अपराध
भीमा कोरेगांव : ‘नवलखा अमेरिका में दोस्त के जरिए आईएसआई एजेंटों से मिले थे’

भीमा कोरेगांव एलगार परिषद मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने अमेरिका में एक आम दोस्त (कॉमन फ्रेंड) के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के एजेंटों से मुलाकात की थी।
जांच से जुड़े एक एनआईए के सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि 10,000 पन्नों के आरोपपत्र (चार्जशीट) में प्रत्येक अभियुक्त का विवरण है कि उन्होंने जाति के आधार पर हिंसा की योजना कैसे बनाई।
एनआईए ने मुंबई में विशेष एनआईए अदालत में मामले से जुड़े आठ लोगों के खिलाफ शुक्रवार को अपना पहला आरोपपत्र दायर किया है। इसमें एनआईए ने नवलखा के अलावा हनी बाबू, स्टैन स्वामी, आनंद तेलतुम्बडे, सागर गोरखे, रमेश गाइचोर, ज्योति जगताप और मिलिंद तेलतुम्बडे को नामजद किया है। इन लोगों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के साथ ही गैरकानूनी रोकथाम गतिविधियां अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
10,000 पन्नों की चार्जशीट में प्रत्येक अभियुक्त का विवरण है कि उन्होंने जाति के आधार पर हिंसा की योजना किस तरह से बनाई। सूत्र ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी एक यात्रा के दौरान नवलखा ने एक कॉमन फ्रेंड के माध्यम से आईएसआई एजेंटों से मुलाकात की।”
सूत्र ने कहा कि उससे आईएसआई एजेंटों की ओर से अमेरिका में संपर्क किया गया था, ताकि उन्हें भारत में उपयुक्त जासूसों को खोजने के लिए नवलखा से मदद मिल सके।
सूत्र ने हालांकि नवलखा की ओर से अमेरिका की यात्रा के संबंध में पूछे जाने पर इस जानकारी का खुलासा नहीं किया कि वह अमेरिका कब गए और उन्होंने आईएसआई एजेंटों के साथ कितनी बार संवाद किया।
भीमा कोरेगांव मामले में नवलखा की भूमिका और भागीदारी को उजागर करते हुए, एनआईए ने अपने आरोपपत्र में दावा किया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि उसके भाकपा (माओवादी) कैडरों के बीच गुप्त संचार हुआ था।
एनआईए ने कहा, नवलखा को सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा गया था। वह कुछ तथ्य-खोज समितियों का हिस्सा थे और उन्हें भाकपा (माओवादी) की गुरिल्ला गतिविधियों के लिए कैडर भर्ती करने का काम सौंपा गया था।
एनआईए ने यह भी कहा कि बाबू सीपीआई (माओवादी) क्षेत्रों में विदेशी पत्रकारों की यात्राओं के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था और उसे रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (आरडीएफ) के वर्तमान और भविष्य के कार्य सौंपे गए थे।
बाबू प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, मणिपुर की कुंगलपाक कंगलेपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के संपर्क में था और दोषी अभियुक्त जी.एन. साईबा भाकपा (माओवादी) के निर्देशों पर चल रहा था और उसी के लिए धन जुटा रहा था।
एनआईए ने इस साल 28 जुलाई को बाबू को नोएडा स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया था, जबकि नवलखा को 14 अप्रैल को आनंद तेलतुम्बडे के साथ गिरफ्तार किया गया था।
स्वामी की भूमिका का हवाला देते हुए, जिसे गुरुवार रात रांची से गिरफ्तार किया गया था और शुक्रवार को मुंबई में एक अदालत के समक्ष पेश किया गया था, एनआईए ने कहा कि वह एक भाकपा (माओवादी) कैडर है और उसकी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है।
आरोपपत्र में कहा गया है कि स्वामी अन्य भाकपा (माओवादी) कैडरों के साथ संचार में थे।
एनआईए ने यह भी आरोप लगाया कि स्वामी ने अपनी गतिविधियों के लिए अन्य माओवादी कैडरों से धन प्राप्त किया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि वह भाकपा (माओवादी) के अग्रणी संगठन पीपीएससी का संयोजक है।
