अपराध
ईडी ने आईएमए घोटाले में कर्नाटक के पूर्व मंत्रियों बेग और खान के परिसरों पर छापेमारी की

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने गुरुवार को चामराजपेट से कांग्रेस विधायक बी.जेड. जमीर अहमद खान और पूर्व मंत्री आर. रोशन बेग के घरों और कार्यालयों पर करोड़ों रुपये के आईएमए पोंजी घोटाले में कथित संलिप्तता के सिलसिले में बेंगलुरु में छापे मारे। ईडी के लगभग 100 अधिकारियों ने खान और बेग के स्वामित्व वाले कई स्थानों पर छापे मारे।
खान 2006-2008 में जद (एस)-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे और अब राज्य में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के कट्टर समर्थक हैं। जबकि बेग कांग्रेस-जद (एस) सरकार में मंत्री थे लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।
ईडी अधिकारियों द्वारा चामराजपेट से चार बार के विधायक जमीर अहमद खान के परिसर में जुलाई 2019 में घोटाले में उनका नाम सामने आने के बाद यह पहली छापेमारी है और यहां तक कि उन्होंने चुनाव आयोग को सौंपे गए संपत्ति घोषणा पत्र में भी उल्लेख किया था कि उन्होंने आईएमए और इसके संस्थापक से ऋण लिया था।
जबकि बेग के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था, गिरफ्तार किया गया था और यहां तक कि सीबीआई द्वारा पहले ही जमानत दे दी गई है। खान से ईडी सहित कई एजेंसियों द्वारा आईएमए के संस्थापक मोहम्मद मंसूर खान के साथ एक संपत्ति लेनदेन के लिए पूछताछ की जा रही थी, लेकिन उन पर किसी भी एजेंसी द्वारा अभी तक आरोप नहीं लगाया गया था।
आईएमए और कर्नाटक के अन्य घोटालों में सक्षम प्राधिकारी ने 6 जुलाई को बेग से संबंधित लगभग 20 चल और अचल संपत्तियों को पहले ही कुर्क कर लिया है, जिनकी कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक है।
बेग से जुड़े विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चल रहा है, जिसमें शिवाजीनगर में उनके दो आवास और खान के चामराजपेट निवास के अलावा नेशनल ट्रैवल्स के कार्यालय, एक फर्म, और उनसे जुड़ी अन्य संपत्तियां शामिल हैं।
सूत्रों ने खुलासा किया कि सभी स्थानों पर अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को छापेमारी की सूचना दी जिसके बाद इन इलाकों में सुरक्षाबल तैनात किया गया ।
अधिकारी संपत्ति के दस्तावेजों, नेशनल ट्रैवल्स में व्यावसायिक लेनदेन और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों का सत्यापन कर रहे हैं।
खान ने रिचमंड टाउन के सर्पेन्टाइन रोड पर अपनी एक संपत्ति आईएमए के संस्थापक मोहम्मद मंसूर खान को 9.38 करोड़ रुपये में बेची थी और इस लेनदेन की घोषणा उनके 2018 के चुनावी हलफनामे में की गई थी।
हालांकि विवाद शुरू होने के बाद से उन्होंने आईएमए और इसके संस्थापक के साथ किसी भी अन्य लिंक से लगातार इनकार किया था और मामले के संबंध में कर्नाटक के विशेष जांच दल (एसआईटी), सीबीआई और ईडी ने उनसे पूछताछ की थी।
बेंगलुरू मुख्यालय आईएमए, मोहम्मद मंसूर खान द्वारा स्थापित एक निवेश कंपनी, जो आईएमए समूह की छत्रछाया में पोंजी घोटाले में मुख्य आरोपी है।
जुलाई 2019 में नई दिल्ली में ईडी के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले पोस्ट किए गए अपने वीडियो संदेश में, उन्होंने विशेष रूप से खान और बेग का नाम लेते हुए आरोप लगाया था कि वे इतने बड़े घोटाले को करने के लिए उनके साथ मिलीभगत कर रहे थे।
इस हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी से पहले, कंपनी और उसके संस्थापक के खिलाफ 25,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिसमें उनके पैसे वापस करने की मांग की गई थी।
अपराध
महाराष्ट्र : सपा नेता फहद आजमी पर मारपीट का आरोप, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

FIR
महाराष्ट्र, 15 अक्टूबर: मुंबई के गोवंडी इलाके में बैगनवाड़ी डंपिंग ग्राउंड पर बने एक ओपन जिम के उद्घाटन समारोह में उस समय तनाव पैदा हो गया, जब समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता फहद आजमी पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। उस वक्त पार्टी विधायक तथा महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आजमी भी मौके पर मौजूद थे।
मामला तब शुरू हुआ जब अब्दुल करीम बादशाह खान नामक एक युवक विधायक अबू आजमी के साथ फोटो खिंचवाने गया था। उसी समय वहां पर मौजूद करीम ने आरोप लगाया कि सपा नेता फहद आजमी और उनके साथियों ने उसे धक्का दिया और हमला कर भी किया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। फिर देखते ही देखते यह घटना दो समूहों के बीच हिंसक झड़प में बदल गई।
इस मामले में मुंबई की शिवाजीनगर पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं और जांच शुरू कर दी है।
पहली एफआईआर करीम की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता फहद आजमी और दो अज्ञात लोगों पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है।
करीम ने तहरीर में बताया कि 13 अक्टूबर की शाम जब वह अबू आजमी के साथ फोटो खिंचवाने आगे बढ़ा, तो फहद आजमी ने उसे धक्का दिया और कान पर थप्पड़ जड़ा था। इसके बाद फहद के साथ मौजूद दो अज्ञात व्यक्तियों ने भी उसकी पिटाई कर दी।
वहीं, दूसरी एफआईआर सपा कार्यकर्ता की शिकायत पर दर्ज कराई गई है, जिसमें करीम और उसके तीन साथियों पर मारपीट और डकैती का आरोप लगाया गया है। शेख ने बताया कि उद्घाटन समारोह के बाद, बुर्का पहने एक महिला ने विधायक को इलाके में हो रही बदमाशी की शिकायत की थी।
पुलिस ने दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना विधायक की पुलिस सुरक्षा में चूक को लेकर भी गंभीर चिंताएं पैदा करती है, क्योंकि हिंसा उनके काफिले के ठीक बीच में भड़की थी।
अपराध
मुंबई : 48 साल से फरार हत्या के प्रयास का आरोपी गिरफ्तार, 1977 में दर्ज हुआ था मामला

