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भागीरथ पैलेस: दो बार लॉकडाउन के बावजूद न मास्क न सोशल डिस्टेंसिंग

दिल्ली में एक ओर जहां तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, वहीं त्योहारों का मौसम समाप्त होने के बाद भी दिल्ली के बाजारों में बेतहाशा भीड़ है। इस भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही हैं। न तो दुकानदार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और न ही खरीदार सावधानी बरत रहे हैं। पुरानी दिल्ली का भागीरथ पैलेस, दवाई और मेडिकल के सामान का पूरे उत्तर भारत में सबसे बड़ा बाजार है। यहां होलसेल व खुदरा दोनों दुकाने हैं। बाजार बंद होने की स्थिति में दिल्ली और एनसीआर के कई दवा विक्रेताओं को सप्लाई की जाने वाली दवाओं की आपूर्ति बाधित होने की आशंका बनी रहती है।
ऐसी स्थिति में विभिन्न दवा कंपनियों के डायरेक्ट डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम से दवा की आपूर्ति संभव हो पाती है। इसके अलावा अभी तक इस बाजार को चार-पांच दिन से ज्यादा बंद करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है, जिसके चलते दवाओं की आपूर्ति पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है।
यहां हजारों लोग खरीदारी के लिए प्रतिदिन आते हैं। इसी को देखते हुए पुलिस ने पहले यहां वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, ताकि इलाके में भीड़ न बढ़े। हालांकि अब वाहनों के साथ ही फुटपाथ और सड़क के दोनों ओर भी दुकानें लगाई जा रही हैं।
खास बात यह है कि भागीरथ पैलेस बाजार लॉकडाउन के बाद भी दो बार बंद किया जा चुका है। देश के इस सबसे बड़े दवा बाजार को कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण बंद करना पड़ा था। भागीरथ पैलेस मार्केट एसोसिएशन ने कहा, “कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हमने लॉकडाउन के बाद भी स्वयं ही दो बार बाजार बंद करने का निर्णय लिया था। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि दुकानदारों और यहां आने वाले खरीदारों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके।”
यहां ज्यादातर थोक दुकानदार हैं। ऐसे में यहां खरीदारी के साथ साथ सड़क पर ही लोडिंग का काम भी जारी है। सड़क की दोनों पटरियों पर मास्क, सैनिटाइजर एवं अन्य सामान खरीदे बेचे जा रहे हैं।
इतना ही नहीं कोरोना के मामले 8000 के पार पहुंचने के बावजूद सैकड़ों लोग अभी भी यहां बाजार में बिना मास्क के घूम रहे हैं। केवल खरीदार ही नहीं कई दुकानदार भी इस प्रकार की लापरवाही में शामिल हैं। हालांकि बाजार में ऐसे लोग भी बड़ी संख्या में दिखे, जिन्होंने पूरी सावधानी से मास्क पहना हुआ था।
भागीरथ पैलेस में दुकान चलाने वाले सुभाष चक्रवर्ती ने कहा, “मार्केट एसोसिएशन कई बार सावधानी बरतने की अपील कर चुका है। बावजूद इसके कई दुकानदार एवं कर्मचारी अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं। कई लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। लापरवाही केवल इतनी ही नहीं है बल्कि दुकानदारों ने सड़कों पर अपना सामान फैला रखा है, जिससे मार्केट में जाम लगता है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है।”
एक अन्य दुकानदार देवेंद्र पाहुजा ने कहा, “बाजार में जितनी भीड़ है, उसको देखते हुए कोरोना से बचाव का कोई भी उपाय लागू ही नहीं किया जा सकता। सब लोगों ने अपनी दुकानों के आसपास जगह घेर रखी है। इससे न तो बाजार में और न ही दुकानों के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जगह बची है। हां मास्क एक अनिवार्यता है, जिसका पालन कई लोग कर रहे हैं।”
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से ऐसे बाजारों को बंद करने की अनुमति मांगी है, जो कोरोना हॉटस्पॉट बन चुके हैं और जहां कोरोना नियमों की अनदेखी की जा रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दूसरा हमने देखा कि कुछ बाजारों में काफी संख्या में लोग न तो मास्क पहन रहे थे न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। इसकी वजह से कोरोना बहुत ज्यादा फैला। यदि कोरोना नियमों की अनदेखी के कारण दिल्ली के किसी बाजार में कोरोना फैलता है और वह इलाका कोरोना हॉटस्पॉट बन जाता है, तो उसे कुछ दिनों के लिए बंद करने की इजाजत दिल्ली सरकार को दी जाए। इस संबंध में हमने एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है।”
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यमन के हूती समूह ने दागी बैलेस्टिक मिसाइल, इजरायली सेना ने हवा में किया नष्ट