एजेंसी ने कहा, भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए संचार से संबंधित दस्तावेजों और प्रचार सामग्री को जब्त कर लिया गया है।
आरोपपत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि आनंद तेलतुम्बडे, नवलखा, बाबू, गोरखे, गाइचोर, जगताप और स्वामी ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर भाकपा (माओवादी) की विचारधारा को आगे बढ़ाया और कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असहमति पैदा करते हुए विभिन्न समूहों के बीच धर्म, जाति और समुदाय को लेकर दुश्मनी को बढ़ावा दिया।
एनआईए ने आरोपपत्र में दावा किया, फरार आरोपी मिलिंद ने अन्य आरोपी व्यक्तियों को हथियार प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए।
इस मामले में एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को मामला दर्ज किया था।
मालूम हो कि पुणे के पास भीमा कोरेगांव में एक युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़क गई थी। इसके एक दिन पहले ही पुणे शहर में हुए एलगार परिषद सम्मेलन के दौरान कथित तौर पर उकसाने वाले भाषण दिए गए थे।
पुणे पुलिस ने इस मामले में क्रमश: 15 नवंबर, 2018 और 21 फरवरी, 2019 को एक आरोपपत्र और एक पूरक आरोपपत्र दायर किया था।
एनआईए ने 7 सितंबर को गोरखे और गाइचोर को गिरफ्तार किया था।
अपराध
दिल्ली के मालवीय नगर में दो युवकों पर चाकू से हमला, एक की मौत

CRIME
नई दिल्ली, 30 अगस्त। दिल्ली के मालवीय नगर थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह एक सनसनीखेज वारदात हुई। खिड़की एक्सटेंशन के जे ब्लॉक में दो युवकों पर चाकू से हमला किया गया। इस हमले में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दूसरे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने हत्या, हत्या की कोशिश समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए प्रयास जारी हैं।
पुलिस को सूचना मिली थी कि खिड़की एक्सटेंशन के जे ब्लॉक में दो युवकों पर हमला हुआ है और दोनों सड़क पर खून से लथपथ पड़े हैं। इसके बाद मदन मोहन मालवीय अस्पताल से खबर आई कि अस्पताल में लाए गए एक घायल शख्स की मौत हो गई है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
इस हमले में मारे गए युवक की पहचान खिड़की एक्सटेंशन निवासी विवेक (11) के रूप में हुई। मूल रूप से आगरा (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला विवेक एक रेस्टोरेंट में काम करता था। उसका शव ट्रॉमा सेंटर भेजा गया।
वहीं दूसरे युवक की पहचान गुप्ता कॉलोनी, खिड़की एक्सटेंशन निवासी अमन (21) हुई। अमन डीएलएफ में काम करता था। उसका इलाज ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है।
पुलिस के मुताबिक सुबह एक और कॉल आई, जिसमें बताया गया कि चार लड़कों के हाथ खून से सने थे और चाकू लिए हुए थे और लूटपाट के बाद भागे। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि इन्हीं चारों ने विवेक और अमन पर हमला किया था। पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया और अपराधियों को पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
जांच में पता चला कि यह हमला सुनियोजित हो सकता है। स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा। इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इलाके में रहने वाले लोगों को शांतिपूर्ण माहौल मिले और उन्हें दहशत के साए जीने के लिए विवश न होना पड़े।
अपराध
विरार इमारत हादसा: मामले में 5 लोग गिरफ्तार; जांच अपराध शाखा को सौंपी गई

CRIME
पालघर: विरार में रमाबाई इमारत के ढहने की घटना की जांच, जिसमें इस सप्ताह की शुरुआत में 17 लोगों की जान चली गई थी, अपराध शाखा इकाई 3 को सौंप दी गई है।
