अंतरराष्ट्रीय
ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान को हराया लेकिन उसे इंग्लैंड की हार का इंतजार करना होगा
प्लेयर आफ द मैच ग्लेन मैक्सवेल (नाबाद 54) के शानदार अर्धशतक से गत चैंपियन आस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान को बेहद रोमांचक सुपर 12 मुकाबले में शुक्रवार को मात्र चार रन से हरा दिया और सात अंकों के साथ ग्रुप एक तालिका में दूसरे स्थान पर पहुंच गया लेकिन टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल की अपनी उम्मीदों के लिए आस्ट्रेलिया को दुआ करनी होगी कि इंग्लैंड शनिवार को अपने आखिरी मुकाबले में श्रीलंका से हार जाए। आस्ट्रेलिया ने 20 ओवर में आठ विकेट पर 168 रन बनाये जबकि अफगानिस्तान की टीम सात विकेट पर 164 रन पर ही पहुंच सकी। आस्ट्रेलिया की पांच मैचों में यह तीसरी जीत रही। दूसरी तरफ अफगानिस्तान को पांच मैचों में तीसरी हार का सामना करना पड़ा।
न्यूजीलैंड इस ग्रुप से सेमीफाइनल में जा चुका है। इस ग्रुप से सेमीफाइनल की दूसरी टीम के लिए आस्ट्रेलिया को उम्मीद करनी होगी कि इंग्लैंड शनिवार को श्रीलंका से हार जाए। इंग्लैंड के जीतने की स्थिति में मामला नेट रन रेट पर आ जाएगा जहां इंग्लैंड प्लस में और आस्ट्रेलिया माइनस की स्थिति में है।
लक्ष्य का पीछा करते हुए अफगानिस्तान एक समय दो विकेट पर 99 रन बनाकर सुखद स्थिति में था लेकिन इसके बाद उसने 103 रन तक अपने छह विकेट गंवा दिया। इसके बाद आलराउंडर राशिद खान ने मोर्चा संभाला और कुछ बॉउंड्री लगाई जिससे आस्ट्रेलिया के लिए परेशानी खड़ी हो गई और अफगानिस्तान आखिरी तक मैच में बना रहा। 19वें ओवर में दरवीश रसूली के रन आउट होने के बाद, आस्ट्रेलिया अंतिम ओवर में 22 का बचाव करने में सक्षम था और अफगानिस्तान मात्र चार रन से स्कोर से दूर रह गया। राशिद ने 23 गेंदों पर नाबाद 48 रन में तीन चौके और चार छक्के लगाए।
मैच समाप्त होने के बाद राशिद अपने सिर पर हाथ रख कर पवेलियन की तरफ वापस जा रहे थे। उन्हें पता है कि इस लड़ाई में वह जीत के काफी करीब आ गए थे। हालांकि जिस तरीके से अफगानिस्तान की टीम ने आज के मैच में प्रदर्शन किया है, उसकी तारीफ तो करनी होगी।
प्लेयर ऑफ द मैच मैक्सवेल ने कहा, “अफगानिस्तान ने आज अच्छा खेल दिखाया। उनके खिलाड़ियों ने कुछ अच्छे शॉट्स भी लगाए। पावरप्ले में उनकी शुरूआत भी अच्छी थी। हालांकि उसके बाद हमारी टीम ने बढ़िया गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण से मैच पर अपनी पकड़ ले ली। (नेट रन रेट के बारे में) हम इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच होने वाले मैच को फॉलो करेंगे। हम खुद ही इस पॉजि़शन पर आए हैं। शायद श्रीलंका हमारे लिए कुछ अच्छा कर दे।”
मैक्सवेल (नाबाद 54) की शानदार पारी की बदौलत आस्ट्रेलिया ने 20 ओवर में अफगानिस्तान के खिलाफ 168/8 रनों का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया। बैटिंग लाइन-अप में जहां कप्तान आरोन फिंच और फिनिशर टिम डेविड हैमस्ट्रिंग की चोटों के कारण बाहर थे। वहीं, मैक्सवेल ने 168.75 के स्ट्राइक रेट से 32 गेंदों में छह चौके और दो छक्के लगाए और मिशेल मार्श (30 गेंदों में 45 रन) से कुछ समर्थन मिला।
लेकिन आस्ट्रेलिया के कुल योग का मतलब यह भी था कि न्यूजीलैंड सेमीफाइनल के लिए आधिकारिक तौर पर क्वालीफाई करने वाली पहली टीम बन गई। अब ग्रुप 1 से सेमीफाइनल के लिए केवल एक स्थान बचा है और आस्ट्रेलिया को इंग्लैंड के रन रेट से आगे निकलने के लिए अफगानिस्तान को 106 पर आलआउट करने की जरूरत थी। लेकिन अफगानिस्तान ने ऐसा नहीं होने दिया।
पहले बल्लेबाजी करने उतरे डेविड वार्नर ने पहले दो ओवरों में चार चौकों के साथ शानदार शुरूआत की। कैमरून ग्रीन के सस्ते में आउट होने के बावजूद वॉर्नर और मार्श बड़े स्कोर हासिल करने के लिए वास्तव में अच्छा खेल रहे थे।
लेकिन वार्नर को नवीन-उल-हक ने बोल्ड कर दिया और स्टीव स्मिथ भी पावरप्ले के अंतिम ओवर में एलबीडब्ल्यू हो गए। मार्श ने अच्छी बल्लेबाजी की और नौवें ओवर में गुलबदीन नायब की गेंद पर एक छक्का और दो चौके लगाए। लेकिन वह अपने अर्धशतक में पांच रन से चूक गए और मुजीब उर रहमान की गेंद पर विकेटकीपर के हाथों कैच आउट हो गए।
मैक्सवेल ने 10.4 ओवर में 86/4 पर मुश्किल से टीम को निकाला और पांचवें विकेट के लिए मार्कस स्टोइनिस (21 गेंदों में 25 रन) के साथ 29 गेंदों पर 53 रन की साझेदारी की। दोनों ने बाउंड्री के जरिए तेजी से अपने रन बनाए और आस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने में मदद की।
हालांकि अफगानिस्तान ने स्टोइनिस, स्टैंड-इन कप्तान मैथ्यू वेड, पैट कमिंस और केन रिचर्डसन को जल्दी-जल्दी आउट कर दिया, मैक्सवेल ने सुनिश्चित किया कि उनके 29 गेंदों में अर्धशतक से आस्ट्रेलिया 160 रन के पार पहुंच जाए।
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत हिरासत में मौतों में वृद्धि, अवामी लीग ने जताई चिंता

ढाका, 24 दिसंबर : बांग्लादेश की अवामी लीग ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत देश भर में जेल और पुलिस कस्टडी में मौतें तेजी से बढ़ी हैं। पार्टी ने पहले भी दावा किया है कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में बंद किया जा रहा है और सुनियोजित तरीके से उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा है।
अवामी लीग ने यूनुस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिरासत सुरक्षा के बजाय डर का जरिया बन गई है। लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है और मृत लौटाया जा रहा है। इसे लेकर सरकार की तरफ से ना तो साफतौर पर स्थिति के बारे में बताया जा रहा है और ना ही जवाबदेही ली जा रही है। हिरासत का समय सुधार का होना चाहिए था, लेकिन सरकार की कस्टडी में लोगों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी में एक खतरनाक गिरावट देखने को मिल रही है।
अवामी लीग के मुताबिक, यह कोई मानवाधिकार का तर्क नहीं है, बल्कि मौतों का एक साफ पैटर्न है। इस पैटर्न के तहत अवामी लीग के कार्यकर्ता और नेता बार-बार पीड़ितों के बीच दिखाई दे रहे हैं।
अवामी लीग ने कहा, ”कई लोगों को राजनीतिक रूप से चार्ज किए गए मामलों में हिरासत में लिया गया, लंबे समय तक रखा गया, और सही मेडिकल केयर नहीं दी गई। उनकी मौतों को अक्सर बीमारी या आत्महत्या बताकर टाल दिया जाता है। इससे यह भावना और मजबूत होती है कि कस्टडी एक ऐसी जगह बन गई है, जहां जिम्मेदारी चुपचाप खत्म हो जाती है। यहीं पर राजनीतिक जिम्मेदारी जरूरी हो जाती है। यूनुस सरकार सकारात्मक वादा करके सत्ता में आई थी। वह उम्मीद अब झूठी साबित हुई है।”
अवामी लीग ने यूनुस पर न सिर्फ बदलाव लाने में नाकाम रहने का, बल्कि भरोसा देकर जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यूनुस की सरकार ने जवाबदेही के बजाय चुप्पी और जिम्मेदारी के बजाय इनकार को चुना है। इसकी वजह से ऐसा माहौल बना है, जहां बिना किसी नतीजे के गलत काम फल-फूल रहे हैं। दखल देने, जांच का आदेश देने या सुधार लागू करने से इनकार करके, यूनुस ने हिरासत में मौत को असल में सामान्य बना दिया है।”
