राजनीति
मलिन बस्तियों में वाणिज्यिक इकाइयों पर संपत्ति कर लगाने के प्रस्ताव पर सामाजिक-आर्थिक प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन करें: सपा विधायक रईस शेख
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मुंबई: बीएमसी द्वारा झुग्गी-झोपड़ियों में व्यावसायिक इकाइयों पर संपत्ति कर लगाने की घोषणा के बाद, समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक रईस शेख ने बीएमसी को पत्र लिखकर मांग की है कि नगर निकाय टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा सामाजिक-आर्थिक प्रभाव आकलन अध्ययन कराए ताकि शहर के सबसे गरीब लोगों पर इसके दूरगामी प्रभाव को समझा जा सके। शेख ने कहा कि इस कदम का अनौपचारिक क्षेत्र पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा, जिससे 3 लाख से अधिक लोग अपनी आजीविका खो देंगे और बेरोजगार हो जाएंगे।
बीएमसी प्रमुख भूषण गगरानी को लिखे अपने पत्र में शेख ने कहा कि 2025-26 के बीएमसी बजट में झुग्गी-झोपड़ियों में वाणिज्यिक इकाइयों पर संपत्ति कर लगाने का प्रस्ताव है। विधायक रईस शेख ने कहा, “यह कदम बीएमसी के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण आने वाले वित्तीय संकट को दर्शाता है। इसका संभावित महत्वपूर्ण प्रभाव 3 लाख से अधिक लोगों को बेरोजगार करने, उनकी आजीविका खोने और सबसे गरीब लोगों को इस निर्णय से सबसे अधिक प्रभावित करने वाला होगा।”
शेख ने मांग की है कि इस कदम से एमएसएमई की स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जो लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। “झुग्गी-झोपड़ियों में वाणिज्यिक इकाइयों पर संपत्ति कर लगाने से एमएसएमई अस्थिर हो जाएंगे, क्योंकि यह अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालता है। इस कदम का अनौपचारिक क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, और लाखों लोग अपनी आजीविका खो देंगे, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी। संपत्ति कर लगाने के उद्देश्य से झुग्गी-झोपड़ियों में वाणिज्यिक इकाइयों को मॉल और वाणिज्यिक परिसरों में स्थित इकाइयों के बराबर मानना पूरी तरह से अनुचित है,” शेख ने कहा।
शेख ने आगे कहा कि बेरोजगारी बढ़ने से सामाजिक वैमनस्यता बढ़ सकती है और शहर में अपराध में संभावित वृद्धि हो सकती है। शेख ने मांग की, “इसलिए, मैं मांग करता हूं कि झुग्गी-झोपड़ियों में वाणिज्यिक इकाइयों पर संपत्ति कर लगाने के बीएमसी के फैसले का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव आकलन अध्ययन टीआईएसएस जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा कराया जाए।”
बीएमसी के अनुसार, मुंबई में करीब 2.5 लाख झुग्गी-झोपड़ियाँ हैं। इनमें से काफी संख्या में झुग्गी-झोपड़ियाँ (कम से कम 20% यानी 50,000 झुग्गियाँ) छोटे और बड़े उद्योगों, दुकानों, गोदामों, होटलों आदि जैसे व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। बीएमसी को झुग्गी-झोपड़ियों में व्यावसायिक इकाइयों पर संपत्ति कर लगाकर 350 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अफगानिस्तान के समांगन प्रांत में कोयला खदान में विस्फोट, तीन खनिकों की मौत
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काबुल 13 फरवरी। अफगानिस्तान के उत्तरी समांगन प्रांत में एक कोयला खदान में मीथेन गैस के विस्फोट के कारण तीन खनिकों की मौत हो गई। यह घटना दारा-ए-सूफी बाला जिले के एक कोयला खदान में हुई।
मीडिया ने प्रांतीय पुलिस के हवाले से बताया कि विस्फोट में तीन नाबालिग खनिकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर तीनों मृतकों के शव बरामद किए और उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया। यह घटना मंगलवार (12 फरवरी) को हुई।
पुलिस के मुताबिक, खदान में मीथेन गैस का उच्चतम स्तर होने के कारण विस्फोट हुआ, जिससे यह हादसा हुआ।
अफगानिस्तान में खनन कार्यों के दौरान ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। विशेष रूप से खनन में आधुनिक उपकरणों की कमी और खनिकों की अकुशलता के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। देश के कई खनिक अवैध खनन के कारण भी जान गंवाते हैं। इससे पहले, 11 फरवरी को उत्तरी बदख्शां प्रांत में एक भूस्खलन ने दो स्वर्ण खनिकों की जान ले ली थी।
12 दिसंबर 2024 को अफगानिस्तान के समांगन प्रांत में एक कोयला खदान के मलबे में कई खनिक फंस गए थे। स्थानीय अधिकारियों ने खुद इसकी जानकारी दी थी।
मीडिया ने प्रांतीय स्वास्थ्य निदेशक के हवाले से बताया था कि मलबे के नीचे 35 खनिकों के फंसे थे।
राष्ट्रीय समाचार
हजारीबाग : शहीद कैप्टन की अंतिम यात्रा में उमड़ा शहर, सैन्य सम्मान के साथ दी गई विदाई
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हजारीबाग, 13 फरवरी। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में एलओसी पर आईईडी विस्फोट में शहीद हुए झारखंड के हजारीबाग निवासी आर्मी कैप्टन करमजीत सिंह की अंतिम यात्रा में गुरुवार को पूरा शहर उमड़ पड़ा। शहर के खीरगांव स्थित मुक्तिधाम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि कर दी गई।
