अनन्य
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंजेर इमाम की जमानत याचिका पर एनआईए से मांगा जवाब

नई दिल्ली, 14 जनवरी : दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी मंजेर इमाम की जमानत याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जवाब मांगा है। वह आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में नौ साल से अधिक समय से जेल में है।
मुकदमे में देरी के साथ याचिका में मामले के गुण-दोष के आधार पर जमानत की भी मांग की गई है।
एनआईए ने अगस्त 2013 में इमाम के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें कहा गया था कि उसने और अन्य लोगों ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची और देश में महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाने की योजना बनाई। मामले में आरोप तय होना बाकी है।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई मार्च के लिए सूचीबद्ध की।
पिछले साल अक्टूबर में, एक एकल न्यायाधीश ने अनुरोध किया कि उनकी जमानत अर्जी पर विशेष अदालत द्वारा 75 दिनों के भीतर सुनवाई और फैसला किया जाए।
10 जनवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने इमाम की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।
न्यायमूर्ति मृदुल ने कहा था, उस समय संगठनों पर लगाए गए सभी प्रतिबंधों में मैं सरकार का वरिष्ठ वकील था इसलिए मैं मामले की सुनवाई नहीं कर सकता था।
अदालत ने आदेश दिया था, विशेष अदालत इस आदेश की तारीख से 75 दिनों के भीतर आवेदक की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगी और उसका निस्तारण करेगी।
न्यायमूर्ति मृदुल ने अपील की सुनवाई में अपनी कठिनाई को स्वीकार किया जब इमाम के वकील ने कहा कि आरोपी नौ साल से हिरासत में है और उसके खिलाफ आरोप फिर से दायर किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा था कि 369 गवाह हैं और उनमें से कई से पूछताछ की जानी बाकी है।
न्यायमूर्ति मृदुल ने कहा था, सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) पर लगाए गए कुछ प्रतिबंधों में मैं दो साल की अवधि के लिए सरकार के लिए एक वरिष्ठ वकील था। क्या मैं इस मामले को सुनूंगा?
हालांकि 28 नवंबर, 2022 को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने फैसला सुनाया कि इस मामले में मुकदमे की देरी को जमानत देने के लिए बचाव के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने इमाम के जमानत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था लेकिन कहा था कि यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि उनका आरोप सही था। सुनवाई में इतना समय लगने के कारण इमाम ने जमानत मांगी थी।
जिस प्राथमिकी में इमाम आरोपी है, उस पर यूएपीए की धारा 17, 18, 18बी, 20 और भारतीय दंड संहिता की धारा 121ए और 123 लागू होती है।
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झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और सरकार की नियमावली पर किया जवाब तलब

रांची, 16 जून। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के मामले में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और यूपीएससी सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।
चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसके पहले इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई की थी और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए 16 जून तक जवाब देने को कहा था। मरांडी ने अपनी याचिका में कहा है कि डीजीपी के पद पर गुप्ता की नियुक्ति में यूपीएससी की गाइडलाइन्स और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की गई है।
याचिका में झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीजीपी चयन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा, समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने बिना किसी गंभीर आरोप के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को कार्यकाल पूरा किए बगैर डीजीपी के पद से हटाकर इस पद पर अनुराग गुप्ता को नियुक्त कर दिया, जबकि उनका कार्यकाल 14 फरवरी 2025 तक था।
मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के पैनल से यूपीएससी तीन बेहतर छवि और कार्यकाल वाले नामों का चयन करता है और इसके बाद राज्य की सरकार इनमें से किसी एक को कम से कम दो वर्ष के लिए डीजीपी पद पर नियुक्त करती है।
इसी नियम के तहत राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह को डीजीपी बनाया था, लेकिन उन्हें बिना किसी आरोप के कार्यकाल पूरा होने के पहले ही पद से हटा दिया गया। याचिका में प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश को दरकिनार करने और कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए जो चयन समिति बनाई है, उसमें एक संघ लोक सेवा आयोग और एक झारखंड लोक सेवा आयोग का नामित सदस्य रखना अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने अपने ही इस नियम का अनुपालन नहीं किया। जिस चयन समिति ने डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए अनुराग गुप्ता के नाम की अनुशंसा की, उसकी बैठक में यूपीएससी और जेपीएससी का कोई सदस्य नहीं था।
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तमिलनाडु: पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार बारिश से बांधों का जलस्तर बढ़ा

