पर्यावरण
दिल्ली-एनसीआर : इस हफ्ते भी बारिश का दौर जारी रहेगा, मौसम रहेगा सुहावना, उमस से राहत नहीं
नई दिल्ली, 25 जून। भारतीय मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 25 जून से लेकर 1 जुलाई तक मौसम में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन उमस से अभी राहत मिलने की संभावना कम है।
हालांकि, मौसम विभाग की ओर से किसी प्रकार की चेतावनी फिलहाल जारी नहीं की गई है, जिससे आम जनजीवन पर गंभीर असर की आशंका नहीं है। 25 जून को बारिश के साथ गरज-चमक (थंडरस्टॉर्म विथ रेन) का दौर रहने की आशंका है और अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। ह्यूमिडिटी भी अधिक रहेगी, जो अधिकतम 81 प्रतिशत और न्यूनतम 75 प्रतिशत रहने की संभावना है।
26 जून को सुबह के समय विशेष चेतावनी जारी की गई है। जिसमें तेज बारिश, बिजली गिरने और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। इस दिन मौसम सामान्य रूप से बादलों से घिरा रहा और मध्यम बारिश दर्ज की गई। इसके बाद 27 से 30 जून तक लगातार बारिश के आसार हैं। 27 और 29 जून को फिर से गरज-चमक के साथ बारिश होगी, वहीं 28 और 30 जून को बादलों से घिरे आकाश के बीच मध्यम बारिश की संभावना है।
इस दौरान तापमान 33-34 डिग्री अधिकतम और 26-27 डिग्री न्यूनतम के बीच बना रहेगा। 1 जुलाई को भी मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा। गरज-चमक के साथ बारिश और 85 प्रतिशत तक की नमी बनी रहेगी। हालांकि मौसम का मिजाज सुहावना रहेगा, लेकिन हवा में नमी की अधिकता के कारण उमस काफी बनी रहेगी, जिससे लोग परेशान रह सकते हैं। दिनभर बादलों की आवाजाही और रुक-रुक कर होने वाली बारिश से गर्मी से कुछ राहत जरूर मिलेगी, लेकिन उमस से निजात मिलने में अभी समय लगेगा।
पर्यावरण
भारत स्वच्छ ऊर्जा की तरफ तेजी से बढ़ रहा, सोलर पावर के उत्पादन में दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंचा : भूपेंद्र यादव

नई दिल्ली, 20 नवंबर: केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने के लिए तेजी से कम उठा रहा है। देश दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादक और तीसरा सबसे बड़ा सोलर पावर उत्पादक बन गया है।
केंद्रीय मंत्री की ओर से यह बयान ब्राजील के बेलेम में यूएनएफसीसीसी सीओपी30 के साइडलाइन में हुए इंटरनेशनल सोलर अलायंस- स्मॉल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स (आईएसए-एसआईडीएस) प्लेटफॉर्म के हाई-लेवल मिनिस्टीरियल लीडरशिप सेशन में दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में स्थापित ऊर्जा क्षमता 500 गीगावाट के आंकड़े को पार कर चुकी है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रिन्यूएबल सोर्स से आता है, जो कि एनडीसी के लक्ष्य से पांच वर्ष पहले है।
सेशन में यादव ने केंद्र सरकार की पीएम सूर्य घर रूफटॉप सोलर प्रोगाम के बारे में बताया, जिसे 20 लाख से ज्यादा परिवार अपना चुके हैं।
आगे, मंत्री ने कहा, “खेती के लिए सोलर हमारे किसान समुदाय के लिए एक नई किरण है।”
सोलर पंप और सोलराइज्ड फीडर खेती को अधिक भरोसेमंद बना रहे हैं और ये खेती की सभी जरूरतों के लिए दिन में सोलर से चलने वाली साफ एनर्जी देते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने पीएम जनमन स्कीम के जरिए दूर-दराज और जंगली इलाकों को रोशन करने की कोशिशों और एनर्जी स्टोरेज में भारत के बड़े कदम का भी जिक्र किया।
यादव ने कहा, “भारत दुनिया के कुछ सबसे बड़े ‘सोलर और बैटरी’ प्रोजेक्ट बना रहा है, जिसमें लद्दाख का एक प्रोजेक्ट भी शामिल है जो पूरे शहर को रोशन करने के लिए क्लीन एनर्जी स्टोर करेगा।”
उन्होंने कहा कि ऐसे मॉडल एसआईडीएस के लिए डीजल इंपोर्ट कम करने, एनर्जी की लागत कम करने और क्लाइमेट रेजिलिएंस को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
यह इवेंट ‘यूनाइटिंग आइलैंड्स, इंस्पायरिंग एक्शन – लीडरशिप फॉर एनर्जी सिक्योरिटी’ थीम के तहत ऑर्गनाइज किया गया था।
पर्यावरण
चक्रवात ‘मोंथा’ पहुंचा काकीनाडा, तमिलनाडु में छह दिनों तक बारिश की संभावना

