खेल
क्रिकेट : तमाम दर्द के बावजूद जाते-जाते जीत का राह दे गया 2020

साल 2020 जब आया तो उम्मीद थी कि अक्टूबर में आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप को जीत भारत इसे यादगार बनाएगा, लेकिन कोरनावायरस का साया ऐसा छाया कि विश्व कप स्थगित हो गया। कोविड-19 ने अधिकतर समय क्रिकेट नहीं होने दी और इसी बीमारी के कारण यह साल भूलने वाला रहा।
सिर्फ यही नहीं, क्रिकेट के दिवानों को कोविड-19 के अलावा भी कई बुरी खबरों मिली, ऐसी खबरें जो प्रशंसकों को बीमारी से ज्यादा परेशान कर गईं उनमें से एक थी महेंद्र सिंह धोनी के सन्यास की खबर, डीन जोंस, बापू नादकर्णी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का निधन और साल के आखिरी महीने में भारत का टेस्ट इतिहास में एक पारी में सबसे कम स्कोर पर ढेर होना।
साल का अंत हालांकि भारत ने जिस तरह से किया है उसने अगले साल के लिए एक सकारात्मक सोच टीम में जरूर डाली होगी जो 2020 की कड़वी यादों को भूला अगले साल में एक शानदार जीत हासिल करते हुए कदम रख रही है।
2020 के जाते-जाते बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में भारत ने जिस तरह से जीत हासिल की है उसने इस साल के अंत को एक तरह से सुखद बनाया है।
भारत ने साल की शुरुआत तो दो सीरीज जीत के साथ की थी। घर में खेली गई तीन मैचों की टी-20 सीरीज में श्रीलंका को 2-1 से हराया थ और फिर वनडे सीरीज में आस्ट्रेलिया को 2-1 से मात दी।
यहां से टीम न्यूजीलैंड गई। भारत के लिए न्यूजीलैंड दौरा अच्छा नहीं रहा। टी-20 सीरीज में न्यूजीलैंड को 5-0 से हराया, लेकिन वनडे सीरीज 0-3 से हार गई। टेस्ट में भारत को बेहद निराशा हाथ लगी। दो मैचों की टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड के सामने कोहली की सेना संघर्ष करती दिखी।
न्यूजीलैंड दौरे को पीछे छोड़ भारत का ध्यान घर में दक्षिण अफ्रीका के साथ खेली जाने वाली वनडे सीरीज पर था, लेकिन कोविड़ के बढ़ते कहर ने इस सीरीज को रद्द करवा दिया। मार्च में यह सीरीज होनी थी और यह वो समय था जब धीरे-धीरे वायरस पैर पसार रहा था। किसी को भी अंदाजा नहीं था कि हालात इतने मुश्किल होने वाले हैं कि घर से बाहर निकलना खतरा होगा।
25 मार्च को भारतीय सरकार ने तालाबंदी की घोषणा कर दी और इसी खबर के साथ यह बात पक्की हो गई कि 28 मार्च से शुरू होने वाला आईपीएल इस बार तय कार्यक्रम पर नहीं होगा।
आईपीएल पर काले बादल मंडरा रहे थे। लग रहा था कि इस बार क्रिकेट कैलेंडर आईपीएल के बिना ही खत्म होगा क्योंकि स्थिति दिन ब दिन मुश्किल हो रही थी।
सौरभ गांगुली की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई के लिए यह काफी मुश्किल था क्योंकि आईपीएल का न होना रेवेन्यू के लिहाज से बोर्ड को बहुत बड़ा झटका था। आईपीएल के साथ-साथ अक्टूबर में आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप पर भी काले बादल छा गए।
इन दो टूर्नामेंट्स के बीच बीसीसीआई, आईसीसी और क्रिकेट आस्ट्रेलिया झूलती रही। क्रिकेट आस्ट्रेलिया के लिए कोविड-19 के रहते 16 देशों की मेजबानी करना मुश्किल था और सभी इस बात को समझ भी रहे थे। अंतत: यह खबर भी आ गई की टी-20 विश्व कप को स्थगित किया जा रहा है और यह टूर्नामेंट 2022 में खेला जाएगा क्योंकि 2021 में पहले से ही एक टी-20 विश्व कप की मेजबानी भारत के पास है।
