अंतरराष्ट्रीय
ऑस्ट्रेलिया के सफेद बॉल कप्तान आरोन फिंच ने वनडे से लिया संन्यास

ऑस्ट्रेलिया के सफेद बॉल कप्तान आरोन फिंच 11 सितम्बर को केर्न्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे के बाद एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। हालांकि वह टी20 खेलना जारी रखेंगे और आगे आने वाले टी20 विश्व कप में टीम का नेतृत्व भी करेंगे।
35 वर्षीय फिंच के 50 ओवर की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का मतलब है कि वह अगले वर्ष भारत में होने वाले वनडे विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व नहीं करेंगे। फिंच इस साल अक्टूबर-नवम्बर में ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में होने वाले टी 20 विश्व कप में टीम का नेतृत्व करेंगे।
फिंच ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 145 वनडे खेले हैं लेकिन हाल के मैचों में उन्हें फॉर्म से संघर्ष करना पड़ा है। पिछली सात पारियों में वह केवल 26 रन ही बना पाए हैं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा जारी बयान में फिंच ने कहा, “कुछ सुनहरी यादों के साथ यह एक बेहतरीन यात्रा रही है। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं इस शानदार टीम का हिस्सा रहा हूं और इन खिलाड़ियों के साथ खेला हूं। लेकिन अब समय आ गया है कि कप्तानी किसी और के हाथ में सौंपा जाए ताकि उन्हें अगले विश्व कप की तैयारियों के लिए पर्याप्त समय मिल सके। मेरी इस यात्रा में सहयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मैं धन्यवाद देता हूं।”
फिंच ने इस साल वनडे क्रिकेट में 13 की साधारण औसत से सिर्फ 169 रन बनाए हैं। अंतिम 12 वनडे पारियों में वह पांच बार शून्य पर आउट हुए हैं। पिछली सात पारियों में उनके नाम सिर्फ 26 रन है।
हालांकि फिंच की नजर 2023 विश्व कप पर थी लेकिन इस खराब फॉर्म के कारण उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज से ही इस बारे में सोचना शुरू कर दिया था। अब उनकी नजर टी20 विश्व कप खिताब के बचाव पर है, जो अगले महीने से ऑस्ट्रेलिया में ही खेला जाना है।
टी20 विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया को आठ टी20 अंतर्राष्ट्रीय और भारत के खिलाफ एक अभ्यास मैच खेलना है। वह इन मैचों के जरिये अपना फॉर्म तलाशने की कोशिश करेंगे।
फिंच ने यह भी बताया कि वह बीबीएल में मेलबर्न रेनेगेड्स की तरफ से खेलना जारी रखेंगे। इसके अलावा वह अन्य देशों में होने वाले फ्ऱैंचाइजी क्रिकेट में भी अपनी किस्मत आजमा सकते हैं क्योंकि इस टी20 विश्व कप के बाद अगले साल अगस्त में ही ऑस्ट्रेलिया को कोई टी20 मैच खेलना है। फिंच ने कहा कि वह इस खाली समय में अपने टी20 करियर का भी मूल्यांकन करेंगे।
फिंच के नाम वनडे क्रिकेट में 17 शतक है, जो ऑस्ट्रेलिया की ओर से तीसरा सर्वाधिक है। वह 2015 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य भी थे। पाकिस्तान (49.16 की औसत और दो शतक), इंग्लैंड (48.35 की औसत और सात शतक) और भारत (48.66 की औसत और चार शतक) के खिलाफ उनका प्रदर्शन शानदार रहा है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के मुख्य कार्यकारी निक हॉकली ने कहा, “ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की तरफ से मैं फिंच को उनके वनडे करियर के लिए बधाई और धन्यवाद देता हूं। उनकी बल्लेबाजी और नेतृत्व क्षमता दोनों बेहतरीन है। उनका संन्यास लेना भी उनके नि:स्वार्थपन को दिखाता है। मुझे खुशी है कि वह टी20 में टीम का नेतृत्व करते रहेंगे। विश्व कप में उनका अनुभव, रणनीति और नेतृत्व क्षमता बहुत मायने रखता है।”
ऑस्ट्रेलिया को अब टी20 विश्व कप के बाद ही कोई वनडे सीरीज खेलना है। ऐसे में देखना होगा कि क्या वह विश्व कप के बाद टी20 क्रिकेट से भी संन्यास नहीं लेते हैं। ऐसे में टीम किसी ऐसे व्यक्ति को यह जिम्मेदारी देना चाहेगी जो वनडे और टी20 क्रिकेट दोनों में नियमित हो। फिलहाल ऐसे लोगों में जॉश हेजलवुड, ग्लेन मैक्सवेल, स्टीव स्मिथ और मिचेल मार्श का नाम शामिल है। टेस्ट कप्तान पैट कमिंस पहले ही सीमित ओवर क्रिकेट की कप्तानी करने में अनिच्छा जाहिर कर चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय
गाजा युद्धविराम वार्ता जारी, हमास ने रखीं दो प्रमुख मांगें

बीजिंग, 8 अक्टूबर : मिस्र के शर्म अल-शेख में फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इजरायल के बीच युद्धविराम वार्ता का एक नया दौर आयोजित हुआ।
इस वार्ता के दौरान हमास ने दो प्रमुख मांगें रखीं। पहली, गाजा पट्टी पर इजरायली कब्जे का स्थायी अंत, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गारंटी होनी चाहिए। दूसरी, इजरायली बंदियों की रिहाई को इजरायली सेना की पूर्ण वापसी से जोड़ा जाए।
हमास के प्रमुख वार्ताकार खलील हया ने कहा कि हमास प्रतिनिधिमंडल मिस्र एक स्पष्ट लक्ष्य के साथ पहुंचा है, संघर्ष को तत्काल और स्थायी रूप से समाप्त करना तथा एक पारस्परिक कार्मिक विनिमय समझौते तक पहुंचना।
उन्होंने कहा कि हमास युद्ध समाप्त करने के लिए ‘सभी जिम्मेदारियां लेने को तैयार है’, लेकिन ‘इजरायल हत्याएं और नरसंहार जारी रखे हुए है’, जिससे वार्ता में प्रगति मुश्किल हो रही है।
खलील हया के अनुसार, हालिया इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के दौरान इजरायल ने गाजा पट्टी में युद्धविराम के अपने वादे का दो बार उल्लंघन किया है, जिससे हमास के लिए उस पर भरोसा करना कठिन हो गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल को गाजा पट्टी पर अपना कब्जा हमेशा के लिए समाप्त करना होगा और इस दिशा में अमेरिका तथा क्षेत्रीय देशों को सच्ची गारंटी देनी चाहिए ताकि युद्धविराम स्थायी रूप से लागू हो सके।
अंतरराष्ट्रीय
7 अक्टूबर: हमास ने इजरायल के ऊपर दागे तीन हजार से ज्यादा रॉकेट, दो साल बाद भी ताजा हैं नरसंहार के जख्म

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर : हमास और और इजरायल के बीच जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के 20 सूत्रीय प्लान पर चर्चा होनी है। बता दें, गाजा में इस संघर्ष के शुरू होने की वजह 7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर किया गया हमला है। इजरायल पर हमास के हमले को दो साल होने जा रहे हैं।
7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर हुए हमले में करीब 1200 से ज्यादा लोग मारे गए। इसके अलावा 250 के करीब लोगों को हमास आतंकियों ने बंधक बना लिया। मरने वालों में महिला, बच्चे और बूढ़ों समेत कुछ विदेशी लोग भी शामिल थे। वहीं इसमें 300 से ज्यादा इजरायली सैनिक भी शामिल थे।
हमास के 7 अक्टूबर के हमले की भयावहता आज भी मन को झकझोर देती है। सामने आईं तस्वीरों और रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला अत्यंत क्रूर और अमानवीय था। आतंकियों ने आम नागरिकों को बर्बरता से मारा।
हमास ने इजरायल पर 4,300 से अधिक रॉकेट दागे। आतंकियों ने इजरायल में घुसपैठ कर भारी तबाही मचाई। माना जाता है कि महज छह घंटों के अंदर हमास ने इजरायल को ऐसा गहरा आघात पहुंचाया जिसकी टीस लंबे समय तक महसूस की जाएगी। इस हमले की बर्बरता के कारण यह निश्चित तौर पर वैश्विक इतिहास में सबसे क्रूर आतंकी घटनाओं से एक के रूप में याद किया जाता है।
इस हिंसक घटना के बाद इजरायल ने गाजा में अपना ऑपरेशन शुरू किया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को जड़ से मिटाने की कसम खाई। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमास के लड़ाके गाजा छोड़कर नहीं जाते हैं, तो वह इस शहर को नक्शे से मिटा देंगे।
7 अक्टूबर को हमास के हमले का जवाब इजरायल ने देना शुरू किया और गाजा में भारी तबाही मची। इजरायली डिफेंस फोर्स के सैनिकों ने ग्राउंड से लेकर हवाई ऑपरेशन चलाकर हमास के ठिकानों को एक-एक कर तबाह करना शुरू किया।
धीरे-धीरे इजरायल के सैनिक गाजा के अंदर घुस गए और हमास के कई शीर्ष नेतृत्व को मौत के घाट उतार दिया। इजरायल और हमास की लड़ाई में फिलिस्तीनी नागरिकों का भयंकर नुकसान हुआ।
