राजनीति
दिल्ली सरकार ने तीनों निगमों से बुलडोजर चलाने पर मांगी विस्तृत रिपोर्ट

दिल्ली में लगातार चल रहे निगम के बुलडोजर के खिलाफ राजनीति ने तूल पकड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार ने तीनों निगमों से बुलडोजर चलाने पर रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने विधायकों के साथ इसपर बैठक भी कर चुके हैं। दिल्ली सरकार ने तीनों निगमों से 1 अप्रैल से लेकर अब तक की रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने कहा है कि तीनों निगम 1 अप्रैल से अभी तक का सारा डाटा दें। सरकार बुलडोजर के खिलाफ खड़ी होती नजर आ रही है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों को निर्देश दिया है कि यदि इस दौरान जेल भी जाना पड़े तो डरना नहीं है।
दरअसल दिल्ली में नगर निगमों के बुलडोजर अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इस कार्रवाई के दौरान बवाल भी होता हुआ नजर आया है, वहीं भाजपा, कांग्रेस और आप एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगा रही हैं।
राष्ट्रीय समाचार
केंद्र 7 से 9 अक्टूबर को होने वाले ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में जीडीपी से लेकर सीपीआई तक प्रमुख आंकड़ों को करेगा प्रदर्शित

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर : केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को कहा गया कि 7 से 9 अक्टूबर को मुंबई में होने वाले ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) में जीडीपी, सीपीआई और प्रमुख श्रम बाजार आंकड़ों जैसे सांख्यिकीय संकेतकों को प्रदर्शित किया जाएगा।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) विजिटर्स को आकर्षित करने और मंत्रालय की पहलों को प्रभावी रूप से संप्रेषित करने के लिए इंफोग्राफिक्स, वीडियो और इंटरेक्टिव डिस्प्ले जैसे क्रिएटिव विजुअल्स को प्रदर्शित करेगा
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “एक डेडिकेटेड स्टॉल और क्यूरेटेड इवेंट आधिकारिक आंकड़ों के उभरते परिदृश्य और डेटा गैप् को खत्म करने में फिनटेक की भूमिका को प्रदर्शित करेंगे।”
फिनटेक डेटा पर आधारित है और मंत्रालय इंडस्ट्री इंटेलिजेंस और आधिकारिक आंकड़ों के बीच तालमेल की तलाश कर रहा है।
एमओएसपीआई द्वारा उद्योग जगत के प्रमुख नामों के साथ आयोजित एक पैनल डिस्कशन में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणालियों द्वारा किए गए सर्वेक्षणों जैसे बड़े पैमाने के सर्वेक्षणों को बाजार के आंकड़ों से कैसे पूरक बनाया जा सकता है ताकि कंज्यूमर बिहेवियर, उद्यम आवश्यकताओं और फाइनेंशियल इंक्लूजन गैप्स के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की जा सके।
यह फिनटेक कंपनियों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के लिए एक खुला आह्वान है कि वे अधिक मजबूत मॉडल बनाएं, इंक्लूसिव प्रोडक्ट डिजाइन करें और एविडेंस-ड्रिवन ग्रोथ का रोडमैप तैयार करें।
एमओएसपीआई सचिव 8 अक्टूबर को एक फायरसाइड चैट का हिस्सा बनेंगे।
मंत्रालय ने कहा, “डेटा को जब सार्वजनिक वस्तु के रूप में देखा जाता है तो इसमें नई आर्थिक संभावनाओं को उजागर करने और समावेशी विकास को गति देने की शक्ति होती है। यह चर्चा सहयोगी डेटा फ्रेमवर्क की भूमिका पर प्रकाश डालेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जानकारी समय पर, पारदर्शी और डिजिटल अर्थव्यवस्था में सभी हितधारकों के लिए लाभकारी हो।”
सचिव, फिनटेक उद्योग के प्रतिनिधियों और नियामकों के साथ फिनटेक इकोसिस्टम के साथ ‘डिजिटल इंडिया: बिल्डिंग अ स्मार्टर डेटा पार्टनरशिप’ के लिए स्टैटिस्टिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक क्लोज्ड रूम सेशन की अध्यक्षता भी करेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि डिजिटल इकोनॉमी में स्मार्टर पॉलिसी और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए मजबूत स्टैटिस्टिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद महत्वपूर्ण है।
अपराध
मुंबई अपराध: शिवसेना-यूबीटी नेता के बेटे को पुरुषों के सार्वजनिक शौचालय में 16 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया

मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) के एक स्थानीय नेता के बेटे को निर्मल नगर पुलिस ने 1 अक्टूबर को बांद्रा पूर्व स्थित पुरुष शौचालय में 16 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। मझगांव स्थित सिटी सिविल एवं सत्र न्यायालय ने उसे 6 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस के मुताबिक, 1 अक्टूबर को आरोपी ने पीड़िता को बांद्रा ईस्ट स्थित एक सार्वजनिक पुरुष शौचालय में ले जाकर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया और फिर उसे जान से मारने की धमकी दी। पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जाँच जारी है।
राष्ट्रीय समाचार
‘उल्लास’ से ग्रामीण और महिला साक्षरता में आई वृद्धि, प्रधानमंत्री मोदी ने शेयर किया जयंत चौधरी का लेख

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘समाज में सभी के लिए आजीवन शिक्षा को समझना’ (उल्लास) कार्यक्रम के परिवर्तनकारी प्रभाव की प्रशंसा की है। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी का एक लेख शेयर किया, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत 2022 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण समुदायों और महिलाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे भारत में वयस्कों के लिए शिक्षा के अवसरों के उल्लेखनीय विस्तार की बात कही गई है।
केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “इस लेख में राज्य मंत्री जयंत चौधरी बताते हैं कि कैसे एनईपी 2020 के अनुरूप 2022 में शुरू किया गया ‘उल्लास’ कार्यक्रम वयस्कों के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करता है।”
पीएम मोदी ने लिखा, “उन्होंने (जयंत चौधरी) इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘उल्लास’ कार्यक्रम के प्रभाव ने ग्रामीण और महिला साक्षरता में वृद्धि की है, जिससे भारत 2030 तक संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साक्षरता लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है।”
जयंत चौधरी ने अपने लेख की शुरुआत जर्मन मनोचिकित्सक और मनोविश्लेषक फ्रिट्ज पर्ल्स के ‘सीखना उस चीज की खोज है जो संभव है’ शब्दों के साथ की।
उन्होंने लिखा, “हर समाज में सीखने का एक चक्र होता है। इसके भीतर रहने वाले लोग पढ़ सकते हैं, समझ सकते हैं और काम कर सकते हैं, लेकिन जो लोग इसके बाहर रह जाते हैं, वे दूसरों पर निर्भर रहते हैं कि वे बोलें और अपने लिए निर्णय लें। साक्षरता वह रेखा है, जो इन दोनों को अलग करती है।”
जयंत चौधरी ने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में रहने वाली दीया बाई का किस्सा बताया, जो बैंक में पैसे निकालने के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहती थीं, लेकिन आज वह न सिर्फ खुद यह काम करती हैं, बल्कि अपने गांव की अन्य महिलाओं को भी उन लाभों का लाभ उठाने में मार्गदर्शन करती हैं।
उन्होंने आगे लिखा, “इसी विश्वास के कारण उल्लास (यूएलएलएसी), ‘समाज में सभी के लिए आजीवन शिक्षा की समझ’, की स्थापना हुई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप ‘उल्लास’ को 2022 में 15 साल और उससे अधिक आयु के उन वयस्कों को शैक्षिक अवसर प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था, जो औपचारिक स्कूली शिक्षा से वंचित रह गए।
जयंत चौधरी ने जानकारी दी कि 2022 में शुरू हुए इस कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 2.8 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 45 लाख स्वयंसेवक जुड़ चुके हैं।
सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि ‘उल्लास’ का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। ग्रामीण साक्षरता 2011 के 67.7 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 77.5 प्रतिशत हो गई है। महिला साक्षरता 65.4 प्रतिशत से बढ़कर 74.6 प्रतिशत हो गई है।
मंत्री ने कहा कि अगस्त 2024 में शिक्षा मंत्रालय ने साक्षरता की परिभाषा को विस्तृत करते हुए इसमें डिजिटल साक्षरता, वित्तीय ज्ञान और गणना कौशल को शामिल किया है। यह कदम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य 4.6 को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिसके अनुसार 2030 तक सभी युवाओं और अधिकांश वयस्कों को साक्षर और संख्यात्मक दक्ष बनाना अनिवार्य है।
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