अपराध
बदलापुर यौन उत्पीड़न मामला: एसआईटी ने प्रीस्कूलर के यौन शोषण की रिपोर्ट न करने पर स्कूल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

बदलापुर: बदलापुर में दो प्रीस्कूलर के कथित यौन शोषण की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पुलिस महानिरीक्षक आरती सिंह के नेतृत्व में स्कूल अधिकारियों के खिलाफ अपराध की सूचना पुलिस को न देने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है।
ठाणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने POCSO अधिनियम की धारा 21 पर बात की
ठाणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंगलवार को मामले की जांच अपने हाथ में लेने वाली एसआईटी ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 21 के तहत एक अतिरिक्त आरोप जोड़ा है। धारा 21 के तहत अपराध की जानकारी होने के बावजूद नाबालिगों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट न करने पर दंड का प्रावधान है। जबकि व्यक्तियों को छह महीने तक की जेल की सजा हो सकती है, अपने कर्मचारियों द्वारा अपराध की रिपोर्ट न करने वाले संस्थानों के प्रमुखों को इस आरोप में दोषी पाए जाने पर एक साल की जेल हो सकती है।
यह एफआईआर मीडिया रिपोर्ट के बाद दर्ज की गई है, जिसमें पीड़ितों के माता-पिता, स्कूल की प्रधानाध्यापिका और सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि स्कूल प्रबंधन ने कथित छेड़छाड़ के बारे में जानकारी होने के बाद भी पुलिस से संपर्क नहीं किया। विपक्षी नेताओं ने यह भी दावा किया था कि एफआईआर दर्ज करवाने के लिए माता-पिता को बदलापुर ईस्ट पुलिस स्टेशन में घंटों इंतजार करना पड़ा। इसके बाद राज्य सरकार ने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
स्कूल प्रबंधन के एक सदस्य द्वारा किया गया दावा
स्कूल प्रबंधन के सदस्य तुषार आप्टे ने गुरुवार को दावा किया कि 16 अगस्त को जब शिकायत दर्ज की गई थी, तब उन्हें घटना के बारे में पता ही नहीं चला। उन्होंने कहा कि 14 अगस्त को प्रधानाध्यापिका ने उन्हें सिर्फ़ इतना बताया था कि पीड़ित लड़की “बीमार” है, कथित अपराध का कोई ज़िक्र नहीं किया।
गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मामले को स्वतः संज्ञान में लिए जाने के बाद, एसआईटी प्रमुख पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) आरती सिंह बदलापुर पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस स्टेशन में बैठक करने के लिए पहुंचीं। एसआईटी, जिसमें ठाणे कमिश्नरेट के सर्वश्रेष्ठ निरोध अधिकारियों के साथ आठ उप-टीमें शामिल हैं, ने दोनों नाबालिग पीड़ितों और उनके माता-पिता के बयान दर्ज किए हैं। उप-टीमों द्वारा बनाए गए विस्तृत पंचनामा चार्जशीट का हिस्सा बनेंगे।
इस बीच, ठाणे क्राइम ब्रांच की भिवंडी इकाई की रिमांड रिपोर्ट से पता चलता है कि स्थानीय एनसीपी नेता आशीष दामले की पत्नी रेलवे ट्रैक पर आंदोलन करने वाले 1,600 प्रदर्शनकारियों में शामिल हैं। जबकि उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, 23 अन्य को 23 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
अपराध
नोएडा : एक ही दिन में एक ही गांव के दो युवकों ने की आत्महत्या

नोएडा, 14 जून। नोएडा के थाना सेक्टर-20 क्षेत्र के निठारी इलाके में शुक्रवार को आत्महत्या की दो अलग-अलग घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी।
दोनों ही मामलों में युवकों ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस ने दोनों घटनाओं में जांच शुरू कर दी है। पहली घटना में अजय नामक 23 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली।
अजय मूल रूप से बुलंदशहर जिले के तोल बिजरू गांव का रहने वाला था। वह वर्तमान में निठारी गांव की गली नंबर 4 में किराए पर रह रहा था। वह पेशे से डिलीवरी बॉय के रूप में कार्यरत था। अजय ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, थाना सेक्टर-20 की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है।
पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर किसी तरह की कोई अप्राकृतिक गतिविधि नहीं पाई गई और स्थिति सामान्य बनी हुई है।
दूसरी घटना में राहुल शर्मा नामक 30 वर्षीय युवक ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। राहुल निठारी की गली नंबर 7 का निवासी था। उसने कथित रूप से पारिवारिक कलह के चलते यह कदम उठाया।
पुलिस को जैसे ही सूचना प्राप्त हुई, वह तत्काल मौके पर पहुंची और जांच की। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की वजह पारिवारिक तनाव मानी जा रही है। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने दोनों ही मामलों में किसी भी प्रकार की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका से इनकार किया है। घटनास्थलों पर किसी प्रकार की हिंसा या झगड़े के कोई संकेत नहीं मिले हैं। फिलहाल दोनों ही मामलों में विस्तृत जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
अपराध
बिहार : तेज रफ्तार वाहन ने पुलिसकर्मियों को मारी टक्कर, ड्राइवर फरार

