अपराध
पश्चिम बंगाल में भाजपा का नबान्न मार्च हुआ हिंसक, कई घायल

पश्चिम बंगाल भाजपा के युवा मोर्चा द्वारा गुरुवार को राज्य सचिवालय नबान्न के सामने आयोजित विरोध मार्च ने बाद में हिंसक रूप ले लिया। कथित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने बम फेंके और कोलकाता में पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले भी छोड़े। ये आंदोलनकारी नबान्न बिल्डिंग की ओर जा रहे थे, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कार्यालय है। यह बिल्डिंग हालांकि सैनिटाइजेशन के लिए बंद थी।
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष व बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने हावड़ा मैदान से एक रैली का नेतृत्व किया।
सूर्या ने इसे राज्य की राजनीति का काला दिन करार देते हुए कहा, “यह एक शांतिपूर्ण विरोध मार्च था। लेकिन तृणमूल कांग्रेस के साथ मिली पुलिस ने राजनीतिक कार्यक्रम को विफल करने की कोशिश की। रैली के दौरान 1,000 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए हैं और 500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। क्या बंगाल में इसे लोकतंत्र कहा जाएगा?”
झड़प में राज्य के भाजपा उपाध्यक्ष राजू बनर्जी सहित कई भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष भी लाठीचार्ज में घायल हो गए। पार्टी के नाराज कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए टायरों में आग लगा दी।
कैलाश विजयवर्गीय, अर्जुन सिंह, लॉकेट चटर्जी और मुकुल रॉय समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता विरोध मार्च में शामिल थे।
राज्य में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पार्टी के युवा मोर्चा ने 7 मांगे रखते हुए 4 अलग-अलग क्षेत्रों से नबान्न तक मार्च का आयोजन किया।
यह विरोध रैली पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने की भाजपा की रणनीति का एक हिस्सा है। राज्य में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाला है।
इस बीच ममता बनर्जी सरकार ने बुधवार को घोषणा की थी कि कोविड-19 सैनिटाइजेशन के लिए 8 और 9 अक्टूबर को दो दिन सचिवालय यानी नबान्न बिल्डिंग बंद रहेगी।
राज्य भाजपा नेतृत्व ने कहा कि नबान्न को बंद करना तृणमूल कांग्रेस के डर को दर्शाता है।
उधर, भाजपा पर पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद सौगत राय ने कहा कि ममता बनर्जी भाजपा से डरने वाली नहीं हैं। वह भाजपा से डरने वाली अंतिम व्यक्ति होंगी।
अपराध
महाराष्ट्र : शिरडी साईं बाबा संस्थान में 76 लाख का विद्युत घोटाला, 47 अधिकारियों-कर्मचारियों पर एफआईआर

शिरडी, 18 अक्टूबर: देशभर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के सबसे बड़े केंद्र शिरडी के श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट में एक बड़ा आर्थिक घोटाला सामने आया है। संस्थान के विद्युत विभाग में 76 लाख रुपए के विद्युत सामान के गबन का खुलासा लेखा परीक्षण (ऑडिट) के दौरान हुआ है। इस मामले में शिरडी पुलिस ने संस्थान के 47 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज किया है।
न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। जांच में खुलासा हुआ कि यह बात एक साल पहले हुए ऑडिट में सामने आई थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया था। प्रशासन की लापरवाही को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता संजय बाबुताई काले ने न्याय के लिए औरंगाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की।
न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, दिनांक 15 अक्टूबर को शिरडी पुलिस को सभी 47 आरोपियों पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के इस सख्त रुख के बाद ही शिर्डी पुलिस ने मामला दर्ज करने की कार्रवाई पूरी की।
एक रिपोर्ट के अनुसार, विद्युत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर साजिश रची। उन्होंने अपने अधीनस्थ विद्युत सामग्री का सही पंजीकरण नहीं किया। कई कीमती वस्तुओं को जानबूझकर ‘डेड स्टॉक रजिस्टर’ में फर्जी तरीके से दर्ज कर दिया गया, जबकि हकीकत में वे सामग्री संस्थान से गायब थीं। इस तरह, अधिकारियों-कर्मचारियों ने संस्थान को करोड़ों का आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
पुलिस जांच में सामने आया है कि 39 आरोपियों ने अपनी जिम्मेदारी की राशि संस्थान को चुका दी है, लेकिन 8 आरोपी पर अभी भी बकाया हैं।
फरियादी संजय काले ने इस पूरे घोटाले से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत हासिल किए थे। उनकी गहन छानबीन ने विद्युत विभाग में चल रही गैरव्यवस्था, फर्जी प्रविष्टियां और सामग्री की हेराफेरी का पूरा ब्यौरा सामने ला दिया। स्थानीय स्तर पर शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होने पर उन्हें अंततः उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने के बाद, शिरडी पुलिस ने दस्तावेजों, ऑडिट रिपोर्टों और जवाबदेही की समीक्षा के लिए एक टीम का गठन किया है।
इस घटना ने ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिकारियों और उनकी निगरानी प्रणाली के लिए एक बड़ी चेतावनी जारी की है कि अब उन्हें आर्थिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कड़ाई से लेखापरीक्षण लागू करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
अपराध
मुंबई अपराध: फर्जी BARC पहचान पत्र रखने के आरोप में वर्सोवा में 60 वर्षीय व्यक्ति गिरफ्तार

CRIME
मुंबई: मुंबई अपराध शाखा ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) से जुड़े फर्जी पहचान दस्तावेज रखने के आरोप में मुंबई के वर्सोवा इलाके से एक 60 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
अख्तर हुसैनी नामक इस व्यक्ति के पास से BARC के पहचान पत्र, जाली दस्तावेज और कई संदिग्ध कागजात मिले।
तलाशी के दौरान, अधिकारियों ने हुसैनी के कब्जे से नकली BARC पहचान पत्र, जाली दस्तावेज और कई संदिग्ध कागजात बरामद किए।
मुंबई अपराध शाखा के अनुसार, जालसाज फिलहाल हिरासत में है और फर्जी दस्तावेज बनाने के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ की जा रही है।
यह पता लगाने के लिए आगे की जांच चल रही है कि क्या इसमें कोई बड़ा नेटवर्क या आपराधिक गतिविधि शामिल है।
एक दिन पहले एक अन्य मामले में, दिल्ली अपराध शाखा के साइबर सेल ने एक लक्षित ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिसके परिणामस्वरूप 12 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और कई राज्यों में संचालित सुव्यवस्थित साइबर घोटाला सिंडिकेट को ध्वस्त किया गया।
यह ऑपरेशन एसीपी अनिल शर्मा की देखरेख में किया गया, जिसमें इंस्पेक्टर संदीप सिंह, इंस्पेक्टर अशोक कुमार, इंस्पेक्टर शिवराम और इंस्पेक्टर सुभाष के नेतृत्व वाली टीमें शामिल थीं।
पुलिस ने बताया कि पहले ऑपरेशन में, दिल्ली की अपराध शाखा की साइबर सेल ने तीन आरोपियों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया और राजस्थान तथा मध्य प्रदेश से संचालित एक डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी मॉड्यूल को ध्वस्त किया।
5 जुलाई को धारा 308/318(4)/319/340 बीएनएस, पीएस साइबर साउथ, दिल्ली के तहत मामला एफआईआर, एक विस्तृत डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले के माध्यम से 42.49 लाख रुपये की धोखाधड़ी के लिए दर्ज किया गया था।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जालसाजों ने पुलिस अधिकारी बनकर बुजुर्ग पीड़ित पर धन शोधन के मामले में संलिप्त होने का झूठा आरोप लगाया और भय तथा मनोवैज्ञानिक हेरफेर के माध्यम से उसे राजस्थान और मध्य प्रदेश में स्थित कई खातों में धन हस्तांतरित करने के लिए प्रेरित किया।
अपराध
मुंबई: फर्जी पुलिस बनकर दीपावली पर गरीबों के नाम पर ठगी, दो गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 18 अक्टूबर: मुंबई की सांताक्रूज पुलिस ने एक सामाजिक कार्यकर्ता को ठगने के आरोप में दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों दीपावली के दौरान गरीबों को उपहार और खाना बांटने का दावा कर रहे थे और इसके लिए फर्जी तरीके से चंदा जमा कर रहे थे।
सांताक्रूज इलाके में रहने वाले 67 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता आनंद जोशी ने पुलिस को सूचना दी कि उसके घर कुछ लोग नकली पुलिसकर्मी बनकर आए और चंदा लेकर गए थे।
उन्होंने अपनी पहचान एक पुलिस स्टेशन में होने की दी और कहा कि ये लोग दीपावली पर गरीब लोगों के लिए कपड़े और खाना बांटने के लिए पैसा ले रहे हैं। जो भी सहायता करना चाहे वह कर सकता है।
इसके साथ ही उन्होंने एक रजिस्टर भी दिखाया जिसमें पहले से कुछ लोगों के पैसे देने की बात लिखी थी। रजिस्टर देखकर सामाजिक कार्यकर्ता आनंद जोशी ने भी दो हजार रुपए दे दिए, जिसके बाद उन्हें उनकी हरकतों पर शक हुआ और मामले की जानकारी पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही वरिष्ठ निरीक्षक योगेश शिंदे के नेतृत्व में पुलिस टीम पहुंची और मौके पर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जालसाजों की पहचान की और कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मध्य प्रदेश निवासी दशरथ दीपनाथ व्यास (24) और राधेश्याम चौहान (38) के रूप में हुई है।
जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि आरोपी व्यास पर मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में भी धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से ठगी में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल और कपड़े भी जब्त कर लिए हैं।
पुलिस इन जालसाजों से पूछताछ कर इनके गिरोह का पता लगाने में लगी है कि अभी इनके साथ के कितने लोग शहर में घूम-घूम कर इस तरह का काम कर रहे हैं। इसके लिए पुलिस एक टीम का भी गठन कर रही है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर इस तरह के कोई भी लोग किसी के पास आएं या दिखाई दें तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी जाए, जिससे इनको पकड़ा जा सके।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा