राजनीति
उदयपुर से होगा कांग्रेस का चितिंन शिविर का आगाज, सूरज की पहली किरण के साथ नेता फूकेंगे पार्टी में जान

झीलों की नगरी उदयपुर में कांग्रेस का आज से अगले तीन दिन तक नवसंकल्प चिंतन शिविर चलेगा। इसमें भाग लेने के लिए राहुल गांधी दिल्ली से ट्रेन से चलकर उदयपुर पहुंच चुके हैं तो वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी स्पेशल हवाई जहाज से पहुंचेगी। आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम रणनीति, पार्टी को कैसे लेकर आगे चलना है और पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को साध कर पार्टी को मजबूत करने को लेकर मंथन किया जाएगा। कांग्रेस के 400 से 450 नेता व पदाधिकारी शिविर के लिए पहुंच चुके हैं और मंथन के लिए तैयार हैं।
चिंतन शिविर की शुरूआत दोपहर दो बजे से होगी, पहले प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के भाषण और सोनिया गांधी का स्वागत होगा वहीं सोनिया गांधी के संबोधन के बाद शिविर की शुरूआत हो जाएगी। चिंतिन शिविर में विभिन्न मुद्दों पर मंथन करने के लिए बनी छह कमिटियों की अलग अलग बंद कमरों में बैठक होगी, हर कमिटियों में करीब 70 नेता शामिल रहेंगे।
इस शिविर में भाग लेने के लिए एआईसीसी के पदाधिकारी, सीडब्ल्यूसी मेंबर्स, प्रदेश इकाइयों के अहम पदाधिकारी, विधायक, सांसद, कांग्रेस के फ्रंटल विभागों के प्रमुख व प्रदेश से आए अहम पदाधिकारी शामिल हैं।
चिंतन शिविर में जिन चिंतकों को आमंत्रित किया गया है, वे सब अलग अलग समूहों में इस प्राथमिक अध्ययन पर लगातार अलग अलग सत्रों और समूहों में लगातार तीन दिन चिंतन मंथन करेंगे तथा इस व्यापक चिंतन मंथन का जो निष्कर्ष निकलेगा उसे कांग्रेस अध्यक्ष के सम्मुख रख और फिर उसे कांग्रेस वर्किं ग कमेटी में रखकर अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा। जो भी निष्कर्ष निकलेगा वो कांग्रेस को न सिर्फ वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से उबार एक नई दिशा देगा, अपितु भारत के गौरवशाली भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करेगा ।
वहीं इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के शीर्ष नेता नए चेहरों को नेतृत्व के स्तर पर लाने पर भी विचार करेगी और पार्टी के नेताओं के लिए सभी स्तरों पर संगठन में पदों पर रहने और चुनाव लड़ने के लिए एक आयु सीमा तय हो इसपर भी विचार हो सकता है।
इसके अलावा राज्यसभा सदस्यों के लिए एक कार्यकाल की सीमा तय करने पर भी गंभीरता से विचार हो सकता है। यह विचार पार्टी को ‘युवा रूप’ देने के प्रयास का हिस्सा होगी।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बताया, “बढ़ती आर्थिक असमानता के चलते कांग्रेस पार्टी और देश दोनों को प्रगति के पथ पर लाने के लिए तीन दिवासीय चिन्तन शिविर में आत्मचिंतन, आत्ममंथन, आत्मावलोकन करेगी। ‘उदयपुर से उदित होगा देश की उम्मीदों का सूर्य।’ वहीं आज जब देश प्रजातांत्रिक, आर्थिक और सामाजिक संकट के दौर से गुजर रहा है, तब कांग्रेस एक बार फिर देश को प्रगति, समृद्धि और उन्नति के पथ पर लाने के लिए एक ‘नव संकल्प’ का ²ढ़ संकल्प लेगी।”
दरअसल साल 2013 में जयपुर में हुए चिंतन शिविर में राहुल गांधी को कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया था, इसलिए इस बार यह भी माना जा रहा है कि उनके अध्यक्ष पद को लेकर भी चर्चा की जाएगी और यहां से उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जाने की संभावना जताई जा रही है।
इससे पहले 2017 में राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था तब, कांग्रेस ने तीन राज्यों, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की थी और कर्नाटक में गठबंधन सरकार भी बनाई थी।
हालंकि कांग्रेस एक तरफ इस शिविर के जरिए पार्टी की कमियों को दूर कर फिर से एक मजबूत विपक्ष बनने की ओर आगे बढ़ने के प्रयास में लगी हुई है, लेकिन शिविर से पहले ही सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के उदयपुर में लगाए गए पोस्टर और होर्डिग शहर में पार्टी के चिंतन शिवर से पहले हटा दिए गए हैं।
पायलट के समर्थकों ने होटल, एयरपोर्ट और उदयपुर के अन्य इलाकों में उनके स्वागत के लिए होर्डिग और पोस्टर लगाए गए थे।
जब इस मुद्दे पर कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से जब जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा, चिंतन शिविर से जुड़े सभी काम एआईसीसी देख रही है। इस संबंध में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। मेरी जानकारी में, और मैंने इस संबंध में किसी प्रकार का कोई निर्देश नहीं दिया है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र मराठी हिंदी विवाद: कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंदी-मराठी भाषाई विवाद पर साफ कर दिया है कि भाषाई भेदभाव और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। अगर कोई मराठी भाषा के नाम पर हिंसा भड़काता है या कानून अपने हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी क्योंकि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मीरा रोड हिंदी मराठी हिंसा मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। मराठी और हिंदी भाषा के मामले में एक कमेटी बनाई गई है। इसकी सिफारिश पर छात्रों के लिए जो भी बेहतर होगा, सरकार उसे लागू करेगी। किसी के दबाव में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा के लिए सिफारिश महाविकास अघाड़ी शासन के दौरान ही की गई थी, लेकिन अब यही लोग विरोध कर रहे हैं। जनता सब जानती है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा को 51 फीसदी मराठी वोट मिले हैं। भाषा के नाम पर हिंसा और भेदभाव बर्दाश्त नहीं की जा सकती। मराठी हमारे लिए गर्व का स्रोत है, लेकिन हम हिंदी का विरोध नहीं करते। अगर दूसरे राज्य में किसी मराठी व्यापारी को उनकी भाषा बोलने के लिए कहा जाए, तो क्या होगा? असम में उन्हें असमिया बोलने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र
कई मॉल में आग लगने की घटनाओं के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने सभी मॉल का 90 दिन का ऑडिट कराने का आदेश दिया, उपयोगिता कटौती की चेतावनी दी

