अपराध
बेंगलुरु: छह साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या, आरोपी गिरफ्तार
बेंगलुरु, 14 जनवरी। बेंगलुरु में छह साल की मासूम बच्ची की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि यह घटना राममूर्ति नगर थाना क्षेत्र में सोमवार शाम करीब 7.30 बजे घटी।
पीड़िता के माता-पिता निर्माण कार्य के लिए बाहर गए थे और वह घर पर अकेली थी। आरोपी ने इसका फायदा उठाया और वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान बिहार निवासी अभिषेक कुमार (25) के रूप में हुई है।
आरोपी अभिषेक कुमार राजमिस्त्री का काम भी करता था। उसने पीड़िता को अकेला पाया, तो वह उसे बहला-फुसलाकर घर से सुनसान जगह पर ले गया। इसके बाद उसने कथित तौर पर उसका रेप किया।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि यौन उत्पीड़न के दौरान लड़की की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। अधिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
गौरतलब है कि 10 जुलाई 2024 को कोडागु जिले में कर्नाटक-केरल सीमा पर पांच लोगों के एक गिरोह ने दो नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर उनमें से एक के साथ दुष्कर्म किया था। दूसरी लड़की भाग में सफल हो गई थी। इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद कर्नाटक पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
वहीं, 19 जुलाई को कर्नाटक के यादगीर जिले में नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। लड़की के साथ दो आरोपियों ने उस समय बलात्कार किया, जब वह शौच के लिए गई थी।
अपराध
रांची में कोयला कंपनी के रिटायर अफसर को 11 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 2.27 करोड़ की ठगी
रांची, 14 जनवरी। साइबर क्रिमिनल के एक गैंग ने रांची में रहने वाले कोयला कंपनी के एक रिटायर अफसर को 11 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 2.27 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। जेल भेजने और सख्त एक्शन का खौफ दिखाकर उनसे यह रकम आठ अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराई गई। इस मामले की एफआईआर सीआईडी साइबर थाना में दर्ज कराई गई है। इसके अलावा साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराई गई है। सीआईडी की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि इस ठगी को अंजाम देने वाला गिरोह महाराष्ट्र का है। गिरोह ने जिन बैंक अकाउंट में रकम ली है, वे महाराष्ट्र के हैं।
ठगी का शिकार हुए कोल इंडिया के रिटायर अफसर रांची के बरियातू इलाके में रहते हैं। उन्होंने एफआईआर में बताया है कि 10 दिसंबर, 2024 को उनके मोबाइल पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम अभिराज शुक्ला बताया और अपना परिचय ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अफसर के रूप में दिया। उनसे कहा गया कि उनके नंबर से कई लोगों को भ्रामक विज्ञापन और मेसेज ट्रांसफर किए गए हैं। भुक्तभोगी ने जब अपने नंबर से किसी तरह का मेसेज भेजे जाने से इनकार किया, तो उन्हें बताया गया कि हो सकता है कि किसी जगह पर जमा किए गए उनके दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड लेकर साइबर क्रिमिनल ने इस तरह की हरकत की हो। उन्हें बताया गया कि चूंकि आपके नंबर के जरिए बड़े पैमाने पर ठगी की गई है, इसलिए उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस बन रहा है। उन्हें अरेस्ट करने की धमकी दी गई।
इसके साथ ही कॉल करने वाले ने उन्हें भरोसा दिया कि अगर वे खुद को निर्दोष मानते हैं तो गिरफ्तारी और कार्रवाई से बचाने के लिए दिल्ली साइबर ब्रांच से उनकी मदद कराई जा सकती है। इसके बाद उन्हें दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच की अफसर बताने वाली पूनम गुप्ता नामक महिला का कॉल आया। उन्हें मोबाइल कैमरा ऑन करने कर उसके सामने रहने को कहा गया। फिर, उनकी बात कई लोगों से कराई गई, जिसमें एक व्यक्ति को सीनियर आईपीएस बताया गया। उन्हें लगातार धमकी देकर असली अपराधियों के पकड़े जाने तक वीडियो कॉल पर रहने की हिदायत की गई। यह सिलसिला लगातार 11 दिनों तक जारी रहा। इस दौरान उनसे अलग-अलग अकाउंट में यह कहकर रकम ट्रांसफर कराई गई कि ऐसा करने से ही यह साबित होगा कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग नहीं की है। भयभीत भुक्तभोगी ने खुद और अपनी पत्नी के अकाउंट में जमा 2.27 करोड की राशि ट्रांसफर कर दी।
