राजनीति
साइबर फ्रॉड से 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान : राज्यसभा सांसद संजय सेठ

नई दिल्ली 10 मार्च। बढ़ते साइबर और बैंक फ्रॉड की चर्चा सोमवार को राज्यसभा में की गई। सदन को बताया गया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, साइबर फ्रॉड से वर्ष 2025 तक लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।
इस विषय पर जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने कहा कि नाम के दुरुपयोग से ही 9,000 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर बैंकिंग और फाइनेंस है।
उन्होंने सदन को बताया कि यहां करीब 8,200 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है। भारत में हर साल लाखों लोग डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करते हैं। लेकिन, सुरक्षा उपायों की कमी के कारण उनकी मेहनत की कमाई कुछ सेकंड में लुट जाती है।
उन्होंने एक ऐसे ही मामले का उदाहरण देते हुए बताया कि एक व्यक्ति वर्षों से अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे जोड़ रहा था। शादी से ठीक पहले एक साइबर अपराधी ने व्यक्ति के सारे पैसे बैंक से निकाल लिए। पीड़ित व्यक्ति की हालत यह हो गई कि उसे आत्महत्या करनी पड़ी। इस तरीके की बहुत सारी चीजें देखने को मिल रही हैं।
संजय सेठ ने बताया कि कई बुजुर्गों की पेंशन उनके खाते से गायब हो जाती है। छोटे-छोटे व्यापारियों की पूंजी खत्म हो जाती है। जहां हम देश के अंदर डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं हमारे नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उतनी ही प्राथमिकता पर होनी चाहिए।
उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि बैंकों की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अनिवार्य तकनीकी अपग्रेडेशन किया जाए। छोटे और ग्रामीण बैंकों को भी अत्याधुनिक तकनीक और सिक्योरिटी सिस्टम से जोड़ा जाए। साइबर अपराधों की जांच के लिए विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाए ताकि पीड़ितों को जल्द न्याय मिले।
इसके साथ ही राज्यसभा में मांग की गई कि साइबर अपराध के पीड़ितों के लिए एक कंपनसेशन फंड बनाया जाया जाए, जिससे निर्दोष पीड़ितों की खोई हुई राशि वापस मिल सके और उनको मदद मिल सके।
संजय सेठ ने सरकार से मांग की कि साइबर बैंकिंग फ्रॉड के मामलों पर तत्काल ध्यान दिया जाए। कठोर एवं प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि हर नागरिक की मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके।
महाराष्ट्र
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ आज “बत्ती गुल विरोध”, विद्वानों और मशाइखों की मजबूत अपील

मुंबई, 30 अप्रैल। देशभर के मुस्लिम धार्मिक, राष्ट्रीय और सामाजिक संगठनों के सहयोग से आज, 30 अप्रैल को “बत्ती गुल आंदोलन” मनाया जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार द्वारा प्रस्तुत विवादास्पद वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध करना है, जिसे मुस्लिम नेतृत्व ने वक्फ संपत्तियों पर हमला बताया है।
प्रसिद्ध इस्लामी नेता और रजा अकादमी के प्रमुख अल्हाजी मुहम्मद सईद नूरी ने दो टूक शब्दों में कहा, “हम किसी भी हालत में वक्फ संशोधन कानून को स्वीकार नहीं करेंगे, जो इस समय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।”
इस संबंध में गोवंडी स्थित खानकाह शाह बुखारी में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें विद्वानों ने विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। हजरत पीर मौलाना वलीउल्लाह शरीफी ने देश भर की सभी मस्जिदों, मदरसों, खानकाहों और विश्वविद्यालयों के प्रमुखों से इस विवादास्पद अधिनियम के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।
हजरत मौलाना एजाज अहमद कश्मीरी ने भावुक अंदाज में कहा, ”मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों को लूटने की कोशिश हो रही है। अगर हम आज चुप रहे तो हमारी आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।”
बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख विद्वानों में शामिल थे:
हज़रत मौलाना अलाउद्दीन रिज़वी
हजरत मौलाना जहांगीर अल-कादरी
हजरत कारी मुहम्मद तौफीक आजमी मिस्बाही
हज़रत मौलाना रिज़वान अहमद अलीमी
हजरत कारी मुहम्मद सईद अशरफी
हजरत मौलाना तवक्कल हुसैन शरीफी
हज़रत मौलाना मुहम्मद अली सनाई
हजरत मौलाना महमूद अली अशरफी
हजरत मौलाना रदी अल्लाह शरीफी
हज़रत हाफ़िज़ जुनैद रज़ा रशीदी
इसके अलावा शाहिद भाई, मुख्तार भाई, रिजवान भाई व अन्य मित्र भी मौजूद थे।
विद्वानों ने इस बात पर जोर दिया कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों की सामूहिक अमानत हैं और उनमें किसी भी प्रकार का सरकारी कब्जा या हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। “बती गुल विरोध” ने सरकार को एक शांतिपूर्ण और प्रभावी संदेश दिया कि मुस्लिम लोग अपने धार्मिक, शैक्षिक और धर्मार्थ संस्थानों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।
महाराष्ट्र
विवेक फणसालकर की सेवानिवृत्ति के बाद देवेन्द्र भारती बने मुंबई पुलिस आयुक्त

