राजनीति
बिहार : गोहिल ने तेजस्वी की ‘समझ’ पर उठाए सवाल, मिला ये जवाब

बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में भले ही टिकट बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन उसके पहले ही दोनों दलों के नेता अब आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने जहां लालू प्रसाद के जेल में रहने पर अफसोस जताते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव की समझ पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया, तो राजद ने भी अब गोहिल को आईना दिखाते हुए उन्हें बिहार की वस्तुस्थिति से परिचित नहीं होने की बात तक कह डाली।
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन को लेकर सीट बंटवारा का मुद्दा अब तक नहीं सुलझा है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के नेता 75 से 80 सीटों पर अड़े हुए हैं, जबकि राजद 58 सीट देने पर राजी है। ऐसे में दोनों के नेता अब आमने-सामने आ गए हैं।
गोहिल गुरुवार को दिल्ली में पार्टी की स्क्रीनिंग कमिटि की बैठक के बाद रात अचानक पटना पहुंच गए। पटना पहुंचने पर उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए राजद को सीट बंटवारे को लेकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद होते तो इतनी देर नहीं होती। दुर्भाग्यवश वे जेल में हैें।
गोहिल ने कहा, वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव और 2010 के विधानसभा चुनाव में राजद देख चुकी है कि कांग्रेस से अलग लड़ने का नतीजा क्या हुआ है। 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए, तुरंत कांग्रेस से गठबंधन कर लिया था। उसका परिणाम सभी लोगों के सामने हैं। अगर वह होते, तो आज ऐसी स्थिति नहीं होती।
उन्होंने आगे कहा, तेजस्वी युवा चेहरा हैं। वहीं, जो कम अनुभवी लोग होते हैं, उन्हें लोग गुमराह भी करते हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर देर बहुत हो गई है। अब गेंद राजद के पाले में है। हमारे साथी भी चाहते हैं कि सीटों पर जल्द निर्णय हो जाए।
गोहिल ने आगे कहा कि कांग्रेस राजद को छोडना नहीं चाहती है, लेकिन अगर राजद ऐसी नौबत लाती है, तो कांग्रेस भी एक राजनीतिक पार्टी है और कांग्रेस इसके लिए ‘एक्सरसाईज’ कर रही है।
इधर, कांग्रेस के तेजस्वी की समझ पर उठाए गए प्रश्नों को लेकर अब राजद भडक गई है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “कांग्रेस के प्रभारी गोहिल को बिहार की वस्तुस्थिति पता नहीं है। बिहार की 12 करोड़ जनता तेजस्वी के नाव पर सवार है, जो नाव में छेद करेगा उसे यहां की जनता डूबा देगी।”
उन्होंने कहा कि शक्ति सिंह यहां के विरोधी दल के नेता और मुख्यमंत्री के चेहरा तेजस्वी यादव पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजद को अगर कोई छेड़ेगा उसे हम उसे भी नहीं छोड़ेंगे।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
अश्लील कंटेंट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, कई OTT प्लेटफॉर्म्स भारत में किए गए बंद

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025: केंद्र सरकार ने ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हो रहे अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए ALTBalaji, ULLU सहित कई अन्य डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं को भारत में ब्लॉक करने का निर्णय लिया है। यह कदम नागरिकों और सामाजिक संगठनों की शिकायतों के बाद उठाया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आंतरिक जांच के बाद पाया कि ये प्लेटफॉर्म्स बार-बार अश्लील, अशोभनीय और समाज की सांस्कृतिक मर्यादाओं के विरुद्ध कंटेंट प्रसारित कर रहे थे, जो विशेष रूप से पारिवारिक माहौल और बच्चों के लिए अनुपयुक्त है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह रचनात्मक स्वतंत्रता पर हमला नहीं है, बल्कि डिजिटल कंटेंट को कानूनी और नैतिक दायरे में रखने का प्रयास है। हर प्लेटफॉर्म को तयशुदा दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।”
सरकार ने पहले ही इन प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी थी और कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था। लेकिन कई वेब सीरीज और शोज़ में नग्नता, स्पष्ट यौन दृश्य और अश्लील संवादों को जारी रखा गया, जिसकी वजह से यह कार्रवाई की गई।
OTT प्लेटफॉर्म्स हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं, खासकर युवा दर्शकों के बीच, लेकिन पारंपरिक टीवी और फिल्मों की तरह इन पर नियमन पहले से कमजोर रहा है। सरकार ने पहले एक स्व-नियमन फ्रेमवर्क लागू किया था, मगर आलोचकों का मानना है कि उसका पालन सख्ती से नहीं हुआ।
इस फैसले के बाद डिजिटल मनोरंजन जगत में बहस छिड़ गई है — एक ओर रचनात्मक अभिव्यक्ति की आज़ादी की मांग उठ रही है, वहीं दूसरी ओर समाज में नैतिकता बनाए रखने की ज़रूरत पर जोर दिया जा रहा है।
फिलहाल, जिन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया गया है वे भारत में एक्सेस नहीं किए जा सकते। मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि यदि अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने कंटेंट के नियमन को गंभीरता से नहीं लिया, तो आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
यह निर्णय भारत में डिजिटल कंटेंट के नियमन की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हमले जारी, दोनों पक्षों को भारी नुकसान

