मनोरंजन
‘छावा’ फिल्म समीक्षा : एक ऐतिहासिक महाकाव्य जो गौरव की ओर बढ़ता है, ब्लॉकबस्टर सिनेमा को फिर से परिभाषित करता है

मुंबई, 14 फरवरी। विक्की कौशल अभिनीत पीरियड फिल्म ‘छावा’ की शुरुआत घोड़े पर सवार विक्की की धमाकेदार एंट्री से होती है, जो युद्ध में अपने सैनिकों का नेतृत्व करता है और उस पल से यह फिल्म आगे बढ़ती है। यह निर्देशक लक्ष्मण उटेकर की एक बेहतरीन फिल्म है, जो दर्शकों को मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के गहन और मनोरंजक जीवन से रू-ब-रू कराती है।
यह इतिहास, वीरता और बॉलीवुड की भव्यता को इस तरह से मिलाता है कि आपका दिल धड़कता रहता है। हर फ्रेम में एक्शन, विश्वासघात, बलिदान और जुनून के साथ, यह एक ऐसी कहानी है जिसे थिएटर में अनुभव किया जाना चाहिए।
विक्की कौशल का अभिनय किसी बिजली की तरह कौंधने वाला है। संभाजी के किरदार में उनका अभिनय दमदार और बहुआयामी है, एक ऐसे सेनापति जिनकी मौजूदगी हर फ्रेम में महसूस की जा सकती है। कौशल ने 24 वर्षीय योद्धा की भावना को बेजोड़ बहादुरी के साथ जीवंत किया है, एक ऐसे युवा का किरदार निभाया है जो अकेले ही मुगल साम्राज्य को अपने घुटनों पर लाने के लिए जिम्मेदार था। भारतीय इतिहास के गुमनाम नायक के रूप में अक्सर देखे जाने वाले संभाजी का चित्रण बेहतरीन तरीके से किया गया है।
फिल्म में दिखाया गया है कि मुगलों के वर्चस्व को खत्म करने के लिए उनके प्रयास कितने कठिन थे, इतिहास का एक ऐसा अध्याय जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, और विक्की कौशल ने इस विरासत के साथ न्याय किया है। जब उनका किरदार विश्वासघात और हार का सामना करता है, तो वे पल दिल की धड़कन तेज कर देने वाले हैं। लड़ाई को इस कदर वास्तविक रूप दिया गया है कि दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देता है। यह भारत का ग्लेडिएटर है, एक योद्धा जिसकी बहादुरी ने एक युग को फिर से परिभाषित किया। कौशल ने सिर्फ एक किरदार नहीं निभाया है; वह एक राष्ट्र की ताकत और संकल्प का प्रतीक बन गए हैं।
महारानी येसुबाई के रूप में रश्मिका मंदाना एक रहस्योद्घाटन हैं। जहां उन्हें अक्सर शालीनता और संतुलन की छवि के रूप में देखा जाता है, वहीं यहां उनका किरदार एक उग्र और सहायक रानी का है, जो प्यार और वफादारी में ताकत दिखाती है। मंदाना ने येसुबाई की बुद्धिमत्ता का उपयोग किया है, जिससे वह सिर्फ एक रानी से कहीं ज्यादा बन गई हैं; वह कहानी का दिल बन गई हैं। एक शासक और एक साथी के रूप में संभाजी के प्रति उनकी भक्ति और समर्थन दोनों ही मार्मिक और शक्तिशाली हैं।
अक्षय खन्ना द्वारा औरंगजेब की भूमिका निभाना फिल्म में एक खौफनाक परत जोड़ता है। हालांकि संवाद कम हैं, लेकिन खन्ना की निगाहें और भावपूर्ण अभिव्यक्तियां बहुत कुछ बयां करती हैं। उन्होंने मुगल बादशाह को एक भावशून्य और हर बात का हिसाब-किताब लगाकर काम करने वाले व्यक्ति के रूप में चित्रित किया है, जिसकी प्रभुत्व की प्यास साफ झलकती है। उनका शांत खतरनाक रूप कौशल के उग्र संभाजी के लिए एकदम सही है।
