राजनीति
दिल्ली: सभी प्राईवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना रोगियों के लिए आरक्षित

दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना रोगियों के लिए आरक्षित रखने का निर्णय लिया है। दिल्ली में अभी कोरोना के लिए लगभग 7500 सामान्य और 446 आईसीयू बेड कोरोना रोगियों के लिए उपलब्ध हैं। सरकार ने गुरुवार को कुछ अहम निर्णय लिए हैं। यह निर्णय कोरोना के सामान्य बेड और आईसीयू बेड बढ़ाने के लिए हैं। पिछले हफ्ते कोर्ट की इजाजत के बाद लगभग 30-32 प्राईवेट अस्पतालों के 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोरोना के लिए चिन्हित कर लिए हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “अब यह आदेश आज से दिल्ली के सभी निजी अस्पतालों पर लागू किया जा रहा है। इस आदेश के मुताबिक इन अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना रोगियों के लिए आरक्षित कर लिए गए हैं। इससे दिल्ली को 300 से 400 अतिरिक्त आईसीयू बेड मुहैया होंगे।”
इसके अलावा जो साधारण बेड हैं वह अभी तक प्राइवेट अस्पतालों में 50 फीसदी तक कोरोना रोगियों के लिए आरक्षित हैं। इन्हें अब 60 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार से जो गैर गंभीर ऑपरेशन हैं, उन्हें फिलहाल न करने का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “जैसे कि मान लीजिए किसी को अगर टॉन्सिल हैं तो उसका ऑपरेशन कुछ दिन बाद भी किया जा सकता है। इसी तरह से कई सारे अन्य ऑपरेशन हैं जो कि गंभीर नहीं हैं, ऐसे गैर गंभीर ऑपरेशनों को स्थगित करने के लिए सभी अस्पतालों को कहा जा रहा है। इसके अलावा दिल्ली सरकार अपने अस्पतालों में 663 नए आईसीयू बेड की व्यवस्था कर रही है। केंद्र सरकार ने 750 आईसीयू बेड बनाने का आश्वासन दिया है। इसे मिलाकर दिल्ली में 1413 नए आईसीयू बेड उपलब्ध हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों का धन्यवाद करते हुए कहा, “मैं अपने सभी डॉक्टर्स का और कर्मचारियों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। उनको सैल्यूट करना चाहता हूं। उन्होंने न केवल मेहनत की है बल्कि सूझबूझ से जिस तरह से दिल्ली में कोरोना का मैनेजमेंट किया है। ऐसा दुनिया के बड़े-बड़े देशों में और बड़े-बड़े शहरों में भी नहीं देखा गया।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “न्यूयॉर्क के अंदर 6 अप्रैल को कोरोना का पीक आया था। 6 अप्रैल को वहां 6353 केस आए थे। इनमें से 575 लोगों की मृत्यु हो गई थी। वहां कॉरिडोर में रोगी पड़े हुए थे। सड़कों के किनारे रोगी पड़े हुए थे और अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं थे। डेड बॉडी एक दूसरे के ऊपर पड़ी हुई थीं। इसी तरह की तस्वीरें फ्रांस और इटली से आईं। वहां बेड खत्म हो गए और लोग अस्पतालों के बाहर पड़े हुए थे। दिल्ली में 8500 रोगी प्रतिदिन तक पहुंच गए, लेकिन हमारे डॉक्टर्स ने शानदार तरीके से सारी व्यवस्था की।”
राजनीति
मानसून सत्र के अंतिम दिन भी लोकसभा-राज्यसभा में ही नहीं चल सका प्रश्नकाल

LOKSABHA
नई दिल्ली, 21 अगस्त। मानसून सत्र के अंतिम दिन भी संसद में हंगामा बरकरार रहा। गुरुवार को मौजूदा संसद सत्र का आखिरी दिन था हालांकि हंगामे के कारण सत्र के आखिरी दिन भी लोकसभा और राज्यसभा दोनों की ही कार्यवाही बाधित हुई।
राज्यसभा और लोकसभा दोनों में ही प्रश्नकाल नहीं चल सका और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। गौरतलब है कि प्रश्न काल के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, सरकार के मंत्रियों से उनके विभाग संबंधी प्रश्न पूछते हैं। केंद्र के मंत्रियों द्वारा इन प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं।
प्रश्नों के लिखित उत्तर भी सदन में प्रस्तुत किए जाते हैं। हालांकि मौजूदा सत्र के अधिकांश कार्य दिवसों में प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया और सत्र के अंतिम दिन भी सदन में यही स्थिति रही। दरअसल विपक्ष संसद में मतदाता सूची खासतौर पर बिहार में चुनाव आयोग द्वारा करवाए जा रहे मतदाता सूची के गहन रिव्यू पर चर्चा चाहता है। लेकिन आसन से इसकी मंजूरी नहीं मिली है।
राज्यसभा के उपसभापति का कहना है कि अदालत में विचाराधीन विषयों पर सदन में चर्चा की अनुमति नहीं हैं। गुरुवार को राज्यसभा में ऐसा ही हंगामा देखने को मिला। हंगामे के कारण राज्यसभा में सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दरअसल राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ ही देर उपरांत उप सभापति ने बताया कि उन्हें 4 अलग अलग विषयों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए गए हैं। ये सभी नोटिस नियम संख्या 267 के अंतर्गत दिए गए थे। उप सभापति ने बताया कि उन्हें दिए गए सभी नोटिसों में से कोई भी नोटिस नियमानुसार नहीं दिया गया है, इसलिए उन्होंने इन सभी नोटिसों को अस्वीकार कर दिया।
वहीं नोटिस अस्वीकार होने पर विपक्षी सांसद अपने स्थानों से उठकर नारेबाजी करने लगे। यह देखकर उप सभापति ने कहा कि आप नहीं चाहते कि शून्यकाल चले। आप शून्यकाल चलाना नहीं चाहते। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उधर दूसरी ओर लोक सभा में तो सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन रिव्यू (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्षी सांसद अपनी इस मांग को लेकर अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए और एसआईआर पर चर्चा को लेकर नारेबाजी करने लगे। इस पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह इस सत्र का अंतिम दिन है, आप प्रश्नकाल नहीं चलने दे रहे हैं। इसके बाद उन्होंने हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ताड़देव के व्यवसायी को जमानत देने से इनकार