बैंकॉक, 25 जुलाई। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। सीमा के कई इलाकों में लगातार झड़पें जारी हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए लगातार बमबारी की।
थाई सेना ने सामरिक स्थिति के अनुसार जवाबी कार्रवाई की और स्थानीय नागरिकों को झड़प वाले क्षेत्रों में न जाने की चेतावनी जारी की। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज ऑफ थाईलैंड ने सुरिन प्रांत के एक स्थानीय अधिकारी के हवाले से बताया कि शुक्रवार सुबह फिर से सीमा के पास तोपों की आवाजें सुनी गईं।
थाई स्वास्थ्य मंत्रालय के उप प्रवक्ता के अनुसार, गुरुवार रात 9 बजे तक थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हुई सैन्य झड़पों में 14 थाई नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 46 अन्य घायल हुए हैं।
वहीं, कंबोडिया के ओडर मीनचे प्रांत के डिप्टी गवर्नर मेट मियास फेकदी ने शिन्हुआ को बताया कि गुरुवार को थाई गोलाबारी में एक कंबोडियाई नागरिक की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा, “सीमा के पास रहने वाले 2,900 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शुक्रवार सुबह तक भी लड़ाई जारी है।”
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की अंडरसेक्रेटरी और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेटा ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि थाई सेना ने ओडर मीनचे और प्रीआह विहेयर प्रांतों में कई स्थानों पर भारी हथियारों, एफ-16 लड़ाकू विमानों और क्लस्टर बमों का उपयोग किया।
इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से “अधिकतम संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने” की अपील की है।
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र में आपातकालीन सत्र बुलाया, जो शुक्रवार को न्यूयॉर्क में बंद दरवाजों के पीछे आयोजित हुआ।
थाईलैंड ने कंबोडिया से लगती सभी भूमि सीमाओं को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाईलैंड की सभी सात एयरलाइनों ने थाई नागरिकों की वापसी में मदद करने की पेशकश की है।
इस संघर्ष का असर थाईलैंड की आंतरिक राजनीति पर भी पड़ रहा है। प्रधानमंत्री पेटोंगटर्न शिनावात्रा को 1 जुलाई को नैतिकता जांच के चलते निलंबित कर दिया गया था। अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई हालात की कमान संभाल रहे हैं। फुमथाम ने कंबोडिया को आक्रामकता से बाज आने की चेतावनी दी है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की, चोरी का सामान बरामद किया

मुंबई: मुंबई पुलिस ने चोरी का सामान, मोबाइल फ़ोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लौटाकर नागरिकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। पुलिस ने मोबाइल फ़ोन जैसे चोरी हुए सामान लौटाए हैं जो नागरिक भूल गए थे। इसमें पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। मुंबई पुलिस के ज़ोन 8 ने शिकायतकर्ताओं और नागरिकों को 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। इनमें चोरी हुए मोबाइल फ़ोन भी शामिल हैं। खेरवाड़ी, बीकेसी, विले पार्ले, सहार, एयरपोर्ट समेत सात पुलिस थानों के अलावा, चोरी का सामान, सोने के आभूषण, मोबाइल फ़ोन, वाहन, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लौटाए गए हैं। इन चीज़ों की कुल कीमत 1.45 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये सभी चीज़ें उनके मालिकों को लौटा दी गईं, जिससे उनके चेहरों पर मुस्कान आ गई।
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