अपराध
गुजरात में 2 साल में करीब 300 शेरों की मौत हुई : सरकार

गुजरात सरकार ने सोमवार को राज्य विधानसभा को सूचित किया कि गिर अभयारण्य और उसके आसपास के जगलों में पिछले दो वर्षो के दौरान प्राकृतिक और अप्राकृतिक कारणों से करीब 300 शेर, शेरनी और शावकों की मौत हुई है। वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री किरीटसिंह राणा ने कांग्रेस के विभिन्न विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए सदन को सूचित किया कि गिर में दिसंबर, 2021 तक कुल 283 शेर मर गए। गिर वनक्षेत्र दुनिया में एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है।
राणा ने कहा कि इसी अवधि के दौरान राज्य में 300 से अधिक तेंदुओं की भी मौत हो चुकी है।
मंत्री ने आगे बताया कि 63 शेरों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई, जबकि पांच की अस्वाभाविक रूप से मौत हुई, 57 शेरों की प्राकृतिक मौत हुई, जबकि 16 की मौत अस्वाभाविक रूप से हुई।
मरने वाले 142 शेर शावकों में से 134 स्वाभाविक रूप से मर गए, जबकि आठ अप्राकृतिक कारणों से मर गए।
यह पूछे जाने पर कि बाघों की अस्वाभाविक मौतों को रोकने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं, मंत्री ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा दिन-रात गश्त की जा रही है।
पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) के सहयोग से संयुक्त गश्त भी की जा रही है।
2020 की शेर गणना के अनुसार, 2015 में हुई पिछली गणना की तुलना में शेरों की संख्या में 29 प्रतिशत बढ़ी। गुजरात में 674 एशियाई शेर हैं।
राज्य में कुल 206 शेर, 309 शेरनी, 130 शावक और 29 अन्य अज्ञात बड़ी बिल्लियां हैं।
कांग्रेस विधायक वीरजी थुम्मर के एक सवाल का जवाब देते हुए राणा ने सदन को बताया कि इसी अवधि के दौरान गुजरात में 242 वयस्कों और 91 शावकों सहित 333 तेंदुओं की मौत हुई। उसमें से 27 प्रतिशत या 90 से अधिक मौतें अप्राकृतिक कारणों से हुईं। इनमें 23 शावक भी शामिल थे।
विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गिर राष्ट्रीय उद्यान में 376 खुले कुएं हैं, जो जानवरों के लिए मौत के जाल में बदल चुके हैं।
अपराध
मुंबई में सनसनी: 4 साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न के आरोप में गोरेगांव स्कूल का स्टाफ गिरफ्तार; POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज

मुंबई: गोरेगांव (पश्चिम) के लिंक रोड स्थित एक नामी स्कूल में 16 सितंबर को चार साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। गोरेगांव पुलिस ने स्कूल की 40 वर्षीय महिला सहायक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। डिंडोशी स्थित शहर की सिविल एवं सत्र अदालत ने आरोपी को 19 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस के मुताबिक, बच्ची की दादी उसे रोज़ाना स्कूल छोड़ने और लेने जाती थीं। सोमवार को जब उसकी दादी स्कूल से घर लौटने के बाद बच्ची के कपड़े बदल रही थीं, तो बच्ची ने शिकायत की कि उसके शरीर के एक खास हिस्से में दर्द हो रहा है।
इसके बाद, उसके माता-पिता ने स्कूल से संपर्क किया और प्रिंसिपल को सूचित किया, फिर जांच के लिए एक निजी अस्पताल गए और फिर शिकायत दर्ज कराने के लिए गोरेगांव पुलिस स्टेशन गए।
पुलिस ने पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर एक महिला सहायक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर रहे हैं और आगे की जाँच जारी है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने तीन महिला सहायक कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है।
अपराध
मालेगांव ब्लास्ट केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- बरी करने के फैसले के खिलाफ हर कोई अपील नहीं कर सकता

