राजनीति
रामलला के दरबार में आज हाजिरी लगाएंगे भाजपा के सभी मुख्यमंत्री

रामनगरी अयोध्या में पहली बार आज 11 भाजपा शासति राज्यों के मुख्यमंत्री और आठ उपमुख्यमंत्री पहली बार एक साथ रामलला के दर्शन के लिए आएंगे। इस मौके पर उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी होंगे। राममंदिर निर्माण को लेकर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद वह पहली बार अयोध्या आ रहे हैं।
देश के विभिन्न प्रांतों के मुख्यमंत्रियों का अयोध्या में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वागत करेंगे। तैयारियों को लेकर प्रशासन और पुलिस के अफसर दिन भर जुटे रहे।
सरकार से मिली जानकारी के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर कारीडोर के अनावरण समारोह के बाद मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के बाद यह सभी मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री वाराणसी से लखनऊ जा चुके हैं। यह सभी बुधवार को हवाई मार्ग से चलकर अयोध्या हवाई पट्टी पहुंचेंगे। यहां से उन सभी को हाइवे स्थित होटल लाया जाएगा। यहां विश्राम के बाद सभी वीवीआईपी सरयू दर्शन के लिए जाएंगे। यहां के बाद रामपैड़ी का अवलोकन करेंगे। पुन: वह सभी हनुमानगढ़ी में आराध्य का दर्शन करेंगे। दूसरी पाली में रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के दरबार में हाजिरी लगाकर कृतकृत्य होंगे। परिसर में उनका स्वागत ट्रस्ट की ओर से किया जाएगा और दर्शन के उपरांत राम मंदिर निर्माण की प्रगति से भी अवगत कराया जाएगा।
भ्रमण कार्यक्रम के मद्देनजर मंगलवार को डीएम नितीश कुमार व एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने भ्रमण कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण किया। अफसरों की टीम ने हवाई पट्टी, पंचशील होटल, हनुमानगढ़ी, राम की पैड़ी, सरयू आरती स्थल, राम जन्मभूमि परिसर की व्यवस्था को देखा।
अपर मुख्य सचिव सूचना, अपर मुख्य सचिव गृह व कमिश्नर एमपी अग्रवाल, ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के साथ अन्य मुख्यमंत्रियों को विशेष व हाई सुरक्षा प्राप्त है। उनके साथ स्थानीय सुरक्षा के साथ-साथ उनके ही सुरक्षा कर्मी आ रहे हैं। कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था व कोविड 19 के संक्रमण का ख्याल रखा जाएगा।
जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि बुधवार को देश के 11 राज्यों के मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री और अन्य वीवीआईपी अयोध्या धाम आ रहे हैं। इनमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देव, गोवा के मुख्यमंत्री डा. प्रमोद सावंत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री वासव राज बोम्मई, असम के मुख्यमंत्री हेमानंद विश्वा शर्मा, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल, अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. विशेन सिंह सहित उपमुख्यमंत्री गोवा चन्द्रकांत कावेलकर, उपमुख्यमंत्री बिहार सुश्री रेनू देवी एवं तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री नागालैंड यथंगो पट्टन, उपमुख्यमंत्री त्रिपुरा जिष्णु देव शर्मा, उपमुख्यमंत्री अरूणांचल प्रदेश चोनामीन, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डा. दिनेश शर्मा व महापौर मुम्बई किशोरी पेडेकर के आने का कार्यक्रम है।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
अश्लील कंटेंट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, कई OTT प्लेटफॉर्म्स भारत में किए गए बंद