इस साल टी-20 विश्व कप के स्थगित होने पर भारतीय बोर्ड ने आईपीएल की विंडो तलाशी और फैसला किया गया कि 20 सिंतबर से 10 नवंबर के बीच आईपीएल के 13वें सीजन का आयोजन कराया जाएगा। हां, यह आयोजन भारत में नहीं हुआ बल्कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इसकी मेजबानी की।
आईपीएल के टीमों के रवाना होने से पहले हिन्दुस्तान के प्रशंसकों को एक ऐसी खबर मिली जिसकी उम्मीद इस साल तो प्रशंसक नहीं कर रहे थे। भारत के दो बार के विश्व विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। धोनी ने 15 अगस्त को शाम को 7:26 बजे अपने इंस्टाग्राम पर एक छोटा का पोस्ट लिख अपने करियर की समाप्ति की घोषणा कर दी। धोनी ने इस बार भी वही किया जिसके लिए वो जाने-जाते है-हैरान करना। चुपचाप से उन्होंने अपने अंदाज में अपना फैसला दुनिया के सामने रख दिया।
धोनी आखिरी बार 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले थे। इसके बाद वह आराम के चलते टीम से बाहर चल रहे थे। उनके टी-20 विश्व कप में खेलने की उम्मीद थी लेकिन कोविड-19 के कारण वह भी स्थगित हो गया था।
धोनी के प्रशंसकों को अपने पसंदीदा खिलाड़ी से आईपीएल में वही प्रदर्शन की उम्मीद थी जिसके लिए चेन्नई सुपर किंग्स का यह कप्तान जाना जाता है। कप्तान धोनी अपनी टीम को इस सीजन वो सफलता नहीं दिला पाए और टीम पहली बार आईपीएल के प्लेऑफ में जाने से चूक गई। सवाल तो यह भी उठे थे कि धोनी का यह आखिरी आईपीएल होगा लेकिन एक मैच में टॉस के समय पूछे गए इस सवाल पर धोनी के छोटे से जवाब-‘डेफिनेटली नॉट’ (बिल्कुल नहीं) ने यह साफ कर दिया कि धोनी 2021 में भी चेन्नई के लिए खेलते नजर आएंगे।
आईपीएल ने लोगों के चेहरे पर मुस्कान दी थी और लंबे अरसे बाद वह घर में टीवी के सामने बैठकर क्रिकेट देख रहे थे। इसी बीच एक ऐसी खबर भी आई जिसने सभी को एक बार फिर निराश कर दिया। आस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस का अचानक मुंबई के होटल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। जोंस आईपीएल कॉमेंट्री टीम का हिस्सा थे।
क्रिकेट इस बीच इससे आगे बढ़ी। मुंबई इंडियंस ने लगातार दूसरा और अपना कुल पांचवां आईपीएल खिताब जीता। भारत के आस्ट्रेलियाई दौरे का ऐलान हो गया। भारत के लिए यह दौरा ऐतिहासिक था क्योंकि 2018-19 के दौरे पर भारत ने 71 साल बाद टेस्ट सीरीज जीत इतिहास रचा था।
इस बार भी कोहली की टीम से काफी उम्मीदें थीं। दौरे की शुरुआत तीन मैचों की वनडे सीरीज से हुई जिसमें भारत को मात मिली। इस सीरीज का हिसाब भारत ने टी-20 सीरीज जीत कर किया।
अब सभी की नजरें चार टेस्ट मैचों की सीरीज पर थीं। सीरीज से पहले ही कोहली ने बता दिया था कि वह पहले टेस्ट मैच के बाद भारत लौटेंगे क्योंकि वह अपने पहले बच्चे के जन्म के समय अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ रहना चाहते हैं।
एडिलेड से टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई। भारत ने डे-नाइट टेस्ट मैच के शुरुआती दो दिन अपना दबदबा दिखाया और आस्ट्रेलिया को दबाव में रखा। कप्तान ने पहली पारी में 74 रन बनाए, लेकिन शतक पूरा नहीं कर पाए। मैच के तीसरे दिन वो हुआ जिसने सभी को हैरान को दिया। मैच के तीसरे दिन भारत अपनी दूसरी पारी में महज 36 रनों पर ढेर हो गई जो उसका टेस्ट की एक पारी में अभी तक का सबसे कम स्कोर है। इस मैच को भारत हार भी गई। दूसरी पारी में कोहली भी नहीं चले, न रहाणे चले, न पुजारा का बल्ला चला।