मुंबई, 16 सितंबर। महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए विस्फोट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने का अधिकार हर किसी को नहीं है। यह अधिकार उन्हीं को है जो ट्रायल में गवाह रहे हों या सीधे तौर पर पीड़ित पक्ष से जुड़े हों।
दरअसल, मालेगांव ब्लास्ट में मारे गए छह लोगों के परिजनों ने एनआईए की विशेष अदालत द्वारा दिए गए बरी करने के आदेश को चुनौती दी है। परिजन हाईकोर्ट पहुंचे और 31 जुलाई को एनआईए कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को कानून के खिलाफ बताते हुए रद्द करने की मांग की।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या मृतकों के परिजनों को ट्रायल में गवाह बनाया गया था। अदालत ने विशेष रूप से अपीलकर्ता निसार अहमद के मामले का जिक्र किया, जिनके बेटे की मौत धमाके में हुई थी। पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि निसार अहमद गवाह नहीं बने थे। इस पर अदालत ने कहा कि अगर बेटे की मौत हुई थी तो पिता को गवाह होना चाहिए था। कोर्ट ने निर्देश दिया कि बुधवार को अगली सुनवाई में इस बारे में पूरी जानकारी पेश की जाए।
अपीलकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि जांच एजेंसियों की खामियां या कमजोरियां किसी आरोपी को बरी करने का आधार नहीं हो सकतीं। उनका दावा है कि धमाके की साजिश गुप्त तरीके से रची गई थी, ऐसे में इसका प्रत्यक्ष सबूत मिलना संभव नहीं था।
परिजनों का आरोप है कि जब मामला एनआईए को सौंपा गया, तो एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों को कमजोर कर दिया। अपील में कहा गया कि ट्रायल कोर्ट ने अभियोजन की कमियों को दूर करने की बजाय केवल पोस्ट ऑफिस की तरह काम किया और उसका फायदा आरोपियों को मिला।
दरअसल, 31 जुलाई को विशेष एनआईए कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट मामले के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया था। इनमें पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित भी शामिल थे।
अपीलकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि अदालत को केवल मूक दर्शक नहीं बने रहना चाहिए था। जरूरत पड़ने पर उसे सवाल पूछने और अतिरिक्त गवाह बुलाने के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए था। इस मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में बुधवार को फिर से सुनवाई होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि पीड़ित परिवारों की अपील सुनवाई योग्य है या नहीं और ट्रायल में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण रही थी।
मालेगांव विस्फोट 29 सितंबर, 2008 की शाम को हुआ था, जब महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में भिक्कू चौक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे बम में विस्फोट हुआ था। रमजान के दौरान और नवरात्रि से कुछ दिन पहले हुए इस हमले में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने 2.50 करोड़ रुपए की लूट का किया खुलासा, एक गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 16 सितंबर। मुंबई के गिरगांव में हुई 2.50 करोड़ रुपए की लूट का मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 2 ने खुलासा कर दिया है। टीम ने लूट के आरोपी इब्राहिम शेख को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है।
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि खुफिया जानकारी और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर लूटकांड के मास्टरमाइंड शेख को गिरफ्तार किया गया। शेख के पास से लूट के 29.50 लाख रुपए भी बरामद हुए हैं। आरोपी मुंब्रा का रहने वाला है और घटना के बाद से फरार चल रहा था।
जांच में पता चला कि इब्राहिम ने अपने लहसुन के कारोबार में हुए घाटे को पूरा करने के लिए लूट की योजना बनाई थी। यह लूट 10 सितंबर को हुई थी। उसे किसी ने पिंटू के पैसा लाने की जानकारी पहले ही दे दी थी, जिसके बाद उसने लूट की योजना बनाई थी।
इब्राहिम ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर एक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बैजनाथ उर्फ पिंटू यादव की कार को रोककर उस पर हमला कर उसे बेहोश कर दिया था। आरोपी पिंटू के बेहोश होने के बाद उसके हाथ-पैर बांधकर 2.50 करोड़ रुपए लूटकर फरार हो गए थे।
फाइनेंस कंपनी के मालिक नारायण हरि महावीर प्रसाद हालन ने वीपी रोड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था कि उसका कर्मचारी पिंटू पैसा लेकर जा रहा था। इस दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने गिरगांव में एक निर्माणाधीन इमारत के नीचे रुपए लूट लिए। अस्पताल में जब पिंटू को होश आया तो उसने पूरे मामले की जानकारी दी।
शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 2 ने मुखबिर की सूचना, सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स के आधार पर इब्राहिम शेख को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस इब्राहिम से पूछताछ कर रही है और उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी पता कर रही है। यह भी पता किया जा रहा है कि इससे पहले वह किन-किन घटनाओं में शामिल था और उसके गिरोह में कितने लोग शामिल हैं और वे सब कहां हैं। पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसने पिंटू की जानकारी दी थी।
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