राजनीति
अखिलेश यादव बोले, जल्द ही जेल से बाहर आएंगे आजम खान

समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव बुधवार को आजमगढ़ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जेल में बंद आजम खान को लेकर कहा कि जल्द ही वह बाहर आएंगे। बुधवार को अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि आजम खां जेल से बाहर आएं। सरकार के दबाव में कुछ अधिकारियों ने उन पर गलत केस लाद दिए। उच्च और सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। हमें आशा है कि आजम खां जल्द ही जेल से बाहर आएंगे।
उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार की लगातार कोशिश रही है कि उनपर इतना दबाव हो कि वे जेल से बाहर ही नहीं निकल पाए। हमें उम्मीद है कि उनके साथ न्याय होगा। अखिलेश ने यूपी सरकार के बुलडोजर कार्रवाई पर भी कई सवाल उठाए।”
मीडिया से बातचीत में एक सवाल पर उन्होंने कानपुर की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां गरीब अपना काम करने गया था उसका घर गिरा दिया गया। ये सरकार बुलडोजर चलाकर के डराना चाहती है। खासकर के मुसलमान भाइयों के दिल में डर पैदा करने के लिए सरकार बुलडोजर चलवा रही है। ये कार्रवाइयां उन पर ज्यादा होती हैं जो उनकी पार्टी के नहीं है। चिन्हित करके बुलडोजर चल रहा है।
आजमगढ़ अल्जामेयअतुल अशरफिया अंतर्राष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय है उसपर भी बुल्डोजर चलवाने के लिए प्रशासन पहुंच गया। देश कानून से चलना चाहिए। सबसे ज्यादा गैरकानूनी घर भाजपा के लोगों के हैं। बरेली का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पॉश इलाके में बिना नक्शा पास कराए सबसे ज्यादा मकान भाजपा के लोगों के हैं। क्या उनके घरों में सरकार ने बुलडोजर चलवाया। थाने में एक बेटी के साथ बलात्कार हुआ क्या थाने में बुल्डोजर चलवाएगी सरकार।
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के सवाल पर फिर से सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा की सरकार में न्याय नहीं मिलेगा,जो न्याय मांगने जाएगा उस पर बुलडोजर चल जाएगा। राजनीतिक लोगों को इस तरह से घेरना गलत है। इस पर चर्चा भी गलत है। बेरोजगारी गरीबी पर चर्चा करनी चाहिए। मीडिया से ही पूछा कि यदि केवल राशन हटा लो तो क्या आज देश के हालात श्रीलंका जैसे नहीं है। सरकार राशन हटा लेगी तो देश के वही हालात होंगे जो श्रीलंका के हैं। ये कहते थे कि रुपया ताकतवर बनेगा। आज रुपया कहां पहुंच गया। नौजवान पढ़ लिखकर नौकरी नहीं पा पा रहा है। पिछला एमओयू जमीन पर नहीं उतर पाया अब दूसरे की तैयारी सरकार कर रही है। सपना दिखाया जाएगा कि निवेश आएगा। सरकार बताए कि पिछले एमओयू का कितना पैसा जमीन पर आया। सरकार गरीबों का राशन कैसे बंद हो इसका तरीका ढूंढ रही है।
ज्ञानवापी मामले में उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने जानबूझ कर समाज मे कैसे नफरत फैले इस पर काम कर रही है। वो खाई पैदा करने की कोशिश में लगी है। खासकर वो चाहते हैं कि मुसलमान भाइयों में डर पैदा हो इसके प्रयास में सरकार जुटी है। बोले, सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं जिसमें यह कहा गया है कि पुरानी चीजों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती है। कहा कि मै कोर्ट से अपील करना चाहता हूं कि कोई ऐसा फैसला न हो जिससे समाज में खाई पैदा हो। कुछ लोग समाज में खाई पैदा करना चाहते हैं।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र की महिला जो एलओसी पार करने के बाद लापता हो गई थी, कथित तौर पर पाकिस्तान की हिरासत में है; वह ऑनलाइन मिले पादरी से मिलने गई थी

नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर की एक महिला अपने 15 वर्षीय बेटे के साथ कारगिल, लद्दाख में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक सुनसान गांव में यात्रा करते समय बिना किसी सुराग के गायब हो गई है। उसे आखिरी बार 14 मई को देखा गया था जब वह भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम स्थापित होने के चार दिन बाद अकेले अपने होटल से निकली थी। 38 वर्षीय महिला 9 मई को होटल पहुंची थी।