टेस्ट की हार के बाद कोहली स्वदेश लौट गए और इसी के साथ यह दूसरा ऐसा साल रहा जब कोहली ने एक भी शतक नहीं जमाया हो। इससे पहले कोहली ने 2008 मे जब पदार्पण किया था जब वह उस साल एक भी शतक नहीं जमा पाए थे।
एडिलेड में 36 रनों पर ढेर होने के बाद भारत की चौतरफा आलोचना हो रही थी। कई दिग्गजों ने भारत को सीरीज से नकार दिया था और कहा था कि चूंकि कोहली जा चुके हैं इसलिए अब भारतीय टीम की वापसी मुमकिन नहीं।
कोहली की जगह अजिंक्य राहणे को टीम की कप्तानी करनी थी और उन्हीं पर टीम का दारोमदार था। स्वभाव से शांत रहाणे ने 26 दिसंबर से खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में जिस तरह की बल्लेबाजी और कप्तानी की उसने सभी को प्रभावित किया। इतना ही नहीं भारत ने इस मैच में आस्ट्रेलिया को मात दे पंडितों की भविष्यवाणियों को धता बता दिया और साल का अंत एक ऐसी जीत के साथ किया जिसे भारत के क्रिकेट इतिहास में सबसे शानदार जीतों में रखा जाएगा।
वहीं भारत की महिला क्रिकेट टीम की बात करें तो साल की शुरुआत टीम ने जितनी क्रिकेट खेली उतनी ही खेल पाई क्योंकि कोविड के बाद अभी तक टीम को मैदान पर वापसी करनी है। भारत ने मार्च में आस्ट्रेलिया में खेले गए टी-20 विश्व कप में हिस्सा लिया और फाइनल तक का सफर तय किया। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम हालांकि फाइनल नहीं जीत पाई। उसे मेजबान आस्ट्रेलिया ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर खेले गए फाइनल में मात दी।
यह मैच ऐतिहासिक रहा क्योंकि इस मैच में 86, 174 दर्शक मैच देखने पहुंचे थे। इससे पहले किसी भी महिला क्रिकेट टीम के मैच में इतने दर्शक नहीं पहुंचे थे।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नहीं लेकिन भारतीय महिला खिलाड़ियों ने आईपीएल के प्लेऑफ के दौरान महिला टी-20 चैलेंज में शिरकत जरूर की।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो कोविड-19 के बीच जुलाई में इंग्लैंड ने बायो सिक्योर बबल में वेस्टइंडीज टीम की मेजबानी की। इसी सीरीज से क्रिकेट की वापसी संभव हो सकी। इसके बाद वह पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया की मेजबानी इंग्लैंड ने की।
राष्ट्रीय
लखनऊ में हजरत अब्बास की शहादत को याद करते हुए 8वें मुहर्रम का जुलूस निकाला गया

लखनऊ में मुहर्रम की आठवीं तारीख को गंभीर स्मृति और गहरी भावनाओं के साथ मनाया गया, क्योंकि शहर में पारंपरिक जुलूस-ए-आलम-ए-फतेह फुरात का आयोजन किया गया, जो इमाम हुसैन (अ.स.) के भाई हजरत अब्बास (अ.स.) की शहादत की याद में मनाया गया। जुलूस गोमती नदी के पास दरियावाली मस्जिद से शुरू हुआ और चौक में इमामबाड़ा गुफरानमाब पर समाप्त हुआ।
जैसे ही अलम (पताका) निकाला गया, सड़कों पर “या सकीना, या अब्बास” के नारे गूंजने लगे, जिससे आध्यात्मिक रूप से जोश भरा माहौल बन गया। हजारों की संख्या में शोक मनाने वाले, जिनमें से कई नंगे पांव थे, जुलूस में शामिल हुए।