तिरुनेलवेली, 16 जून। दक्षिण-पश्चिम मानसून के तेज होने से तमिलनाडु के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। खासकर पश्चिमी घाट क्षेत्र में बारिश ने परेशानी बढ़ा दी है। इसके कारण तिरुनेलवेली जिले के बांधों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण इन बांधों में जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में पापनासम डैम का जलस्तर 6 फीट बढ़कर 130.20 फीट पर पहुंच गया है। बांध में प्रति सेकंड 5222 क्यूबिक फीट पानी आ रहा है और सिंचाई के लिए प्रति सेकंड 1400 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है।
पिछले तीन दिनों में सर्वलार डैम का जलस्तर 10 फीट बढ़कर 142.12 फीट पर पहुंच गया। मणिमुथर डैम का जलस्तर 94 फीट पर है, जिसमें 619 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का इनफ्लो और सिंचाई के लिए 75 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का आउटफ्लो है।
इसके पहले बारिश के चलते तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित होने वाला लोकप्रिय इकोटूरिज्म कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। ये कार्यक्रम हर शनिवार, रविवार और त्यौहारी छुट्टियों पर आयोजित होता है, जिसके लिए पर्यटकों को पहले से बुकिंग करानी पड़ती है।
कोयंबटूर जिले के मेट्टुपलायम में भवनिया नदी पर स्थित पिल्लूर डैम के जलाशय क्षेत्र परालीकाड में 2007 से लगातार इकोटूरिज्म कार्यक्रम रखा जाता है, जो 14 जून को रद्द कर दिया गया। मौसम विभाग ने कोयंबटूर और नीलगिरी जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी। मौसम का ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद वन विभाग ने कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लिया।
इकोटूरिज्म का मुख्य आकर्षण डैम के जलाशय में स्थानीय नावों से की जाने वाली यात्रा है, जो जंगल के बीच झील जैसा दृश्य पेश करती है। पर्वतीय चोटियों और घने जंगलों के बीच बसे इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को खूब लुभाती है। हालांकि, भारी बारिश की संभावना के चलते एहतियातन 14 और 15 जून को इकोटूरिज्म कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की गई।
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मुंबई पुलिस के डीसीपी का आंतरिक तबादला: दत्ता नलावडे को जोन 10 और असलम शेख को जोन 6 में तैनात किया गया

मुंबई: मुंबई पुलिस में आंतरिक तबादले किए गए हैं, जिसके तहत कृष्णकांत उपाध्याय को जोन 3 में स्थानांतरित किया गया है, वे पहले पुलिस मुख्यालय 1 में थे। डीसीपी डिटेक्शन दत्ता नलावड़े को जोन 10 और सचिन गंजाल को प्रिवेंटिव में स्थानांतरित किया गया है। महेश चामटे को प्रोटेक्शन से जोन 12, जोन 6 नुनाथ धुले को एंटी नारकोटिक्स सेल, जोन 7 विजय कांत सागर को सी प्रोटेक्शन पोर्ट जोन, प्रशांत परदेसी मंत्रालय से ट्रैफिक साउथ, निमित गोयल को एलए से एसटीएफ ईओडब्ल्यू, जोन 3 दत्तात्रे कांबले को एसबी 1, पुरुषोत्तम कराड साइबर क्राइम, असलम शेख को जोन 6 में स्थानांतरित किया गया है। राकेश ओला को जोन 7, राज तिलक रोशन को डिटेक्शन क्राइम ब्रांच, डीसीपी.
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