अंतरराष्ट्रीय
रूस से भारत का कच्चा तेल खरीदना अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं: अमेरिका

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रवक्ता जेन पास्की ने कहा है कि रूस से भारत का कच्चा तेल खरीदना अमेरिका द्वारा लगाये गये किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है।
मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में पास्की ने रूस से कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदे जाने की रिपोर्ट के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा,” किसी भी देश के लिये हमारा संदेश यही रहेगा कि वे हमारे द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों का पालन करें। हालांकि, मेरा विश्वास है कि यह उसका उल्लंघन नहीं है।
उन्होंने लेकिन साथ ही कच्चे तेल की खरीदार देशों से नैतिक आग्रह करते हुये कहा, लेकिन आप यह भी सोचें कि जब इतिहास लिखा जायेगा तो आप किस पक्ष में खड़े होंगे। इस वक्त रूस या रूस के नेतृत्व को किसी भी प्रकार का समर्थन देना आक्रमण का समर्थन करना है, जिसका इतना अधिक गंभीर प्रभाव दिख रहा है।
उल्लेखनीय है कि नाटो के अन्य सदस्य देश भी रूस से कच्चा तेल और गैस का आयात कर रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की आसमान छूती कीमतों के बीच भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि रूस से कच्चे तेल की खरीद के बारे में चर्चा की जा रही है। इससे जुड़े कई मुद्दे अभी हैं, जैसे- कितना कच्चा तेल उपलब्ध है, कैसे भुगतान किया जायेगा और तेल की खेप लायी कैसे जायेगी।
भारत कच्चा तेल का अधिकतर आयात खाड़ी देशों से करता है और रूस से वह तीन फीसदी से कम तेल की खरीद करता रहा है। अमेरिका भी इन दिनों ऊर्जा उत्पादों के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में उभर रहा है।
अमेरिकी सांसद और निचले सदन में विदेशी मामलों के उपसमिति के अगुवा एमी बेरा का कहना है कि अगर भारत रूस से कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदता है तो वह ऐसे समय में रूस के व्लादिमीर पुतिन के साथ खड़ा होगा, जब पूरी दुनिया रूस के हमले के विरोध में यूक्रेन के लोगों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा , कांग्रेस की वरिष्ठ भारतीय अमेरिकी सदस्य होने के नाते मुझे संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा के संबंध में लाये गये प्रस्ताव के दौरान भारत की अनुपस्थिति से बेहद निराशा हुई है।
एमी बेरा ने कहा कि भारत जब खुद ही बाहरी तत्वों से अपनी सीमा की सुरक्षा के लिये लड़ रहा है और तब भी वह एक आजाद संप्रभु राष्ट्र पर व्लादिमीर पुतिन के हमले पर मौन है।
उन्होंने कहा कि इससे भी बुरा यह है कि वह रिपोर्ट के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को धत्ता बताकर बहुत ही कम कीमत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिये विचार कर रहा है। रूस की अर्थव्यवस्था जब अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण दबाव में है तो ऐसे में ऐसा करने से पुतिन को कुछ समय के लिये आर्थिक राहत मिल जायेगी।
जो बाइडेन ने रूस से तेल, कोयले और गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाया है। ऐसी भी रिपोर्ट सामने आयी थी कि यूरोपीय आयोग भी रूस की तीन बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने वाला है लेकिन अधिकारियों ने यह कहा कि उनसे तेल की खरीद प्रतिबंधित नहीं की जायेगी।
भारत में स्थिति रूस के दूतावास ने कहा है कि रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र में भारत के निवेश के बारे में हरदीप सिंह पुरी से गत सप्ताह चर्चा की है।
भारतीय सरकार ने हालांकि नोवाक और पुरी के बीच हुई बातचीत पर चुप्पी साधी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार की मदद के लिए चीन की आपात सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची

बीजिंग, 5 अप्रैल। म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय भूकंप राहत सामग्री की तीसरी खेप यांगून पहुंची। सामग्री की इस खेप में 1,048 जल शोधन उपकरण, 10,000 मच्छरदानियां, 15,000 प्राथमिक चिकित्सा किट और 400 टेंट आदि विभिन्न तत्काल आवश्यक सामग्री शामिल हैं।
म्यांमार की मदद के लिए चीन सरकार की आपात मानवीय सामग्री की पहली खेप और दूसरी खेप 31 मार्च को और 3 अप्रैल को क्रमशः म्यांमार पहुंची थी और आपदा पीड़ितों में वितरित की गई थी।
स्थानीय समयानुसार 28 मार्च को म्यांमार में 7.9 तीव्रता का भूकंप आया और चीन के युन्नान प्रांत के कई हिस्सों में इसके जोरदार झटके महसूस किए गए। यह भूकंप इस साल की शुरुआत से पूरी दुनिया में 6 या इससे अधिक तीव्रता वाला 17वां भूकंप है। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक यह सबसे बड़ा भूकंप है और पिछले दशक में महाद्वीप पर आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है।
स्थानीय समय पर 4 अप्रैल की रात 8 बजे तक, 28 मार्च को म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण पूरे देश में 3,354 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 220 लोग लापता हैं।
व्यापार
सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक फिसला, आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली

मुंबई, 1 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबारी सत्र में बड़ी बिकवाली देखने को मिल रही है। आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में गिरावट के चलते सुबह 11:26 पर सेंसेक्स 1,122.60 अंक या 1.45 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 76,292.32 और निफ्टी 285.80 अंक या 1.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,233 पर था।
बाजार में गिरावट की वजह 2 अप्रैल से अमेरिकी द्वारा अपने ट्रेडिंग पार्टनर देशों पर लगाए जाने वाले जवाबी टैरिफ को माना जा रहा है।
सेंसेक्स में इंडसइंड बैंक, जोमैटो, नेस्ले, आईटीसी और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स थे। बजाज फिनसर्व, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक, टीसीएस और सन फार्मा टॉप लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 359.10 अंक या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,313.35 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 99.35 अंक या 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,997.15 पर था।
कैपिटलमाइंड रिसर्च के कृष्ण अप्पाला के अनुसार, वैश्विक चुनौतियों के बीच निवेशक सतर्क बने हुए हैं। बाजार के लिए संभावित टैरिफ घोषणाएं और उनके आर्थिक नतीजों से सेंटीमेंट प्रभावित होना प्रमुख चिंताएं बनी हुई हैं।”
सेक्टोरल आधार पर निफ्टी आईटी इंडेक्स में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई।
इसके अलावा निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, रियलिटी और ऑटो समेत करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में थे।
एशिया के करीब सभी बाजार हरे निशान में बने हुए हैं। शंघाई, टोक्यो, सोल, बैंकॉक और हांगकांग के बाजारों में तेजी है। अमेरिकी बाजार सोमवार को सात महीनों के निचले स्तर से रिकवर करके एक प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए थे।
लगातार छह सत्रों तक खरीदारी करने के बाद शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने इक्विटी में 4,352 करोड़ रुपये की बिकवाली की। दूसरी तरफ, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 7,646 करोड़ रुपये का इक्विटी में निवेश किया।
अंतरराष्ट्रीय
भूकंप प्रभावित म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजेगा भारत

नई दिल्ली, 29 मार्च। म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस तबाही में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। इस बीच, भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार की मदद को हाथ बढ़ाया है। सूत्रों ने बताया कि भारत म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजेगा, क्योंकि वहां कई शक्तिशाली भूकंपों ने 144 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि भारत राहत सामग्री को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सी-130जे विमान से म्यांमार भेजेगा, जो वायुसेना स्टेशन हिंडन से रवाना होगा।
सूत्रों के अनुसार, राहत पैकेज में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां जैसी आवश्यक दवाएं शामिल हैं।
इस बीच, भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और उसने कहा कि अभी तक किसी भी भारतीय के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बैंकॉक और थाईलैंड के अन्य भागों में आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद भारतीय दूतावास थाई अधिकारियों के साथ स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। अब तक, किसी भी भारतीय नागरिक से जुड़ी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। किसी भी आपात स्थिति में थाईलैंड में भारतीय नागरिकों को आपातकालीन नंबर +66 618819218 पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है। बैंकॉक में भारतीय दूतावास और चियांग माई में वाणिज्य दूतावास के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत शुक्रवार को आए बड़े भूकंप के बाद म्यांमार को मदद भेजने के लिए तैयार है।”
पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक्स पर कहा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।”
बता दें कि भारत और बांग्लादेश के अधिकारियों ने म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से कोई बड़ा प्रभाव नहीं होने की सूचना दी। भूकंप के बाद आए झटकों ने म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में दहशत पैदा कर दी है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, शुक्रवार को रात 11:56 बजे (स्थानीय समयानुसार) म्यांमार में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया।
एनसीएस के अनुसार, नवीनतम भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील है। एनसीएस ने बताया कि भूकंप अक्षांश 22.15 एन और देशांतर 95.41 ई पर दर्ज किया गया था।
शुक्रवार को आया शक्तिशाली भूकंप बैंकॉक और थाईलैंड के कई हिस्सों में महसूस किया गया, प्रत्यक्षदर्शियों की रिपोर्ट और स्थानीय मीडिया के अनुसार बैंकॉक में हिलती हुई इमारतों से सैकड़ों लोग बाहर निकल आए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, शुक्रवार को म्यांमार में छह भूकंप आए।
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