पर्यावरण
सीएम मोहन यादव करेंगे मध्य प्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व का शुभारंभ

भोपाल, 10 मार्च। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को माधव टाइगर रिजर्व का शुभारंभ करेंगे। यह मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा, जिसका आज शुभारंभ किया जाएगा।
दरअसल, मुख्यमंत्री मोहन यादव टाइगर रिजर्व के शुभारंभ के अवसर पर एक बाघ और बाघिन एक जोड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़ेंगे। इसके अलावा, सीएम यादव टाइगर रिजर्व की 13 किलोमीटर लंबी पत्थर की सेफ्टी वॉल का भी उद्घाटन करेंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माधव राष्ट्रीय उद्यान को देश के 58वें और मध्यप्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व की सौगात देने पर आभार जताया।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि टाइगर रिजर्व बनने से वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी। माधव राष्ट्रीय उद्यान ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से बेहद समृद्ध है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा, “मध्य प्रदेश को मिला नया टाइगर रिजर्व, वन्यजीव संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रदेश के 9वें ‘माधव टाइगर रिजर्व’ का शुभारंभ। टाइगर रिजर्व क्षेत्र में छोड़े जाएंगे एक बाघ और एक बाघिन।”
बता दें कि शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क अब प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व बन गया है। माधव टाइगर रिजर्व का आरक्षित वन क्षेत्र 32,429.52 हेक्टेयर, संरक्षित वन क्षेत्र 2,422.00 हेक्टेयर और राजस्व क्षेत्र 2,671.824 हेक्टेयर है। इसका कुल क्षेत्र 37,523.344 हेक्टेयर अथवा 375.233 वर्ग किलोमीटर है।
टाइगर रिजर्व में कुल बाघों की संख्या 5 है और इसमें 2 नर और 3 मादा शामिल हैं। बता दें कि बाघिन ने 2 शावकों को जन्म दिया है, जिनकी उम्र लगभग 8 से 9 माह है। इसके साथ ही 2 बाघ और छोड़ने पर टाइगर रिजर्व में कुल बाघों की संख्या 7 हो जाएगी।
पर्यावरण
पीएम मोदी ने गिर में सफारी का लिया आनंद, शेरों के बीच मनाया ‘विश्व वन्यजीव दिवस’

गिर, 3 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ पर गुजरात के जूनागढ़ जिले स्थित ‘गिर वन्यजीव अभयारण्य’ में जंगल सफारी का आनंद लिया और एशियाई शेरों को करीब से देखा।
पीएम मोदी डीएसएलआर कैमरे से शेरों की तस्वीरें खींचते नजर आ रहे हैं। एक अन्य तस्वीर में पीएम मोदी हाथ में कैमरा पकड़े शेरों की ओर देख रहे हैं। एक ऐसी भी तस्वीर है जिसमें मादा शेरनी शावक को दुलारती दिख रही है।
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार शाम राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में 47 सदस्य भाग लेंगे, जिनमें सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के सदस्य, इस क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, मुख्य वन्यजीव वार्डन और विभिन्न राज्यों के सचिव शामिल हैं। बैठक के बाद पीएम मोदी सासण में महिला वन कर्मचारियों से भी बातचीत करेंगे।
बता दें कि अभ्यारण्य जाने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया था। उन्होंने एक्स पर लिखा, “विश्व वन्यजीव दिवस पर, आइए हम अपने ग्रह की अविश्वसनीय जैव विविधता की रक्षा और संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। हर प्रजाति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है – आइए आने वाली पीढ़ियों के लिए उनके भविष्य की रक्षा करें! हम वन्यजीवों के संरक्षण और सुरक्षा में भारत के योगदान पर भी गर्व करते हैं।”
इस पोस्ट के साथ एक वीडियो क्लिप भी है, जिसमें पीएम मोदी भारत की परंपरा में जैव विविधता के प्रति स्वाभाविक आग्रह का जिक्र कर रहे हैं। यह क्लिप 2023 का है। कर्नाटक के मैसूर में ‘प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के स्मरणोत्सव’ कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने वाइल्डलाइफ पर विचार रखे थे।
दुनिया भर के वन्यजीव प्रेमियों के मन में अन्य देशों, जहां बाघों की आबादी या तो स्थिर है या फिर उसमें गिरावट हो रही है, की तुलना में भारत में बाघों की बढ़ती आबादी के बारे में उठने वाले सवालों को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा था, “भारत इकोलॉजी और अर्थव्यवस्था के बीच संघर्ष में विश्वास नहीं करता, बल्कि वह दोनों के सह-अस्तित्व को समान महत्व देता है।”
पर्यावरण
उत्तर प्रदेश : गंगा ही नहीं, स्थानीय नदियों के किनारे भी तय दायरे में होगी प्राकृतिक खेती