इस घटना में पीड़ित की जिंदगीभर की जमा पूंजी चली गई। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने ठगों के नबंर पर कॉल करने की कोशिश की। लेकिन नबंर ब्लॉक कर दिया गया था।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच की कार्रवाई, 1 जनवरी से अब तक अवैध रूप से रह रहे 26 बांग्लादेशी गिरफ्तार
मुंबई, 11 जनवरी। भारत में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच की कार्रवाई जारी है। 1 जनवरी से लेकर अब तक मुंबई के विभिन्न इलाकों से 26 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है।
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए इन बांग्लादेशी नागरिकों के पास भारतीय वीजा या अन्य कानूनी दस्तावेज नहीं थे। ये लोग अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस अब इन नागरिकों से पूछताछ कर रही है, ताकि अवैध प्रवासियों के नेटवर्क का पता चल सके।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। इस अभियान के दौरान, मुंबई के विभिन्न इलाकों में विशेष रूप से घनी बस्तियों और अंधेरे इलाकों में छापेमारी की गई।
बता दें कि मुंबई पुलिस ने मुंबई में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान चलाकर शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों, गोवंडी, शिवाजी नगर, मानखुर्द, देवनार, चूनाभट्टी और घाटकोपर से कई बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों में कई ऐसे लोग भी हैं जो 10 से 15 सालों से मुंबई में रह रहे थे।
पुलिस ने इन घुसपैठियों के पास से बर्थ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों को बरामद किया। जांच में सामने आया कि ये सभी दस्तावेज फर्जी थे। पुलिस के अनुसार, इन घुसपैठियों के दस्तावेज एजेंटों द्वारा बनाए गए थे, जो 5 से 10 हजार रुपये लेकर इन घुसपैठियों के लिए फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट और अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार करते थे, जिनकी मदद से उनका आधार कार्ड भी बनवाया गया था।
मुंबई पुलिस के डीसीपी नवनाथ ढवले ने बीते दिनों कहा था कि अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है, जिनमें से कुछ लोग 10 या 15 सालों से यहां रह रहे थे। ये लोग भारत में आकर दिहाड़ी मजदूरी जैसे भवन निर्माण, प्लंबिंग जैसे काम कर रहे थे।
अपराध
केरल किशोरी यौन उत्पीड़न मामले में पांच गिरफ्तार, हिरासत में 10
पथानामथिट्टा, 11 जनवरी। केरल के पथानामथिट्टा जिले में किशोरी से यौन उत्पीड़न मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस द्वारा इस मामले में 10 अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है।
किशोरी का कथित तौर पर लगभग 62 लोगों ने यौन शोषण किया।
यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता ने अपनी भयावह कहानी बताई। उसने बताया कि 13 साल की उम्र से उसके दोस्तों, प्रशिक्षकों और वरिष्ठ खिलाड़ियों द्वारा उसका यौन शोषण किया गया।
पथानामथिट्टा में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा आयोजित परामर्श सत्र के दौरान यह मामला सामने आया, जब पीड़ित के शिक्षकों ने किशोरी के व्यवहार में आए बदलावों के बारे में समिति को जानकारी दी।
जल्द ही, सीडब्ल्यूसी ने मामला पथानामथिट्टा के जिला पुलिस प्रमुख को सौंप दिया।
अपने प्रारंभिक बयान में उसने 40 लोगों के नाम बताए जिनके मोबाइल नंबर उसने अपने पिता के मोबाइल में सेव कर रखे थे, जिस डिवाइस का वह इस्तेमाल कर रही थी।
एलावनथिट्टा, कोन्नी और पथानामथिट्टा जिलों के स्थानीय पुलिस स्टेशनों में पांच एफआईआर दर्ज की गईं तथा आने वाले दिनों में और भी एफआईआर दर्ज की जाएंगी।
यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी उम्र 30 साल से कम है। पांचों आरोपियों में से एक नाबालिग से दुर्व्यवहार के आरोप में जेल में है।
अपराध की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस प्रमुख ने जिले के शीर्ष अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की है।
केरल में पिछले कुछ वर्षों में सूर्यनेल्ली, विथुरा और कोझीकोड ने इसी तरह के मामलों को लेकर मीडिया का बहुत ध्यान खींचा है।
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