रास्ते में लोग पुष्पांजलि अर्पित करते हुए आगे बढ़ रहे थे, जबकि महिलाएं और बच्चे अलम की जियारत करने के लिए इंतजार कर रहे थे। जलती हुई मशालें आगे चल रही थीं, जिसके बाद मातम मनाने वालों के समूह छाती पीटते हुए (सीना-ज़ानी) प्रदर्शन कर रहे थे।
दिन की शुरुआत प्रमुख इमामबाड़ों में आयोजित मजलिस से हुई। उलेमा ने हज़रत अब्बास की दर्दनाक कुर्बानी को याद किया, जिनकी कर्बला में बेमिसाल वफ़ादारी और साहस को निस्वार्थ भक्ति के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है। इमामबाड़ा गुफ़रानमाब में बोलते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद ने आस्था और परंपरा को बनाए रखने में एकता और निडरता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, “अगर हम एकजुट नहीं हुए, तो सिस्टम हमें कुचल देगा। हमारी ताकत इत्तेहाद में है।”
शोक सभाओं में धार्मिक उपदेश और मर्सिया भी शामिल थे। मौलाना मुराद रजा, मौलाना मिसम जैदी और मौलाना मोहम्मद मियां आब्दी ने इमाम अली (अ.स.) के न्यायोचित शासन और कर्बला की मानवतावादी विरासत पर प्रकाश डाला।
हज़रत अब्बास की याद में कई जगहों पर बड़े दस्तरख्वान (सामुदायिक भोज) आयोजित किए गए। महिलाओं ने शीरमाल, कबाब और पराठे जैसे विशेष प्रसाद तैयार किए, जिन्हें बाद में नज़र के तौर पर बांटा गया।
शोकपूर्ण लेकिन आध्यात्मिक रूप से उत्थानकारी दिन का समापन शोक मनाने वालों द्वारा बलिदान, न्याय और मानवता के मूल्यों के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि के साथ हुआ, जो कर्बला आज भी प्रेरणा देता है। आज रात इमामबाड़ा नाज़िम साहब से जुलूस-ए-शब-ए-आशूरा निकाला जाएगा, जो शहर में मुहर्रम के उत्सव को आगे बढ़ाएगा।
अपराध
महाराष्ट्र में पिछले 10 सालों में मुंबई को छोड़कर 1 करोड़ निवेशकों से 22,552 करोड़ रुपये ठगे गए: फडणवीस

मुंबई, 2 जुलाई। साइबर और डिजिटल अपराधों के बढ़ते खतरे के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं, ने बुधवार को राज्य परिषद को बताया कि पिछले 10 सालों में मुंबई को छोड़कर राज्य में विभिन्न निवेश योजनाओं में एक करोड़ से अधिक निवेशकों से 22,552 करोड़ रुपये ठगे गए।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अनुसार, पिछले 10 सालों में 2.71 लाख निवेशकों से 2,95,451 करोड़ रुपये ठगे गए। 2016 से मई 2025 तक निवेशकों से 11,033.97 करोड़ रुपये ठगने के लिए साइबर अपराध के लगभग 46,321 मामले दर्ज किए गए।
कांग्रेस विधायक सतेज पाटिल और अन्य के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, सीएम फडणवीस ने कहा कि वर्ष 2024 में महाराष्ट्र राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर निवेशकों को 1,187.46 करोड़ रुपये की ठगी करने की 58,157 शिकायतें प्राप्त हुईं।
मुंबई में 31,583 शिकायतें प्राप्त हुईं, जबकि पुणे में 13,971 और ठाणे में 12,582 शिकायतें दर्ज की गईं।
वर्ष 2025 में महाराष्ट्र राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर 540 शिकायतें प्राप्त हुईं।
सीएम फडणवीस ने कहा कि राज्य भर में 50 साइबर पुलिस स्टेशन संचालित हैं। निवेशकों को ठगने वाली धोखाधड़ी योजनाओं के बारे में नागरिकों को पहले से सचेत करने के लिए, सरकार ने मुंबई पुलिस आयुक्तालय में एक वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) की स्थापना की है, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के अधिकार क्षेत्र में इसी तरह की एफआईयू स्थापित की गई हैं।
