राजनीति
यूपी में भाजपा चुनाव से पहले करेगी मोर्चा संगठन का गठन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के कुछ दिनों बाद राज्य की भाजपा इकाई ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी एक मोर्चा संगठन बनाने के साथ शुरू कर दी है।
जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए बैठकों का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
यूपी भाजपा के सूत्रों ने हालांकि कहा कि कई मोर्चा संगठनों, विभागों और प्रकोष्ठों की टीमों ने एक साल से अधिक का गठन नहीं किया है।
राज्य भाजपा के एक नेता ने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए मोर्चो, प्रकोष्ठ और विभाग का पुनर्गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा, कोविड महामारी के कारण नई टीमों के गठन में देरी हुई। अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इन मोर्चा संगठनों की टीमों का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया गया है।
भगवा पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य, जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक इन फ्रंटल और संबद्ध संगठनों में नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है। सात मोर्चा होंगे- महिला, युवा, अल्पसंख्यक, ओबीसी, एससी, एसटी और किसान।
पार्टी ने विशिष्ट समुदायों जैसे बुनकरों, सांस्कृतिक कलाकारों, मछुआरों, व्यापारियों, वकीलों व डॉक्टरों तक अपनी पहुंच बनाने की रणनीति तय की है।
विभाग विशिष्ट सरकारी कार्यक्रमों जैसे नमामि गंगे या स्वच्छता अभियान या पार्टी के विशिष्ट कार्यों जैसे सूचना प्रौद्योगिकी या मीडिया के साथ काम करता है।
इन मोचरें, प्रकोष्ठ और विभागों में सभी स्तरों पर संगठनात्मक नियुक्तियां करते समय सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश भाजपा महासचिव (संगठन) सुनील बंसल ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में कार्यकर्ताओं से मिलना शुरू कर दिया है।
बंसल राज्यभर के पार्टी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
वह 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के चुनावी भाग्य को सुधारने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।
शनिवार को बंसल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पार्टी नेता से मुलाकात की।
बैठक में संगठनात्मक रिक्तियों को जल्द से जल्द भरने का निर्णय लिया गया।
पार्टी के एक नेता ने कहा, बंसल जी ने हमें बूथ स्तर पर पार्टी और राज्य सरकार के लिए सकारात्मक माहौल बनाने को कहा है।
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने इंडिगो एयरलाइंस संकट वाली याचिका को जल्द सुनने से किया इनकार

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 8 दिसंबर: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ानें बड़े पैमाने पर रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल याचिका को जल्द सुनने से इनकार किया है। कोर्ट ने कहा कि पहले ही इस मामले का संज्ञान ले लिया है और समय पर कार्रवाई की गई है।
चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ये बात सही है कि लाखों यात्री परेशान हुए हैं। बहुत लोगों के जरूरी काम छूट गए, लेकिन सरकार इस मामले को देख रही है तो उन्हें संभालने दें। चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम एयरलाइन नहीं चला सकते। भारत सरकार ने पहले ही इस मामले का संज्ञान ले लिया है। समय पर कार्रवाई की गई है।
इंडिगो संकट छठे दिन भी जारी है। आज भी 200 से ज्यादा उड़ानें रद्द की दी गई जबकि कई उड़ानें देरी से है। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु समेत देशभर के एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बीते दिन सुप्रीम कोर्ट के वकील नरेंद्र मिश्रा ने सीजेआई को पत्र लिखकर इस पूरे संकट पर स्वतः संज्ञान लेने और मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
पत्र के माध्यम से दायर पिटीशन में कहा गया था कि इंडिगो की ओर से बीते कुछ दिनों में 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द करने और गंभीर देरी के कारण लाखों यात्री देशभर के एयरपोर्ट्स पर फंस गए, जिससे एक तरह का मानवीय संकट पैदा हो गया था।
मिश्रा ने इसे यात्रियों के मौलिक अधिकार, विशेषकर अनुच्छेद 21 (जीवन और गरिमा का अधिकार), का गंभीर उल्लंघन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से त्वरित हस्तक्षेप की अपील की थी।
वकील नरेंद्र मिश्रा द्वारा भेजी गई इस विस्तृत याचिका में कहा गया था कि छह बड़े मेट्रो शहरों में एयरलाइन का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस 8.5 प्रतिशत तक गिर गई था। हजारों यात्री (जिनमें बुजुर्ग, बच्चे, दिव्यांग और बीमारी से जूझ रहे लोग शामिल हैं) एयरपोर्ट्स पर घंटों तक फंसे रहे। जिससे उनको कई परेशानी का सामना करना पड़ा था।
एयरपोर्ट्स पर खाने-पीने, आराम, कपड़े, दवाइयों और रहने की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं दी गईं, जबकि एयरलाइन ने खुद मान लिया था कि उसके पास पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। अनेक मामलों में आपातकालीन मेडिकल जरूरतों की भी अनदेखी कर दी गई थी।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग रखी गई है कि मामले में तुरंत स्वतः संज्ञान लेकर इसे पीआईएल के रूप में स्वीकार किया जाए। स्पेशल बेंच बनाकर तुरंत सुनवाई की जाए। इंडिगो को आदेश दिया जाए कि मनमाने रद्दीकरण रोके, सुरक्षित तरीके से सेवाएं बहाल करे और सभी फंसे यात्रियों को मुफ्त वैकल्पिक व्यवस्था दे।
राष्ट्रीय समाचार
बिग बॉस 19 की ट्रॉफी जीतने के बाद गौरव खन्ना ने बताया शो करने का कारण, प्रणीत मोरे के बारे में कही बड़ी बात

मुंबई, 8 दिसंबर: गौरव खन्ना ने प्रणीत मोरे, फरहाना भट्ट, तान्या मित्तल और अरमान मलिक को पछाड़कर बिग बॉस 19 का खिताब जीत लिया है।
अभिनेता टॉफी के साथ 50 लाख की प्राइज मनी भी अपने साथ लेकर गए हैं, लेकिन अब शो जीतने के बाद उन्होंने शो से जुड़े अनुभव और बाकी चारों कंटेस्टेंट को लेकर खुलकर बात की है।
बिग बॉस की ट्रॉफी जीतने के बाद गौरव खन्ना काफी खुश दिखाई दिए। उन्होंने मीडिया से खास बातचीत में बताया कि क्यों उन्होंने बिग बॉस 19 में आने का फैसला लिया है। मीडिया से बातचीत में गौरव ने कहा कि बिग बॉस 19 में आने के दो कारण थे। पहली वजह सलमान सर से मिलना था। मुझे उनसे पहले कभी मिलने का मौका नहीं मिला था, और मैं सचमुच उनसे मिलना चाहता था। दूसरी वजह मेरे फैन थे। वे अक्सर मुझसे कहते थे कि मैं उनसे कभी व्यक्तिगत रूप से जुड़ नहीं पाता हूं। वे मुझे सिर्फ शोज में ही देखते हैं। मैं चाहता था कि वे असली गौरव खन्ना को देखें, यह जानें कि असल जिंदगी में मैं कैसा हूं और कैसा मेरा व्यवहार है।
बिग बॉस 19 की जर्नी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिग बॉस शो नहीं, मैराथन है। मैराथन में जैसे कई उतार-चढ़ाव आते हैं, कब स्पीड कम करनी है और कब ज्यादा, और आखिर में मंजिल सिर्फ क्रासिंग लाइन होती है। बिग बॉस भी मेरे लिए ऐसा ही रहा। मैंने कई टास्क किए और जीता भी, उस वक्त मेरी मेहनत को ज्यादा सराहा नहीं गया, लेकिन आखिर में ट्रॉफी मेरे नाम ही हुई। मैं खुद अपने काम का हल्ला नहीं करता हूं, मेरे काम का शोर खुद-बा-खुद हो जाता है।
फरहाना भट्ट शो की फर्स्ट रनरअप रहीं और उन्होंने टॉप टू में गौरव को बराबर की टक्कर दी। फरहाना को लेकर गौरव ने कहा कि वे अच्छा खेलीं और सबका खेलने का अपना तरीका होता है। कोई तेज गाड़ी चलाता है, तो कोई धीरे। हालांकि गौरव को प्रणीत मोरे के लिए काफी बुरा लगा, क्योंकि दोनों की दोस्ती शो में देखने को मिली थी। गौरव ने कहा कि उन्हें बुरा लगा कि प्रणीत टॉप टू में शामिल नहीं हो पाए।
गौरव ने कहा, “हमने एक-दूसरे से वादा किया था कि दोनों सलमान सर के सामने खड़े होंगे, लेकिन जब उसे टॉप फाइव से निकाला गया, मेरी आंखों में आंसू थे।”
राजनीति
‘वंदे मातरम’ गीत पर संसद में होगी विशेष चर्चा : केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल

नई दिल्ली, 8 दिसंबर: लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर खास चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दोपहर 12 बजे डिबेट की शुरुआत करेंगे। संसद की कार्यवाही से पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि वंदे मातरम गीत की 150वीं वर्षगांठ के विषय पर विस्तार से चर्चा चलेगी।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के फैसले के मुताबिक, देश 8 दिसंबर को ‘वंदे मातरम’ गीत की 150वीं वर्षगांठ मना रहा है। इसी सिलसिले में सोमवार को लोकसभा में इस मौके पर चर्चा होगी और मंगलवार को राज्यसभा में भी यह जारी रहेगी।”
इसी बीच, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी नीतियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “11 सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का नेतृत्व कर रहे हैं और नीतियां बना रहे हैं। उनकी नीतियों से सामाजिक न्याय की नीति धरातल पर उतरती नजर आती है।”
अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में साफ तौर पर सामाजिक न्याय आया है। घरों को अपग्रेड किया जा रहा है, बिजली और शौचालय दिए जा रहे हैं और मुद्रा योजना के तहत लोन दिए जा रहे हैं। गांवों के लगातार दौरों में मुझे ये बदलाव देखने को मिले। अब तक 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, जो सामाजिक न्याय लागू करने में एक बड़ी उपलब्धि है।
‘वंदे मातरम’ बहस से संबंधित कार्यक्रम के अनुसार, सत्ताधारी एनडीए सदस्यों को लोकसभा में इसके लिए निर्धारित कुल 10 घंटों में से तीन घंटे आवंटित किए गए हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गीत के बारे में विचारों में मतभेद के कारण ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा हंगामेदार होने की संभावना है।
राज्यसभा का सत्र मंगलवार को होगा। राज्यसभा में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को चर्चा शुरू करेंगे, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री और सदन के नेता जेपी नड्डा बोलेंगे।
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