चेन्नई, 29 अक्टूबर: चक्रवात ‘मोंथा’ बुधवार सुबह आंध्र प्रदेश के काकीनाडा पहुंचा, जिससे तटीय जिलों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने लगी।
मौसम विभाग (आईएमडी) ने पुष्टि की है कि इस सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना यह चक्रवात मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच 110 किमी प्रति घंटे की गति से टकराया।
आईएमडी अधिकारियों के अनुसार, ‘मोंथा’ के कारण कृष्णा और मछलीपट्टनम जिलों के कई हिस्सों में गरज और बिजली के साथ तेज बारिश हुई, जिससे पेड़ उखड़ गए और संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
अल्लूरी जिले में, तूफान के दौरान एक पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रभावित क्षेत्रों में गिरे हुए पेड़ों को हटाने और बिजली बहाल करने के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया गया है। सोमवार से उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा भीषण चक्रवाती तूफान तट पार करने के बाद थोड़ा कमजोर पड़ गया, लेकिन इसके दक्षिण भारत में व्यापक वर्षा लाने की उम्मीद है।
आईएमडी ने कहा कि मोंथा के प्रभाव के कारण, तमिलनाडु में अगले छह दिनों तक मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
बुधवार सुबह जारी मौसम बुलेटिन में चेतावनी दी गई है कि तमिलनाडु, पुडुचेरी और कन्याकुमारी सागर के तटीय क्षेत्रों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जो कभी-कभी 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं।
मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे हालात सुधरने तक समुद्र तट पर न जाएं। चेन्नई में, आसमान में बादल छाए रहने और कुछ इलाकों में रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन और तमिलनाडु आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने संभावित वर्षा संबंधी घटनाओं से निपटने के लिए सभी आपातकालीन नियंत्रण कक्षों को अलर्ट पर रखा है।
तमिलनाडु के अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन को नदियों और जलाशयों में जल स्तर की निगरानी करने और निचले व बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में निवारक कदम सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
पर्यावरण
दिल्ली में आज हो सकती है क्लाउड सीडिंग, प्रदूषण कम करने के लिए तैयारियां पूरी

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आज क्लाउड सीडिंग की जा सकती है। मौसम विभाग के अनुसार यदि विजिबिलिटी (दृश्यता) ठीक रहती है तो कानपुर से क्लाउड सीडिंग करने वाला एयरक्राफ्ट उड़ान भरेगा। इसका उद्देश्य कृत्रिम वर्षा के माध्यम से हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों में कमी लाना है, जिससे दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार हो सके।
इससे पहले बुराड़ी और खेरा के बीच क्लाउड सीडिंग की परीक्षण उड़ान की जा चुकी है, जिसमें तकनीकी टीमों ने मौसम की परिस्थितियों का मूल्यांकन किया था। बताया जा रहा है कि यह उड़ान सफल रही, जिसके बाद अब वास्तविक प्रयोग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में बताया था कि बुराड़ी क्षेत्र में कृत्रिम वर्षा के लिए विशेषज्ञों ने गुरुवार को परीक्षण किया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम वर्षा कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह प्रयोग राजधानी की हवा को स्वच्छ करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह पहल केवल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक नहीं है, बल्कि यह दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए वैज्ञानिक तरीका स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य राजधानी की हवा को स्वच्छ और पर्यावरण को संतुलित बनाना है।
सरकार के अनुसार यह प्रयास केवल वर्तमान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि भविष्य को भी ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
क्लाउड सीडिंग का यह प्रयोग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सहयोग से किया जा रहा है।
बता दें कि वायु प्रदूषण ने राजधानी और आसपास के इलाकों की सांसें फिर से रोक दी हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह-शाम के समय बाहर जाने से बचने, मास्क पहनने और इनडोर एयर क्वालिटी बनाए रखने की सलाह दी है।
यदि आज मौसम ने साथ दिया तो दिल्ली में कृत्रिम बारिश का पहला सफल प्रयास भी साबित हो सकता है और प्रदूषण से जूझ रही राजधानी को थोड़ी राहत भी मिलेगी।
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