अपराध
कोयला घोटाला में पूर्व मंत्री दिलीप रे की सजा पर फैसला 26 अक्टूबर को
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला राज्य मंत्री दिलीप रे और पांच अन्य की सजा पर 26 अक्टूबर तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने 6 अक्टूबर को, उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया था और कहा था कि इन लोगों ने कोयला ब्लॉक के आवंटन की खरीद को लेकर एक साथ साजिश रची थी।
यह मामला 1999 में कोयला मंत्रालय की 14 वीं स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड के पक्ष में झारखंड के गिरिडीह जिले में 105.153 हेक्टेयर गैर-राष्ट्रीयकृत और परित्यक्त कोयला खनन क्षेत्र के आवंटन से संबंधित है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे के अलावा, कोयला मंत्रालय के दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारी – प्रदीप कुमार बनर्जी, तत्कालीन अतिरिक्त सचिव और नित्या नंद गौतम, पूर्व सलाहकार (परियोजनाएं), और कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड के निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रन माइनिंग लिमिटेड को भी दोषी पाया गया है।
विशेष न्यायाधीश ने निष्कर्ष निकाला कि, “इसमें कोई शक नहीं है कि सभी दोषियों ने एक साथ साजिश रची ताकि कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड के पक्ष में ब्रह्माडीह कोयला ब्लॉक का आवंटन प्राप्त किया जा सके।”
अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश) 409 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों का दोषी ठहराया।
इसके अलावा, कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड के महेश कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रन माइनिंग लिमिटेड को भी भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध के लिए 379 (चोरी की सजा) और 34 (आम इरादे) के तहत दोषी ठहराया गया था। दोषियों को सजा पर बहस अदालत द्वारा 14 अक्टूबर को सुनी जानी थी।
मामले में 51 गवाहों की जांच की गई। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों ने स्पष्ट रूप से निजी पार्टियों और जन सेवकों द्वारा आपराधिक साजिश रचने की बात कही है।
सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ए.पी. सिंह ने अदालत को बताया था कि ब्रह्मडीह कोयला ब्लॉक निजी पार्टियों को आवंटित किया जाने के तौर पर पहचाना गया कैप्टिव कोल ब्लॉक नहीं था, यहां तक कि स्क्रीनिंग कमेटी भी किसी कंपनी को कैस्ट्रन टेक्नोलजीज लिमिटेड से कम आवंटन पर विचार करने के लिए सक्षम नहीं थी।
अपराध
अरुणाचल प्रदेश में पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में कश्मीरी युवक गिरफ्तार

डिब्रूगढ़, 13 दिसंबर: अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले के आलो से जासूसी के एक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। खुफिया एजेंसियों से मिली अहम जानकारी के आधार पर जम्मू-कश्मीर के एक युवक को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
यह पिछले एक सप्ताह के भीतर जासूसी के आरोप में हुई तीसरी गिरफ्तारी बताई जा रही है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां और अधिक सतर्क हो गई हैं।
गिरफ्तार युवक की पहचान जम्मू-कश्मीर निवासी हिलाल अहमद (26) के रूप में हुई है। अधिकारियों के अनुसार, हिलाल अहमद को 11 दिसंबर की रात करीब 11 बजे हिरासत में लिया गया। आरोप है कि वह संवेदनशील और गोपनीय जानकारियां साझा कर रहा था, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता था।
गिरफ्तारी के बाद 12 दिसंबर की सुबह हिलाल अहमद को ईटानगर पुलिस थाने को सौंप दिया गया। अब मामले की आगे की जांच ईटानगर पुलिस कर रही है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि वह किन लोगों के संपर्क में था और क्या इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोग भी राज्य में सक्रिय हैं।
पश्चिमी सियांग जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कर्दक रिबा ने बताया कि हिलाल अहमद 25 नवंबर से आलो में मौजूद था। वह एक व्यापार मेले में हिस्सा लेने के लिए आया था। उसने यह मेला पापुम पारे जिले से प्रतिनिधित्व करते हुए अटैंड किया था।
पुलिस के अनुसार, हिलाल अहमद के पास वैध इनर लाइन परमिट (आईएलपी) था और उसके सभी दस्तावेज सही पाए गए हैं। इसके बावजूद खुफिया एजेंसियों को उसके व्यवहार और गतिविधियों पर शक हुआ, जिसके बाद निगरानी बढ़ाई गई और उसे गिरफ्तार किया गया।
अधिकारियों का कहना है कि इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है, खासकर इसलिए क्योंकि सीमावर्ती राज्यों में इस तरह की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं।
फिलहाल पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर पूरे मामले की गहन जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह केवल एक व्यक्ति की हरकत थी या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।
अपराध
मुंबई: अवैध कॉल सेंटर से 5 लोग गिरफ्तार, विदेशी ग्राहकों को बेचते थे प्रतिबंधित दवाएं