मुंबई, 15 अक्टूबर: मुंबई पुलिस ने हत्या के प्रयास के एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 48 सालों से फरार था। कोलाबा पुलिस ने 71 वर्षीय चंद्रशेखर मधुकर कालेकर को लालबाग से गिरफ्तार किया है, जिसके खिलाफ 1977 में मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस के अनुसार, 1977 में, जब वह 23 वर्ष का था, कालेकर को अपनी प्रेमिका पर धोखा देने का शक हुआ और उसने कथित तौर पर कोलाबा में उसे चाकू मार दिया। उस समय उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई।
हालांकि, जमानत पर रिहा होने के बाद वह किसी भी अदालती तारीख पर हाजिर नहीं हुआ। इसके चलते अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था और पुलिस कई सालों से उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन चॉल के पुनर्विकास के कारण वह कई बार ठिकाना बदल चुका था, जिससे पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली।
छह महीने पहले कोलाबा पुलिस ने इस पुराने मामले को फिर से खोला। टीम ने लालबाग स्थित उसके पुराने घर का दौरा किया, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। पुलिस ने मुंबई के कई इलाकों में उसकी खोज की, मतदाता सूची की जांच की, लेकिन उसका नाम कहीं नहीं मिला।
जांच के दौरान, पुलिस ने आरटीओ और अदालती मामलों की जानकारी के लिए आवेदनों की जांच की, जिसमें रत्नागिरी जिले के दापोली पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज 2015 के एक आपराधिक मामले का रिकॉर्ड मिला, जिसमें गाड़ी चलाते समय एक व्यक्ति को घायल करने के आरोप में उसकी गिरफ्तारी हुई थी।
दापोली पुलिस स्टेशन से मिली जानकारी के आधार पर, कोलाबा पुलिस की एक टीम उसके घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। 48 साल बाद पुलिस को अपने दरवाजे पर देखकर 71 वर्षीय कालेकर हैरान रह गया और लगभग उस मामले को भूल चुका था।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, पुरानी तस्वीरों से उसे पहचानना मुश्किल था, लेकिन पूछताछ करने पर उसने अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
अपराध
सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामला: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने घर खरीदारों को लौटाई संपत्ति

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिंडिकेट बैंक (अब केनरा बैंक) धोखाधड़ी मामले में जब्त की गई ‘रॉयल राजविलास’ परियोजना की संपत्तियों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के 10 अक्टूबर को दिए गए आदेश के बाद उठाया गया है।
यह मामला 2011 से 2016 के बीच सिंडिकेट बैंक से मुख्य आरोपी भरत बंब और अन्य द्वारा की गई 1267.79 करोड़ रुपए की बड़ी धोखाधड़ी से संबंधित है। सीबीआई ने इस संबंध में प्राथमिकी और आरोपपत्र दायर किए थे। ईडी ने इस धोखाधड़ी की आय को ‘रॉयल राजविलास’ परियोजना के अधिग्रहण और विकास में लगाने के आरोप में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम 2002 के तहत जांच शुरू की थी।
जांच के दौरान, ईडी ने 2 अप्रैल 2019 को एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, जिसके तहत 365 बिना बिके फ्लैट, 17 वाणिज्यिक इकाइयां और 2 प्लॉट कुर्क किए गए थे। इस कुर्की की पुष्टि एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने भी की थी।
इसके बाद, याचिकाकर्ता कंपनी को कॉर्पोरेट देनदार के रूप में दिवाला और दिवालियापन संहिता 2016 के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में लाया गया। सीआईआरपी के तहत, मुंबई स्थित एनसीएलटी ने 24 फरवरी 2022 को न केवल समाधान योजना को मंजूरी दी, बल्कि ईडी के कुर्की आदेश को भी रद्द कर दिया।
ईडी ने एनसीएटी के इस आदेश को यह कहते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में चुनौती दी कि एनसीएलटी के पास पीएमएलए के तहत पारित कुर्की आदेश को रद्द करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है। यह कानूनी लड़ाई उच्च न्यायालय की एकल पीठ और खंडपीठ दोनों में चली। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 28 मार्च 2025 को अपने निर्णय में एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया।
इसके बाद मामला मेसर्स उदयपुर वर्ल्ड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर एक एसएलपी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए ईडी को निर्दोष घर खरीदारों को संपत्ति वापस करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर के अपने आदेश में निदेशालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए निपटारा कर दिया। हालांकि, ईडी ने यह स्पष्ट किया है कि पीएमएलए के तहत सिंडिकेट बैंक धोखाधड़ी मामले में उसकी जांच अभी भी जारी है और यदि किसी घर खरीदार द्वारा किए गए भुगतान की राशि भविष्य की जांच में अपराध की आय से जुड़ी पाई जाती है, तो निदेशालय कानून के अनुसार उचित कदम उठाने का हकदार होगा।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा