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भारी बारिश की चेतावनी के बाद प्रशासन सक्रिय, मुख्य सचिव एसएस संधु ने अधिकारियों को सतर्क रहने के दिए निर्देश

अगले 24 घंटे में उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा की आशंका को देखते हुए मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र एवं सभी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों में सक्षम स्तर के नोडल अधिकारी तैनात करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आपदा जैसी परिस्थिति में ये नोडल अधिकारी निर्णय लेने व निर्देश देने के लिए अधिकृत होंगे।
जेसीबी व पोकलैंड मशीनें तैनात की जाएं :
मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यातायात को सुचारू रखने के लिए जेसीबी व पोकलैंड मशीनें तैनात की जाएं। पेयजल व विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए कदम उठाए जाएं। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वषार्काल में नदियों व बैरोज के जलस्तर पर पैनी नजर रखने के साथ ही बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया जाए। सभी राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारियों, ग्राम पंचायत अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों को कार्य स्थल पर बने रहने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिए हैं।
समुचित मात्रा में खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करें :
उन्होंने खाद्य विभाग को गोदामों में समुचित मात्रा में खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनसामान्य से अपील की कि भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए आवश्यक होने पर भी घरों से बाहर निकला जाए। मुख्य सचिव के निदेशरें के क्रम में सचिव आपदा डा रंजीत कुमार सिन्हा ने सभी जिलाधिकारियों व आपदा से संबंधित विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की।
आपदा संभावित जोन करें चिह्न्ति, जेसीबी रखें तैनात :
वषार्काल के मद्देनजर आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने अधिकारियों के साथ बैठक की। कलेक्ट्रेट स्थित ऋषिपर्णा सभागर में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी सोनिका ने लोनिवि, पीएमजीएसवाई व राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा संभावित क्षेत्रों को चिह्न्ति किया जाए। ऐसे स्थलों पर जेसीबी तैनात रखी जाए। साथ ही जेसीबी के वाहन चालकों के नंबर विभिन्न माध्यमों से प्रसारित कराए जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर जनता उनकी मदद प्राप्त कर सके।
बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह अपना मोबाइल 24 घंटे आन रखें। रिस्पना- बिंदाल नदी किनारे रहने वाले लोग को चिह्न्ति किया जाए और आपात स्थिति में उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने के लिए स्थान तय किए जाएं। वषार्काल में तमाम मार्ग बाधित होते रहते हैं। लिहाजा, दूरस्थ क्षेत्रों में तीन माह का खाद्यान कोटा समय पर भिजवा दिया जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, प्रभागीय वनाधिकारी नितीशमणी त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
निर्माण कार्यों के दौरान जमा न होने दें पानी :
जिलाधिकारी सोनिका ने डेंगू पर प्रभावी रोकथाम के लिए अभियान चलाने को कहा। सोमवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी सोनिका ने सभी निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए कि किसी भी साइट पर पानी जमा न होने दें। निगर निगम को निर्देश दिए गए कि विभिन्न क्षेत्रों में फागिंग की जाती रहे। घर व आसपास पानी जमा न होने पाए। इसके लिए जनता को जागरूक किया जाए। इस काम में सामाजिक संगठनों का भी निर्देश दिए गए कि सभी स्कूलों में बच्चों को फुल ड्रेस में स्कूल बुलाएं। पानी का जमाव रोकने के लिए बच्चों को सहयोग लिया जाए। वहीं, मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए कि सभी स्कूलों में बच्चों को फुल ड्रेस में स्कूल बुलाएं। पानी का जमाव रोकने के लिए बच्चों को भी जागरूक किया जाए। डेंगू से बचाव व रोकथाम की दिशा में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश भी जिलाधिकारी ने जारी किए।
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नवी मुंबई : उरण में रानसाई बांध 2013 के बाद पहली बार जल्दी ओवरफ्लो हुआ, जल संकट टला

