अंतरराष्ट्रीय
बीसीसीआई ने शुभमन को वापस बुलाया : रिपोर्ट

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने चोटिल युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल को वापस बुलाया है।
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, शुभमन को चोट लगी थी और वह चार अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली पांच मैचों की सीरीज से बाहर हो गए हैं और बीसीसीआई उन्हें वापस स्वदेश बुलाना चाहता है। हालांकि, इस बारे में कोई खबर नहीं है कि उनकी जगह किस खिलाड़ी को शामिल किया जाएगा या शुभमन कब स्वदेश लौटेंगे।
ऐसा समझा जाता है कि शुभमन के बदले खिलाड़ी भेजने का कोई जल्द प्लान तैयार नहीं किया गया है। टीम मैनेजमेंट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि लोकेश राहुल को टेस्ट में ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर नहीं देखा जाएगा जिसके बाद मयंक अग्रवाल और टेस्ट में डेब्यू का इंतजार कर रहे अभिमन्यु ईश्वरन ही रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग जोड़ी के तौर पर विकल्प के रुप में बचे हैं।
ऐसा भी समझा जाता है कि टीम मैनेजमेंट ने मेल में किसी विशिष्ट खिलाड़ी के लिए नहीं कहा है। एक अधिकारी ने क्रिकबज से कहा, “टीम मैनेजमेंट ने शुभमन की जगह किस खिलाड़ी को लेना है ये चयनकर्ताओं पर छोड़ रखा है, चाहे वो पृथ्वी शॉ और देवदत्त पडीकल हो या अन्य कोई बल्लेबाज।”
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में दावा, ‘उत्तर कोरिया की रणनीतिक स्थिति हुई काफी मजबूत’

वाशिंगटन, 24 मई। उत्तर कोरिया इस समय पिछले कई दशकों की तुलना में अपनी “सबसे मजबूत स्थिति” में है। इसकी वजह यह है कि उत्तर कोरिया लगातार उन्नत हथियार बना रहा है, जो उत्तर-पूर्व एशिया और अमेरिका की मुख्य भूमि में अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी देशों के लिए खतरा बन सकते हैं।
अमेरिका के रक्षा विभाग की खुफिया एजेंसी (डीआईए) ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट का नाम है ‘2025 वर्ल्डवाइड थ्रेट असेसमेंट’ यानी ‘2025 वैश्विक खतरे का आकलन’। इसमें उत्तर कोरिया, चीन, रूस, ईरान और अन्य देशों या संगठनों से उत्पन्न होने वाले सुरक्षा खतरों के बारे में जानकारी दी गई है।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल खतरों को लेकर चिंता बढ़ रही है। साथ ही, पिछले साल जून में रूस और उत्तर कोरिया के बीच हुई “व्यापक रणनीतिक साझेदारी” संधि के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य रिश्तों को लेकर भी चिंता जताई गई है।
डीआईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि “उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन को अब अपने शासन की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान को लेकर पहले से ज्यादा भरोसा हो गया है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि “उत्तर कोरिया इस समय पिछले कई दशकों में अपनी सबसे मजबूत स्थिति में है। उसके पास अब ऐसे हथियार और सैन्य ताकत है जो पूर्वोत्तर एशिया में अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी देशों के लिए खतरा बन सकती है। इसके साथ ही, वह अमेरिका तक को डराने की अपनी क्षमता को बेहतर बना रहा है।”
रिपोर्ट में बताया गया है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मदद के बदले रूस, उत्तर कोरिया, चीन और ईरान के साथ अंतरिक्ष, परमाणु और मिसाइल से जुड़ी तकनीक, जानकारी और सामान साझा कर रहा है। इससे अगले तीन से पांच वर्षों में इन तीनों देशों के खतरनाक हथियार बनाने के कार्यक्रमों में तेजी आ सकती है।
एजेंसी ने कहा है कि “उत्तर कोरिया अपने मिसाइल कार्यक्रम के लिए ऐसी चीजें गैरकानूनी तरीके से खरीद रहा है, जिन्हें वह खुद अपने देश में नहीं बना सकता। इसमें उसे अक्सर चीन और रूस के लोगों की मदद मिलती है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि “उत्तर कोरिया आगे भी खतरनाक देशों को बैलिस्टिक मिसाइल और उससे जुड़ी तकनीक बेचता और प्रसार करता रहेगा।”
अंतरराष्ट्रीय
इजरायली दूतावास कर्मचारियों की हत्या यहूदियों को निशाना बनाकर किया गया आतंकवादी कृत्य : एफबीआई

वाशिंगटन, 23 मई। एफबीआई के प्रभारी सहायक निदेशक स्टीवन जे. जेन्सेन ने शुक्रवार को वाशिंगटन में यहूदी नेशनल म्यूजियम के बाहर दो इजरायली दूतावास कर्मचारियों की दुखद हत्या को आतंकवादी कृत्य और यहूदी समुदाय के खिलाफ निर्देशित हिंसा बताया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि इस मामले पर एफबीआई का पूरा ध्यान है, और हम सभी सबूतों की तलाश करेंगे और हमले की जांच के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करेंगे। देश भर में एफबीआई कार्यालयों की सहायता से हम जांच जारी रख रहे हैं। हम हमला करने वाले के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए सर्च वारंट भी निष्पादित कर रहे हैं और उसके सोशल मीडिया खातों की भी जांच कर रहे हैं।
यह गोलीबारी लिलियन और अल्बर्ट स्मॉल कैपिटल यहूदी म्यूजियम में युवा राजनयिकों के लिए अमेरिकी यहूदी समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के बाहर हुई। पुलिस ने शूटर की पहचान शिकागो के 30 वर्षीय एलियास रोड्रिगेज के रूप में की। मेट्रोपॉलिटन पुलिस प्रमुख पामेला स्मिथ ने बताया कि संदिग्ध हिरासत में लिए जाने के दौरान “फ्री फिलिस्तीन!” चिल्ला रहा था।
जिन लोगों की मौत हुई उनके नाम सारा लिन मिलग्रिम और उनके साथी यारोन लिस्चिंस्की थे और वाशिंगटन में इजरायली दूतावास में काम करते थे।
अमेरिकी न्याय विभाग के एक बयान के अनुसार, आरोपी रोड्रिगेज 21 मई को इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोलीबारी के संबंध में संघीय और स्थानीय हत्या के अपराधों के आरोप का सामना करेगा। उस पर कोलंबिया जिला न्यायालय में विदेशी अधिकारियों की हत्या, हथियार का उपयोग करके हत्या की वजह बनने और हिंसा के दौरान हथियार चलाने का आरोप लगाया गया है।
आरोपों की घोषणा अमेरिकी अटॉर्नी जीनिन फेरिस पिरो, एफबीआई के सहायक निदेशक प्रभारी स्टीवन जे. जेन्सेन और मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग की प्रमुख पामेला स्मिथ ने की।
सहायक निदेशक प्रभारी जेन्सेन ने कहा, “यह पूरी तरह लक्षित और यहूदी विरोधी हिंसा का केस है। एफबीआई सभी सबूतों की जांच करना जारी रखेगी और अपने उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग करेगी।”
अटॉर्नी जनरल पामेला बॉन्डी ने इस हमले को क्रूर, यहूदी विरोधी हिंसा बताया, जिसका अमेरिका या सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा, “हम इस जघन्य अपराध के अपराधी को सबसे कठोर सजा दिलाएंगे, जिसने दो होनहार युवाओं की हत्या कर दी।”
अमेरिकी न्याय विभाग के बयान में कहा गया, “हलफनामे के अनुसार, रोड्रिगेज ने कथित तौर पर पीड़ितों पर उस समय गोली चलाई, जब वे अमेरिकी यहूदी समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से निकल रहे थे, जिसमें यहूदी पेशेवर और राजनयिक समुदाय के सदस्य एक साथ आए थे। दोनों पीड़ित इजरायली दूतावास में कार्यरत थे। एक इजरायली नागरिक और अमेरिकी सरकार का आधिकारिक अतिथि था।”
घटना के वीडियो फुटेज में कथित तौर पर रोड्रिगेज को पीड़ितों के पास से गुजरते हुए और फिर मुड़कर कई राउंड फायर करते हुए दिखाया गया है। पीड़ितों के गिरने के बाद, उसने कथित तौर पर करीब से फायरिंग जारी रखी। जांचकर्ताओं ने घटनास्थल से एक 9 मिमी हैंडगन और 21 खाली कारतूस बरामद किए।
आधिकारिक बयान के अनुसार, इस मामले की जांच एफबीआई के वाशिंगटन फील्ड ऑफिस और मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग द्वारा की जा रही है। न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग की सहायता से कोलंबिया जिले के लिए यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी कार्यालय द्वारा मुकदमा चलाया जा रहा है।”
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी सेना फिर बेनकाब, बोल रही आतंकी हाफिज सईद की ही जुबान, सिंधु जल समझौते पर दिया विवादित बयान

इस्लामाबाद, 23 मई। पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर जाहिर कर दिया है कि वो आतंकियों की बोली बोलती है। सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने लश्कर ए तैयबा (एलईटी) के आतंकी हाफिज सईद की ही तरह सिंधु जल समझौते को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगला है।
चौधरी ने एक सार्वजनिक सभा में सिंधु जल संधि स्थगित करने के फैसले पर चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि “यदि आप हमारा पानी रोकेंगे, तो हम आपकी सांसें रोक देंगे।” ये अंदाज और बोल ठीक वैसे ही हैं जैसे हाफिज सईद ने हाल ही में उगले थे।
शरीफ चौधरी सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने के भारत के फैसले पर बोल रहे थे। दरअसल, भारत पहले ही कह चुका है कि जब तक इस्लामाबाद आतंकवाद को समाप्त नहीं कर देता और अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवादी समूहों को सहायता, वित्त पोषण और समर्थन बंद नहीं कर देता, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित ही रहेगी।
चौधरी ने कथित तौर पर पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय में भाषण के दौरान यह टिप्पणी की। उनका बयान लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद द्वारा इस्तेमाल की गई बयानबाजी से हूबहू मेल खाता है। सईद 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड है। वह भारत और अमेरिका के खिलाफ अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जाना जाता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में हाफिज सईद को यही शब्द कहते हुए सुना जा सकता है। ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब भारत ने 23 अप्रैल को सिंधु जल संधि के कुछ हिस्सों को निलंबित कर दिया था। यह संधि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद की है जिसमें 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
1960 में हस्ताक्षरित और विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता की गई यह संधि सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल के बंटवारे को दोनों देशों के बीच नियंत्रित करती है।
इस बीच, नई दिल्ली ने बार-बार कहा है कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते; बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते,” जो सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के कथित समर्थन पर सख्त रुख का संकेत देता है।
निलंबन इस्लामाबाद के खिलाफ उठाए गए जवाबी उपायों का एक हिस्सा था, जिसमें 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” भी शामिल था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि पाकिस्तान के साथ भविष्य की कोई भी बातचीत केवल जम्मू और कश्मीर में अवैध रूप से कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर केंद्रित होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दृढ़ता से कहा कि “आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते,” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत केवल वांछित आतंकवादियों के प्रत्यर्पण पर चर्चा को तैयार है, जिन्हें पहले से ही सूचीबद्ध किया गया है और इस्लामाबाद के साथ साझा किया गया है।
कश्मीर मुद्दे पर भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए, जायसवाल ने रेखांकित किया, “कोई भी द्विपक्षीय चर्चा केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर होगी।”
निलंबित सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) पर जायसवाल ने पुष्टि की कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद करने के लिए विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय कदम नहीं उठाता, तब तक यह समझौता स्थगित रहेगा।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को दोहराया: “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते,” जो ऐतिहासिक जल-समझौते पर भारत की स्थिति के सख्त होने का संकेत देता है।
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