शुरुआत में, बिल्डर नित्तल गोपीनाथ साने (48) को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। आगे की पूछताछ के बाद, पुलिस ने दिवंगत ज़मींदार परशुराम दलवी की बेटियों और दामाद शुभांगी भोईर (38), संध्या पाटिल (35), सुरेंद्र भोईर (46) और मंगेश पाटिल (35) को भी हिरासत में ले लिया है। सभी पाँचों आरोपियों को शनिवार को वसई सत्र न्यायालय में पेश किया जाएगा।
जांचकर्ताओं के अनुसार, दलवी ने 2008 और 2011 के बीच डेवलपर साने के साथ इमारत के निर्माण के लिए एक समझौता किया था। 2020 में, नगर निगम ने मरम्मत की आवश्यकता का हवाला देते हुए एक नोटिस जारी किया था। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह संरचना अवैध थी।
मंगलवार को एक इमारत ढहने से त्रासदी हुई, जिसमें 17 निवासियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। जाँच लापरवाही, भूस्वामियों की जवाबदेही और अनधिकृत निर्माण में डेवलपर की भूमिका पर केंद्रित है।
अपराध
दिल्ली पुलिस ने ड्रग पैडलर को किया गिरफ्तार, 30.595 किलो गांजा बरामद

नई दिल्ली, 30 अगस्त। पूर्वी जिले की पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ड्रग पैडलर को 30.595 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने गुरुवार को आईएसबीटी आनंद विहार के पास चेकिंग के दौरान यह सफलता हासिल की। आरोपी की पहचान विवेक कुमार उर्फ किट्टू (19), निवासी जिला पटना, बिहार के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, एचसी अजय कुमार और कांस्टेबल रवि क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को चार बैग लिए हुए संदिग्ध अवस्था में देखा। पुलिस टीम को देखकर वह घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे तुरंत पकड़ लिया गया। जब बैगों की जांच की गई तो उनमें पैक किया गया गांजा मिला।
पकड़े गए आरोपी विवेक ने पूछताछ में बताया कि यह गांजा उसे उसके गांव के ही सुरंजन कुमार यादव ने दिया था, जिसे दिल्ली के मोती नगर और रघुवीर नगर में सप्लाई करना था। आरोपी पिछले एक साल से गांजा सप्लाई के धंधे में शामिल था। उसने अब तक 9–10 बार बिहार से दिल्ली तक खेप पहुंचाई। डिलीवरी की पूरी प्लानिंग व्हाट्सएप कॉल्स और लोकेशन शेयरिंग के जरिए की जाती थी। हर खेप लाने पर उसे 10 से 20 हजार रुपए मिलते थे। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आरोपी ने बताया कि अक्सर उसके साथ उसका नाबालिग साथी शिव शंकर भी रहता था, ताकि संदेह कम हो। घटना के दिन भी वह साथ था, लेकिन विवेक की गिरफ्तारी से पहले ही फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
विवेक कुमार उर्फ किट्टू, 19 वर्षीय युवक, बिहार के पटना जिले के बाढ़ थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरा धनवान का निवासी है। वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है, जहां उसके पिता किसान हैं। परिवार में मां, चार बहनें और एक भाई हैं। विवेक की शिक्षा केवल छठी कक्षा तक सीमित रही, जिसके बाद उसने मजदूरी शुरू की। हालांकि, बाद में वह नशा तस्करी के गैरकानूनी धंधे में शामिल हो गया। पुलिस ने उसके कब्जे से कुल 30.595 किलोग्राम गांजा बरामद किया है।
पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी विवेक के जरिए पूरे सप्लाई नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। सप्लायर सुरंजन यादव और दिल्ली में गांजा रिसीव करने वाले लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने साफ किया कि नशा तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
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