फैसले का असर, डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 85 के नीचे लुढ़का
नई दिल्ली, 19 दिसंबर। अमेरिकी फेड के फैसला का असर भारतीय रुपये पर भी देखने को मिला है। गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 18 पैसे गिरकर 85.12 के सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर आ गया।
बुधवार को हुई अमेरिकी फेड की बैठक में अधिकतम रोजगार और मूल्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया गया, फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने 2025 के लिए अपेक्षित दरों में कटौती की संख्या को आधा कर दिया।
अमेरिकी फेड के फैसले के बाद डॉलर में जोरदार तेजी आई और डॉलर इंडेक्स 108 के स्तर को पार कर गया। भारतीय मुद्रा के अलावा अन्य विदेशी मुद्राओं में भी इसका असर देखने को मिला।
डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 85.06 रुपये पर कमजोर रुख के साथ खुली। घरेलू शेयर बाजारों के नरम रुख, आयातकों की ओर से डॉलर की मांग और विदेशी पूंजी निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई |
पिछले कारोबारी दिन भारतीय रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 84.94 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ।
जानकारों ने कहा, “डॉलर इंडेक्स का 108 से ऊपर जाना और 10 साल के बॉन्ड यील्ड का 4.52 प्रतिशत पर पहुंचना एफआईआई फंड प्रवाह के दृष्टिकोण से नकारात्मक है। लेकिन यह केवल अस्थायी होने की संभावना है।”
अमेरिकी फेड के फैसले के बाद, डॉव जोन्स 2.58 प्रतिशत गिरकर 42,326.87 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 2.95 प्रतिशत गिरकर 5,872.20 पर और नैस्डैक 3.56 प्रतिशत गिरकर 19,392.69 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 18 दिसंबर को भारत में 1,316.81 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 4,084.08 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला। दोपहर करीब 01:14 बजे सेंसेक्स 881.51 अंक या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,300.6 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 232.70 अंक या 0.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,966.15 पर कारोबार कर रहा था।
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अदाणी पोर्ट्स ने कोचीन शिपयार्ड को 8 टग के लिए 450 करोड़ रुपये मूल्य का सबसे बड़ा ऑर्डर दिया
अहमदाबाद, 27 दिसंबर। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने शुक्रवार को आठ अत्याधुनिक हार्बर टग की खरीद की घोषणा की, जिसकी कुल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू 450 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। टग निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।
अदाणी ग्रुप की प्रमुख कंपनी ने एक बयान में कहा कि इन टग की डिलीवरी दिसंबर 2026 में होने की उम्मीद है और मई 2028 तक जारी रहेगी, जिससे भारतीय बंदरगाहों में वेसल ऑपरेशन की दक्षता और सुरक्षा में सुधार होगा।
एपीएसईजेड के पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ अश्विनी गुप्ता ने कहा, “कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड से खरीद के लिए यह सहयोग भारत में समुद्री बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता और हमारे देश के पीएसयू में हमारे विश्वास को दर्शाता है।”
गुप्ता ने कहा, “विश्व स्तरीय लोकल मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं का लाभ उठाकर, हमारा लक्ष्य ‘मेक इन इंडिया’ पहल में योगदान देना है। साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि हमारे संचालन सुरक्षा और दक्षता के अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करें।”
इससे पहले, एपीएसईजेड ने ओशन स्पार्कल लिमिटेड के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को दो, 62-टन बोलार्ड पुल एएसडी (अजीमुथिंग स्टर्न ड्राइव) टग के निर्माण का ठेका दिया था, जिनमें से दोनों को समय से पहले वितरित किया गया और पारादीप पोर्ट और न्यू मैंगलोर पोर्ट पर तैनात किया गया।
कंपनी ने बताया कि तीन अतिरिक्त एएसडी टग का निर्माण कार्य चल रहा है, जिससे कुल ऑर्डर 13 टग का हो गया है।
भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी कंपनी के अनुसार, “यह पहल जहाज निर्माण में सस्टेनेबल प्रैक्टिस के महत्व को रेखांकित करती है और भारत के आर्थिक विकास में समुद्री उद्योग के रणनीतिक महत्व को दर्शाती है।”
अदाणी पोर्ट्स भारत में सबसे बड़ा बंदरगाह डेवलपर और ऑपरेटर है, जिसके पश्चिमी तट पर 7 रणनीतिक रूप से लोकेटेड पोर्ट्स और टर्मिनल हैं। इसके अलावा, 8 पोर्ट और टर्मिनल पूर्वी तट पर हैं, जो कि कुल मिलाकर देश के बंदरगाह वॉल्यूम का 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं।
कंपनी श्रीलंका के कोलंबो में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट भी विकसित कर रही है और इजरायल में हाइफा पोर्ट और तंजानिया के दार एस सलाम पोर्ट में कंटेनर टर्मिनल 2 का संचालन कर रही है।
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इस साल चार चिप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और तीन सुपर कंप्यूटर हुए स्थापित
नई दिल्ली, 27 दिसंबर। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2024 में ग्लोबल टेक स्टेज पर भारत की स्थिति मजबूत हुई। चार नई सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और तीन ‘परम रुद्र’ सुपर कंप्यूटर लगाए गए।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) के भारत में 91,526 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर फैब सुविधा स्थापित करने के प्रस्ताव को फरवरी 2024 में मंजूरी दी गई थी।
पीएसएमसी, ताइवान के साथ टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप में फैब सुविधा स्थापित की जाएगी। परियोजना की उत्पादन क्षमता लगभग 50,000 वेफर स्टार्ट प्रति माह (डब्ल्यूएसपीएम) होगी।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) के भारत में 27,120 करोड़ रुपये के एक दूसरे निवेश से ओएसएटी सुविधा स्थापित करने के प्रस्ताव को भी उसी महीने मंजूरी दी गई थी।
इस सुविधा में स्वदेशी सेमीकंडक्टर पैकेजिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसकी उत्पादन क्षमता 48 मिलियन प्रतिदिन होगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, फरवरी 2024 में सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड के 7,584 करोड़ रुपये के निवेश से भारत में ओएसएटी सुविधा स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई थी।
यह सुविधा रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स अमेरिका, यूएस और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक, थाईलैंड के साथ संयुक्त उद्यम साझेदारी के रूप में स्थापित की जाएगी।
इस सुविधा के लिए तकनीक रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन, जापान और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक, थाईलैंड द्वारा प्रदान की जाएगी, जिसकी उत्पादन क्षमता लगभग 15.07 मिलियन यूनिट प्रतिदिन होगी।
वायर बॉन्ड इंटरकनेक्ट, सब्सट्रेट आधारित पैकेजों के लिए गुजरात के साणंद में आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (ओएसएटी) सुविधा स्थापित करने के लिए केनेस टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड (केटीआईएल) के प्रस्ताव को सितंबर में मंजूरी दी गई थी।
यह सुविधा 3,307 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाएगी। इस सुविधा में प्रतिदिन 6.33 मिलियन से अधिक चिप्स बनाने की क्षमता होगी।
26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए।
नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत विकसित ये सुपरकंप्यूटर नई दिल्ली (3 पेटाफ्लॉप) में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आईयूएसी) , पुणे (1 पेटाफ्लॉप) में नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स (एनसीआरए) में जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) और कोलकाता (838 टेराफ्लॉप) में एस.एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज में स्थापित किए गए हैं।
ये सुपरकंप्यूटर भारत में युवा वैज्ञानिकों के लिए शोध क्षमताओं को आगे बढ़ाएंगे, जिससे फिजिक्स, अर्थ साइंस, कोसमॉलोजी में एडवांस स्टडी की सुविधा मिलेगी।