शानदार सहायक कलाकार भी तारीफ के काबिल हैं। आशुतोष राणा सरलाशकर हम्बीराव मोहिते के रूप में उभरे हैं, जो मराठा की वफादारी और दृढ़ता को दर्शाता है। दिव्या दत्ता की राजमाता अपनी अप्रत्याशितता से आपको रोमांचित करती है। कवि कलश के रूप में विनीत कुमार सिंह का काव्यात्मक चित्रण कथा में गहराई लाता है, जबकि डायना पेंटी ने जीनत-उन-निसा बेगम के रूप में अपनी भूमिका के साथ एक अप्रत्याशित आयाम जोड़ा है, जो मुगल पक्ष पर एक स्तरित परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है।
एक्शन ही वह जगह है जहां ‘छावा’ वास्तव में चमकता है। घात से लेकर पूर्ण पैमाने पर लड़ाई तक, कोरियोग्राफी आंखों के लिए एक दावत है। लड़ाई केवल क्रूर बल के बारे में नहीं है, बल्कि रणनीति के बारे में है, जो मराठों की कम संख्या और चालाक युद्ध रणनीति को उजागर करती है। चार प्रमुख लड़ाइयां मंत्रमुग्ध कर देने वाली हैं, जिनमें से प्रत्येक तीव्रता को बढ़ाती है और मराठा सेना के लिए अलग-अलग चुनौतियां पेश करती हैं। क्षेत्र का भूगोल, गति और आश्चर्यजनक रणनीति का चतुर उपयोग आपको विस्मय में डाल देगा।
युद्ध रोमांचक होते हैं, लेकिन भावनात्मक यात्रा आपके साथ हमेशा रहेगी। सबसे दिल दहला देने वाला क्षण वह है जब संभाजी को औरंगजेब के हाथों भयंकर यातनाओं से गुजरना पड़ता है। दृश्य का भावनात्मक भार विनाशकारी है, जो एक योद्धा की भावना को दर्शाता है जो शारीरिक दर्द से नहीं बल्कि अपनी हर प्रिय चीज के विनाशकारी नुकसान से कुचला जाता है। यह एक ऐसा दर्दनाक क्षण है जो आपको टिश्यू लेने पर मजबूर कर देगा और फिल्म समाप्त होने के बाद भी आपको लंबे समय तक सोचने पर मजबूर कर देगा।
‘छावा’ में संगीत का स्कोर असाधारण है, जो फिल्म के भावनात्मक उतार-चढ़ाव और युद्ध से भरे दृश्यों को एक साथ मिलाता है। यह कथा को आगे बढ़ाने, भावनाओं को जगाने और तनाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चाहे वह चिंतन का एक गंभीर क्षण हो या एक महाकाव्य युद्ध, संगीत हर भावना को बढ़ाता है, और अपने-आप में एक मौन चरित्र बन जाता है।
मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले दिनेश विजान द्वारा निर्मित यह फिल्म एक अमिट छाप छोड़ती है। निर्देशक लक्ष्मण उटेकर की कहानी समृद्ध और प्रभावशाली है, जिसे प्रतिभाशाली कलाकारों के शानदार अभिनय ने और भी बेहतर बनाया है। दिल दहला देने वाले एक्शन और गहरे भावनात्मक क्षणों के बीच संतुलन इसे जरूर देखने लायक बनाता है, खासकर ऐतिहासिक नाटकों और अटूट साहस की कहानियों के प्रशंसकों के लिए।
निर्देशक: लक्ष्मण उटेकर कलाकार: विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना, अक्षय खन्ना, आशुतोष राणा, दिव्या दत्ता, विनीत कुमार सिंह, डायना पेंटी।
अवधि: 161 मिनट
रेटिंग – 4.5
बॉलीवुड
एक-दूसरे को बेहद प्यार करते थे शेफाली और पराग : दीपशिखा नागपाल

मुंबई, 28 जून। एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला का शुक्रवार रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। 42 साल की उम्र में उनके अचानक निधन से टेलीविजन और फिल्म इंडस्ट्री सदमे में है। शेफाली के साथ काम कर चुकी को-एक्टर दीपशिखा ने बताया कि वह शानदार शख्सियत थीं।
