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कोरोना काल में कैशलेस होता चीन

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चीन पेपर मनी (कागज के पैसे) का उपयोग करने वाला दुनिया में पहला देश था, आज वही चीन मोबाइल पेमेंट प्लेटफार्मों की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से अब पेपर मनी का उपयोग बंद करने की तरफ बढ़ रहा है। मौजूदा समय में, चीन दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल पेमेंट बाजार बना हुआ है। अधिकांश चीनी उपभोक्ता नकद की बजाए अपने स्मार्टफोन से रोजाना खर्च का भुगतान करते हैं। दरअसल, जब से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ है तब से चीनी लोग कैशलेस पेमेंट पर ज्यादा जोर देने लगे हैं। पेमेंट एंड क्लियरिंग एसोसिएशन ऑफ चाइना ने 28 फरवरी, 2020 को एक पहल जारी की, जिसमें लोगों को कोरोना के संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए मोबाइल भुगतान, ऑनलाइन भुगतान और बारकोड भुगतान का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

जानकारों की मानें तो किसी भी वायरस के फैलने में कैश की सबसे बड़ी भूमिका होती है। बाजार के चलन में जो नोट या सिक्के रहते हैं वो अलग-अलग हाथों में जाते हैं। ये तय नहीं होता कि कैश किन हाथों में गया है। ऐसे में वायरस से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।

अभी सुरक्षा के लिहाज से अधिक लोग कैश से शिफ्ट हो गए हैं और डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं। देखा जाए तो ऑनलाइन शॉपिंग और ई-कॉमर्स के तेजी से विकास ने चीन में डिजिटल पेमेंट के लिए एक अच्छा वातावरण तैयार किया है। एआई तकनीक, फेस-स्कैनिंग पेमेंट आदि ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम से चीन के लिए यह संभव हो पाया है कि वह दुनिया में पेपर मनी का उपयोग बंद करने वाला सबसे पहला देश बन जाएगा।

चीनी लोग अब अपने लेन-देन में आमतौर पर डिजिटल पेमेंट प्रणाली का ही उपयोग करते हैं। चीन में जहां भी जाएं, वहां हर जगह मोबाइल पेमेंट को स्वीकार किया जाता है। चाहे आप किसी भी रेस्तरां, दुकान, अस्पताल, सिनेमाघर, पर्यटन स्थल जाते हैं, वहां ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा होती है। यहां तक कि टैक्सी, बस आदि में भी मोबाइल से पेमेंट की जा सकती है।

लोग अपने साथ मोबाइल फोन रखते हैं और फोन से ही भुगतान करते हैं। चीन में इस तरह की पेमेंट व्यवस्था बेहद सफल है। यहां मोबाइल पेमेंट मार्केट जोरदार ढंग से विकास कर रहा है। पिछले कुछ समय से चीन में एटीएम कार्ड से कैश निकालने की आदतों में काफी कमी आयी है। मोबाइल पेमेंट के लगातार चलन से लोगों ने एटीएम या बैंक से पैसा निकालना काफी हद तक बंद कर दिया है।

इस कोरोना काल में देश के लोगों में मोबाइल पेमेंट की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। माना जा रहा है कि साल 2020 में इस तरह के लेनदेन की मात्रा 777.5 ट्रिलियन युआन तक पहुंच जाएगी, जो वार्षिक आधार पर 31.8 प्रतिशत बढ़ जाएगा। आमतौर पर लोग बिना कैश और कार्ड के शॉपिंग करते हैं। उन्हें सिर्फ मोबाइल की जरूरत होती है। यहां तक कि दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले किसान भी अब रोजमर्रा की चीजों को खरीदने के लिए अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह भी है कि चीन में इंटरनेट की सुविधा गांवों तक पहुंच गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल पेमेंट के साथ काफी सहूलियत जुड़ी हुई है। छोटे और मझौले उद्योगों को इसका खास फायदा मिलता है। यह लेनदेन की रफ्तार बढ़ाता है और इसमें जटिलताएं कम होती हैं। व्यापार की संभावनाएं देखकर कई इंटरनेट फाइनेंस कंपनियों ने विदेशी बाजार में हाथ आजमाना शुरू कर दिया है।

अगर आप चीन में मोबाइल से जुड़े हैं तो इंटरनेट के बगैर भी लेन-देन कर सकते हैं। मोबाइल वॉलेट से आप अपने फोन को रिचार्ज भी कर सकते हैं। जबकि इससे बिलों का पेमेंट किया जा सकता है। दरअसल, यह काम प्री-पेड फोन को रिचार्ज करने की तरह है। जिस तरह आप बैंक या एटीएम से पैसा निकालकर अपने वॉलेट में रखते हैं, उसी तरह से मोबाइल वॉलेट में पैसा भरने के लिए आपको वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर के पास पैसा जमा करना पड़ता है। जिसका इस्तेमाल मोबाइल सेवाओं के अलावा खरीदारी करने, बिलों के भुगतान करने, रेलवे टिकट बुक कराने और पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है।

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व्यापार

भारतीय शेयर बाजार लगातार आठवें दिन तेजी के साथ बंद, सेंसेक्स 355 अंक उछला

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नई दिल्ली, 12 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लगातार आंठवें दिन तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। सेंसेक्स 355.97 अंक या 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,904.70 और निफ्टी 108.50 अंक या 0.43 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,114 पर था।

लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 183.65 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,227.20 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 114.70 अंक या 0.64 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,989.90 पर था।

बाजार को ऊपर खींचने का काम डिफेंस, मेटल और फाइनेंस शेयरों ने किया। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स (4.38 प्रतिशत), निफ्टी मेटल (0.93 प्रतिशत), निफ्टी ऑटो (0.46 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंस सर्विस (0.70 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.53 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.41 प्रतिशत) और निफ्टी कमोडिटीज (0.41 प्रतिशत) की तेजी के साथ बंद हुआ।

निफ्टी पीएसयू (0.27 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.71 प्रतिशत), निफ्टी मीडिया (0.39 प्रतिशत) और निफ्टी कंजप्शन (0.29 प्रतिशत) की कमजोरी के साथ बंद हुआ।

सेंसेक्स पैक में बीईएल, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, इन्फोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स थे। इटरलन (जोमैटो), एचयूएल, ट्रेंट, टाइटन, भारती एयरटेस, एशियन पेंट्स , आईटीसी, एमएंडएम, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई टॉप लूजर्स थे।

एक्सपर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना के कारण बाजार में तेजी बनी हुई है। यूरोपीय संघ द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारत पर अमेरिकी टैरिफ प्रस्तावों को अस्वीकार करने की खबरों से धारणा में और सुधार हुआ। अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में प्रगति से भी निकट भविष्य में सकारात्मक गति बरकरार रहने की उम्मीद है। सत्र में रक्षा क्षेत्र ने बेहतर प्रदर्शन किया। इसकी वजह भारतीय खरीद अधिकारियों द्वारा अगली पीढ़ी की छह पारंपरिक पनडुब्बियों के लिए बातचीत शुरू करने की रिपोर्ट्स का आना है।

भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ। सुबह 9.25 बजे तक, सेंसेक्स 114 अंक या 0.14 प्रतिशत बढ़कर 81,663 पर कारोबार कर रहा था और निफ्टी 39 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 25,045 पर था।

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व्यापार

मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहे सेंसेक्स-निफ्टी

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मुंबई, 11 सितंबर। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में प्रगति और अन्य वैश्विक संकेतों के कारण गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त में रहे।

सुबह 9.25 बजे तक, सेंसेक्स 85 अंक या 0.11 प्रतिशत बढ़कर 81,510 पर और निफ्टी 24 अंक या 0.09 प्रतिशत बढ़कर 24,997 पर कारोबार कर रहे थे।