जब वह रात तक वापस नहीं आई तो होटल के कर्मचारियों ने स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया। कारगिल के अतिरिक्त एसपी नितिन यादव ने बताया कि एक समर्पित खोज दल सभी दृष्टिकोणों की जांच कर रहा है, और लड़के ने संकेत दिया कि वे विभिन्न सीमा क्षेत्रों में गए थे। नियंत्रण रेखा के करीब होने से संभावित घटनाओं, जैसे अनजाने में सीमा पार करने या जासूसी करने की चिंता बढ़ जाती है। दो दिन बाद भी महिला का कोई सुराग नहीं मिला है, और नाजुक स्थिति के कारण कानून प्रवर्तन अधिकारी नागपुर में उसके परिवार से पृष्ठभूमि की जानकारी एकत्र कर रहे हैं।
नागपुर की 43 वर्षीय महिला सुनीता बुधवार को कारगिल जिले से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके पाकिस्तान में घुस गई, जिससे भारतीय सुरक्षा बल हैरान रह गए। एक पूर्व नर्स, वह पाकिस्तान के एक पादरी, एक ऑनलाइन मित्र से जुड़ने की तीव्र इच्छा से प्रेरित थी। यह घटना सीमा पार करने का उसका तीसरा प्रयास है, क्योंकि उसे पहले दो मौकों पर अटारी में रोका गया था। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर उसके सीमा पार करने से सीमा सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंताएँ पैदा हो गई हैं।
अधिकारियों को संदेह है कि वह वर्तमान में पाकिस्तानी अधिकारियों के हाथों में है, जो इस कार्रवाई के लिए उसके इरादों की जांच कर रहे हैं। भारतीय अधिकारियों ने अभी तक उसके पकड़े जाने की पुष्टि नहीं की है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि उसे पाकिस्तान में आस-पास के ग्रामीणों ने पाया था, जिसके परिणामस्वरूप उसे पकड़ लिया गया। जाने से पहले, सुनीता ने अपने 15 वर्षीय बेटे को उसके लौटने तक दूर के गांव हुंदरमान में रहने के लिए कहा, लेकिन जब वह वापस नहीं लौटी तो उसे आखिरकार लद्दाख पुलिस को सौंप दिया गया।
राजनीति
दिलीप जायसवाल ने बताया, क्यों है सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का विदेश दौरा अहम

पटना, 17 मई। ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को वैश्विक स्तर पर बताने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों समेत प्रमुख साझेदार राष्ट्रों का दौरा करेगा और भारत की आतंकवाद विरोधी नीति, सैन्य कार्रवाइयों और ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव की जानकारी साझा करेगा। सरकार के इस कदम पर बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अपनी राय रखी।
दिलीप जायसवाल ने शनिवार को मिडिया को बताया कि यह सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ किए गए कठोर सैन्य कदमों, विशेषकर हालिया ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तार से चर्चा करेगा और यह बताएगा कि किस तरह भारत ने आतंकवाद के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए साहसिक और निर्णायक कार्रवाई की है।
जायसवाल ने कहा कि इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य केवल भारत का पक्ष रखना नहीं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि वैश्विक मंचों पर भारत की नीति को समझा जाए और आतंकवाद के हर रूप के खिलाफ सहयोग और समर्थन मिले।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने खुद यह स्वीकार किया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत की कार्रवाई से उनके देश को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें नूर खान एयर बेस जैसे रणनीतिक ठिकाने बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। यह प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में जाकर भारत की वर्तमान स्थिति, सैन्य रणनीति और आतंकी ठिकानों के खिलाफ की गई कार्रवाइयों की जानकारी देगा। साथ ही यह भी स्पष्ट करेगा कि भारत अब अपने रक्षा तंत्र को देश के हर कोने में मजबूत कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ वह कोई समझौता नहीं करेगा।