शेफाली को ‘बिग बॉस 13’ और ‘नच बलिए’ जैसे रियलिटी शोज में उनकी मौजूदगी के लिए जाना जाता था। दीपशिखा नागपाल ने शेफाली के साथ अपनी यादें साझा कीं।
दीपशिखा ने बताया, “मैंने शेफाली के साथ ‘नच बलिए’ में काम किया था। हम बहुत करीबी दोस्त तो नहीं थे, लेकिन वह हर गणपति उत्सव में हमें बुलाती थीं। हाल ही में कुछ पार्टियों में उनसे मुलाकात हुई। वह बहुत ही प्यारी और जिंदादिल इंसान थीं, वह विनम्र इंसान थीं।”
दीपशिखा ने शेफाली और पराग के रिश्ते के बारे में बताया, “शेफाली और पराग एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। वे एक आदर्श जोड़ी थे, जिन्हें लोग प्रेरणा मानते थे। उनकी मौत की खबर ने मुझे झकझोर कर रख दिया। मेरे मन में कई सवाल हैं, ऐसा क्यों हुआ? पराग इस दुख को कैसे सहेंगे? मैं प्रार्थना करती हूं कि ईश्वर उन्हें और उनके परिवार को हिम्मत दे।”
शेफाली के निधन पर इंडस्ट्री के कई सितारों ने दुख जताया। मीका सिंह, रश्मि देसाई, दिव्यांका त्रिपाठी, अली गोनी, हिमांशी खुराना, किश्वर मर्चेंट, काम्या पंजाबी के साथ ही कीकू शारदा समेत अन्य सेलेब्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दुख व्यक्त किया।
शेफाली ने अपने करियर में कई टीवी शोज और म्यूजिक वीडियोज में काम किया था। ‘नच बलिए’ में पराग के साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया गया।
शेफाली हिट गाने ‘कांटा लगा’ और ‘बिग बॉस 13’ में अपनी उपस्थिति के लिए जानी जाती थीं। एक्ट्रेस ने करियर की शुरुआत ‘कांटा लगा’ गाने से की थी, जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया।
इसके बाद उन्होंने ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘शैतानी रस्में’, ‘रात्रि के यति’ और ‘हुडुगारु’ जैसी फिल्मों में काम किया। ‘बिग बॉस 13’ में उनकी मौजूदगी भी सुर्खियों में रही थी।
बॉलीवुड
मुंबई: अभिनेत्री शेफाली जरीवाला के पति पराग त्यागी समेत 4 लोगों के बयान दर्ज

मुंबई, 28 जून। मुंबई में अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की अचानक मौत के मामले में जांच तेज हो गई है। जुहू पुलिस स्टेशन के अधिकारी कूपर अस्पताल पहुंचे हैं और वहां सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। पुलिस ने शेफाली के पति पराग त्यागी का बयान उनके घर पर दर्ज किया है। अब तक इस मामले में कुल चार लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं।
शेफाली जरीवाला के रिश्तेदार भी कूपर अस्पताल पहुंच चुके हैं, जहां उनका शव पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है। वहां उनके करीबी दोस्त और फिटनेस ट्रेनर भी मौजूद हैं।
फिटनेस ट्रेनर ने बताया कि शेफाली अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत अनुशासित थीं। उन्होंने कहा, “वो अपने खानपान का अच्छे से ध्यान रखती थीं। नियमित व्यायाम करती और फिटनेस को प्राथमिकता देती थीं। शेफाली मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने के लिए ठंडी चीजों से परहेज करती थीं और अपने उपचार की दिनचर्या का कड़ाई से पालन करती थीं।” ट्रेनर ने बताया कि शेफाली से उनकी आखिरी मुलाकात दो दिन पहले हुई थी।
हालांकि जिस तरह मुंबई पुलिस इस घटनाक्रम की जांच को आगे बढ़ा रही है, उससे मामला संदेहास्पद लग रहा है। पति पराग त्यागी के अलावा पुलिस ने रात में ही मेड और कुक से पूछताछ की थी। शनिवार सुबह मुंबई पुलिस के साथ फॉरेंसिक टीम भी अभिनेत्री के घर गई, जिसने काफी समय तक जांच की।
42 वर्षीय अभिनेत्री शेफाली का देर रात निधन हुआ। शुरुआत में सामने आया कि शेफाली की मौत कार्डियक अटैक के चलते हुई है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जो मुंबई पुलिस की जांच को आगे बढ़ाने के लिए अहम है।
कॉमेडियन सुनील पाल ने भी शेफाली के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “बॉलीवुड से एक बहुत दुखद खबर आई है। हमारी दोस्त और प्रतिभाशाली अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का निधन हो गया। हमने साथ में कई लाइव शो किए हैं। ‘कांटा लगा’ गाने से वो बहुत लोकप्रिय हुई थीं। वो एक बेहतरीन अभिनेत्री थीं।”
बॉलीवुड
‘आमि डाकिनी’ की शूट के दौरान आई चोट : राची शर्मा

मुंबई, 27 जून। एक्ट्रेस राची शर्मा इन दिनों हॉरर शो ‘आमि डाकिनी’ को लेकर चर्चा में हैं। वह शो में मीरा का किरदार निभा रही हैं। एक्ट्रेस ने बताया कि उन्हें अपनी भूमिका निभाने के लिए भावनात्मक और शारीरिक दोनों तरह से काफी मेहनत करनी पड़ी।
राची शर्मा ने कहा, ”’आमि डाकिनी’ मेरे अब तक किए गए सभी कामों से बहुत अलग है। इस शो की शूटिंग का तरीका थोड़ा मुश्किल है। शूट के दौरान मुझे कुछ चोट भी आई है, लेकिन शुक्र है कि ये ज्यादा गंभीर नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि वह बेहद खुश हैं कि उन्हें मदद करने वाले लोग मिले हैं।
एक्ट्रेस ने कहा, ”मैं वास्तव में आभारी हूं कि मेरे साथ ऐसे निर्माता हैं, जो काफी मदद करने वाले हैं। शो और मेरे किरदार के लिए अब तक जो प्रतिक्रियाएं मिली हैं, सभी अद्भुत हैं। मैं इससे काफी खुश हूं।”
‘आमि डाकिनी’ कहानी डाकिनी नाम की एक रहस्यमयी औरत की है। वह दिखने में बेहद खूबसूरत है, लेकिन स्वभाव से काफी जिद्दी है। वह बहुत कम बोलती है, लेकिन उसकी चुप्पी बहुत कुछ कहती है। उसकी नजरें लोगों को अस्थिर कर देती हैं और उसकी मौजूदगी बहुत गहरा असर छोड़ती है। उसे सिर्फ एक ही चीज चाहिए, और वो है अपना खोया हुआ प्यार, उसका पति।
उसके इस सफर में प्यार, जुनून और विनाश हैं। अगर कोई उसके रास्ते में आता है, तो वह जिंदा नहीं बचता।
थ्रिलर से भरपूर ‘आमि डाकिनी’ में गहराई और भावनाओं का ताना-बाना है, जो सीधे दिल को छू जाता है। डाकिनी के किरदार में एक्ट्रेस शीन दास हैं। एक्टर हितेश भारद्वाज शो में अयान रॉय चौधरी का किरदार निभा रहे हैं। वह एक ऐसा आदमी है, जो चीजों पर शक करता है, लेकिन कहानी में वह एक ऐसी जादुई और अजीब दुनिया में पहुंच जाता है, जो पूरी तरह से अनजानी है।
‘आमि डाकिनी’ शो सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन और सोनी लिव प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
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