राष्ट्रीय समाचार
ईडी ने टोरेस पोंजी स्कीम मामले में पीएमएलए के तहत जांच शुरू की
मुंबई, 14 जनवरी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने टोरेस पोंजी स्कीम मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप है, जिसमें निवेशकों को उच्च रिटर्न का झांसा देकर लुभाया गया था। इसके बाद इस योजना में धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
ईडी का मामला मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है। एफआईआर में शिकायत की गई है कि 31 वर्षीय एक सब्जी विक्रेता ने बताया कि करीब 1.25 लाख लोगों ने इस स्कीम में निवेश किया था। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, 66 निवेशकों ने 13.85 करोड़ रुपये का दावा किया था। जांच के बाद, इस मामले को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया गया।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, इस स्कीम में कुल 39 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था और यह राशि ज्यादा भी हो सकती है।
वहीं, इससे पहले 10 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में लाखों छोटे निवेशकों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए व्यवसायी सुरेश कुटे को मुंबई की एक विशेष अदालत में पेश किया था।
ईडी ने 7 जनवरी को ज्ञानराधा मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड (डीएमसीएसएल) के फंड को गलत तरीके से इस्तेमाल करने के मामले में कुटे को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जिसने उन्हें शुक्रवार तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने कुटे और उनके साथियों द्वारा निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में जांच शुरू की थी। यह जांच आईपीसी और महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण (वित्तीय संस्थानों में) अधिनियम, 1999 की विभिन्न धाराओं के तहत की जा रही है। यह मामला महाराष्ट्र के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में मई से जुलाई 2024 के बीच दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर चल रहा है। ईडी ने अपनी शिकायत में कहा था कि डीएमसीएसएल का प्रबंधन और नियंत्रण सुरेश कुटे, यशवंत वी कुलकर्णी और उनके अन्य साथियों के पास था।
सहकारी और ऋण सोसाइटी ने विभिन्न जमा योजनाएं शुरू की थीं और 12 से 14 प्रतिशत तक ब्याज देने का वादा किया था। जांच के दौरान यह पता ला कि सुरेश कुटे और उनके साथियों ने चार लाख से ज्यादा भोले-भाले निवेशकों को उच्च रिटर्न का झांसा देकर डीएमसीएसएल में पैसा जमा करने के लिए बहकाया। ईडी ने बताया कि जब इन निवेशकों की जमा राशि परिपक्व हुई, तो उन्हें कोई भुगतान नहीं मिला या केवल आंशिक भुगतान किया गया, जिससे उन्हें धोखा हुआ।
राजनीति
यूपी : संभल हिंसा का एक साल पूरा, स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन के कार्यों को सराहा

संभल, 24 नवंबर: उत्तर प्रदेश के संभल में भड़की हिंसा को सोमवार को एक साल पूरा हो गया। जामा मस्जिद सर्वे के दौरान यह हिंसा भड़की थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के एक साल पूरे होने पर स्थानीय लोगों ने मीडिया से बात की और जिले में प्रशासन के कार्यों की तारीफ की।
संभल के एक स्थानीय व्यक्ति ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “संभल की जनता को ऐसा प्रशासन पहले कभी नहीं मिला, जैसा अभी मिला है। प्रशासन ने जिस हिसाब से संभल में कार्य किया, उससे यहां बहुत बड़ा हादसा होने से रुक गया।”
उन्होंने कहा, “संभल की जनता आज अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है। यहां का हिंदू जनमानस अब पलायन नहीं करेगा; लोगों में ऐसी भावना आ गई है। हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के लिए जो घोषणाएं की हैं, अगर वे क्रियान्वित हो जाती हैं, तो जिला और भी आगे बढ़ेगा। इस समय यहां का प्रशासन संभल को आगे बढ़ाने के लिए पूरी मेहनत से लगा हुआ है।”