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025: केंद्र सरकार ने ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हो रहे अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए ALTBalaji, ULLU सहित कई अन्य डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं को भारत में ब्लॉक करने का निर्णय लिया है। यह कदम नागरिकों और सामाजिक संगठनों की शिकायतों के बाद उठाया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आंतरिक जांच के बाद पाया कि ये प्लेटफॉर्म्स बार-बार अश्लील, अशोभनीय और समाज की सांस्कृतिक मर्यादाओं के विरुद्ध कंटेंट प्रसारित कर रहे थे, जो विशेष रूप से पारिवारिक माहौल और बच्चों के लिए अनुपयुक्त है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह रचनात्मक स्वतंत्रता पर हमला नहीं है, बल्कि डिजिटल कंटेंट को कानूनी और नैतिक दायरे में रखने का प्रयास है। हर प्लेटफॉर्म को तयशुदा दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।”
सरकार ने पहले ही इन प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी थी और कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था। लेकिन कई वेब सीरीज और शोज़ में नग्नता, स्पष्ट यौन दृश्य और अश्लील संवादों को जारी रखा गया, जिसकी वजह से यह कार्रवाई की गई।
OTT प्लेटफॉर्म्स हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं, खासकर युवा दर्शकों के बीच, लेकिन पारंपरिक टीवी और फिल्मों की तरह इन पर नियमन पहले से कमजोर रहा है। सरकार ने पहले एक स्व-नियमन फ्रेमवर्क लागू किया था, मगर आलोचकों का मानना है कि उसका पालन सख्ती से नहीं हुआ।
इस फैसले के बाद डिजिटल मनोरंजन जगत में बहस छिड़ गई है — एक ओर रचनात्मक अभिव्यक्ति की आज़ादी की मांग उठ रही है, वहीं दूसरी ओर समाज में नैतिकता बनाए रखने की ज़रूरत पर जोर दिया जा रहा है।
फिलहाल, जिन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया गया है वे भारत में एक्सेस नहीं किए जा सकते। मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि यदि अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने कंटेंट के नियमन को गंभीरता से नहीं लिया, तो आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
यह निर्णय भारत में डिजिटल कंटेंट के नियमन की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हमले जारी, दोनों पक्षों को भारी नुकसान

बैंकॉक, 25 जुलाई। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। सीमा के कई इलाकों में लगातार झड़पें जारी हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए लगातार बमबारी की।
थाई सेना ने सामरिक स्थिति के अनुसार जवाबी कार्रवाई की और स्थानीय नागरिकों को झड़प वाले क्षेत्रों में न जाने की चेतावनी जारी की। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज ऑफ थाईलैंड ने सुरिन प्रांत के एक स्थानीय अधिकारी के हवाले से बताया कि शुक्रवार सुबह फिर से सीमा के पास तोपों की आवाजें सुनी गईं।
थाई स्वास्थ्य मंत्रालय के उप प्रवक्ता के अनुसार, गुरुवार रात 9 बजे तक थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हुई सैन्य झड़पों में 14 थाई नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 46 अन्य घायल हुए हैं।
वहीं, कंबोडिया के ओडर मीनचे प्रांत के डिप्टी गवर्नर मेट मियास फेकदी ने शिन्हुआ को बताया कि गुरुवार को थाई गोलाबारी में एक कंबोडियाई नागरिक की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा, “सीमा के पास रहने वाले 2,900 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शुक्रवार सुबह तक भी लड़ाई जारी है।”
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की अंडरसेक्रेटरी और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेटा ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि थाई सेना ने ओडर मीनचे और प्रीआह विहेयर प्रांतों में कई स्थानों पर भारी हथियारों, एफ-16 लड़ाकू विमानों और क्लस्टर बमों का उपयोग किया।
इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से “अधिकतम संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने” की अपील की है।
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र में आपातकालीन सत्र बुलाया, जो शुक्रवार को न्यूयॉर्क में बंद दरवाजों के पीछे आयोजित हुआ।
थाईलैंड ने कंबोडिया से लगती सभी भूमि सीमाओं को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाईलैंड की सभी सात एयरलाइनों ने थाई नागरिकों की वापसी में मदद करने की पेशकश की है।
इस संघर्ष का असर थाईलैंड की आंतरिक राजनीति पर भी पड़ रहा है। प्रधानमंत्री पेटोंगटर्न शिनावात्रा को 1 जुलाई को नैतिकता जांच के चलते निलंबित कर दिया गया था। अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई हालात की कमान संभाल रहे हैं। फुमथाम ने कंबोडिया को आक्रामकता से बाज आने की चेतावनी दी है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की, चोरी का सामान बरामद किया

मुंबई: मुंबई पुलिस ने चोरी का सामान, मोबाइल फ़ोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लौटाकर नागरिकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। पुलिस ने मोबाइल फ़ोन जैसे चोरी हुए सामान लौटाए हैं जो नागरिक भूल गए थे। इसमें पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। मुंबई पुलिस के ज़ोन 8 ने शिकायतकर्ताओं और नागरिकों को 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। इनमें चोरी हुए मोबाइल फ़ोन भी शामिल हैं। खेरवाड़ी, बीकेसी, विले पार्ले, सहार, एयरपोर्ट समेत सात पुलिस थानों के अलावा, चोरी का सामान, सोने के आभूषण, मोबाइल फ़ोन, वाहन, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लौटाए गए हैं। इन चीज़ों की कुल कीमत 1.45 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये सभी चीज़ें उनके मालिकों को लौटा दी गईं, जिससे उनके चेहरों पर मुस्कान आ गई।
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