लखनऊ, 1 मार्च। जन, जमीन और जल के लिए संजीवनी है रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती। इन सबका हित, खेती बाड़ी के स्थाई और टिकाऊ विकास पहले कार्यकाल से ही योगी सरकार की प्राथमिकता रही है। सरकार इसे लगातार विस्तार देने के साथ इसके लिए भरपूर पैसा और किसानों को प्रोत्साहन भी दे रही है।
इसके लिए बीज से लेकर बाजार तक सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के साथ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हर संभव मंच से किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
इसी क्रम में सरकार ने तय किया है कि अब सिर्फ गंगा ही नहीं, स्थानीय नदियों के दोनों किनारे पर 5/5 किलोमीटर के दायरे में सिर्फ प्राकृतिक खेती होगी। इस बाबत 1886 क्लस्टर बनाए जाएंगे। सरकार इस पर 270.62 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
हाल में हुई राज्य स्तरीय कृषि समिति की बैठक में इस कार्ययोजना को मंजूरी भी मिल चुकी है। इसके पूर्व कैबिनेट में भी प्राकृतिक खेती और खेत तालाब योजना के लिए 1191.51 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली थी। हाल ही में योगी सरकार की ओर से प्रस्तुत बजट में भी नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग के तहत प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 124 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
सरकार की योजना है कि प्रदेश में गंगा सहित सभी स्थानीय नदियों, जिन जिलों से गुजरती हैं, उनके दोनों किनारों पर एक दायरे में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए। ऐसी खेती जिसमें रासायनिक खादों और जहरीले कीटनाशकों की जगह उपज बढ़ाने और फसलों के सामयिक संरक्षण के लिए पूरी तरह जैविक उत्पादों का प्रयोग हो ताकि लीचिंग रिसाव के जरिए रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों का जहर इन नदियों में घुलकर उन्हें प्रदूषित न कर सके।
उल्लेखनीय है कि गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों में पहले से ही नमामि गंगे योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार गंगा के किनारे के 1000 से अधिक गांवों में प्राकृतिक खेती हो रही है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 54 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है। सरकार की मंशा निराश्रित गोवंश के नाते सबसे प्रभावित बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती के लिहाज से उत्तर प्रदेश का हब बनाना है।
योगी सरकार-1 से ही यह सिलसिला शुरू हो चुका है। जिन करीब 5000 क्लस्टर्स में 18000 से अधिक किसान लगभग 10 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, उनमें नमामि गंगा योजना के तहत करीब 3300 क्लस्टर्स में लगभग 6500 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती हो रही है। इस खेती से जुड़े किसानों की संख्या एक लाख से अधिक है। इस तरह देखा जाए तो जैविक खेती का सर्वाधिक रकबा गंगा के मैदानी इलाके का ही है।
इंडो-गंगेटिक मैदान का यह इलाका दुनिया की सबसे उर्वर भूमि में शुमार होता है। इसी नाते ऑर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से नवंबर 2017 में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में आयोजित जैविक कृषि कुंभ में विशेषज्ञों ने यह संस्तुति की थी कि गंगा के मैदानी इलाकों को जैविक खेती के लिए आरक्षित किया जाए। चूंकि हर साल आने वाली बाढ़ के कारण इस क्षेत्र की मिट्टी बदलकर उर्वर हो जाती है, इस नाते पूरे क्षेत्र में जैविक खेती की बहुत संभावना है। यही वजह है कि योगी सरकार-2 में गंगा के किनारे के सभी जिलों में जैविक खेती को विस्तार दिया गया। अब सरकार इसे और विस्तार देने जा रही है।
पर्यावरण
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में बारिश, गिरा पारा

नई दिल्ली, 1 मार्च। मौसम ने एक बार फिर करवट ली और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में शनिवार को भारी बारिश हुई, जिससे दिल्लीवासियों को फरवरी के महीने में पड़ रही गर्मी से राहत मिली।
इस साल फरवरी में दिल्ली में मौसम अपेक्षाकृत गर्म रहा। दिल्ली में फरवरी का औसत अधिकतम तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से अधिक था।
भारतीय मौसम विभाग ने 28 फरवरी को दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, बिजली और तेज हवाओं के साथ मौसम बिगड़ने को लेकर अलर्ट किया था। 1 मार्च को भी दिल्ली, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
लोनी देहात, हिंडन एयरफोर्स स्टेशन, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, बल्लभगढ़ सहित कई इलाकों में बारिश हो सकती है। इसके अलावा, हरियाणा के असंध, सफीदों, गन्नौर, सोनीपत, खरखौदा, रेवाड़ी, पलवल और नूंह जैसे क्षेत्रों में भी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई। मौसम विभाग ने इन इलाकों में 30-50 किमी/घंटे की तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने और गरजने की संभावना भी जताई है।
वहीं, 28 फरवरी को दिल्ली में तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रिकॉर्ड किया गया था, जो मौसमी औसत से 0.9 डिग्री ज्यादा था। 1 मार्च को भी दिन में हल्की बारिश के आसार हैं। बारिश की वजह से पारा भी गिरा है।
इस साल दिल्ली में फरवरी का औसत न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो पिछले छह वर्षों का सबसे अधिक न्यूनतम तापमान था। इससे पहले 2017 में ऐसा तापमान देखा गया था।
फरवरी के अंत में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और रात में गर्मी की वजह से 27 फरवरी को न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो पिछले 74 वर्षों में सबसे गर्म रात थी। इसने 1951 के बाद से सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 27 फरवरी को ही दिन का अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा था, जो इस महीने का सबसे गर्म दिन था।
इस बीच, पिछले साल के मुकाबले इस बार बारिश भी कम हुई। फरवरी में केवल चार दिन बारिश हुई, जबकि 2024 में बारिश 6 दिन रही थी। मौसम विभाग ने इस वर्ष मार्च के दौरान सामान्य से अधिक गर्मी की आशंका जताई है।
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