साइबर अपराधों की त्वरित जांच के लिए सरकार ने राज्य भर में साइबर लैब और साइबर पुलिस स्टेशनों को आधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उपलब्ध कराए हैं।
उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों का पता लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों और कांस्टेबलों को प्रशिक्षित किया गया है, जबकि इस सुविधा के लिए एक आधुनिक प्रयोगशाला भी स्थापित की गई है।
पुलिस नागरिकों, छात्रों, शिक्षकों, प्रशासनिक कर्मचारियों और अन्य लोगों को साइबर और डिजिटल अपराधों के बारे में चेतावनी देने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चला रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों से सोशल मीडिया, इंटरनेट और अन्य माध्यमों से साइबर अपराधों के बारे में कड़ी निगरानी रखने और सतर्क रहने का आग्रह किया गया है।
इस बीच, भाजपा विधायक परिणय फुके द्वारा उठाए गए एक अन्य प्रश्न में, सीएम फडणवीस ने कहा कि मेफेड्रोन के संबंध में 303 अपराध दर्ज किए गए थे – जिसे अक्सर इसके सड़क के नाम, ‘म्याऊ म्याऊ’ से संदर्भित किया जाता है, 2022 में, जबकि 642 2023 में और 545 2024 में दर्ज किए गए थे।
महाराष्ट्र
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अवैध 34 मंजिला ताड़देव टावर को लेकर बीएमसी और डेवलपर को फटकार लगाई; कहा कि बिना ओसी के रहने वाले लोग अपने जोखिम पर रह रहे हैं

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की खिंचाई की और डेवलपर सैटेलाइट होल्डिंग्स की तीखी आलोचना की, जिसने ताड़देव में 34 मंजिला इमारत का निर्माण बिना किसी अनिवार्य अग्नि सुरक्षा मंजूरी के किया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फ्लैट खरीदार बिना ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) के 17वीं से 34वीं मंजिल पर कब्जा कर रहे हैं, जो अपने जोखिम पर ऐसा कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने ताड़देव आरटीओ के पास विलिंगडन व्यू को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के सदस्य सुनील बी. झावेरी (एचयूएफ) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “बहुत सारी अवैधताएं हैं।”
अदालत ने कहा कि डेवलपर (प्रतिवादी संख्या 9) सैटेलाइट होल्डिंग्स ने 2020 से अनधिकृत निर्माण कार्य किया है और गंभीर उल्लंघनों के बावजूद इमारत को “दंड से मुक्ति” के साथ बनने दिया गया।
इस भवन का निर्माण वर्ष 1990 में शुरू हुआ और 2010 में पूरा हुआ, तथा सभी फ्लैटों पर कब्जा 2011 से है।
सबसे अधिक चिंताजनक अनियमितताओं में से एक यह थी कि 34 मंजिला इमारत के लिए मुंबई अग्निशमन विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) का पूर्णतया अभाव था।
अदालत ने कहा, “34 मंजिलों वाली एक इमारत का निर्माण स्पष्ट रूप से अवैध है, जिसके लिए बीएमसी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी से कोई मंजूरी नहीं ली गई है, जिसके बिना कोई भी व्यक्ति इमारत में नहीं रह सकता है।”