मुंबई: मुंबई के लिंक स्क्वायर मॉल (29 अप्रैल, 2025) और ड्रीम मॉल, भांडुप में बार-बार आग लगने की घटनाओं के मद्देनजर, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर में अग्नि सुरक्षा उल्लंघनों पर सख्त कार्रवाई करने की घोषणा की है। मंत्री उदय सामंत ने राज्य विधान परिषद को सूचित किया कि महाराष्ट्र के सभी मॉल का अग्नि ऑडिट 90 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
अग्नि सुरक्षा मानकों को पूरा न करने पर बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी जाएगी, ऐसा सामंत ने एमएलसी कृपाल तुमाने द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए चेतावनी दी। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि आगे से अग्नि सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सामंत ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है। ड्रीम मॉल, भांडुप सुरक्षा उल्लंघन के बाद बंद है। उन्होंने कहा कि सभी वर्ग ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ नगर निगमों को मॉल में अग्नि सुरक्षा अनुपालन का सत्यापन शुरू करना चाहिए। जहां आवश्यक हो, महाराष्ट्र अग्नि निवारण और जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सत्र के दौरान विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सदस्यों अभिजीत वंजारी और मनीषा कायंडे के साथ मॉल को अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने में अनियमितताओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बांद्रा के लिंक स्क्वायर मॉल, ऑर्किड सेंट्रल मॉल (मुंबई सेंट्रल) और प्राइम मॉल (विले पार्ले) में आग लगने की घटनाओं सहित कई घटनाओं की ओर इशारा किया, जिससे इन परिसरों में अग्नि शमन प्रणालियों की कार्यक्षमता पर सवाल उठे।
विधान पार्षदों ने आरोप लगाया कि स्थानीय नगरपालिका अग्निशमन विभाग और नागरिक प्राधिकरण अग्नि सुरक्षा मानदंडों को लागू करने में लापरवाह रहे हैं, और यह जानने की मांग की कि इन आग की घटनाओं के बाद क्या जांच की गई?, अग्नि सुरक्षा को मजबूत करने के लिए क्या उपाय किए गए?, सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार पाए गए लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
एक लिखित उत्तर में, शहरी विकास विभाग (उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अधीन) ने पुष्टि की कि कई मॉलों में अग्निशमन प्रणालियाँ काम नहीं कर रही थीं, जिनमें शामिल हैं:
बांद्रा लिंक स्क्वायर मॉल, ड्रीम मॉल, भांडुप, ऑर्किड सेंट्रल मॉल, मुंबई सेंट्रल, प्राइम मॉल, विले पार्ले
बीएमसी ने इन मॉल के मालिकों के खिलाफ महाराष्ट्र अग्नि निवारण एवं जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 के तहत कार्रवाई की है।
तब से, ऑर्किड सेंट्रल मॉल और प्राइम मॉल में अग्नि प्रणालियों को पुनः सक्रिय कर दिया गया है, ड्रीम मॉल और लिंक स्क्वायर मॉल में प्रणालियां निष्क्रिय बनी हुई हैं, जिसके कारण उन्हें लगातार बंद करना पड़ रहा है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
राज्य सरकार ने मॉल में अग्नि सुरक्षा की अनदेखी के आरोपों से इनकार किया और स्पष्ट किया कि कार्यात्मक अग्नि प्रणालियों को बनाए रखने और कानून के अनुसार अर्धवार्षिक अग्नि ऑडिट कराने की जिम्मेदारी मॉल मालिकों की है।
सरकार ने कहा कि मुंबई फायर ब्रिगेड आकस्मिक निरीक्षण करती है और नियमों का पालन न करने वाली संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करती है।
महाराष्ट्र
हिंदी मराठी विवाद आदेश की प्रति जलाने पर मामला दर्ज

मुंबई: मुंबई हिंदी भाषा को अनिवार्य करने संबंधी आदेश की प्रति जलाने के मामले में मुंबई पुलिस ने दीपक पवार, संतोष शिंदे, संतोष खरात, शशि पवार, योगिंदर सालुलकर, संतोष वीर समेत 200 से 300 कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने, निषेधाज्ञा और पुलिस अधिनियम का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया है। आरोपियों पर आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में धारा 189(2), 190,223, महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता संतोष सूरज धुंडीराम खोत, 32 वर्ष की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है।
विवरण के अनुसार, 29 जून को दोपहर 2 से 3:30 बजे के बीच मराठी पाटकर सिंह से सटे बीएमसी रोड पर प्राथमिक शिक्षा में हिंदी यानी तीसरी भाषा को अनिवार्य करने के खिलाफ सरकारी आदेश की प्रति बिना अनुमति के जलाई गई और सरकारी आदेश का उल्लंघन किया गया। आरोपियों ने इस प्रदर्शन के लिए किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली थी और निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, इसकी पुष्टि मुंबई पुलिस ने की है। शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के बाद मामला दर्ज किया गया है।
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