ब्रॉडकैप सूचकांकों में बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन के साथ निफ्टी मिडकैप 100 में 0.16 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

निफ्टी पैक में एनटीपीसी, ओएनजीसी, टीसीएस और एसबीआई टॉप गेनर्स रहे। जबकि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, हीरो मोटरकॉर्प, डॉ रेड्डीज लैब्स, टेक महिंद्रा और ट्रेंट टॉप लूजर्स रहे।

सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी मीडिया 1.46 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था। निफ्टी पीएसयू बैंक 1.11 प्रतिशत और निफ्टी ऑयल एंड गैस 0.91 प्रतिशत की तेजी में रहे। अन्य सभी सूचकांकों में मामूली बढ़त या गिरावट दर्ज की गई।

अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में उत्साहजनक प्रगति के कारण, निफ्टी ने बीते कारोबारी दिन लगातार छठे सत्र में अपनी तेजी जारी रखी।

मार्केट का सेंटीमेंट सतर्क और आशावादी बना हुआ है, हालांकि लगातार अस्थिरता और मिले-जुले वैश्विक संकेत निवेशकों के विश्वास पर दबाव बना रहे हैं।

विश्लेषकों ने कहा कि 25,160 से ऊपर एक निर्णायक कदम 25,340 की ओर रास्ता खोल सकता है, जबकि तत्काल समर्थन 24,950 और 24,850 के स्तर पर है।

एशिया-प्रशांत बाजारों में, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ीं, जबकि निवेशकों ने चीन के अगस्त मुद्रास्फीति के आंकड़ों का भी आकलन किया। नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में चीन में कंज्यूमर प्राइस में सालाना आधार पर 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

सुबह के सत्र में एशियाई बाजारों में शानदार बढ़त दर्ज की गई। चीन का शंघाई सूचकांक 0.92 प्रतिशत और शेन्जेन सूचकांक 2.32 प्रतिशत की बढ़त में रहे। जापान का निक्केई 0.99 प्रतिशत बढ़ा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 0.41 प्रतिशत की गिरावट में रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.31 प्रतिशत की बढ़त में रहा।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 115.69 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5,004.29 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।

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राजनीति

‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें : राष्ट्रपति मुर्मू

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नई दिल्ली, 8 सितंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को निर्यातकों से अपील करते हुए कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें। साथ ही, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय राजधानी में इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के प्लेटिनम जयंती समारोह में संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा,”प्राचीन काल में भारत ने अध्यात्म और व्यापार दोनों में विश्व का नेतृत्व किया था। भारत को एक बार फिर ज्ञान और व्यापार का अग्रणी केंद्र बनाना सभी नागरिकों का संकल्प होना चाहिए। आर्थिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हितधारक होने के नाते ईईपीसी को यह संकल्प दृढ़तापूर्वक लेना चाहिए।”

राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि पिछले 10 वर्षों में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 70 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर से भी अधिक हो गया है।

उन्होंने कहा कि निर्यात में यह वृद्धि तब और भी प्रभावशाली लगती है, जब हम यह देखते हैं कि पिछले दशक के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में कई चुनौतियां रही हैं। उन्होंने इस उपलब्धि में योगदान के लिए ईईपीसी की सराहना की।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ईईपीसी अंतरराष्ट्रीय बाजार और भारतीय उत्पादकों के बीच एक सेतु का काम करता है। उन्होंने ईईपीसी से वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत और भारतीय उद्यमियों की भूमिका का निरंतर विस्तार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था में हो रहे बदलावों के कारण इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

राष्ट्रपति के अनुसार, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है। पिछले सात दशकों में भारत के इंजीनियरिंग निर्यात में बड़ा परिवर्तन आया है। ईईपीसी को परिवर्तन की इस प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करते रहना चाहिए।

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