CRIME
मुंबई, 12 दिसंबर: मुंबई के मलाड इलाके में बांगुर नगर पुलिस ने एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अयूब शेख (30), फैजान भलीम (27), फारुख शेख (29), मोइन अहमद शेख (32) और जीशान नासिर अंसारी (22) के रूप में हुई है। ये आरोपी मुंबई के मलाड स्थित चिंचोली बंदर इलाके में एक फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे।
ये आरोपी कथित रूप से विदेशों में बैन दवाओं की बिक्री में शामिल थे। आरोपी विदेशी ऑनलाइन फार्मेसियों के प्रतिनिधि बनकर अंतर्राष्ट्रीय और अमेरिकी कंपनियों के नाम पर ग्राहकों से संपर्क करते थे और विदेशी ग्राहकों को धोखा देकर उन्हें बैन दवाएं बेचने का काम करते थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने विदेशी ग्राहकों को फोन करके उन्हें दवाएं भेजने के नाम पर पैसे वसूलने का तरीका अपनाया था। इन दवाओं का निर्यात किसी वैध चैनल से नहीं किया जा सकता था, लेकिन आरोपी इसे बेचने में जुटे हुए थे।
मुंबई पुलिस को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने अभियान चलाकर इन्हें गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीएनएस और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों को 15 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और इस मामले में आगे की जांच जारी है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इसका मास्टरमाइंड कौन है और कितने समय से ये लोग इस तरह का काम कर रहे हैं? पुलिस ने इनके साथियों को गिरफ्तार करने के लिए टीम बनाकर तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की जानकारी होने के बाद पहले इनकी लोकेशन पता की गई, फिर मुखबिर और एजेंसी की सहायता से पता किया गया कि ये लोग किस तरह के अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों से संपर्क करते हैं और उन्हें बैन दवाओं की बिक्री के नाम पर पैसे लेते हैं। पूरे मामले की जांच होने पर उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
अपराध
कल्याण: सिद्धेश्वर एक्सप्रेस से 5.5 करोड़ रुपये के आभूषण चोरी; सीसीटीवी फुटेज में नकाबपोश संदिग्ध दिखे

KALYAN POLICE STATION
मुंबई: सिद्धेश्वर एक्सप्रेस में हुई एक सनसनीखेज चोरी ने यात्रियों और पुलिस दोनों को चौंका दिया है, जब कथित तौर पर नकाबपोश संदिग्धों के एक समूह ने 5.50 करोड़ रुपये के आभूषण चुरा लिए, जिन्हें लोनावला रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरते हुए देखा गया था।
रेलवे पुलिस के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में पांच से छह नकाबपोश व्यक्ति दो ट्रॉली बैग ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिनमें चोरी के गहने होने का संदेह है। उनके चेहरे ढके होने के कारण उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है।
रेलवे अपराध शाखा ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है और इस मामले में उसकी भूमिका की वर्तमान में जांच की जा रही है।
शिकायतकर्ता अभयकुमार जैन, जो मुंबई के गोरेगांव के निवासी हैं, अपनी बेटी तनिष्का के साथ कई करोड़ रुपये के गहने लेकर सोलापुर गए थे।
पुलिस ने बताया कि तनिष्का ने अपने पिता से सामान में जीपीएस ट्रैकिंग लगाने का आग्रह किया था, लेकिन उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया गया।
जैन ने कुछ गहने सोलापुर में बेच दिए थे और बाकी गहने लेकर लौट रहे थे तभी चोरी की घटना घट गई।
ट्रेन यात्रा समाप्त होने के बाद ही चोरी का पता चला। जैन ने कल्याण सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
कल्याण जीआरपी और रेलवे अपराध शाखा संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रहे हैं।
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि संदिग्ध सोलापुर जिले के मंधा के निवासी हो सकते हैं।
पुलिस का मानना है कि चोरों को संभवतः गहनों और जैन की यात्रा संबंधी जानकारियों की पहले से ही जानकारी थी, जो अंदरूनी जानकारी या पूर्व निगरानी की संभावना की ओर इशारा करती है।
जांचकर्ता सोलापुर और मुंबई के बीच स्थित कई स्टेशनों से सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं, संदिग्धों की गतिविधियों के पैटर्न का विश्लेषण कर रहे हैं और विभिन्न जिलों में संभावित संबंधों का पता लगा रहे हैं।
जांच जारी है और नकाबपोश चोरों की पहचान करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
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