अपराध
क्रिकेट सट्टेबाज ने प्रोटेक्शन मनी के लिए वाजे के क्लाउट का किया इस्तेमाल

अंडरवर्ल्ड गैंग से जुड़े क्रिकेट सट्टेबाजी सिंडिकेट, जो मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सक्रिय हैं, ने कथित तौर पर मुंबई क्राइम ब्रांच के पूर्व अधिकारी सचिन वाजे को ‘प्रोटेक्शन मनी’ का भुगतान किया। वाजे से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अपने मुंबई कार्यालय में पूछताछ कर रही है। पूर्व क्राइम ब्रांच अधिकारी के इशारे पर क्रिकेट सीजन के दौरान सट्टेबाजी के सिंडिकेट्स और ‘प्रोटेक्शन मनी’ की पहचान करने वाले मुंबई के जाने-माने सट्टेबाज वाजे के सहयोगी नरेश गौर ने आईएएनएस को यह जानकारी दी।
कथित तौर पर महाराष्ट्र सरकार में प्रमुख लोगों द्वारा संरक्षण प्राप्त वाजे के कई करोड़ रुपये के जबरन वसूली रैकेट पर टिप्पणी करते हुए, भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने कहा कि डांस बार और क्लबों से बड़ी मात्रा में पैसा उगाहने के अलावा, वाजे के आदमी बेटिंग कार्टेल्स को आश्रय देकर पैसे कमाते रहे हैं।
मुंबई से तीन बार के विधायक राम कदम ने बताया, “एक बड़ा सट्टेबाज नरेश गौर, काफी समय से वाजे का पॉइंटमैन रहा, जिसने राज्य में अवैध सट्टेबाजी रिंग को निशाना बनाया था, और उनसे बड़ी मात्रा में पैसे इकट्ठे किए थे। इस हफ्ता वसूली के पीछे के असली चेहरों को बेनकाब करने के लिए जबरन वसूली रैकेट की गहन जांच कराने की आवश्यकता है।”
31 वर्षीय नरेश गौर, जो कच्छ के रहने वाले हैं, गुजरात से कर्नाटक तक भारत के पश्चिमी तट पर फैले शीर्ष क्रिकेट सट्टेबाजी सिंडिकेट से जुड़े थे। एटीएस मुंबई के मुताबिक, नरेश गौर ने अहमदाबाद के एक व्यापारी से फर्जी आईडी पर दर्जनों सिम कार्ड खरीदे। किशोर ठक्कर के रूप में पहचाने गए व्यापारी को अब एनआईए ने हिरासत में लिया है, जो मनसुख हिरेन मामले की जांच कर रहा है। सट्टेबाज नरेश गौर को मुंबई के पॉश दक्षिण मुंबई इलाके में स्थित अरबपति मुकेश अंबानी के मशहूर घर एंटीलिया के पास खड़ी विस्फोटक एसयूवी के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या में गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि चूंकि क्रिकेट सट्टेबाजी का रैकेट मोबाइल फोन और इसी तरह के अन्य गैजेट्स के जरिए भारत में संचालित होता है, नरेश गौर फर्जी आईडी पर थोक में सिम कार्ड, फोन सेट, वाईफाई राउटर और डोंगल खरीदने में माहिर था। मुंबई एटीएस के एक अधिकारी ने कहा, “वाजे के निर्देश पर नरेश ने मनसुख हिरेन की हत्या की योजना को अंजाम देने के लिए, 3 मार्च से 5 मार्च के बीच 14 मोबाइल फोन और 93 सिम कार्ड खरीदे।”
सूत्रों ने कहा कि वास्तव में विनायक शिंदे (एक दागी सिपाही), जो हत्या में शामिल था, ने इससे पहले गौर को वाजे से मिलवाया था। उन्होंने कहा कि विनायक शिंदे के माध्यम से, सट्टेबाज गौर ने अंडरवल्र्ड में कनेक्शन बनाए और वाजे की ओर से प्रोटेक्शन मनी उगाहने के लिए शीर्ष सटोरियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
ऑनलाइन सट्टेबाजी के अधिकांश सिंडिकेट मध्य पूर्व के देशों से संचालित होते हैं और दाऊद इब्राहिम गिरोह से जुड़े होते हैं।
इस बीच, एनआईए ने गिरफ्तार सिपाही विनायक शिंदे के निवास से एक सीक्रेट डायरी बरामद की है। जहां गौर ने सट्टेबाजी सिंडिकेट्स से धन एकत्र किया, वहीं शिंदे कथित रूप से डांस बार और रेस्तरां से पैसे उगाहने का काम कर रहा था। सूत्रों ने कहा कि बरामद डायरी से पता चलता है कि शिंदे, जो वर्तमान में एक और हत्या मामले में पैरोल पर था, मुंबई में 30 से अधिक बार और क्लबों से ‘प्रोटेक्शन मनी’ इकट्ठा कर रहा था।
भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने कहा, “अब उन लोगों की पहचान करना महत्वपूर्ण है जिनके खातों या हाथों में इस काले धन को ट्रांसफर किया जाता रहा है। जाहिर है कि इसका फायदा उठाने वाले रसूखदार लोग प्रतीत होते हैं जिन्होंने वाजे के जबरन वसूली रैकेट को संरक्षण प्रदान किया था। हम आशा करते हैं कि एनआईए ऐसे लोगों को बनेकाब करेगी जो भारत की व्यापारिक राजधानी में सबसे बड़ी लूट में शामिल हैं।”
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
अपराध
जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
अपराध
सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

मुंबई: फिल्म अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं और लॉरेंस गैंग सलमान को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है, जिसके बाद से सलमान खान को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एक व्हाट्सएप संदेश मिला जिसमें सलमान खान को उनके घर में घुसकर जान से मारने और उनकी कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी भरा संदेश मिलने के बाद वर्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सलमान खान को धमकी देने वाला शख्स किसी गिरोह से जुड़ा है या फिर किसी ने शरारत में यह धमकी दी है। धमकी भरे संदेश के बाद पुलिस भी अलर्ट पर है। सलमान खान के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सलमान खान को वाई प्लस सुरक्षा भी प्राप्त है। ऐसे में पुलिस ने भी इस धमकी को गंभीरता से लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पंचालकर ने भी पुलिस को धमकी भरे फोन कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों को लेकर सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है। सलमान खान की जान को खतरा है, इसलिए पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। सलमान खान को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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