पर्यावरण
प्रशासनिक विभाग के अनुरूप समन्वय अधिकारी नियुक्त कर सख्ती से मॉनिटरिंग की जाये नगर निगम आयुक्त एवं प्रशासक श्री संचालन भूषण गगरानी ने किया

जलवायु परिवर्तन के कारण मानव जीवन पर वायु गुणवत्ता के प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, बृहन्मुंबई नगर निगम ने मानकीकृत प्रक्रियाओं के साथ उपायों के कार्यान्वयन पर जोर दिया है। उससे आगे बढ़कर गहन अध्ययन कर वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक उपाय समय पर किये जाने चाहिए।
नगर आयुक्त एवं प्रशासक ने निर्देश दिया कि पर्यावरणीय जोखिमों को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करके हरित दृष्टिकोण विकसित किया जाना चाहिए श्री.भूषण गगरानी द्वारा दिया गया। यह भी निर्देश दिया गया है कि नगर निगम के प्रत्येक प्रशासनिक विभाग कार्यालय (वार्ड) अपने कार्य क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार उपाय करें, उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करें और निगरानी के लिए समन्वय अधिकारियों की नियुक्ति करें ऐसे निर्देश भी श्री गगरानी द्वारा दिये गये।
‘जलवायु परिवर्तन: हरित दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता’ पर नगर निगम आयुक्त और प्रशासक श्री. भूषण गगरानी की अध्यक्षता में कल (सितंबर 24, 2024) बृहन्मुंबई नगर निगम मुख्यालय में एक बैठक आयोजित की गई। उस समय श्री. गगरानी को कई निर्देश दिये गये।
अतिरिक्त महानगरपालिका आयुक्त (शहर) डाॅ. (श्रीमती) अश्विनी जोशी, उपायुक्त (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन) श्री. संजोग कबरे, उपायुक्त (उद्यान) श्री. किशोर गांधी, उपायुक्त (पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग) श्री. मिनेश पिम्पले, उपायुक्त (विशेष इंजीनियरिंग) श्री. यतिन दलवी, उपायुक्त (इन्फ्रास्ट्रक्चर) श्री. उल्हास महाले, निदेशक (योजना) श्रीमती प्राची जांभेकर सहित सभी मंडलों के उपायुक्त, 24 प्रशासनिक प्रभागों के सहायक आयुक्त, संबंधित अधिकारी और पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में संगठनों के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की पहचान करने के लिए नगर निगम के सभी विभागों को एक साथ लाना और मुंबई को अधिक पर्यावरण-अनुकूल और जलवायु-अनुकूल शहर बनाने के लिए मिलकर काम करना था। इसी प्रकार, पिछले कुछ वर्षों से मुंबई में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए उपायों की समीक्षा करके, इन उपायों के साथ-साथ मानक प्रक्रियाओं और नियमों का पालन सुनिश्चित करना, प्रशासनिक विभाग (वार्ड) के अनुसार समन्वय अधिकारियों की नियुक्ति करना, निर्माण स्थलों का निरीक्षण करना और वहां सभी नियमों का पालन हो, इस विषय पर भी बैठक में चर्चा हुई।
अपर नगर आयुक्त (शहर) डाॅ. (श्रीमती) अश्विनी जोशी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पहले से ही मुंबई महानगरीय क्षेत्र सहित पूरे मुंबई क्षेत्र की वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। यह अनुभव किया गया है कि हवा की गुणवत्ता मुख्य रूप से सर्दियों में खराब हो जाती है। इस पृष्ठभूमि में, इस वर्ष सर्दियों की शुरुआत से पहले सतर्क रहना और उपायों में तेजी लाना आवश्यक है। यदि ऐसा पाया जाए कि वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है तो उसे रोकने के लिए प्रभावी उपाय लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को मुंबई महानगर में जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न होने वाले खतरों की लगातार समीक्षा करने का निर्देश दिया। डॉ. ने यह भी कहा कि नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता पैदा की जाये (श्रीमती) जोशी ने उल्लेख किया।