स्थानीय ने बताया, “संभल के लिए आ रही योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है। 24 कोसी परिक्रमा के लिए जो योजना बनाई गई है, वह निश्चित रूप से संभल से पलायन कर चुके लोगों को वापस यहां पर बुलाने के लिए कारगर साबित होगी। मैं पूरी तरह आशान्वित हूं कि संभल का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।”
एक अन्य स्थानीय ने कहा, “संभल में प्रशासन के कार्यों को सराहा। उन्होंने कहा कि संभल में प्रशासन बहुत अच्छा काम कर रहा है। पिछले 1 सालों में प्रशासन ने बहुत अच्छा काम किया है।”
शाही जामा मस्जिद के सेक्रेटरी मशहूद अली फारूकी ने कहा कि शाही जामा मस्जिद कमेटी अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है और पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन भी अपनी ड्यूटी निभा रहा है। सब कुछ कंट्रोल में है। हम सभी से अपील करते हैं कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और भाईचारा बनाए रखने में सहयोग करें। पुलिस और मस्जिद कमेटी दोनों शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से काम कर रहे हैं, और हमारी दिल से अपील है कि शहर के लोग शहर को शांत और शांतिपूर्ण बनाए रखने में मदद करें।”
राष्ट्रीय समाचार
नौसेना में शामिल हुआ साइलेंट हंटर-एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट ‘माहे’

नई दिल्ली, 24 नवंबर: सोमवार को ‘साइलेंट हंटर’ यानी एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट ‘माहे’ भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। नौसेना का यह एंटी-सबमरीन जहाज गोपनीय मिशन, सतर्कता और अटूट संकल्प का प्रतीक है।
नौसेना के मुताबिक ‘माहे’ को तटीय इलाकों में उच्च जोखिम वाले मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी क्षमताएं इसे एक शक्तिशाली व उथले पानी का बेहतरीन योद्धा बनाती हैं। यह जहाज पनडुब्बी रोधी जैसे बड़े व खतरनाक अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय नौसेना के इस जहाज में इस्तेमाल की गई 80 प्रतिशत से अधिक सामग्री स्वदेशी है। माहे को अत्याधुनिक व उन्नत सेंसर्स से लैस किया गया है। इसके साथ ही इसमें हथियार और आधुनिक इंटीग्रेशन सिस्टम मौजूद हैं। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में सोमवार को यह जहाज नौसेना में शामिल किया गया।
इस अवसर पर वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन समेत अन्य अधिकारी, कर्मचारी, वेटरन्स और अन्य अतिथि मौजूद रहे। भारतीय नौसेना के मुताबिक ‘माहे’ नाम मालाबार तट स्थित ऐतिहासिक नगर ‘माहे’ पर रखा गया है। माहे को सांस्कृतिक समृद्धि और समुद्री इतिहास के लिए जाना जाता है। 24 नवंबर को भारतीय नौसेना का यह पहला माहे क्लास, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया गया।
यह स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमता का प्रतीक है। माहे का निर्माण भारत में ही कोचीन शिपयार्ड द्वारा किया गया है। यही कारण है कि ‘माहे’ ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का सशक्त उदाहरण भी पेश किया है। इस श्रेणी के कुल 8 एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शेलो वॉटर क्राफ्ट जहाज नौसेना में शामिल किए जाएंगे। माहे इनमें पहला है।
नौसेना के ‘माहे’ को तटीय इलाकों में उच्च जोखिम वाले मिशनों के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है। इसकी क्षमताएं इसे एक शक्तिशाली उथले जल का योद्धा बनाती हैं। इसकी मुख्य परिचालन भूमिकाओं की बात करें तो यह एंटी-सबमरीन वॉरफेयर में उथले समुद्र में दुश्मन पनडुब्बियों की खोज और उन्हें नष्ट करेगा। कोस्टल पेट्रोलिंग व तटीय सुरक्षा और निगरानी में तैनात किया जाएगा। इससे मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस में वृद्धि होगी। प्रमुख समुद्री मार्गों एवं बंदरगाहों की सुरक्षा बढ़ेगी। विशेष मिशनों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी।