इस हमले के दो साल पूरे होने पर इजरायल वॉर रूम की ओर से लिखा गया, “7 अक्टूबर, 2023 को, हमास और अन्य आतंकवादियों ने दक्षिणी और मध्य इजरायल में नागरिकों पर 3,000 से ज्यादा रॉकेट दागे। उसी समय, आतंकवादियों ने गाजा से दक्षिणी इजरायल पर हमला किया और 0-91 वर्ष की आयु के 40 से ज्यादा देशों के लगभग 1,200 लोगों का नरसंहार किया। 251 लोगों को बंधक बना लिया गया; उनमें से 47 अभी भी गाजा में बंदी हैं, साथ ही 2014 में मारे गए और अपहृत एक इजरायली का शव भी मौजूद है।”
इजरायली मीडिया ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि युद्ध शुरू होने से अब तक 1,152 सुरक्षाकर्मी मारे गए, जिनमें आईडीएफ सैनिक, इजरायली पुलिस अधिकारी, शिन बेट और जेल सेवा कर्मी, और इजरायल, गाजा, लेबनान और पश्चिमी तट में तैनात स्थानीय सुरक्षा दस्तों के सदस्य शामिल हैं। लगभग 42 प्रतिशत शहीद 21 वर्ष से कम आयु के थे, जिनमें से अधिकांश अनिवार्य सैन्य सेवा में कार्यरत युवा थे, और 141 शहीद 40 वर्ष से अधिक आयु के थे, जो शहीदों की विस्तृत आयु सीमा को दर्शाता है।
भारी संख्या में फिलिस्तीनी लोग मारे गए, बूढ़े हों या बच्चे, किसी को खाने के लिए रोटी तक नहीं मिल पा रही। हाल ही में गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक रिपोर्ट साझा की, इस रिपोर्ट के अनुसार अब तक 66,005 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 168,162 लोग घायल हुए।
अंतरराष्ट्रीय
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के पीएम सेरिन तोबके से की मुलाकात, जलविद्युत और व्यापार पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर : भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के प्रधानमंत्री सेरिन तोबके से मुलाकात की। विदेश सचिव मिस्री 3 अक्टूबर को अपने भूटान दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने पीएम तोबके के साथ जलविद्युत से लेकर व्यापार और लोगों के बीच संबंधों को लेकर चर्चा की।
भूटान में भारतीय दूतावास की तरफ से ‘एक्स’ पर इस मुलाकात की तस्वीरें साझा कर लिखा, “प्रगति और विकास के लिए एक साथ। नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को बनाए रखते हुए, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने विशेष और बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा के लिए 3 अक्टूबर 2025 को भूटान का दौरा किया।”
दूतावास ने आगे लिखा कि अपनी यात्रा के दौरान, विदेश सचिव ने महामहिम नरेश से मुलाकात की और भूटान के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री से मुलाकात की।
वहीं भूटान के पीएम ने भी अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, “मुझे कल भारत सरकार के विदेश सचिव, महामहिम विक्रम मिस्री से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमने भूटान और भारत के बीच संपर्क, जलविद्युत, लोगों के बीच संबंधों और व्यापार एवं वाणिज्य सहित विभिन्न पारस्परिक हितों पर चर्चा की।”
बता दें, भारत और भूटान के बीच रेलवे कनेक्शन की शुरुआत होने जा रही है। इसे लेकर सोमवार, 29 सितंबर को भारत सरकार ने 69 किलोमीटर और 20 किलोमीटर लंबी दो सीमा पार रेलवे परियोजनाओं की घोषणा की। यह रेल लाइन भूटान को असम और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से जोड़ेंगी। 69 किलोमीटर लंबी कोकराझार (असम)-गेलेफू (भूटान) और 20 किलोमीटर लंबी बनारहाट (पश्चिम बंगाल)-समत्से (भूटान) रेल लाइन की लागत 3,456 करोड़ रुपये और 577 करोड़ रुपये होगी।
यह घोषणा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त रूप से की। बाद में, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार और भूटान के विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन ने रेल संपर्क स्थापित करने के लिए एक औपचारिक अंतर-सरकारी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
बता दें, इस समय भूटान में कोई रेल नेटवर्क नहीं है। गेलेफू और समत्से लाइन पड़ोसी देश में इस तरह की पहली परियोजना होगी। भूटान के साथ भारत के ऐतिहासिक रूप से शांतिपूर्ण संबंधों को देखते हुए, इन दोनों रेल परियोजनाओं से इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सक्रियता के बीच संबंधों में मजबूती आने और पूरे क्षेत्र में व्यापार बढ़ने की उम्मीद है।
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