ये सुपरकंप्यूटर देश भर के 200 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रयोगशालाओं के 1,700 से अधिक पीएचडी विद्वानों सहित 10,000 से अधिक शोधकर्ताओं की सुविधा प्रदान करते हैं।
सरकार के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट और सेमीकंडक्टर के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीईसीएस ) के तहत नौ परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनसे 15,710 लॉब जनरेट होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा) के तहत 6.39 करोड़ व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है, जो 6 करोड़ के लक्ष्य से अधिक है।
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इस साल देश के वर्कफोर्स में महिलाओं की बढ़ी भागीदारी : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 26 दिसंबर। इस साल देश के वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी में जबरदस्त उछाल दिखा। आधी आबादी के साथ ही युवाओं की तादाद भी बढ़ी है।
नौकरी और पेशेवर नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म अपना डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं ने 2.8 करोड़ नौकरियों के लिए आवेदन किए हैं, जो 2023 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह, युवाओं ने नौकरी के आवेदनों में सालाना आधार पर 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
2024 में कुल 7 करोड़ में से महिलाओं ने 2.8 करोड़ नौकरियों के लिए आवेदन किए, जो सालाना आधार पर 25 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
फ्लेक्सिबल काम के अवसर, जेंडर-फोक्स्ड पहल और महिलाओं के नेतृत्व वाले क्षेत्र जैसे ई-कॉमर्स और हेल्थकेयर का विस्तार होने की वजह से यह उछाल देखा गया।
महिलाओं ने हेल्थकेयर, होस्पिटैलिटी, रिटेल और ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर में बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया है और फील्ड सेल्स, लॉजिस्टिक्स और सिक्योरिटी सर्विस जैसी भूमिकाओं को अपनाया है।
सीनियर और मैनेजर भूमिकाओं के लिए आवेदनों में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो भारत के नए युग के वर्कफोर्स को आकार देने में महिलाओं के बढ़ते प्रभाव का संकेत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई जैसे टियर 1 शहरों ने 1.52 करोड़ आवेदनों के साथ इस उछाल का नेतृत्व किया, जबकि जयपुर, लखनऊ और भोपाल जैसे टियर 2 और टियर 3 शहरों ने 1.28 करोड़ आवेदनों का योगदान दिया, जो मेट्रो हब से परे अवसरों में शानदार वृद्धि को दिखाता है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का फ्रेशर जॉब मार्केट भी फल-फूल रहा है, जिसमें नौकरी के आवेदनों में सालाना आधार पर 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2 करोड़ को पार कर गया है।
आईटी, मोबिलिटी, रिटेल, बीएफएसआई और सेवाओं जैसे हाई-ग्रोथ सेक्टर इस मांग को बढ़ा रहे हैं क्योंकि युवा प्रोफेशनल इनोवेशन और विस्तार को बढ़ावा दे रहे हैं।
चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरी केंद्रों ने 60 लाख आवेदनों का योगदान दिया, जबकि पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे क्षेत्रों ने 82 लाख आवेदन जोड़े।
इस बीच, इस साल 12 लाख ओपनिंग के साथ ऑनलाइन जॉब पोस्टिंग में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि डिजिटल अपनाने, लघु और मध्यम व्यवसाय (एसएमबी) क्षेत्र में वृद्धि और टियर 2 और टियर 3 शहरों में व्यापार विस्तार की वजह से देखी गई।
बीएफएसआई, रिटेल, हेल्थकेयर और लॉजिस्टिक्स जैसी प्रमुख इंडस्ट्री ने सबसे ज्यादा मांग पैदा की, जिसने भारत के उभरते और लचीले जॉब मार्केट को आकार दिया।
भारत का एसएमबी सेक्टर, जिसमें 63 मिलियन से अधिक उद्यम शामिल हैं, जीडीपी में 30 प्रतिशत का योगदान देता है और देश भर में लाखों लोगों को रोजगार देता है।
हायरिंग बूम एआई-ड्रिवन रिक्रूटमेंट टेक्नोलॉजी द्वारा भी संचालित है, जिसमें 45 प्रतिशत एसएमबी हायरिंग में एआई को अपना रहे हैं।
इससे 2.4 लाख नौकरियों के अवसर पैदा हुए, टैलेंट सर्च का समय 30 प्रतिशत कम हुआ और हायरिंग लागत 25 प्रतिशत कम हुई।
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