अंतरराष्ट्रीय समाचार
बांग्लादेश : 1971 के युद्ध अपराधियों की 22 अपीलें लंबित

बांग्लादेश के दो इंटरनेशनलक्राइम्स ट्रिब्यूनल्स (आईसीटी) ने 1971 में लिबरेशन वार के दौरान किए गए मानवता के खिलाफ अपराधों से संबंधित दायर 41 मामलों में ही अब तक फैसले सुनाए हैं।
बांग्लादेश के आईसीटी के अभियोजक (एडमिन) जेद अल मलुम ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि, फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय विभाग के साथ 39 अपीलें दायर की गई हैं। वहीं दोषी ठहराए गए, मौत की सजा वाले 22 अपीलें कोविड-19 महामारी की वजह से लंबित हैं।
उन्होंने कहा, “वर्चुअल तौर पर अपीलों को निपटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, महामारी की स्थिति में अपील की समीक्षा पूरी तरह से अनिश्चित है, क्योंकि किसी भी समय समीक्षा करना अनिवार्य नहीं है।”
वहीं फरवरी 2013 में इंटरनेशनल क्राइम्स (ट्रिब्यूनल) अधिनियम-1973 में संशोधन ने 60 दिनों में सजा के खिलाफ अपील का निपटारा करने का प्रावधान किया, जिससे उम्मीद जगी है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अपना निर्णय देगा।
करीब तीन साल से अधिक समय के बाद 2019 को सुनवाई फिर से शुरू हुई, जिसके बाद न्याय की मांग करने वालों को आखिरकार न्याय मिलने की उम्मीद जगी थी। लेकिन प्रक्रिया फिर से रुक गई। पिछले एक साल में किसी भी अपील पर सुनवाई नहीं हुई है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों की भरमार हो गई है और महामारी के कारण इसके नियमित कार्य धीमी गति से चल रहे हैं।
वहीं युद्ध-अपराध से संबंधित आखिरी अपील की सुनवाई 3 दिसंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय प्रभाग में हुई थी। इसमें 2014 में एक युद्ध-अपराध के लिए मृत्युदंड दिए जाने को चुनौती देते हुए सजायाफ्ता सैयद मोहम्मद कैसर ने अपील दायर की थी।
अपीलीय प्रभाग ने अब तक पिछले नौ वर्षों में दायर किए गए सिर्फ नौ ऐसी अपील का निपटारा किया है। इसमें कैसर का मामला भी शामिल है।
वहीं तीन अपील, जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रमुख (अमीर) गुलाम आजम, पूर्व बीएनपी मंत्री अब्दुल अलीम और जमात-ए-इस्लामी के पूर्व नेता अब्दुस सोभान की जेल की सजा के खिलाफ दायर की गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन अपीलों को निरस्त कर दिया था, क्योंकि अपील के लंबित होने के दौरान ही दोषियों की मौत हो गई थी।
इस साल 20 जुलाई को बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश सैयद महमूद हुसैन की अध्यक्षता में अपीलीय प्रभाग की एक वर्चुअल पीठ ने कहा कि वह युद्ध अपराधी एटीएम अजहरुल इस्लाम की समीक्षा याचिका पर तभी सुनवाई करेंगे, जब महामारी के बाद कोर्ट की कार्यवाही नियमित होगी।
वहीं दोषी ठहराए गए युद्ध अपराधी और जमात-ए-इस्लामी नेता अजहरुल ने 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की थी। उसे युद्ध के दौरान मानवता के खिलाफ नरसंहार और अपराधों के लिए मौत की सजा दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही सुलझा लिए गए नौ युद्ध अपराधी, 1971 जमात-ए-इस्लामी अमीर (प्रमुख) मोतीउर्रहमान निजामी, महासचिव अली अहसन मुहम्मद मोजाहिद, जमात नेता देलावर हुसैन सईदी, मुहम्मद कमरुजमान, अब्दुल कादिर मोल्लाह, मीर कासिम अली और एटीएम अजहरुल इस्लाम, बीएनपी नेता सलाउद्दीन कादिर चौधरी और जातिय पार्टी के पूर्व नेता सैयद मोहम्मद कैसर हैं।
इनमें से निजामी, मोजाहिद, सलाउद्दीन कादिर चौधरी, कमरुजमान, कादिर मोल्लाह, कासिम को फांसी की सजा दी जा चुकी थी, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के खिलाफ उनकी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करते हुए उनकी मौत की सजा की पुष्टि की थी।
एक अन्य युद्ध अपराधी जमात-ए-इस्लाम नेता और एंटी-लिबरेशन कम्युनल उपदेशक और पाकिस्तानी प्रचारक दिलावर हुसैन सईदी, जिसे ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई थी, अब जेल में हैं।
इस बीच बांग्लादेश के नवनियुक्त अटॉर्नी जनरल, एएम अमीन उद्दीन ने कहा, “मैं अपीलीय प्रभाग के साथ लंबित युद्ध-अपराध अपील के बारे में पूछताछ करूंगा। यदि वे सुनवाई के लिए तैयार हैं, तो मैं उनकी सुनवाई के लिए जनवरी में पहल करूंगा।”
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता बताने मास्को पहुंची कनिमोझी, क्योटो में संजय झा ने खोली पाकिस्तान की पोल

नई दिल्ली, 23 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पाकिस्तान में जड़ जमा चुके आतंकवाद की सच्चाई से दुनिया के दूसरे देशों को अवगत कराने के लिए निकला कनिमोझी का प्रतिनिधिमंडल मास्को पहुंच चुका है। वहीं, क्योटो पहुंचे संजय झा ने भारत की सोच से जापानी राजनयिकों को अवगत कराया।
कनिमोझी के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल 23 मई की सुबह मास्को पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद राजीव राय, भाजपा सांसद कैप्टन ब्रिजेश, प्रेमचंद गुप्ता, आप के राज्यसभा सांसद डॉ. राजीव मित्तल, नेशनल कांफ्रेंस के मिया अल्ताफ अहमद, नेपाल, यूरोपीय संघ, बेल्जियम, लक्जमबर्ग में भारत के राजदूत रहे मंजीव पूरी और पूर्व विदेश सेवा अधिकारी और रूस में भारत के राजदूत रहे विनय कुमार शामिल हैं। रूस स्थित भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से प्रतिनिधिमंडल के मास्को पहुंचने की तस्वीरें शेयर की हैं।
22 मई को जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय दौरे पर जापान के क्योटो पहुंचा। दौरे के दूसरे दिन भारत का पक्ष रखते हुए संजय झा ने कहा, “हम दुनिया को यह बताने के लिए आए हैं कि आज भारत आतंकवाद से जूझ रहा है, कल आपका नंबर हो सकता है इसलिए तटस्थ मत रहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सभी के लिए है। पाकिस्तान आतंकवादियों को फंड देता है, उन्हें प्रशिक्षित करता है और फिर भारत में भेजता है इसलिए आतंक के खिलाफ लड़ाई सबको लड़नी होगी।”
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजदूत मोहन कुमार, भाजपा सांसद डॉ. हेमांग जोशी, सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, भाजपा सांसद बृज लाल और भाजपा सांसद प्रदान बरुआ और कांग्रेस के सलमान खुर्शीद शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने गोलीबारी करते हुए 26 लोगों की हत्या कर दी थी। 7 मई को भारतीय सेना ने इस हमले का बदला लेते हुए जवाबी कार्रवाई की थी और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। हालांकि पाकिस्तान की जनता और सैन्य क्षमता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन पाकिस्तानी सेना ने सीमावर्ती क्षेत्र में ड्रोन से हमले शुरू कर दिए। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सभी ड्रोन विफल कर दिए। भारत ने अपनी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को बड़ा नुकसान पहुंचाया।
पाकिस्तान इस नुकसान और अपने यहां आतंकवाद के अस्तित्व को स्वीकार करने से इनकार कर रहा है और भारत से संबंधित गलत और भ्रामक खबरें दुनियाभर में फैला रहा है। भारत का हमला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हुआ था। इसकी सफलता से दुनिया को अवगत कराने के लिए और पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है और ग्रुप में अलग-अलग देशों में भेज रही है। कनिमोझी और संजय झा का प्रतिनिधिमंडल इसी के तहत मास्को और क्योटो में हैं।
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‘नफरत और कट्टरता की अमेरिका में कोई जगह नहीं’, इजरायली कर्मियों की हत्या पर बोले डोनाल्ड ट्रंप

वाशिंगटन, 22 मई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार देर रात (अमेरिकी समयानुसार) वाशिंगटन में कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या किए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे यहूदी विरोधी कृत्य बताया है।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार, पीड़ित इजरायली दूतावास के एक पुरुष और एक महिला कर्मचारी हैं, जिनको अज्ञात हमलावर ने म्यूजियम से बाहर निकलते समय गोली मार दी।
अधिकारियों ने हत्या की पुष्टि की और इसे यहूदी-विरोधी भावना से प्रेरित अपराध मानकर एक बहु-एजेंसी जांच शुरू की।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “डीसी में ये भयानक हत्याएं, जो स्पष्ट रूप से यहूदी-विरोधी हैं, इन्हें अब खत्म होना चाहिए। नफरत और कट्टरता का अमेरिका में कोई स्थान नहीं है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना। बहुत दुख की बात है कि ऐसी चीजें भी हो सकती हैं, भगवान आप सभी का भला करे।”
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी हत्याओं की निंदा की और कहा, “यह कायराना, यहूदी-विरोधी हिंसा का एक निंदनीय कृत्य था। कोई गलती न करें, हम जिम्मेदार लोगों का पता लगाएंगे और उन्हें न्याय के कटघरे में लाएंगे।”
इजरायल में अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने भी घटना पर गुस्सा व्यक्त किया। उन्होंने इसे “आतंक का भयानक कृत्य” बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी शूटिंग के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंची थीं।
संयुक्त राष्ट्र में इजरायली राजदूत डैनी डैनन ने इस घातक हमले को “यहूदी-विरोधी आतंकवाद का जघन्य कृत्य” करार दिया और कहा कि यहूदी समुदाय को नुकसान पहुंचाना खतरे के लाल निशान को पार करना है। उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा जताया और इजरायल की अपने नागरिकों व प्रतिनिधियों की वैश्विक स्तर पर रक्षा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता ताल नैम कोहेन ने हत्याओं की निंदा की और कहा, “हमें स्थानीय और संघीय स्तर पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि वे शूटर को पकड़ लेंगे और अमेरिका में इजरायल के प्रतिनिधियों और यहूदी समुदायों की रक्षा करेंगे।”
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है और वे मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं।”
उन्होंने कहा, “मेरी टीम और मुझे आज रात कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर और हमारे वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के पास हुई शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है। हम एमपीडी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। अभी के लिए, कृपया पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम जनता को अपडेट करते रहेंगे।”
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अगर भारत पीछे हटेगा तो हम भी तनाव खत्म कर देंगे : पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

इस्लामाबाद, 7 मई। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत अपने आक्रामक रुख से पीछे हटता है, तभी यह तनाव खत्म हो सकता है।
यह बयान तब आया जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ जगहों पर हवाई हमले किए। भारत का कहना है कि ये हमले आतंकवादी ठिकानों पर किए गए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास जवाबी कार्रवाई का दावा किया है।
ब्लूमबर्ग से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा का पूरा हक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमला शुरू नहीं किया, बल्कि केवल भारत के हमले का जवाब दिया है।
उन्होंने कहा, “यह सब भारत ने शुरू किया है। अगर भारत पीछे हटेगा तो हम भी तनाव खत्म कर देंगे। लेकिन जब तक हम पर हमला होता रहेगा, हमें अपनी रक्षा करनी होगी।”
पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) के प्रमुख जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि इन हवाई हमलों में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई और 46 घायल हुए हैं। ये हमले पीओके और पंजाब प्रांत के उन इलाकों में हुए जहां भारत के अनुसार आतंकियों के ठिकाने थे।
इस स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी सरकारी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा गया है, देश की हवाई सीमाएं 24 से 36 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं, इस्लामाबाद और पंजाब के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है।
इन हमलों और जवाबी कार्रवाई से आम लोग डरे हुए हैं। उन्हें चिंता है कि कहीं यह हालात दो देशों के बीच बड़े युद्ध का रूप न ले लें।
भारत ने पाकिस्तान के अंदर छह अलग-अलग जगहों पर हमले किए। जिनमें मस्जिद सुभानअल्लाह भी शामिल है – जो पाकिस्तान के दक्षिण पंजाब प्रांत के बहावलपुर शहर के अहमदपुर शरकिया इलाके में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का ठिकाना बताया गया है।
इसके अलावा मुरिदके में भी हमले हुए, जिसे लश्कर-ए-तैयबा और जमात उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद का मुख्यालय माना जाता है। अन्य हमले मुजफ्फराबाद, कोटली और बाग शहरों में भी किए गए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक आपात बैठक बुलाई है। इसमें सुरक्षा स्थिति और भारत को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
यह बैठक यह भी तय करेगी कि अमेरिका समेत बाकी देशों द्वारा दिए गए शांति और संयम के संदेशों पर पाकिस्तान क्या रुख अपनाएगा, ताकि दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच बढ़ता तनाव रोका जा सके।
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