पटना, 12 जून। बिहार की राजधानी पटना में बुधवार देर रात को श्रीकृष्णापुरी थाना क्षेत्र के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस हादसे के बारे में एसएसपी अवकाश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक तेज रफ्तार वाहन ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए पुलिस पर ही गाड़ी चढ़ा दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि ड्राइवर फरार है।
पुलिस की मानें तो इस घटना को अंजाम देने के बाद ड्राइवर तुरंत मौके से फरार हो गया था। हालांकि, पुलिस ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, कार की पहचान कर ली गई है और जल्द ही रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर गाड़ी के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं हो पा रहा है कि यह महज एक हादसा था या इसे जानबूझकर अंजाम दिया गया था। हालांकि, इस मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। ड्राइवर को पकड़ने के लिए जगह-जगह लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। अब तक कई कैमरे खंगाले भी जा चुके हैं। लेकिन, अभी तक कोई ऐसी जानकारी सामने नहीं आई है, जिससे किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके।
वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गाड़ी की रफ्तार बहुत ज्यादा थी, इसलिए यह हादसा हो गया। अगर गाड़ी की स्पीड ज्यादा नहीं होती, तो इस तरह की स्थिति पैदा ही नहीं होती।
अस्पताल का कहना है कि इस हादसे में घायल हुए दो लोगों की हालत अब स्थिर है। वे खतरे से पूरी तरह से बाहर आ चुके हैं। घायल पुलिसकर्मियों में एक एएसआई और दो पुलिस कांस्टेबल हैं।
अपराध
राजा रघुवंशी मर्डर: मेघालय पुलिस की जांच में हत्या के दिन की पूरी कहानी आई सामने

शिलांग, 11 जून। इन दिनों देश में राजा रघुवंशी हत्याकांड चर्चा का विषय बनी हुई है। राजा की हत्या उसकी पत्नी सोनम ने रची थी। इस हत्याकांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई सनसनीखेज खुलासे होते जा रहे हैं। हत्याकांड की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी कड़ी सुरक्षा में यूपी के गाजीपुर से शिलांग लौट चुकी है। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस बीच हत्याकांड की जांच कर रही मेघालय पुलिस ने वारदात के दिन की पूरी टाइमलाइन साझा की है।
पुलिस के अनुसार, सुबह 5:30 बजे शिप्रा होटल से राजा, सोनम और तीनों किलर (अज्ञात व्यक्ति) ने चेक आउट किया। सुबह 6:00 बजे सोनम और राजा ने चढ़ाई शुरू की। सोनम रास्ते में रुकी और किलर्स से बातचीत की, जिसमें राजा को भी शामिल किया। सुबह 7:00 बजे सोनम और राजा एक दुकान पर चाय पीने रुके, किलर भी आसपास थे। सुबह 10 बजे सोनम और राजा ने 2000 सीढ़ियां चढ़ीं। एक टूरिस्ट गाइड ने उन्हें तीन लड़कों ( किलर) के साथ देखा, जिसका बयान पुलिस ने दर्ज किया।
दोपहर 12 बजे राजा की किलर्स से दोस्ती हुई। सोनम पीछे चलने लगी, जबकि राजा और किलर आगे थे। दोपहर 12:30 बजे सोनम ने अपनी सास को फोन किया, चढ़ाई और थकान का जिक्र किया। दोपहर 1 से डेढ के बीच सोनम ने इशारा किया, और विशाल ( किलर) ने पहला वार किया। दोपहर 02:15 बजे सोनम ने राजा के फोन से एक पोस्ट किया, जिसमें दुख का जिक्र था, और फोन को खाई में फेंक दिया। दोपहर 2:30 बजे राजा की हत्या के बाद उसे खाई में फेंक दिया गया।
इस पूरे हत्याकांड के घटनाक्रम पर नजर डाले तो पता चलता है कि 23 मई को राजा रघुवंशी की हत्या हुई। 24 मई को राजा की पत्नी सोनम फरार हुई। 25 मई को इंदौर में राज कुशवाहा से मुलाकात की, फिर 9 जून उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सोनम ने सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने से पहले उसने अपने भाई से बात की। इस दौरान वह फूट-फूटकर रोने लगी। पुलिस को सूचना मिलने पर उसे गाजीपुर के एक ढाबे से हिरासत में लिया गया। 10 जून कोर्ट में पेशी हुई। जहां तीन दिन का ट्रांजिट रिमांड मंजूर किया गया। 11 जून को पटना होते हुए सोनम को शिलांग लाया गया।
इस बीच सोनम का परिवार मेघालय पुलिस पर कहानी रचने का आरोप लगा रहा है। परिवार का मानना है कि सोनम ऐसा नहीं कर सकती है।
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