CRIME
मुंबई: सत्र न्यायालय ने 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ताड़देव के एक व्यापारी को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
मामले के बारे में
आरोपी बिरजू सल्ला, 2017 में एक विमान को हाईजैक करने की धमकी देने के लिए कथित तौर पर एक नोट रखने के लिए गुजरात में दर्ज एक मामले के सिलसिले में चर्चा में था। सल्ला को विशेष अदालत ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई, लेकिन बाद में, उसे अगस्त 2023 में गुजरात उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया।
बरी होने के बाद, सल्ला अपने पारिवारिक व्यवसाय, चाँदी के आभूषणों के व्यापार में वापस लौट गया। हालाँकि, इस साल की शुरुआत में, आर्थिक अपराध शाखा ने उस पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया और 2 जुलाई को उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले के विवरण के अनुसार, 18 नवंबर, 2024 को, सल्ला ने शैलेश जैन नामक व्यक्ति से, जिसके साथ उसके पारिवारिक संबंध थे, बिक्री के लिए प्राचीन सोने के आभूषण, चाँदी के बर्तन और रत्न माँगे। जैन ने अनुमोदन वाउचर के आधार पर 14 करोड़ रुपये में ये कीमती सामान उपलब्ध कराए।
एक महीने से ज़्यादा समय में, सल्ला ने जैन को 1.47 करोड़ रुपये मूल्य के कीमती सामान लौटा दिए, लेकिन कथित तौर पर शेष 12.76 करोड़ रुपये न तो लौटाए और न ही उनकी कीमत चुकाई। अग्रिम ज़मानत देने से इनकार करते हुए, अदालत ने कहा, “आवेदक पहले भी उक्त अनुमोदन वाउचर पर उनके जबरन हस्ताक्षर लेने का मामला लेकर आया था, लेकिन चुप रहा और शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। प्रथम दृष्टया, रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री से पता चलता है कि उसने गहने ले लिए थे… और 12.76 करोड़ रुपये मूल्य के कीमती सामान वापस नहीं किए…”
अपराध
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के ऊपर हमला करने वाले पर पहले से दर्ज हैं 9 मामले: कपिल मिश्रा

नई दिल्ली, 21 अगस्त। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले को दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने गुरुवार को बताया कि आरोपी साधारण व्यक्ति नहीं है। उसका एक आपराधिक इतिहास रहा है।
कपिल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास सामने आया है। उस पर कुल नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें तस्करी और अवैध शराब के व्यापार से लेकर हत्या के प्रयास तक शामिल हैं। ये बहुत गंभीर आरोप हैं जिनके खिलाफ पहले से ही मामले दर्ज हैं।
उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को हम देखें तो पता चलता है कि आरोपी ने जिस तरह से काम किया वह एक पेशेवर अपराधी जैसा था। पहले अपने मोबाइल पर रिकॉर्डिंग की, फिर घर में घुसा, अंदर लोगों से बात की, और अंत में हमला किया। ये सभी तथ्य बताते हैं कि यह एक गंभीर पेशेवर हमला था, लेकिन हम सभी लोग दिल्ली पुलिस की जांच का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने सुरक्षा के मुद्दे पर कहा कि अगर कोई बदलाव करना होगा तो इसका फैसला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ही करेंगी।
आरोपी को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर उन्होंने कहा कि हमें तथ्यों पर बात करनी चाहिए। वह साधारण व्यक्ति नहीं है। उसने जिस तरह से हमला किया है वह पेशेवर हमलावर है। उन्होंने कहा कि सामने से दिखाई दे रहा है कि आरोपी ने सुनियोजित साजिश के तहत सीएम रेखा गुप्ता पर हमला किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया के साथ आरोपी की फोटो पर कपिल मिश्रा ने कहा कि इस मामले में राजनीति की कोई आवश्यकता नहीं है।
सीएम रेखा गुप्ता के स्वास्थ्य को लेकर कपिल मिश्रा ने कहा कि वह ठीक हैं; उन्होंने बुधवार रात भी कुछ काम किया था और आज भी वह अपना आधिकारिक काम कर रही हैं। लेकिन अभी उन्हें आराम और स्वास्थ्य लाभ की जरूरत है, क्योंकि शारीरिक चोटें गंभीर हैं और उन्हें मानसिक तनाव भी है। यह कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि एक बहुत ही असामान्य घटना थी। फिर भी मुख्यमंत्री अपना कार्यालय का काम जारी रखे हुए हैं।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र2 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय12 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार6 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा