अंतरराष्ट्रीय
कोलंबो वनडे : चाहर ने बल्ले से दिखाया जलवा, भारत 2-0 से आगे

भारतीय क्रिकेट टीम ने मंगलवार को यहां आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए रोमांच से भरपूर दूसरे वनडे मुकाबले में श्रीलंका को 3 विकेट से हरा दिया। भारत की जीत में दीपक चाहर (नाबाद 69, 82 गेंद, 7 चौके, 1 छक्का) और भुवनेश्वर कुमार (नाबाद 19 रन, 28 गेंद, 2 चौके) की अहम भूमिका रही। दोनों ने आठवें विकेट के लिए नाबाद 84 रनों की साझेदारी कर हारा हुआ मैच भारत की झोली में डाल दिया। चाहर और भुवनेश्वर की बहादुरी का ही नतीजा है कि तीन मैचों की सीरीज में भारत ने 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। पहले वनडे मे भारत ने मेजबान टीम को सात विकेट से हराया था।
पहले मैच के उलट मेजबान टीम सराहनीय प्रदर्शन करते हुए एक समय जीत की ओर अग्रसर थी लेकिन चाहर और भुवनेश्वर ने बल्ले के साथ कमाल करते हुए उससे जीत छीन ली।
पहले बैटिंग करते हुए उसने भारत को 276 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया और फिर 193 रनों पर उसके सात विकेट झटक लिए थे लेकिन इसके बाद अपना पहला अर्धशतक लगाने वाले चाहर ने भुवनेश्वर के साथ आठवें विकेट के लिए 84 रनों की नाबाद साझेदारी कर पासा पलट दिया।
भारत ने 49.1 ओवरों में सात विकेट पर लक्ष्य हासिल कर लिया।
भारत की ओर से चाहर के अलावा अपना दूसरा वनडे खेल रहे सूर्यकुमार यादव ने 53 रन बनाए। यह वनडे में उनका पहला अर्धशतक है। इसके अलावा मनीष पांडे ने 37, क्रूणाल पांड्या ने 35 रन जोड़े। कप्तान शिखर धवन के बल्ले से 29 रन निकले।
श्रीलंका की ओर से वानिंदू हसारांगा ने तीन विकेट लिए।
इससे पहले, चरीथ असालंका (65) और अविष्का फर्नाडो (50) की शानदार पारियों की मदद से श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में नौ विकेट पर 275 रन बनाए।
भारत की तरफ से भुवनेश्वर कुमार और युजवेंद्र चहल ने तीन-तीन विकेट और दीपक चाहर ने दो विकेट लिए।
फर्नाडो ने मिनोद के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 77 रन जोड़े। इस साझेदारी को चहल ने मिनोद को आउट कर तोड़ा जिन्होंने 42 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 36 रन बनाए। इसकी दूसरी ही गेंद पर चहल ने भानुका राजपक्षा को खाता खोले बिना आउट किया।
फर्नाडो ने इसके बाद अर्धशतक पूरा किया लेकिन इसके बाद वह ज्यादा देर अपनी पारी आगे नहीं बढ़ा सके और भुवनेश्वर की गेंद पर आउट हुए। चाहर ने फिर धनंजय डी सिल्वा (32) को आउट कर श्रीलंका को चौथा झटका दिया। इसके बाद चहल ने कप्तान दासुन शनाका (16) को बोल्ड कर आउट किया।
नए बल्लेबाज के रूप में उतरे वनिंदु हसारंगा (8) को चाहर ने बोल्ड किया। असालंका ने फिर एक छोर से पारी को संभाला लेकिन भुवनेश्वर ने उनकी पारी का अंत कर दिया। फिर भुवनेश्वर ने दुश्मंथा चमीरा (2) को आउट किया। अंतिम ओवर की तीसरी गेंद पर लक्ष्न संदाकन खाता खोले बिना रन आउट हुए।
श्रीलंका की पारी में चमीका करूणारत्ने 33 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से नाबाद 44 और कासुन रजीथा एक गेंद पर एक रन बनाकर नाबाद रहे।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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