राजनीति
छत्तीसगढ़ में नेतृत्व फेरबदल को लेकर असमंजस की स्थिति समाप्त: भूपेश बघेल

यूपी के लिए कांग्रेस का पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ लखनऊ में मैराथन बैठक की। इस बैठक में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी रणनीति और भाजपा के खिलाफ चुनावी लड़ाई से जुड़े तमाम पहलुओं पर चर्चा की गई। लखनऊ के इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इन तमाम मुद्दों पर आईएएनएस के वरिष्ठ संवाददाता सैयद मोजिज इमाम जै़द़ी ने बात की।
सवाल-कांग्रेस के कार्यसमिति की बैठक है। आपको क्या लगता है, किसको अध्यक्ष बनना चाहिए, क्योंकि पार्टी में सियासत गर्म है।
उत्तर-वह तो सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में तय होगा। सीडब्ल्यूसी की मीटिंग से पहले कोई कयास लगाना उचित नहीं है। पिछले समय भी चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी थी, लेकिन कोरोना की वजह से रोका गया था, लेकिन अब सीडब्ल्यूसी उसी दिशा में विचार करेगी और और सीडब्ल्यूसी विचार कर सकती है।
सवाल–आपको नहीं लगता कि राहुल गांधी को कमान संभाल ली चाहिए, इस वक्त और सही समय है?
उत्तर- मैंने पिछली बार भी कहा था कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए, राहुल जी को कमान संभाल लेना चाहिए।
सवाल–आपके राज्य में जो रोटेशनल चीफ मिनिस्टर की बातचीत चल रही है, उस पर आपका क्या कहना है?
उत्तर-देखिए जो हमारे प्रभारी पी एल पुनिया साहब हैं, उन्होंने जो बात बयान दिया था, वही फाइनल बयान है कि इस तरह की कोई बातचीत नहीं हुई थी, वही आखरी बात है।
सवाल–आपकी पूरी टीम काम कर रही है आप छत्तीसगढ़ की मदद कीजिए तथा अपने वहां पर इलेक्शन की कमान संभाली थी।
उत्तर-जो सवाल देश के सामने उसके उत्तर देने वाला है सवाल सिर्फ सिर्फ राजनीति का नहीं है बल्कि कानून व्यवस्था का है, किसान का है, बेरोजगारी का है, महंगाई का है, इन सवालों का जवाब निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश के लोग देंगे।
सवाल– आपको लगता है कि लोग सुनेंगे?
उत्तर-देखें देश के सामने अनेक चुनौतियां हैं । नौकरियां नहीं है, बेरोजगारी बढ़ रही है, लोग के रोजी-रोटी की समस्या है, कानून व्यवस्था ध्वस्त है और किसानों की लड़ाई कांग्रेस कर रही है । किसान ऐसा वर्ग है जिसमें सब वर्ग समाहित है, कोई ऐसा वर्ग नहीं है जो किसान नहीं है।
सवाल–आपकी टीम में अभी तक आपको क्या फीडबैक दिया है?
उत्तर-प्रियंका गांधी एकमात्र नेता है जो लड़ाई लड़ रही हैं। लोगों की, किसान की, बेरोजगारों की और उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की, प्रियंका गांधी उसमें अहम रोल अदा कर रही हैं । चाहे वह हाथरस का मामला हो, या फिर लखीमपुर खीरी का मामला हो, या सोनभद्र का मामला हो, प्रियंका गांधी हर जगह जनता की लड़ाई लड़ रही हैं। लोगों को विश्वास हो रहा है कि यह नेता जनता की लड़ाई लड़ेंगी।
सवाल–लेकिन कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा इतना मजबूत नहीं, उत्तर प्रदेश में इस बात को आप भी मानेंगे?
उत्तर-संगठन को लेकर लगातार काम हो रहा है। प्रियंका गांधी इस दिशा में काम कर रही हैं और यह काम पैदल चल रहा है। आम सभा स्तर से नए पंचायत स्तर से काम चल रहा है। कार्यकर्ता प्रशिक्षित होकर आ रहे हैं और इसका रिजल्ट जल्द देखने को मिलेगा, जिससे सांगठनिक ढांचा मजबूत हो रहा है।
सवाल–उत्तर प्रदेश में आप की सक्रियता क्यों बढ़ रही है ?
उत्तर-पहली बार आना हुआ तो एयरपोर्ट से बाहर कर दिया। दूसरी बार आए और पर्यवेक्षक बनने के बाद लखीमपुर की घटना हो गई इस तरह से राहुल जी के साथ भी आना पड़ा। लखीमपुर की घटना की वजह से सारा ध्यान उधर डाइवर्ट हो गया, उसके बाद रैली थी और रैली के बाद मीटिंग थी राजनीतिक चर्चा ।
सवाल– रैली के बाद आप आए तो किस तरह की संभावना दिखाई दे रही है ?
उत्तर-देखे, चुनाव के बारे में अभी से आकलन करना ठीक नहीं है। यह आकलन अगर अभी किया जाए तो बहुत जल्दबाजी होगी। अपनी बात को जनता के बीच मजबूती से ले जाना ही प्रमुख उद्देश्य उसी उसी दिशा में कांग्रेस पार्टी अभी काम कर रही है, जनता के बीच अपने मुद्दे लेकर जाएंगे।
सवाल–बीजेपी को कैसे काउंटर करेंगे? बीजेपी के पास मंदिर है, अन्य मुद्दे हैं ?
उत्तर- हर चुनाव में एक ही मुद्दा जनता को पसंद नहीं है। जनता अलग-अलग मुद्दे पर वोट देती है। इस चुनाव में देश का मुद्दा रहेगा किसान और कामगार और बेरोजगारी जैसे मुद्दे रहेंगे।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
अश्लील कंटेंट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, कई OTT प्लेटफॉर्म्स भारत में किए गए बंद

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025: केंद्र सरकार ने ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हो रहे अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए ALTBalaji, ULLU सहित कई अन्य डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं को भारत में ब्लॉक करने का निर्णय लिया है। यह कदम नागरिकों और सामाजिक संगठनों की शिकायतों के बाद उठाया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आंतरिक जांच के बाद पाया कि ये प्लेटफॉर्म्स बार-बार अश्लील, अशोभनीय और समाज की सांस्कृतिक मर्यादाओं के विरुद्ध कंटेंट प्रसारित कर रहे थे, जो विशेष रूप से पारिवारिक माहौल और बच्चों के लिए अनुपयुक्त है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह रचनात्मक स्वतंत्रता पर हमला नहीं है, बल्कि डिजिटल कंटेंट को कानूनी और नैतिक दायरे में रखने का प्रयास है। हर प्लेटफॉर्म को तयशुदा दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।”
सरकार ने पहले ही इन प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी थी और कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था। लेकिन कई वेब सीरीज और शोज़ में नग्नता, स्पष्ट यौन दृश्य और अश्लील संवादों को जारी रखा गया, जिसकी वजह से यह कार्रवाई की गई।
OTT प्लेटफॉर्म्स हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं, खासकर युवा दर्शकों के बीच, लेकिन पारंपरिक टीवी और फिल्मों की तरह इन पर नियमन पहले से कमजोर रहा है। सरकार ने पहले एक स्व-नियमन फ्रेमवर्क लागू किया था, मगर आलोचकों का मानना है कि उसका पालन सख्ती से नहीं हुआ।
इस फैसले के बाद डिजिटल मनोरंजन जगत में बहस छिड़ गई है — एक ओर रचनात्मक अभिव्यक्ति की आज़ादी की मांग उठ रही है, वहीं दूसरी ओर समाज में नैतिकता बनाए रखने की ज़रूरत पर जोर दिया जा रहा है।
फिलहाल, जिन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया गया है वे भारत में एक्सेस नहीं किए जा सकते। मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि यदि अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने कंटेंट के नियमन को गंभीरता से नहीं लिया, तो आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
यह निर्णय भारत में डिजिटल कंटेंट के नियमन की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हमले जारी, दोनों पक्षों को भारी नुकसान

बैंकॉक, 25 जुलाई। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। सीमा के कई इलाकों में लगातार झड़पें जारी हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए लगातार बमबारी की।
थाई सेना ने सामरिक स्थिति के अनुसार जवाबी कार्रवाई की और स्थानीय नागरिकों को झड़प वाले क्षेत्रों में न जाने की चेतावनी जारी की। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज ऑफ थाईलैंड ने सुरिन प्रांत के एक स्थानीय अधिकारी के हवाले से बताया कि शुक्रवार सुबह फिर से सीमा के पास तोपों की आवाजें सुनी गईं।
थाई स्वास्थ्य मंत्रालय के उप प्रवक्ता के अनुसार, गुरुवार रात 9 बजे तक थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हुई सैन्य झड़पों में 14 थाई नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 46 अन्य घायल हुए हैं।
वहीं, कंबोडिया के ओडर मीनचे प्रांत के डिप्टी गवर्नर मेट मियास फेकदी ने शिन्हुआ को बताया कि गुरुवार को थाई गोलाबारी में एक कंबोडियाई नागरिक की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा, “सीमा के पास रहने वाले 2,900 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शुक्रवार सुबह तक भी लड़ाई जारी है।”
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की अंडरसेक्रेटरी और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेटा ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि थाई सेना ने ओडर मीनचे और प्रीआह विहेयर प्रांतों में कई स्थानों पर भारी हथियारों, एफ-16 लड़ाकू विमानों और क्लस्टर बमों का उपयोग किया।
इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से “अधिकतम संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने” की अपील की है।
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र में आपातकालीन सत्र बुलाया, जो शुक्रवार को न्यूयॉर्क में बंद दरवाजों के पीछे आयोजित हुआ।
थाईलैंड ने कंबोडिया से लगती सभी भूमि सीमाओं को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाईलैंड की सभी सात एयरलाइनों ने थाई नागरिकों की वापसी में मदद करने की पेशकश की है।
इस संघर्ष का असर थाईलैंड की आंतरिक राजनीति पर भी पड़ रहा है। प्रधानमंत्री पेटोंगटर्न शिनावात्रा को 1 जुलाई को नैतिकता जांच के चलते निलंबित कर दिया गया था। अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई हालात की कमान संभाल रहे हैं। फुमथाम ने कंबोडिया को आक्रामकता से बाज आने की चेतावनी दी है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की, चोरी का सामान बरामद किया

मुंबई: मुंबई पुलिस ने चोरी का सामान, मोबाइल फ़ोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लौटाकर नागरिकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। पुलिस ने मोबाइल फ़ोन जैसे चोरी हुए सामान लौटाए हैं जो नागरिक भूल गए थे। इसमें पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। मुंबई पुलिस के ज़ोन 8 ने शिकायतकर्ताओं और नागरिकों को 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। इनमें चोरी हुए मोबाइल फ़ोन भी शामिल हैं। खेरवाड़ी, बीकेसी, विले पार्ले, सहार, एयरपोर्ट समेत सात पुलिस थानों के अलावा, चोरी का सामान, सोने के आभूषण, मोबाइल फ़ोन, वाहन, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लौटाए गए हैं। इन चीज़ों की कुल कीमत 1.45 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये सभी चीज़ें उनके मालिकों को लौटा दी गईं, जिससे उनके चेहरों पर मुस्कान आ गई।
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