बयान में आगे कहा गया, ”जिस चीज पर कभी गुस्सा भड़कता था, उसे अब रोज का काम माना जाता है। आज के बांग्लादेश में, गिरफ्तारी अब कानून की सुरक्षा का संकेत नहीं है। यह एक ऐसे राज्य के सामने आने का संकेत है, जिसने बंदियों को जिंदा रखने की अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है।”
पिछले साल के आंकड़ों का हवाला देते हुए, अवामी लीग ने बताया कि यूनुस शासन के तहत कम से कम 119 लोग जेल में मारे गए, जबकि 21 अन्य पुलिस हिरासत में मारे गए। इसके अलावा, 26 लोग गैर-कानूनी कामों में मारे गए, और 106 लोग राजनीतिक हिंसा से जुड़ी घटनाओं में मारे गए। कुल आंकड़े बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा हिरासत और पब्लिक ऑर्डर को संभालने में गंभीर खराबी का संकेत देते हैं।
अवामी लीग का कहना है, “इन मौतों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ये राजनीतिक पसंद को दिखाती हैं। दखल देने, जांच करने या सुधार करने में यूनुस सरकार नाकाम रही।”
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश भारत के बिना नहीं रह सकता है, हमारे ऊपर वह निर्भर है : पूर्व राजनयिक महेश कुमार सचदेव

नई दिल्ली, 22 दिसंबर : बांग्लादेश में जिस तरह के हालात हैं, उसकी वजह से भारत में भी लोगों के अंदर नाराजगी देखी जा रही है। चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद से बांग्लादेश में हिंसा में बढ़ोतरी देखी जा रही है। खासतौर से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू युवक को जिस बर्बरता के साथ मौत के घाट उतारा गया और फिर उसके शव को आग के हवाले किया गया, इसकी खूब आलोचना हो रही है।
इस बीच पूर्व डिप्लोमैट महेश कुमार सचदेव ने बांग्लादेश के हालात को लेकर आईएएनएस के साथ खास बातचीत की है।
भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव को लेकर पूर्व राजनयिक महेश कुमार सचदेव ने कहा, “12 फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले कुछ समय के लिए तनाव हो सकता है। लेकिन लंबे समय में, अच्छे पड़ोस और ठोस आर्थिक तालमेल का लॉजिक दोनों देशों के रिश्तों को बनाए रखेगा।”
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्ता ऐतिहासिक है। दोनों ही दक्षिणी एशिया के इलाके का हिस्सा हैं, और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरी दोस्ती है। लेकिन अभी कुछ चुनौतियां हैं। मैं इसे इसी नजरिए से देखता हूं, और मेरे हिसाब से, ये चुनौतियां कुछ समय के लिए हैं, और ये राजनीतिक वजहों से हैं। उम्मीद है कि ये जल्द ही हल हो जाएंगी।”
दोनों देशों के बीच इस तनाव के असर को लेकर महेश कुमार सचदेव ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि लंबे समय में कोई बड़ी समस्या होगी। लेकिन शॉर्ट टर्म में साफ है कि यह तनाव है। इसे इनकार नहीं किया जा सकता। शेख हसीना पहले भारत को समर्थन करती थीं और वह लंबे समय तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही हैं। उनके निर्वासन को लेकर ये हुआ है, क्योंकि वह भारत में हैं। और उनके विरोधी इस समय सत्ता में हैं, या सत्ता के करीब हैं। क्योंकि बांग्लादेश में 12 फरवरी को चुनाव होने हैं। इसलिए, राजनीतिक कारणों से भारत विरोध की लहर चल रही है, जो कि काफी निंदनीय है। ऐसे लोग गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बर्ताव कर रहे हैं। वे अपने ही देश में हालात को और मुश्किल बना रहे हैं। चाहे वह समाज हो या उनका धर्मनिरपेक्षता की नीति का विरोध हो।”