जायसवाल ने इसे एक ऐतिहासिक और साहसिक कूटनीतिक कदम बताते हुए कहा कि यह पहल न केवल भारत की सुरक्षा नीति को वैश्विक मंच पर प्रकट करेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह भी संदेश देगी कि भारत अब सिर्फ प्रतिकार नहीं करता, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करता है। धीरे-धीरे पाकिस्तान की ओर से छिपाए गए तथ्यों का खुलासा हो रहा है और दुनिया जान रही है कि भारत की सैन्य कार्रवाई कितनी प्रभावशाली रही है।
राजनीति
ऑपरेशन सिंदूर: सर्वदलीय डेलिगेशन में सांसद थरूर भी शामिल, कांग्रेस की लिस्ट से नदारद नाम

नई दिल्ली, 17 मई। ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत और बारीकी समझाने के लिए सरकार 7 डेलिगेशन की टीम प्रमुख साझेदार देशों में भेजेगी। हर टीम को एक सांसद लीड करेगा। शनिवार को टीम लीडर्स के नाम सामने आए। इनमें भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा के साथ ही कांग्रेस के शशि थरूर भी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पोस्ट के जरिए डेलिगेशन में शामिल लोगों के नाम बताए लेकिन इसके ठीक बाद कांग्रेस की ओर से एक लिस्ट जारी की गई। खास बात यह है कि इस सूची में शशि थरूर का नाम नहीं था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तुरंत अपना पक्ष रख दिया। उन्होंने लिखा- कल (शुक्रवार) सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से बात की। कांग्रेस से पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए 4 सांसदों के नाम प्रस्तुत करने को कहा गया।
उन्होंने फिर आगे उन नामों का खुलासा किया है जिन्हें कांग्रेस भेजना चाहती थी। लिखा- कल 16 मई को दोपहर तक लोकसभा में विपक्ष के नेता ने संसदीय कार्य मंत्री को कांग्रेस की ओर से निम्नलिखित नाम देते हुए पत्र लिखा। ये नाम थे- आनंद शर्मा (पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री), गौरव गोगोई (उपनेता, लोकसभा), डॉ. सैयद नसीर हुसैन (राज्यसभा सांसद) और राजा बरार (लोकसभा सांसद)।
स्पष्ट है कि कांग्रेस शशि थरूर को भेजने की ख्वाहिश नहीं रखती जो इन दिनों लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों को देशहित में करार दे रहे हैं। थरूर ने 8 मई को केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने एक्स पोस्ट में प्रतिनिधिमंडल के लीडर्स के नाम जाहिर किए। सूची जारी करते हुए उन्होंने लिखा- सबसे अहम समय में भारत एकजुट है। सात सर्वदलीय डेलिगेशन जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों में आतंकवाद के प्रति भारत के जीरो टॉलरेंस का मैसेज लेकर जाएंगे। यह राजनीति से ऊपर, मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब है।
लिस्ट में भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा और कांग्रेस के शशि थरूर शामिल हैं। इसके अलावा जदयू के संजय कुमार झा, डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे का नाम है। सांसदों का डेलिगेशन इस महीने के अंत में दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों का दौरा करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में अपना नाम शामिल होते देख थरूर ने एक्स पर खुशी का इजहार किया। उन्होंने लिखा- “मैं हाल की घटनाओं पर हमारे राष्ट्र का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रमुख राजधानियों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित शामिल हो, और मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा। जय हिंद!”
बता दें, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 6-7 मई की दरमियानी रात को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर तबाह कर दिया था। इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया गया था। दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच 10 मई को चर्चा हुई थी, जिसमें शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी थी।
अब भारत दुनिया को ऑपरेशन सिंदूर के पीछे का उद्देश्य और जरूरत समझाना चाहती है, यही कारण है कि प्रमुख साझेदारों के बीच डेलिगेशन भेजा जा रहा है।
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