महाराष्ट्र
नवनीत राणा के डिस्चार्ज होने के बाद लीलावती अस्पताल पहुंचे शिवसेना नेताओं ने अनियमितताओं का लगाया आरोप
शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम सोमवार को लीलावती अस्पताल में कुछ अनियमितताओं का पता लगाने पहुंची। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया, जब निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा को जमानत मिलने के बाद पिछले सप्ताह तीन दिनों के लिए वहां भर्ती कराया गया था।
इसके साथ ही, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के एच-वेस्ट वार्ड कार्यालय ने अस्पताल को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें नवनीत को छुट्टी मिलने (8 मई) के एक दिन बाद चिकित्सा मानदंडों के कई कथित उल्लंघनों पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
शिवसेना के प्रवक्ताओं – डॉ. मनीषा कयांडे, पूर्व मेयर और नर्स किशोरी पेडनेकर, राहुल एन. कनाल और अनिल एस. कोकिल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल अस्पताल पहुंचा और उनके साथ ही मीडियाकर्मी भी बड़ी संख्या में पहुंच गए।
शिवसेना की टीम ने नवनीत राणा के अस्पताल में रहने के दौरान एमआरआई स्कैन रिपोर्ट का विवरण मांगा। दरअसल पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें/वीडियो प्रसारित हो रहे हैं, जिन्हें लेकर नेताओं ने अस्पताल प्रबंधन से सवाल पूछे।
उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से प्रमुख सवाल यह किया कि इलाज के दौरान उनकी तस्वीरें लेने की इजाजत आखिर कैसे दे दी गई। इस दौरान पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर, डॉ. मनीषा कयांडे और शिवसेना के अन्य नेताओं ने कई अनियमितताओं को लेकर अस्पताल प्रबंधन से कई सवाल पूछे।
डॉ. कयांडे ने सवाल दागते हुए कहा, एमआरआई कक्ष के अंदर इस तरह की शूटिंग (फोटोग्राफी) की अनुमति कैसे दी गई और किन परिस्थितियों में और किसने इसे अधिकृत किया।
पेडनेकर ने कहा, एमआरआई कक्ष में मोबाइल, धातु, बिजली या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों वाले कैमरों को अनुमति क्यों दी गई, जबकि ऐसे संवेदनशील स्थानों के लिए अस्पताल के नियमों के अनुसार इसे प्रतिबंधित किया गया है।
कनाल और कोकिल ने कुछ अनधिकृत व्यक्तियों पर भी कई सवाल दागे, जिन्हें कथित तौर पर वीवीआईपी मरीज के कमरे में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी और यहां तक कि सांसद के साथ सेल्फी भी ली गई थी, जिसे उन्होंने नियमों का उल्लंघन बताया।
डॉ. कयांडे और पेडनेकर ने आश्चर्य जताया कि कैसे महिला सांसद – जिन्हें पीठ में तेज दर्द और स्पोंडिलोसिस की शिकायत थी – को पीठ के बल लेटने के लिए मजबूर किया गया और एमआरआई मशीन के अंदर ले जाने पर उन्होंने अपना सिर कैसे उठाया।
डॉ. कयांडे ने कहा कि जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, तो वह बहुत संकट में दिखाई दी थीं.. तब ये सभी तस्वीरें/वीडियो सामने आए और रविवार को जब उन्हें छुट्टी मिली, तो वह अपनी गंभीर चिकित्सा स्थिति से बिल्कुल फिट और ठीक थी, जिसमें संदेह पैदा किया है।
शिवसेना नेताओं के आक्रामक रुख से स्तब्ध अस्पताल प्रबंधन और कुछ डॉक्टर अपने जवाबों को महज बुदबुदाते हुए दे रहे थे या फिर चुपचाप सिर हिला रहे थे और शमिर्ंदगी में सिर लटकाकर खड़े रहे।
शिवसेना ने अस्पताल के सीओओ और सीनियर कंसल्टेंट, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वी. रविशंकर को एक पत्र सौंपा, जिसमें नवनीत राणा के प्रवास के दौरान हुई कथित अनियमितताओं का जवाब मांगा गया है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अगर अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टरों या पैरामेडिकल स्टाफ पर किसी तरह का दबाव डाला गया है तो उन्हें आगे आकर ब्योरा देना चाहिए, क्योंकि किसी भी अस्पताल में ऐसी चीजों की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
संयोग से, बांद्रा पश्चिम में लीलावती अस्पताल कई वीवीआईपी का पसंदीदा अस्पताल रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके पिता, शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे, दिवंगत भाजपा के नेता प्रमोद महाजन, कई फिल्म-सितारे, उद्योगपति और कई बड़े सेलिब्रिटी अस्पताल में इलाज करा चुके हैं।
बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि अगर अस्पताल कारण बताओ नोटिस का जवाब देने में विफल रहता है, तो नागरिक निकाय मामले में उचित कार्रवाई शुरू करेगा।
महाराष्ट्र
बाबरी मस्जिद की 33वीं बरसी पर मुंबई की सड़कें अल्लाहू अकबर के नारों से गूंजीं, शांतिपूर्ण विरोध और रिकवरी के लिए दुआएं, पुलिस अलर्ट

मुंबई: मुंबई में बाबरी मस्जिद विध्वंस की 33वीं बरसी पर शहर और उपनगरों की मस्जिदें, सड़कें और चौराहे अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर की अज़ान से गूंज उठे, जब उपद्रवियों ने दोपहर 3:45 बजे बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था। मुसलमानों का मानना है कि बाबरी मस्जिद अर्श से फर्श तक एक मस्जिद है और कयामत तक मस्जिद ही रहेगी। इसलिए मुसलमानों ने 6 दिसंबर को विरोध का काला दिवस मनाया। इस मौके पर बाबरी मस्जिद की बरामदगी के लिए भी दुआ की गई। रजा अकादमी ने बाबरी मस्जिद की शहादत पर काला दिवस मनाने और मस्जिदों में सामूहिक अज़ान देने की घोषणा की थी। इस मौके पर रजा अकादमी ने मुस्लिम बहुल इलाकों के चौराहों, खासकर मीनार मस्जिद और अन्य मस्जिदों पर अज़ान का आयोजन किया। इस मौके पर पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे। मुस्लिम संगठनों ने भी अज़ान देकर और बाबरी मस्जिद की शहादत पर विरोध प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया। मुसलमानों ने भी बाबरी मस्जिद से जुड़े स्टेटस सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बाबरी मस्जिद की शहादत के गम को याद किया और हर मुसलमान दुखी दिखा।
बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 33वीं बरसी; रजा एकेडमी की अपील पर शहर में अज़ान दी गईं। बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 33वीं बरसी के मौके पर रजा एकेडमी ने दोपहर 3:45 बजे शहर के अलग-अलग इलाकों में अज़ान दी। इस पहल का मकसद इस ऐतिहासिक घटना की याद को ताज़ा रखना और बाबरी मस्जिद के शहीदों को श्रद्धांजलि देना है। रजा एकेडमी ने खास तौर पर खत्री मस्जिद, बनयान रोड, मीनार मस्जिद, मुहम्मद अली रोड कॉर्नर, भंडी बाज़ार, नीर मांडवी पोस्ट ऑफिस में अज़ान दी। इस मौके पर विद्वानों ने बाबरी मस्जिद की वापसी के लिए दुआ की और यह साफ़ किया कि बाबरी मस्जिद धोखे से ली गई थी। बाबरी मस्जिद कयामत तक मस्जिद ही रहेगी। बदमाशों ने इस मस्जिद को गिराकर देश के संविधान को कलंकित किया है, जो हमेशा अन्याय जैसा ताज़ा ज़ख्म रहेगा। रजा एकेडमी के हेड सईद नूरी ने कहा कि बाबरी मस्जिद की शहादत पर काला दिवस मनाया जाता है। इस दिन रजा एकेडमी अज़ान का आयोजन करती है और इस अन्याय के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि बदमाशों ने मस्जिद को निशाना बनाया और उसकी सुरक्षा करते हुए उसे शहीद कर दिया, लेकिन आज भी इसके गुनहगार खुलेआम घूम रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी, जबकि बदमाशों ने देश के सीने पर ज़ुल्म और नाइंसाफ़ी का कलंक लगाया है। हर साल बाबरी मस्जिद की बरसी पर रज़ा अकादमी अज़ान देकर उसकी याद ताज़ा करती है। एक दुख है जो हमेशा रहेगा। मुंबई पुलिस ने बाबरी मस्जिद की बरसी पर कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए थे और शहर में अलर्ट जारी किया गया था।
महाराष्ट्र
मुंबई के एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर अमित सैनी का ट्रांसफर कर दिया गया है और उनकी जगह IAS ऑफिसर अविनाश ढकने को लाया गया है, क्योंकि उन पर “कैश-फॉर-ट्रांसफर” स्कैम के आरोप लगे हैं।

AMIT SAINI
मुंबई : यह ट्रांसफर बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) में 160 से ज़्यादा इंजीनियरों के फेरबदल से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद हुआ है, जिस पर बाद में सरकार ने रोक लगा दी थी।
एक्टिविस्ट संजय साटम ने म्युनिसिपल कमिश्नर भूषण गगरानी को शिकायत दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सैनी इंजीनियरों के ट्रांसफर के लिए ₹5 लाख से ₹40 लाख के बीच चार्ज कर रहे थे।
सैनी, 2007 बैच के IAS ऑफिसर, मार्च 2024 से BMC में पोस्टेड थे।
अविनाश ढकने, 2017 बैच के IAS ऑफिसर, पहले महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (MPCB) के मेंबर सेक्रेटरी के तौर पर काम कर चुके हैं और उन्होंने चार्ज संभाल लिया है।
एक्टिविस्ट्स की कार्रवाई की मांग के बाद ये ट्रांसफर किए गए, गलगली ने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद दिया।
एक्टिविस्ट साटम ने कहा कि यह ट्रांसफर काफी नहीं है और उन्होंने मामले की डिपार्टमेंटल और एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) से जांच कराने की मांग की।
पर्यावरण
मुंबई मौसम अपडेट: AQI 183 पर, तापमान 27°C के आसपास, ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में

सुबह 8.30 बजे अपडेट किए गए रियल-टाइम वायु गुणवत्ता निगरानी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह मुंबई की वायु गुणवत्ता बिगड़कर अस्वस्थ श्रेणी में पहुँच गई, जबकि शहर में मौसम साफ और धूप वाला रहा। aqi.in के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 183 रहा, जो इसे अस्वस्थ श्रेणी में रखता है और शहर भर के संवेदनशील समूहों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
आंकड़ों से पता चला कि पीएम 2.5 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 का स्तर 130 माइक्रोग्राम था, जो स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से काफी ऊपर था। बढ़े हुए कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर जाते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा होते हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन या हृदय संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए।
अन्य प्रदूषक, जिनमें कार्बन मोनोऑक्साइड 266 भाग प्रति बिलियन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 16 पीपीबी, ओज़ोन 14 पीपीबी और सल्फर डाइऑक्साइड 7 पीपीबी शामिल हैं, नियंत्रित सीमा के भीतर रहे। हालाँकि, उच्च कण पदार्थ अकेले ही साँस लेने में तकलीफ और आँखों में जलन पैदा करने के लिए पर्याप्त हैं।
शहर में तापमान 26 से 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, आर्द्रता लगभग 54 प्रतिशत और हवा की गति लगभग 16 किमी प्रति घंटा रही। हालाँकि मौसम सुहावना रहा और बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं था, लेकिन वायुमंडलीय परिस्थितियाँ निचली हवा की परतों में महीन धूल कणों के जमाव को रोकने में नाकाम रहीं।
सात दिनों के पूर्वानुमान के अनुसार, अधिकतम तापमान 28 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा और पूरे सप्ताह आसमान साफ़ रहेगा। धूप खिलने के बावजूद, वाहनों से निकलने वाले धुएँ, निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल और मौसमी कारकों के कारण प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव बने रहने की उम्मीद है।
डॉक्टर निवासियों को सलाह देते हैं कि वे ज़्यादा देर तक बाहर न निकलें, खासकर सुबह और देर शाम के समय, जब प्रदूषण की मात्रा ज़्यादा होती है। खांसी, गले में जलन या सांस लेने में तकलीफ़ होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। घर के अंदर मास्क, एयर प्यूरीफायर और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई है।
पर्यावरण समूहों ने एक बार फिर नगर निगम अधिकारियों से सड़क पर धूल नियंत्रण बढ़ाने, निर्माण गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने और यातायात उत्सर्जन को नियंत्रित करने का आग्रह किया है। नागरिकों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और व्यस्त समय के दौरान अनावश्यक वाहनों से यात्रा करने से बचने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सर्दियों के आगमन के साथ ही विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल उपाय नहीं किए गए तो मुंबई में अस्वास्थ्यकर वायु वाले दिनों की संख्या बढ़ सकती है।
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