आपदा
धराली : 50 नागरिक, 1 जेसीओ और 8 जवान लापता- सेना का बचाव अभियान जारी
नई दिल्ली, 7 अगस्त। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली में आई आपदा के बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। क्षेत्र अब भी काफी हद तक संपर्क से कटा हुआ है। बड़तवारी, लिंचिगाड़, गंगरानी, हर्षिल और धराली में कई स्थानों पर सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।
50 नागरिक, भारतीय सेना के एक जेसीओ और 8 जवान अब भी लापता हैं। वहीं, गंगोत्री में करीब 180 से 200 पर्यटक फंसे हुए हैं, जिन्हें भारतीय सेना और आईटीबीपी द्वारा भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय उपलब्ध कराया जा रहा है। मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राहत व पुनर्स्थापन कार्य में बाधाएं बनी हुई हैं। बावजूद इसके सेना यहां राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई है।
भारतीय सेना के अनुसार, पर्यटकों को नेलोंग हेलीपैड से निकाला जाएगा। हर्षिल का सैन्य हेलीपैड पूरी तरह से चालू है, जबकि नेलोंग हेलीपैड भी चालू है और गंगोत्री से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है, जिससे राहत कार्यों में सुविधा मिल रही है। हालांकि, धराली का नागरिक हेलीपैड कीचड़ भरे भूस्खलन के कारण अभी भी काम नहीं कर रहा है।
सेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान तेज कर दिया है और नागरिक प्रशासन व अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। सड़कें कट जाने और संचार व्यवस्था बाधित होने के चलते सेना लगातार दिन-रात राहत कार्यों में जुटी है। सेना के 225 से अधिक जवान, जिनमें इंजीनियर, चिकित्सा दल और बचाव विशेषज्ञ शामिल हैं, मौके पर तैनात हैं। यहां एक रीको रडार टीम पहले से सक्रिय है और दूसरी टीम को तैनात किया जा रहा है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स को भी तैनात किया गया है, जो लापता लोगों को खोजने में सहायता कर रहे हैं।
चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टर, जो जॉलीग्रांट में तैनात हैं, जल्द ही मौसम की अनुमति मिलने पर लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए उड़ान भरेंगे। सहस्त्रधारा से चलने वाले पांच नागरिक हेलिकॉप्टर एसडीआरएफ के सहयोग से मटली, भटवारी और हर्षिल के बीच लगातार उड़ानें भर रहे हैं। साथ ही, आईटीबीपी के मटली हेलीपैड पर एक अस्थायी एविएशन बेस तैयार किया जा रहा है ताकि हेलिकॉप्टर अभियानों में तेजी लाई जा सके। भारतीय सेना के अनुसार, अब तक 70 नागरिकों को सुरक्षित बचाया गया है।
3 नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 50 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं (नागरिक प्रशासन के अनुसार)। सेना ने 1 जेसीओ और 8 जवानों के लापता होने की जानकारी दी है। 9 सैनिकों और 3 नागरिकों को हेलिकॉप्टर से देहरादून लाया गया है। 3 गंभीर रूप से घायल नागरिकों को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया है, जबकि 8 अन्य को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 2 शव बरामद किए गए हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने धाराली का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों की समीक्षा की। सेना की सेंट्रल कमांड के कमांडर और यूबी एरिया के जीओसी भी मौके पर राहत अभियानों की निगरानी कर रहे हैं। सेंट्रल कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ हेलिकॉप्टर संचालन के लिए सेंट्रल एयर कमांड मुख्यालय से समन्वय कर रहे हैं।
अब अगले 24–48 घंटों में पैराट्रूप्स और चिकित्सा दलों को चिनूक हेलिकॉप्टर से हर्षिल भेजा जाएगा, वहीं एनडीआरएफ कर्मियों और मेडिकल स्टाफ को एमआई-17 हेलिकॉप्टर से नेलोंग ले जाया जाएगा।
आपदा
भारत की आर्थिक उन्नति देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती पर निर्भर : नीति आयोग के सीईओ

मुंबई, 29 अक्टूबर: नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत की आर्थिक उन्नति देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूती पर निर्भर करती है, लेकिन क्रमिक परिवर्तन काफी नहीं होंगे।
नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब ने ‘रिइमेजनिंग मैन्युफैक्चरिंग : इंडियाज रोडमैप टू ग्लोबल लीडरशिप इन एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग’ रोडमैप की पेशकश रखी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि यह रोडमैप 2035 तक एक एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनने के लिए निर्णायक और समयबद्ध मार्ग निर्धारित करता है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह रोडमैप हमारे मैन्युफैक्चरिंग डीएनए में सटीकता, मजबूती और सस्टेनेबिलिटी के लिए फ्रंटियर टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करते हुए विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी ‘मेड इन इंडिया’ पहचान का निर्माण करता है।”
इस अवसर पर मौजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर देश को तीव्र वृद्धि हासिल करनी है, तो यह सामान्य व्यवसाय से संभव नहीं है।
उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, “फ्रंटियर टेक विज्ञान और प्रौद्योगिकी का संगम है। इस संगम के मैन्युफैक्चरिंग में प्रवेश से ऑटोमेशन, दक्षता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।”
इस रोडमैप में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में मैन्युफैक्चरिंग का 25 प्रतिशत से अधिक योगदान, 10 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन और 2035 तक भारत को एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग के टॉप तीन ग्लोबल हब में स्थान दिलाने की परिकल्पना की गई है, जो कि देश के 2047 तक विकसित बनने की यात्रा में मील का पत्थर हैं।
नीति आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रोडमैप में चेतावनी दी गई है कि अगर भारत उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों में प्रमुख फ्रंटियर टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाता है तो देश अवसरों से चूक जाएगा, जिससे 2035 तक 270 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2047 तक एडिशनल मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हानि होने की संभावना है।
नीति फ्रंटियर टेक हब, विकसित भारत के लिए एक एक्शन टैंक है। यह एक्शन टैंक सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के 100 से अधिक विशेषज्ञों के सहयोग से 20 से अधिक प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी विकास और सामाजिक विकास के लिए 10-वर्षीय रोडमैप तैयार कर रहा है। यह हब 2047 तक एक समृद्ध, मजबूत और तकनीकी रूप से उन्नत भारत की नींव रख रहा है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
वियतनाम में बुआलोई तूफान ने 51 लोगों की ली जान, 14 लोग अब भी लापता; 608 मिलियन यूएसडी नुकसान का अनुमान