कुमार सचदेव ने कहा, “वो दिखाना चाहते हैं कि जो भारत है, बांग्लादेश उसका उल्टा है। यह बड़ा ही सहज तरीका है, क्योंकि उनके पास उपलब्धियों के नाम पर बहुत कम चीजें हैं। उनके पास नकारात्मक उपलब्धियां हैं और जनअसंतोष को विपरीत करने के लिए उसकी दिशा बदलने के लिए भारत जैसे बड़े पड़ोसी के ऊपर दोषारोपण करना चाहते हैं। यह एक अल्पकालिक तरीका है। बांग्लादेश भारत के बिना नहीं रह सकता है, क्योंकि उसकी भारत पर काफी निर्भरता है।”
बांग्लादेश से जुड़े खतरे की चिंता को लेकर उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में इस्लामिक चरमपंथियों की जो परिस्थितियां बन रही हैं, उससे भारत को अपने पड़ोसी और पड़ोस के राज्यों में दूर तक भी एक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ये समस्याएं नई नहीं हैं। भारत ने पिछले 40 सालों में कई बार भारत के बाहर से आतंकवाद का सामना किया है। बांग्लादेश से पहले भी सामना किया जा चुका है और यह फिर से परिस्थितियां इस तरह से जटिल हो जाती हैं, और बांग्लादेश एक पनाह की जगह बन जाती है, जो भारत पर हजारों टुकड़ों में प्रतिघात करना चाहता है। भारत को इससे सावधान रहने की जरूरत है।”
अंतरराष्ट्रीय
प्रधानमंत्री मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते की घोषणा की।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (22 दिसंबर) को अपने न्यूजीलैंड समकक्ष क्रिस्टोफर लक्सन से टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने “ऐतिहासिक, महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी” भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के सफल समापन की घोषणा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा, “मार्च 2025 में प्रधानमंत्री लक्सन की भारत यात्रा के दौरान वार्ता शुरू होने के बाद, दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि रिकॉर्ड 9 महीनों में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का संपन्न होना दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने की साझा महत्वाकांक्षा और राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है।”
प्रधानमंत्री कार्यालय ने आगे कहा, “यह मुक्त समझौता द्विपक्षीय आर्थिक जुड़ाव को काफी गहरा करेगा, बाजार पहुंच को बढ़ाएगा, निवेश प्रवाह को बढ़ावा देगा, दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करेगा और साथ ही दोनों देशों के नवोन्मेषकों, उद्यमियों, किसानों, लघु एवं मध्यम उद्यमों, छात्रों और युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर खोलेगा।”
दोनों नेताओं ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के साथ-साथ अगले 15 वर्षों में न्यूजीलैंड द्वारा भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश पर विश्वास व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी और उनके न्यूजीलैंड समकक्ष ने खेल, शिक्षा और जन-जन संबंधों जैसे द्विपक्षीय सहयोग के अन्य क्षेत्रों में हासिल की गई प्रगति का स्वागत किया और भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी को और मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
इस साल नवंबर में, भारत और न्यूजीलैंड ने ऑकलैंड और रोटोरुआ में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता के चौथे दौर को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में न्यूजीलैंड के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा और सेवाओं जैसे क्षेत्रों में और अधिक संभावनाएं खुलने की उम्मीद है, जिससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
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