मुंबई, 30 अप्रैल 2025 (कमर अंसारी) — एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव में, वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी देवेन्द्र भारती को मुंबई का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। वे विवेक फणसालकर का स्थान लेंगे, जो आज लगभग तीन वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गए।
फणसालकर, 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने 30 जून 2022 को महाराष्ट्र में राजनीतिक बदलाव के दौर के बीच मुंबई पुलिस आयुक्त का पदभार संभाला था। उनके कार्यकाल को नेतृत्व में लगातार हुए बदलावों के बाद पुलिस बल में स्थिरता लाने के प्रयासों के लिए जाना गया। उनके कार्यभार संभालने से पहले, मुंबई पुलिस में कई आयुक्तों ने बहुत कम समय के लिए पद संभाला था।
देवेन्द्र भारती, 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इस पद के लिए व्यापक अनुभव लेकर आए हैं। वे इससे पहले जनवरी 2023 में बनाए गए मुंबई के पहले विशेष पुलिस आयुक्त के रूप में कार्य कर चुके हैं, जिसका उद्देश्य पुलिस बल में प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना था। भारती के करियर में कानून एवं व्यवस्था के संयुक्त पुलिस आयुक्त, अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, और महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के प्रमुख जैसे अहम पद शामिल हैं। विशेष रूप से, वे 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की जांच में भी शामिल रहे हैं।
आशा की जा रही है कि पुलिस आयुक्त के रूप में भारती की नियुक्ति मुंबई में कानून व्यवस्था की निरंतरता बनाए रखने और उस पर फोकस बढ़ाने में सहायक होगी। शहर की चुनौतियों के प्रति उनकी समझ और विभिन्न पक्षों के साथ उनका स्थापित संवाद उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त बनाता है।
जैसे-जैसे मुंबई शहरी सुरक्षा के जटिल परिदृश्यों का सामना कर रही है, भारती का नेतृत्व पुलिस बल को उभरती चुनौतियों से निपटने और सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
महाराष्ट्र
पहलगाम आतंकी हमला सांप्रदायिकता के खिलाफ समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन, नफरत फैलाने वालों और मंत्री नीतीश राणे पर हो कार्रवाई अबू आसिम आजमी

मुंबई: पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर समाजवादी पार्टी ने आज पार्टी के मुंबई/महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष विधायक अबू आसिम आज़मी के नेतृत्व में आज़ाद मैदान मुंबई में आंदोलन किया और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणित बयान देकर सामाजिक माहौल खराब करने वाले सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जाम गाफिर को संबोधित करते हुए अबू आजमी ने कहा कि हम पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं, लेकिन ऐसे संवेदनशील संदर्भ में राज्य मंत्री लगातार मुस्लिम विरोधी बयान देकर दो धर्मों के बीच विभाजन पैदा कर रहे हैं। इसके अलावा दादर और मुंबई के अन्य हिस्सों में मुस्लिम फेरीवालों की पिटाई की गई। जिसके कारण शांति एवं व्यवस्था एक समस्या बन गई है। इसलिए हम मंत्री नीतीश राणे और उनके जैसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं जो मुसलमानों के खिलाफ बयान देते हैं।
2023 के हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार दोषी व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। जो लोग धर्मनिरपेक्षता की परवाह नहीं करते, नफरत फैलाते हैं, हिंसा भड़काते हैं, सार्वजनिक रूप से धमकियां देते हैं, आर्थिक बहिष्कार का आह्वान करते हैं तथा धर्म, जाति, क्षेत्र या भाषा के आधार पर लोगों में विभाजन पैदा करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
राज्य को अपने कर्तव्य के अनुसार, प्रत्येक नागरिक के व्यवसाय, वाणिज्य और उद्यमिता में संलग्न होने के मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए। राज्य को प्रत्येक नागरिक की स्वतंत्रता और आस्था की रक्षा करनी चाहिए। भारतीय संविधान के अनुच्छेदों के अनुसार राज्य में शांति और न्याय का माहौल होना चाहिए। यह मांग की जाती है कि कानून को लागू करके तथा कानून का उल्लंघन करने वाले शांति, कानून और संविधान के दुश्मनों को कड़ी चेतावनी देकर, सर्वाधिक पारदर्शी तरीके से कानून और न्याय का शासन स्थापित किया जाए।
समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसलकर को विरोध प्रदर्शन का अनुरोध सौंपा। इस दौरान मेराज सिद्दीकी, यूसुफ अब्राहनी, राहुल गायकवाड़, कबीर मौर्य, सईद खान, जेबा मलिक समेत सैकड़ों समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे।
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