अपराध
जी न्यूज के एंकर के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर लोगों की ओर से मिल रही मिली-जुली प्रतिक्रिया: सर्वे

जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन ने एक जुलाई को अपने शो में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लेकर ‘फर्जी खबर’ या ‘भ्रामक सामग्री’ प्रसारित करके एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
कांग्रेस नेता और पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी के छेड़छाड़ किए गए एक वीडियो से नाराज थे, जिसमें उन्हें उदयपुर में कन्हैया लाल के हत्यारों पर नरम रुख अपनाते हुए दिखाया गया था।
रोहित रंजन ने 2 जुलाई को जारी किए गए माफीनामे में कहा था, “कल (1 जुलाई) हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी के बयान को उदयपुर की घटना से जोड़कर गलत संदर्भ में लिया गया, जो कि एक मानवीय भूल थी, जिसके लिए हमारी टीम माफी मांगती है। हम इसके लिए माफी मांगते हैं।”
हालांकि, माफीनामे ने मामले को शांत नहीं किया और टीवी एंकर के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई। मंगलवार को छत्तीसगढ़ पुलिस रोहित रंजन के गाजियाबाद स्थित आवास पर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची। इस बीच, गाजियाबाद और नोएडा पुलिस भी रंजन के आवास पर पहुंच गई और इससे दो राज्यों के पुलिस अधिकारियों के बीच गरमागरम बहस हुई।
टीवी पत्रकार के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के दौरान, छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा रोहित रंजन को गिरफ्तार करने के लिए अड़े रहने के बारे में भारतीयों की राय अलग-अलग देखने को मिली है। यहां तक कि राहुल गांधी के बारे में गलत सामग्री के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के बाद भी लोगों की प्रतिक्रिया में एक स्पष्ट विभाजन देखने को मिला।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, जहां 55 प्रतिशत उत्तरदाताओं (सर्वे में शामिल लोग) ने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया, वहीं 45 प्रतिशत उत्तरदाता इससे असहमत दिखे।
जाहिर है, इस मुद्दे पर एनडीए के मतदाताओं और विपक्षी समर्थकों के विचारों में राजनीतिक ध्रुवीकरण स्पष्ट था। सर्वेक्षण के दौरान जहां 66 फीसदी विपक्षी मतदाताओं ने जी न्यूज एंकर के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की, वहीं एनडीए के 61 फीसदी मतदाताओं ने इस मुद्दे पर पूरी तरह से अलग विचार व्यक्त किए।
इस मुद्दे पर सामाजिक तौर पर विभिन्न लोगों के समूह उनके विचारों को लेकर विभाजित दिखाई दिए। सर्वेक्षण के दौरान, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 64 प्रतिशत और मुसलमानों में 74 प्रतिशत लोगों ने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और उच्च जाति हिंदू (यूसीएच) के विचार बंटे हुए नजर आए।
सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 58 फीसदी एससी, 53 फीसदी एसटी ने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया, जबकि 58 फीसदी यूसीएच ने इसका विरोध किया।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अपराध
झारखंड में आयुष्मान भारत घोटाले में रांची सहित 21 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रांची, 4 अप्रैल। आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने रांची में शुक्रवार सुबह से कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। शहर के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातु, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी इलाके में कई ठिकानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी चल रही है।
बताया जा रहा है कि रांची के अलावा कुल 21 ठिकानों पर यह रेड चल रही है। ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में झारखंड में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाल में ईसीआईआर (इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर जांच शुरू की है। यह छापेमारी इसी मामले में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने की संभावना है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में भी तलाशी की जा रही है। संसद में पेश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) में भी आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इसमें बताया गया था कि झारखंड में भी कई अस्पतालों ने मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया।
यहां तक कि कई ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर राशि निकाली गई, जिनकी मौत हो चुकी थी। सीएजी की इस रिपोर्ट के बाद ईडी ने झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की सूचना ईडी को भेजी थी।
बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की है। झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से कई अस्पतालों में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें हैं।
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