उपायुक्त श्री. पिम्पल ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्माण स्थलों की सख्त निगरानी, खुले में कचरा जलाने और ईंधन के रूप में लकड़ी के उपयोग पर रोक लगाने और इसके स्रोतों पर तत्काल कार्रवाई करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि मुंबई में खराब वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। वायु प्रदूषण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे जन्म के समय कम वजन, समय से पहले जन्म और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। यह हृदय रोग, तंत्रिका संबंधी समस्याएं, अस्थमा और अन्य बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इसलिए, चूंकि वायु प्रदूषण का प्रभाव तत्काल नहीं बल्कि दीर्घकालिक होता है, इसलिए नागरिकों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने स्तर पर उपाय करें और नगर निगम प्रशासन के प्रयासों में योगदान दें, उन्होंने यह भी कहा।
पर्यावरण
मुंबई में लगातार बारिश के जनजीवन बेहाल, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

मुंबई, 15 सितंबर। मुंबई और उसके आसपास के जिलों में रविवार रात से ही तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने मुंबई में अगले कुछ घंटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई और लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मुंबई के कई जिलों में रविवार रात से ही लगातार तेज बारिश हो रही है, जिसकी वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ घंटों में गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही, 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं। लोगों को इस दौरान सतर्क और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
इसी बीच लगातार हो रही बारिश का असर सोमवार सुबह देखा गया। बांद्रा रेलवे स्टेशन पर ट्रैक पर पानी भर गया। लेकिन, अभी तक ट्रेनों का परिचालन बंद नहीं किया गया है।
महाराष्ट्र के भंडारा जिले में भी सुबह से गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो रही है। इसके कारण शहर के शास्त्री चौक इलाके में जगह-जगह जलभराव हो गया है। तेज बारिश होने से महिला समाज स्कूल परिसर में भी पानी भर गया है और यहां का नजारा तालाब की तरह दिखने लगा। जलभराव के कारण छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश ने मोनोरेल सेवा पर भी असर डाला। बारिश के कारण तकनीकी खराबी के चलते इसके परिचालन में दिक्कतें पैदा हुईं।
बीएमसी ने मौसम पूर्वानुमान में शहर और उपनगरों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश के साथ सामान्यतः बादल छाए रहने का पूर्वानुमान जताया है। इसी के साथ 30-40 किमी प्रति घंटे की तेज हवा के साथ गरज और बिजली गिरने की संभावना भी जताई गई है।
वहीं, भारी बारिश और तेज हवा को देखते हुए मछुआरों को विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है। बारिश के दौरान मछली पकड़ने जैसे कार्यों से दूरी बरतने की सलाह दी गई है। वहीं, लोगों से समुद्र किनारे नहीं जाने को कहा गया है।
प्रशासन ने कहा है कि लोग मौसम से जुड़ी आधिकारिक जानकारी प्राप्त करते रहें और किसी भी तरह की गलत सूचनाओं से बचें।
पर्यावरण
दिल्ली-एनसीआर : इस हफ्ते भी बारिश का दौर जारी रहेगा, मौसम रहेगा सुहावना, उमस से राहत नहीं

नई दिल्ली, 25 जून। भारतीय मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 25 जून से लेकर 1 जुलाई तक मौसम में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन उमस से अभी राहत मिलने की संभावना कम है।
हालांकि, मौसम विभाग की ओर से किसी प्रकार की चेतावनी फिलहाल जारी नहीं की गई है, जिससे आम जनजीवन पर गंभीर असर की आशंका नहीं है। 25 जून को बारिश के साथ गरज-चमक (थंडरस्टॉर्म विथ रेन) का दौर रहने की आशंका है और अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। ह्यूमिडिटी भी अधिक रहेगी, जो अधिकतम 81 प्रतिशत और न्यूनतम 75 प्रतिशत रहने की संभावना है।