इस शेलो क्राफ्ट के क्रेस्ट में ‘उरुमि’ कलारीपयट्टू की लचीली तलवार को दर्शाया गया है। यह क्रेस्ट काफी आकर्षक है। नौसेना के अनुसार यह फुर्ती, सटीकता, घातक क्षमता व समुद्री चुनौतियों से निपटने की दक्षता का प्रतीक है। सोमवार को माहे की कमीशनिंग के उपरांत विशेषज्ञों ने कहा कि माहे की कमीशनिंग सिर्फ एक जहाज का नौसेना में शामिल होना भर नहीं है।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह जहाज समुद्र में भारत की डिजाइन-टू-डिलीवरी क्षमता का प्रमाण है। यह तेज है, चपल है और आधुनिक स्वदेशी लड़ाकू समुद्री जहाजों के नए युग की शुरुआत है। विशेषज्ञ आज के इस दिन को भारतीय नौसेना के स्वदेशी युद्धपोत इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हैं।
अपराध
दिल्ली: रिश्तेदार के घर से ज्वेलरी चुराने वाला चोर गिरफ्तार, आभूषण बरामद

नई दिल्ली, 24 नवंबर: दिल्ली पुलिस ने सोमवार को एक चोर को गिरफ्तार किया, जिसने अपने ही रिश्तेदार के घर से गहने चुरा लिए थे। द्वारका जिले के बिंदापुर पुलिस स्टेशन की टीम ने गिरफ्तारी के बाद चोरी के गहने बरामद कर लिए।
द्वारका पुलिस के एक बयान के मुताबिक, टीम ने आरोपी की निशानदेही पर एक लॉकेट वाली सोने की चेन, एक और सोने की चेन, एक जोड़ी सोने की चेन, एक जोड़ी सोने की बालियां, दो सोने की अंगूठियां और 20 ग्राम का सोने का बिस्किट बरामद किया।
बिंदापुर पुलिस स्टेशन को 9 नवंबर को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 305 के तहत एक ऑनलाइन ई-एफआईआर मिली। इसके बाद, पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शिकायतकर्ता मनजिंदर कौर से मिली, जो असलम सलीम की पत्नी हैं और आर्य समाज रोड, उत्तम नगर, दिल्ली की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि अनजान लोगों ने उनके घर से गहने चुरा लिए हैं। उनकी शिकायत के आधार पर, ऊपर बताई गई ई-एफआईआर दर्ज की गई।
द्वारका डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी के कहने पर जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए, केस को सुलझाने और दोषी को पकड़ने के लिए बिंदापुर पुलिस स्टेशन से एक टीम बनाई गई। इस टीम में हेड कांस्टेबल नीरज, हेड कांस्टेबल अशोक, कांस्टेबल राजेश डागर और कांस्टेबल आशीष शामिल थे, जिनका सुपरविजन इंस्पेक्टर नरेश सांगवान, स्टेशन हाउस ऑफिसर और ओवरऑल सुपरविजन राजकुमार, असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस, डाबरी का था।
मामले की जांच के लिए टीम क्राइम स्पॉट पर गई और घर और आस-पास के इलाकों में सीसीटीवी फुटेज चेक की। खास बात यह थी कि जबरदस्ती घुसने का कोई निशान नहीं था, कोई ताला या दरवाजा नहीं तोड़ा गया था, जिससे पुलिस को शक हुआ कि इसमें घर से जान-पहचान वाले या उसी बिल्डिंग में रहने वाले किसी व्यक्ति का हाथ है।
पूछताछ के दौरान पता चला कि शिकायत करने वाले का एक कजन घर आया था और तीन दिन तक वहीं रुका था। पुलिस ने उससे पूछताछ की, जिसकी पहचान परमजीत सिंह के तौर पर हुई। पूछताछ के दौरान परमजीत ने शुरू में अपना परिचय सब-इंस्पेक्टर परमवीर सिंह के तौर पर दिया, लेकिन वह कोई पहचान पत्र नहीं दिखा सका और अपनी कथित पोस्टिंग के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
शक होने पर पुलिस ने और गहराई से पूछताछ की। इस दौरान परमजीत ने माना कि वह पुरानी कारों का कमीशन एजेंट का काम करता है और आखिर में उसने शिकायत करने वाली के घर पर चोरी करना कबूल कर लिया, जो उसकी मौसी की बेटी है।
उसने आगे बताया कि उसने चोरी की ज्वेलरी हिमाचल प्रदेश के अंबोटा में अपने नाना के घर पर एक बिस्तर के अंदर छिपा दी थी।
पुलिस ने परमजीत को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर लिया गया। पुलिस की एक टीम उसके साथ हिमाचल प्रदेश गई, जहां से चोरी का सामान सफलतापूर्वक बरामद कर लिया गया। इस मामले में आगे की जांच चल रही है।
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