सना, 26 सितंबर। यमन के हूती समूह ने गुरुवार रात इजरायल पर मिसाइल दागी। इसके बाद बेन गुरियन हवाई अड्डे पर हवाई यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया। जान बचाने के लिए हजारों इजरायली लोगों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शुक्रवार को हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में, हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि गुरुवार रात दक्षिणी तेल अवीव के जाफा क्षेत्र में एक ‘संवेदनशील लक्ष्य’ की ओर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई।
यह मिसाइल हमला गाजा पट्टी के फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के अटैक और यमन की राजधानी सना पर कुछ घंटे पहले हुए इजरायली हवाई हमलों के जवाब में किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरिया ने चेतावनी दी कि बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य और लाल सागर के संकरे पानी से गुजरने वाले सभी वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को हूती बलों को अपनी पहचान बतानी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन पर हमला किया जाएगा।
गुरुवार रात एक बयान में इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि हवाई रक्षा प्रणालियों ने यमन में हूतियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल को रोक दिया।
यह हमला गुरुवार शाम सना में हूती ठिकानों पर इजरायल के कई हवाई हमलों के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 142 लोग घायल हो गए।
आईडीएफ ने कहा कि सना पर हमले दक्षिणी इजरायली शहर ईलात पर 25 सितंबर को हूती ड्रोन हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 20 लोग घायल हो गए थे।
सरकारी प्रसारक कान के अनुसार, ड्रोन एक बड़े समुद्र तट परिसर में फटा था। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन को रोकने का दो बार प्रयास किया, लेकिन असफल रही थी। यह हमला यहूदी नववर्ष रोश हशाना के दौरान हुआ था, जब ईलात में इजरायली पर्यटकों की भीड़ थी।
राजधानी सना सहित उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती नवंबर 2023 से इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है और लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहा है।
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पश्चिम रेलवे आरपीएफ, जीआरपी ने मीरा रोड स्टेशन पर महिला क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी को पकड़ा

मुंबई: भयंदर स्थित पश्चिम रेलवे की आरपीएफ टीम ने वसई रोड स्थित राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) टीम के साथ मिलकर हाल ही में मीरा रोड रेलवे स्टेशन पर एक महिला वाणिज्यिक बुकिंग क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एक आरोपी का पता लगाया और उसे पकड़ लिया।
पश्चिम रेलवे के अनुसार, भयंदर चौकी की आरपीएफ टीम और वसई रोड जीआरपी ने मिलकर बदमाश की तलाश में एक संयुक्त अभियान चलाया। आरोपी की पहचान मीरा रोड (पूर्व) निवासी 48 वर्षीय अशलम अनवर खान के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। इसके बाद, जीआरपी/वसई रोड के पुलिस निरीक्षक ने आगे की कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे 10 सितंबर, 2025 को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।
आरपीएफ भयंदर और जीआरपी वसई रोड द्वारा की गई यह त्वरित और समन्वित कार्रवाई, न केवल यात्रियों, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा, संरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के प्रति पश्चिम रेलवे की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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बिहार एसआईआर मामला: सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की समय सीमा बढ़ाने से इनकार

नई दिल्ली, 1 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार एसआईआर (में विशेष गहन पुनरीक्षण) मामले में विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावे और आपत्ति दर्ज करने की समय सीमा 1 सितंबर से आगे बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया कि 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी लोग अपनी आपत्तियां और दावे दर्ज कर सकेंगे।
आयोग ने स्पष्ट किया कि नामांकन की अंतिम तारीख तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने का काम जारी रहेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
चुनाव आयोग के वकील एकलव्य द्विवेदी ने कहा, “आज की सुनवाई में दो याचिकाएं दायर की गईं। मुख्य मांग थी कि आधार कवरेज को 65 प्रतिशत की बजाय सभी 7.2 करोड़ मतदाताओं तक बढ़ाया जाए और समयसीमा को भी बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मांगों को खारिज कर दिया है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई का डाटा नोट किया है कि 99.5 प्रतिशत लोगों का आवेदन हो चुका है और कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया है कि 1 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर लोग अपनी आपत्ति या दावा पेश कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आधार की मांग को भी नकारा है। कोर्ट ने माना है कि आधार का उद्देश्य नागरिकता को साबित करने का नहीं बल्कि पहचान को साबित करने का है। आधार कार्ड को ‘डेट ऑफ बर्थ’ का आधार माना जा सकता है।”
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है। समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। आयोग ने कहा कि 1 सितंबर से 25 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए पर्याप्त समय है और इसके बाद भी कोई रोक नहीं है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 30 सितंबर के बाद भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और सही दावों को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ‘बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी’ के चेयरमैन को निर्देश दिया कि वे पैरा-लीगल वॉलेंटियर्स को मतदाताओं की मदद के लिए नोटिफिकेशन जारी करें, ताकि दावे और आपत्तियां दर्ज करने में सहायता मिल सके।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि आधार कार्ड को स्वीकार करने का आदेश केवल 65 लाख लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि आधार कार्ड के कारण किसी का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ, तो उनकी सूची 8 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।
इससे पहले, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि 22 अगस्त को कोर्ट ने आधार कार्ड को दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का आदेश दिया था, लेकिन चुनाव आयोग पारदर्शिता के अपने निर्देशों का पालन नहीं कर रहा।
उन्होंने आशंका जताई कि कई ‘रिन्यूमेरेशन फॉर्म’ ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) द्वारा भरे गए हैं। भूषण ने यह भी कहा कि आयोग कुछ मतदाताओं को नोटिस जारी कर रहा है, जिसमें दस्तावेजों में कमी का हवाला दिया जा रहा है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में छूट गए लोग आधार कार्ड के साथ दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि, आधार की अहमियत को मौजूदा कानूनी प्रावधानों से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि आयोग को कानून के तहत आधार की वैधानिकता को स्वीकार करना होगा।
इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी, जिसमें कोर्ट आधार कार्ड के आधार पर मतदाता सूची में शामिल न किए गए लोगों की सूची पर विचार करेगा।
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