राजनीति
बिहार की राजनीति से ‘गायब’ हुए तेजस्वी, विरोधियों ने साधा निशाना
बिहार की सियासत से कुछ दिनों से अनुपस्थित रहने के कारण राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव एक बार फिर से विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा, जदयू उनके सियासत से ‘गायब’ रहने पर लगातार निशाना साध रहे हैं और चुटकी ले रहे हैं। इस बीच, हालांकि राजद के नेता उनके समर्थन में नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इन दिनों दिल्ली में हैं।
बिहार के पूर्व मंत्री और जदयू के नेता नीरज कुमार ने गुरुवार को तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘भ्रष्टाचारी युवराज’ बताया है। नीरज ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, महागठबंधन को अधर में छोड़ राजद के ‘भ्रष्टाचारी युवराज’ तेजस्वी यादव पूर्व की भांति पुन: लापता। कुनबा हताश। उम्मीद है नवसामंतवाद का अपना प्रतीक ‘मचिया’ साथ ले गए होंगे। पर कहां इसकी खबर तो होनी चाहिए। बिहार के आम अवाम जानना चाहती है। राजद स्पष्टीकरण दे।
इधर, भाजपा के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी तेजस्वी के सियासत से अनुपस्थित रहने पर निशाना साधा है।
सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव पर राज्य से बाहर रहने का आरोप लगाते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव फिर लगातार राज्य से बाहर समय गुजार रहे हैं, जिससे राजद जिम्मेदार प्रतिपक्ष के संवैधानिक दायित्व का निर्वाह ठीक से नहीं कर पा रहा है। पिछले सदन के अंतिम वर्ष में तो वे स्पीकर को बताए बिना 33 दिन तक गैरहाजिर थे।
मोदी ने आगे लिखा, तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध किसानों को गुमराह करने के लिए आहूत भारत बंद के समय तेजस्वी यादव के गायब रहने के कारण महागठबंधन नेतृत्वहीन रहा।
उन्होंने तेजस्वी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि कोई भी पद दायित्व निभाने के लिए होता है, केवल जनता के पैसे से सुरक्षा-सुविधा पाने के लिए नहीं।
जदयू ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव आकाश, पाताल जहां भी हैं, अपनी जानकारी साझा करें, क्योंकि पूरा कुनबा परेशान है।
इधर, तेजस्वी की पार्टी राजद ने सफाई देते हुए कहा कि वे दिल्ली में किसान आंदेालन के समर्थन में हैं। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव दिल्ली में हैं। हालांकि तेजस्वी के नजर नहीं आने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मुद्दों से भटकाने के लिए एक बार फिर से हमारे नेता तेजस्वी यादव को निशाना बनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
भारतमाला घोटाले की जांच तेज: रायपुर और महासमुंद में 9 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

ED
रायपुर, 29 दिसंबर: छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा भुगतान से जुड़ी कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी के रायपुर जोनल कार्यालय द्वारा रायपुर और महासमुंद जिलों में कुल 9 परिसरों पर तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की जा रही है।
ईडी की यह कार्रवाई उन आरोपों की जांच के तहत की जा रही है, जिनमें भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा भुगतान में गड़बड़ियों की आशंका जताई गई है। तलाशी अभियान के दायरे में हरमीत सिंह खनूजा, उनके सहयोगियों, संबंधित सरकारी अधिकारियों और भूमि मालिकों से जुड़े ठिकाने शामिल हैं।
ईडी की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया, “ईडी, रायपुर जोनल कार्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ के रायपुर और महासमुंद में कुल नौ परिसरों पर तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा भुगतान से जुड़ी कथित अनियमितताओं की जांच के संबंध में की जा रही है।”
बता दें कि भारतमाला परियोजना भारत सरकार की एक परियोजना है। इसका मकसद 50 कॉरिडोर (अभी के छह से) करके 550 जिला मुख्यालयों (अभी के 300 से) को कम से कम 4-लेन हाईवे से जोड़ना और 24 लॉजिस्टिक्स पार्क, कुल 8,000 किमी के 66 इंटर-कॉरिडोर, कुल 7,500 किमी के 116 फीडर मार्गों को जोड़कर 80 प्रतिशत माल ढुलाई (अभी 40 प्रतिशत) को नेशनल हाईवे पर लाना था।
इस पूरे मामले की जांच में यह सामने आया कि जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में 43 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। जमीन के टुकड़ों को बांटकर और रिकॉर्ड में हेराफेरी करके, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को कुल 78 करोड़ रुपए का गलत भुगतान दिखाया गया।
एसडीएम, पटवारियों और जमीन माफियाओं के एक सिंडिकेट ने पुरानी तारीख के दस्तावेजों के जरिए यह धोखा किया। आरोपियों में पांच अधिकारी शामिल हैं, जिनमें निर्भय कुमार साहू भी शामिल हैं, जिन पर 43.18 करोड़ रुपए से ज्यादा के गबन का आरोप है। अभनपुर के नायकबंधा और उर्ला गांवों में जमीन माफियाओं ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को 159 प्लॉट में बांट दिया, जिससे उसका मूल्यांकन 29.5 करोड़ रुपए से बढ़कर 78 करोड़ रुपए हो गया। अभानपुर बेल्ट में 9.38 किलोमीटर के हिस्से के लिए मुआवजा शुरू में 324 करोड़ रुपए तय किया गया था, जिसमें से 246 करोड़ रुपए बांट दिए गए हैं, जबकि 78 करोड़ रुपए अभी भी रोके गए हैं।
राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान,विपक्ष के नेता डॉ. चरणदास महंत ने भारतमाला प्रोजेक्ट पर चिंता जताई और सीबीआई जांच की मांग की। राजस्व मंत्री टैंक राम वर्मा ने अनियमितताओं को स्वीकार किया और बताया कि अगस्त 2022 में शुरू की गई रायपुर कलेक्टर की जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है। जांच में अधिकारियों पर मालिकाना हक ट्रांसफर में हेराफेरी करने और मुआवज़े के दावों को बढ़ाने का आरोप लगा।
नतीजतन, सरकार ने कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया, जिनमें नायब तहसीलदार गोबरा नवापारा लखेश्वर प्रसाद किरण और पटवारी जितेंद्र प्रसाद साहू, दिनेश पटेल और लेखराम देवांगन शामिल हैं।
राजनीति
मुंबई नगर निगम चुनाव 2026: अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी मुंबई नगर निगम चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेगी, 37 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी; नवाब मलिक के परिवार के 3 सदस्य शामिल

AJIT PAWAR
मुंबई: अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने का फैसला किया है और लगभग 100 सीटों को अंतिम रूप दे दिया है जहां वह अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। पार्टी ने रविवार को 37 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की, जो मुंबई के इस महत्वपूर्ण नगर निगम चुनाव में एक आक्रामक एकल चुनाव अभियान का संकेत है।
अनुशक्ति नगर विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी विधायक सना मलिक ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की सहमति से लिया गया है। उन्होंने मीडिया को बताया , “पार्टी नेतृत्व की मंजूरी के बाद हमने बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। हम लगभग 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है।”
पहली सूची की एक प्रमुख विशेषता मलिक परिवार के सदस्यों को दी गई प्रमुखता है। तीन सदस्यों, वरिष्ठ एनसीपी नेता नवाब मलिक के भाई कप्तान मलिक, उनकी बहन सईदा आरिफ खान और कप्तान मलिक की बहू बुशरा मलिक को उम्मीदवार बनाया गया है। कप्तान मलिक और सईदा आरिफ खान पूर्व पार्षद हैं, जबकि बुशरा मलिक पहली बार चुनाव लड़ रही हैं।
बुशरा मलिक को वार्ड संख्या 170 से मनोनीत किया गया है, जिसका प्रतिनिधित्व पहले कप्तान मलिक करते थे, लेकिन अब यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है। कप्तान वार्ड संख्या 165 से चुनाव लड़ेंगे, जहां से सना मलिक 2017 के बीएमसी चुनावों में हार गई थीं। सईदा आरिफ खान वार्ड संख्या 168 से चुनाव लड़ेंगी, जिस वार्ड का प्रतिनिधित्व वह पहले पार्षद के रूप में कर चुकी हैं।
पार्टी ने वार्ड नंबर 111 से धनंजय पिसाल को भी मैदान में उतारा है। पिसाल ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) छोड़ने के बाद रविवार को अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए, जो नगर निगम चुनावों से पहले एक नया राजनीतिक बदलाव है।
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, राष्ट्रीय बाल्यावस्था परिषद ने शिवसेना अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मामा आशीष माने को पार्टी में शामिल किया है। पार्टी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, माने को वार्ड संख्या 159 से उम्मीदवार बनाया जा सकता है और उनका नाम उम्मीदवारों की दूसरी सूची में शामिल होने की उम्मीद है।
सत्ताधारी गठबंधन में मतभेदों के बीच एनसीपी का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला आया है, खासकर तब जब भाजपा ने नवाब मलिक को पार्टी के बीएमसी चुनाव अभियान का नेतृत्व सौंपे जाने पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, एनसीपी नेतृत्व मलिक के साथ मजबूती से खड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, सना मलिक ने कहा, “हमारी पार्टी तय करेगी कि कौन किसका नेतृत्व करेगा। तदनुसार, हम उपलब्ध विकल्पों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”
अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने अकेले ही यह निर्णय लेकर और अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी करके मुंबई के नागरिक परिदृश्य में स्वतंत्र राजनीतिक स्थान बनाने का अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है।
अपराध
उन्नाव रेप केस: सेंगर की सजा सस्पेंड करने के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 29 दिसंबर: सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच सोमवार को सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने उन्नाव रेप केस में भाजपा से निकाले गए नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पब्लिश कॉजलिस्ट के अनुसार, भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के 23 दिसंबर के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसमें सेंगर की अपील पेंडिंग रहने तक सजा सस्पेंड करने की अर्जी मंजूर की गई थी।
इससे पहले, यह जानकारी सामने आई थी कि सीबीआई और पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया था।
पीड़िता के परिजनों ने महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सेंगर की सजा निलंबित किए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जमानत के आदेश ने लोगों का भरोसा हिला दिया है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में गलत संदेश भेजा है।
दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई ने अपराध की गंभीरता और इसमें शामिल संभावित जोखिमों को बताते हुए सेंगर की याचिका का जोरदार विरोध किया था।
बता दें कि जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए उनकी अपील लंबित रहने तक उन्हें कड़ी शर्तों के साथ सशर्त जमानत दे दी थी।
उन्नाव रेप केस ने पूरे देश में गुस्सा पैदा कर दिया था। दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का दोषी ठहराया था और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही, 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस घटना से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था और निर्देश दिया था कि ट्रायल रोजाना के आधार पर किया जाए।
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