पीठ ने कहा, “जो बात और भी चौंकाने वाली है और हमारी अंतरात्मा को झकझोरती है, वह यह है कि 17वीं से 34वीं मंजिलों के पास कोई ओसी नहीं है। फिर भी, इन मंजिलों के संबंध में भी, जहां अवैध निर्माण हुआ है, उन पर कब्जा किया जा रहा है।”
अदालत ने डेवलपर और नागरिक अधिकारियों दोनों की तीखी आलोचना की: “हम यह समझने में पूरी तरह असमर्थ हैं कि इस तरह की अवैधता, और वह भी दंड से मुक्त होकर, नगर निगम द्वारा कैसे बर्दाश्त की जा सकती है… भवन निर्माण कानूनों और नियोजन अनुमतियों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे अराजकता की स्थिति पैदा हो रही है।”
इसने निर्माण को नियमित करने के प्रयासों को भी नकारात्मक रूप से देखा। अदालत ने टिप्पणी की, “ये सभी लोग यह समझाने का इरादा रखते हैं कि इन उल्लंघनों को कानूनी आवश्यकताओं को पूरी तरह से दरकिनार करके माफ कर दिया जाए और नियमितीकरण का नियमित मंत्र गाया जाए।”
अग्नि सुरक्षा के मुद्दे पर न्यायालय ने स्पष्ट कहा: “34 मंजिली इमारत में अग्नि सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन, जिसमें 59 परिवार रहते हैं, गैर-समझौता योग्य है। किसी भी तरह से कोई छूट नहीं दी जा सकती।” कमला मिल्स अग्निकांड जैसी पिछली घटनाओं का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा, “ऐसे उदाहरण बहुत हैं… और यह सार्वजनिक चिंता का विषय है।”
बुनियादी सवाल उठाते हुए पीठ ने पूछा: “क्या दिनदहाड़े अधिभोग आवश्यकताओं के उल्लंघन को अनदेखा किया जा सकता है? क्या अग्नि सुरक्षा मानदंडों की अनुपस्थिति में किसी भी ऊंची इमारत में अधिभोग की अनुमति दी जा सकती है? किसी भी विवेकशील व्यक्ति के लिए, इसका उत्तर निश्चित रूप से नकारात्मक होगा।”
अदालत ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी को 3 जुलाई तक हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि इमारत में अग्नि सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन किया गया है या नहीं। बीएमसी के बिल्डिंग प्रपोजल डिपार्टमेंट को हलफनामे के जरिए यह भी स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया कि इमारत के किसी हिस्से के पास वैध ओसी है या नहीं।
अदालत ने अगले आदेश तक कहा, “सभी फ्लैट खरीदार, जो हमारी प्रथम दृष्टया राय में, 17वीं से 34वीं मंजिलों पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं, उन्हें आग सहित किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में अपने जोखिम और परिणामों पर ऐसा करना जारी रखना चाहिए।”
अदालत ने कहा, “इन लोगों को नगर निगम या किसी राज्य प्राधिकरण को किसी भी नागरिक या आपराधिक दायित्व के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए। वे नुकसान या चोट की स्थिति में गार्ड और घरेलू कर्मचारियों सहित तीसरे पक्ष के लिए भी उत्तरदायी होंगे।”
बीएमसी से यह भी पूछा गया कि अवैध मंजिलों की पानी और बिजली की आपूर्ति क्यों नहीं काटी गई है, और नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिया गया कि वे हलफनामे जमा करने से पहले सभी हलफनामों की जांच करें। अदालत ने लिफ्ट के निरीक्षक से यह भी स्पष्टीकरण मांगा कि संरचना के लिए लिफ्ट की अनुमति कैसे दी गई।
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