हनोई, 2 अक्टूबर : वियतनाम में तूफान बुआलोई और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार बुआलोई तूफान की चपेट में आने से मौत का आंकड़ा 51 तक पहुंच गया। 14 लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है, जबकि 164 लोग घायल हुए।
वियतनाम आपदा एवं डाइक प्रबंधन प्राधिकरण ने शुक्रवार को आपदा से जुड़ी एक रिपोर्ट साझा की। इसके अनुसार तूफान बुआलोई और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन से उत्तरी और मध्य वियतनाम में 51 लोगों की मौत हो गई, 14 अन्य लापता हो गए और 164 लोग घायल हो गए। शुरुआती आर्थिक क्षति का अनुमान लगभग 15.9 ट्रिलियन वियतनामी डोंग (लगभग 608 मिलियन अमेरिकी डॉलर) लगाया जा रहा है।
इस तूफान में 238,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त या जलमग्न हो गए, लगभग 89,000 हेक्टेयर चावल और अन्य फसलें बर्बाद हो गई। इसके अलावा, 17,000 हेक्टेयर से अधिक जलीय कृषि और लगभग 50,300 हेक्टेयर जंगलों को नुकसान पहुंचा है।
रिपोर्ट के अनुसार, तूफान ने बुनियादी ढांचे को भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया, 8,800 से अधिक बिजली के खंभे गिर गए और लगभग 468,500 घरों में अभी भी बिजली नहीं है। इसके साथ ही लगभग।
स्थानीय अधिकारी राहत कार्य जारी रखे हुए हैं, क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को साफ करने, सभी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने और प्रभावित समुदायों की सहायता के लिए उपकरण जुटा रहे हैं।
इस बीच, वियतनाम न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने गुरुवार को आपातकालीन राहत के लिए 15 प्रभावित इलाकों के लिए सहायता पैकेज को मंजूरी दी। इससे पहले, उन्होंने 30 सितंबर को स्थानीय अधिकारियों और विभागों को प्रभावित निवासियों की सहायता और प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने का निर्देश दिया था।
प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों, पार्टी संगठनों, प्रशासन और आपदाओं से हुए नुकसान और कठिनाइयों को झेल रहे निवासियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताई। उन्होंने जन समितियों के अध्यक्षों को आदेश दिया कि वे जल्द से जल्द अलग-थलग पड़े इलाकों में पहुंचने के लिए सेना और वाहन जुटाएं। क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत करवाएं और प्रभावित निवासियों के लिए आश्रयों की व्यवस्था करें। इसके साथ ही उन्होंने 5 अक्टूबर से पहले क्षतिग्रस्त शैक्षणिक और चिकित्सा सुविधाओं की मरम्मत कराने का निर्देश भी दिया है।
वियतनाम के कई हिस्सों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। उत्तरी मध्य वियतनाम के कई गांव जलमग्न हो गए थे और यातायात व बिजली गुल थी।
बुआलोई एक हफ्ते में एशिया के लिए खतरा बनने वाला दूसरा बड़ा तूफान था। पिछले कई वर्षों में आए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक, रागासा तूफान ने उत्तरी फिलीपींस और ताइवान में कम से कम 28 लोगों की जान ले ली। इससे पहले कि यह चीन में पहुंचा और वियतनाम में फैल गया।
अंतरराष्ट्रीय
फिलीपींस में भूकंप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अब तक 69 लोगों की मौत

मनीला, 1 अक्टूबर : फिलीपींस में 6.9 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद का भयावह मंजर सामने आया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। वहीं नागरिक सुरक्षा कार्यालय (ओसीडी) ने बताया कि भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो गई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
ओसीडी के उप-प्रशासक और सहायक सचिव बर्नार्डो राफेलिटो एलेजांद्रो ने ब्रीफिंग में बताया कि भूकंप के केंद्र बोगो शहर में 30 लोगों की मौत हो गई, मेडेलिन शहर में 10, सैन रेमिगियो शहर में 22, तबोगोन शहर में पांच और सोगोड और तबुएलन नगर पालिकाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मौत घरों और इमारतों की ढही हुई दीवारों के नीचे दबने से हुई। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) ने शुरुआत में बताया कि कम से कम 147 लोग घायल हुए हैं।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, सहायक सचिव ने घायलों और लापता लोगों के बारे में नए आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने शुरुआत में बताया था कि मंगलवार रात स्थानीय समयानुसार 9:59 बजे सेबू प्रांत में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, बाद में फिर तीव्रता को संशोधित कर 6.9 कर दिया गया। भूकंप का केंद्र बोगो शहर से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, 5 किलोमीटर की गहराई में था।
बता दें कि मध्य फिलीपींस के कई पड़ोसी प्रांतों के साथ-साथ दक्षिणी फिलीपींस के कुछ क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान की ओर से साझा जानकारी के अनुसार मंगलवार रात से 600 से ज्यादा झटके दर्ज किए गए।
बता दें कि फिलीपींस प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए एक्टिव माना जाता है।
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