शहर के जुलू पार्क स्थित आवास से शहीद की अंतिम यात्रा में “कैप्टन करमजीत अमर रहे” और “भारत माता की जय” के नारे गूंज उठे। हजारों लोग तिरंगा और शहीद की तस्वीरें लेकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए। हजारीबाग की उपायुक्त नैन्सी सहाय, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह सहित सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहे।
शहर के जिन रास्तों से होकर शहीद की अंतिम यात्रा निकली, वहां सड़कों के दोनों किनारों और घरों की छतों पर मौजूद लोगों ने उनके आखिरी दर्शन किए और फूलों की बारिश की। अंतिम यात्रा में शामिल कई लोगों ने तिरंगे और शहीद की तस्वीरों वाली तख्तियां ले रखी थीं। उनके सम्मान में गुरुवार को शहर के गुरु गोविंद सिंह रोड की सभी दुकानें बंद रखी गई हैं।
मुक्तिधाम में शहीद कैप्टन को सशस्त्र सलामी देने के बाद जब सेना के अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर रखा तिरंगा उनकी मां नीलू बख्शी को सौंपा तो उन्होंने भर्राए स्वर से “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” का जयकारा लगाया। उनके पिता अजनिंदर सिंह ने आंखों से अविरल बहते आंसुओं के साथ उन्हें मुखाग्नि दी।
28 वर्षीय कैप्टन करमजीत सिंह शहर के मशहूर रेस्टोरेंट और टेंट हाउस के व्यवसायी अजनिंदर सिंह बख्शी और नीलू बख्शी के इकलौते पुत्र थे। उनकी शादी आगामी 5 अप्रैल को होने वाली थी। अपनी शादी की तैयारियों के सिलसिले में वह हाल में हजारीबाग आए थे और 10 दिन पहले वापस ड्यूटी पर लौटे थे। उनका रिश्ता आर्मी में काम करने वाली एक मेडिकल ऑफिसर के साथ तय हुआ था। उनकी मंगेतर गुरुवार सुबह उन्हें नमन करने पहुंचीं तो हर किसी की आंखें नम हो उठीं।
करमजीत सिंह मंगलवार को एलओसी पर सेना की जिस टुकड़ी को लेकर गश्त कर रहे थे, वह आतंकियों द्वारा बिछाई गई आईईडी की चपेट में आ गई। करमजीत सिंह और टुकड़ी में शामिल एक कांस्टेबल इस विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सेना ने हॉस्पिटल में दाखिल कराया, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। उनका पार्थिव शरीर बुधवार शाम रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया था, तब राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाद में शहीद कैप्टन का शव रामगढ़ स्थित सेना के सिख रेजिमेंट ले जाया गया, जहां हजारों जवानों ने उनके अंतिम दर्शन किए। रेजिमेंट में गुरुवार सुबह सशस्त्र सलामी के बाद उनका शव हजारीबाग स्थित आवास लाया गया था।
राजनीति
झारखंड के मधुपुर में स्कूल के हेडमास्टर की बम मारकर हत्या
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देवघर, 13 फरवरी। झारखंड के देवघर जिला अंतर्गत मधुपुर थाना क्षेत्र में एक सरकारी मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक संजय दास की अपराधियों ने गुरुवार को बम मारकर हत्या कर दी। संजय दास की उम्र 52 वर्ष थी और वह महुआडाबर गांव स्थित विद्यालय में पदस्थापित थे।
बताया गया कि वह सुबह करीब साढ़े आठ बजे स्कूल पहुंचे। बायोमेट्रिक अटेंडेंस दर्ज करने के करीब आधे घंटे बाद वह स्कूल से निकलकर अपनी स्कूटी से कहीं जा रहे थे। इसी दौरान पिपरासोल नामक जगह पर उन पर बमों से हमला किया गया। जोरदार विस्फोट से इलाके में भगदड़ मच गई। संजय दास बुरी तरह जख्मी होकर जमीन पर गिर पड़े और मौके पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
लोगों का कहना है कि उन पर हमला करने वाले अपराधी बाइक पर सवार होकर आए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद वे आराम से फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही मधुपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। उनका शव उठाकर स्थानीय हॉस्पिटल लाया गया है। मामले की जांच की जा रही है। संजय दास के परिजन भी घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे। उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
माना जा रहा है कि अपराधियों को इस बात की जानकारी थी कि संजय दास स्कूल से निकलकर कहीं जाने वाले हैं। वे रास्ते में घात लगाकर उनका इंतजार कर रहे थे। करीब पहुंचते ही उन पर बम फेंके गए। पुलिस यह पता लगा रही है कि उनकी किसी से रंजिश तो नहीं थी। इस संबंध में स्कूल के अन्य शिक्षकों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस संजय दास का कॉल डिटेल्स भी निकाल रही है, ताकि यह पता चल सके कि उन्हें किसी ने कॉल कर ड्यूटी के घंटों में कहीं बुलाया तो नहीं था। पुलिस अफसरों का कहना है कि जल्द ही अपराधियों का पता लगा लिया जाएगा। उनकी तलाश में आसपास के इलाके में छापेमारी की जा रही है। जिले के सभी थानों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
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