26 जून को सुबह के समय विशेष चेतावनी जारी की गई है। जिसमें तेज बारिश, बिजली गिरने और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। इस दिन मौसम सामान्य रूप से बादलों से घिरा रहा और मध्यम बारिश दर्ज की गई। इसके बाद 27 से 30 जून तक लगातार बारिश के आसार हैं। 27 और 29 जून को फिर से गरज-चमक के साथ बारिश होगी, वहीं 28 और 30 जून को बादलों से घिरे आकाश के बीच मध्यम बारिश की संभावना है।
इस दौरान तापमान 33-34 डिग्री अधिकतम और 26-27 डिग्री न्यूनतम के बीच बना रहेगा। 1 जुलाई को भी मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा। गरज-चमक के साथ बारिश और 85 प्रतिशत तक की नमी बनी रहेगी। हालांकि मौसम का मिजाज सुहावना रहेगा, लेकिन हवा में नमी की अधिकता के कारण उमस काफी बनी रहेगी, जिससे लोग परेशान रह सकते हैं। दिनभर बादलों की आवाजाही और रुक-रुक कर होने वाली बारिश से गर्मी से कुछ राहत जरूर मिलेगी, लेकिन उमस से निजात मिलने में अभी समय लगेगा।
पर्यावरण
दिल्ली से बाली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से वापस लौटी

नई दिल्ली, 18 जून। इंडोनेशिया के रिसॉर्ट द्वीप बाली से आने-जाने वाली दर्जनों उड़ानें बुधवार को माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी के फटने के बाद रद्द कर दी गईं, जिसके बाद एयर इंडिया की दिल्ली से बाली जाने वाली फ्लाइट एआई2145 को यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए वापस दिल्ली लौटने की सलाह दी गई।
यह विस्फोट फ्लोरेस के पूर्वी द्वीप पर हुआ। 1,584 मीटर ऊंचे ज्वालामुखी को देखते हुए अधिकारियों को इंडोनेशिया के चार-स्तरीय पैमाने पर इसके अलर्ट स्टेटस को उच्चतम स्तर तक बढ़ाना पड़ा।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, “एआई2145 फ्लाइट सुरक्षित रूप से दिल्ली वापस लौट गई है और सभी यात्री उतर गए हैं।”
प्रवक्ता ने कहा, “यात्रियों को हुई असुविधा के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं। प्रभावित यात्रियों को होटल में ठहरने की सुविधा प्रदान कर उन्हें हुई परेशानी को दूर करने का हर संभव प्रयास किया गया है। अगर यात्री चाहें तो कैंसलेशन या कॉम्प्लीमेंट्री रिशेड्यूलिंग पर उन्हें पूरा रिफंड भी ऑफर किया जा रहा है।”
बाली एयरपोर्ट ऑपरेटर अंगकासा पुरा इंडोनेशिया के अनुसार, “पूर्वी नुसा तेंगारा में लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी के कारण गुस्ती नगुराह राय एयरपोर्ट पर कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।”
एयरएशिया द्वारा संचालित कई घरेलू उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। जेटस्टार ने कहा कि बाली से आने-जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, लेकिन राख का बादल साफ होने की उम्मीद के कारण दोपहर की कुछ उड़ानें शाम तक के लिए टाल दी गई हैं।
बाली के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वेब पोर्टल पर एयर न्यूजीलैंड, सिंगापुर की टाइगरएयर और चीन की जुनेयाओ एयरलाइंस की उड़ानें भी रद्द दिखाई गई हैं।
इंडोनेशिया डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी ने कहा कि मंगलवार देर रात ज्वालामुखी के आसपास के गांवों पर इसकी राख गिरनी शुरू हो गई थी, जिसे देखते हुए एक बस्ती को खाली करवाना पड़ा।
पूर्वानुमानों के अनुसार, ज्वालामुखी राख का बादल आज रात तक साफ होने की उम्मीद है।
‘लेवोटोबी’ इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप के दक्षिणपूर्वी भाग में स्थित एक ट्विन ज्वालामुखी है। इसकी लेवोटोबी लाकी-लाकी और लेवोटोबी पेरेम्पुआन स्ट्रेटोवोलकैनो दो चोटियां हैं। अधिक सक्रिय लेवोटोबी लाकी-लाकी, ऊंचे लेवोटोबी पेरेम्पुआन से लगभग 2.1 किमी उत्तर-पश्चिम में है।
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