उरण तालुका में रानसाई बांध, जो 20 से अधिक ग्राम पंचायतों, ओएनजीसी, एनएडी और उरण नगर परिषद को पीने और औद्योगिक पानी की आपूर्ति करता है, जून के महीने में असामान्य रूप से ओवरफ्लो होना शुरू हो गया है। 2013 के बाद यह पहली बार है कि मानसून के मौसम में इतनी जल्दी बांध पूरी क्षमता तक पहुँच गया है।
उरण एमआईडीसी के डिप्टी इंजीनियर ज्ञानदेव सोनवणे के अनुसार, बांध आमतौर पर मौसम के बहुत बाद में भरता है। वास्तव में, पिछले साल बांध 18 जुलाई को ही पूरी क्षमता पर पहुंच गया था। हालांकि, इस साल पिछले कई दिनों से लगातार भारी बारिश और आसपास की पहाड़ियों से बहते पानी के कारण मंगलवार को बांध भर गया और बह निकला।
1971 में बना रानसाई बांध 116 फीट 6 इंच ऊंचा है और इसकी भंडारण क्षमता 10 मिलियन क्यूबिक मीटर है। यह 25 ग्राम पंचायतों, उरण शहर, औद्योगिक इकाइयों और लगभग 2.5 लाख लोगों की आबादी को पानी की आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस साल गर्मियों की शुरुआत में जल स्तर में गिरावट के कारण इस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति सप्ताह में पांच दिन तक सीमित कर दी गई थी। अधिकारियों का कहना है कि इस साल समय से पहले पानी भर जाने से जल संकट को टालने में काफी मदद मिली है।
सोनवणे ने कहा, “हम हर दिन बांध से 35 एमएलडी पानी वितरित करते हैं और सिडको से 4 एमएलडी पानी भी प्राप्त करते हैं। हर साल नवंबर से जून तक, पानी के कम भंडारण के कारण हमें सप्ताह में दो दिन पानी की कटौती करनी पड़ती है। इस साल, बारिश के कारण हमें यह कटौती थोड़ी देर से करनी पड़ सकती है। इस साल बारिश जल्दी शुरू होने के कारण पानी जल्दी बह गया।” इस साल 10 जून को पानी की कटौती वापस ले ली गई थी, लेकिन निवासियों को रोजाना पानी मिल रहा है।
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मुंबई में भारी बारिश, यातायात जाम और ट्रेनें देरी से चलने की खबर; येलो अलर्ट जारी

मुंबई: मुंबई में गुरुवार सुबह भारी बारिश हुई, जिसके बाद रात भर शहर और उसके उपनगरों में भीगना जारी रहा। कुर्ला, लालबाग, बायकुला, सीएसएमटी और नरीमन पॉइंट जैसे इलाकों में तेज हवाओं के साथ लगातार बारिश हुई, जिससे शहर के कई हिस्सों में जल जमाव हो गया और यातायात धीमा हो गया।
आईएमडी ने शहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मुंबई के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें मौसम से जुड़ी संभावित गड़बड़ियों की चेतावनी दी गई है। पूर्वानुमान के अनुसार, शहर में दिन भर आसमान में बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होगी। स्थानीय स्तर पर बाढ़ और यातायात में व्यवधान के जोखिम के कारण नागरिकों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
लगातार हो रही बारिश ने स्थानीय आवागमन को भी प्रभावित किया है। लोकप्रिय आवागमन ऐप एम-इंडिकेटर के अनुसार, सेंट्रल और हार्बर लाइनों पर मुंबई की उपनगरीय रेल सेवाएँ कथित तौर पर 10-15 मिनट की देरी से चल रही हैं। हालाँकि, देरी के बारे में सेंट्रल रेलवे की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इसके विपरीत, पश्चिमी रेलवे लाइन पर सेवाएँ अभी तय समय पर चल रही हैं।
सड़कों पर, मिलिंद नगर जेवीएलआर रोड (एमआईडीसी) के दक्षिण की ओर जाने वाले हिस्से में एक ट्रक और एक टेम्पो के बीच हुई दुर्घटना के कारण यातायात जाम की सूचना मिली है। मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों को देरी की आशंका के बारे में सचेत किया है और उसी के अनुसार अपने मार्ग की योजना बनाने को कहा है। अभी तक जलभराव या लगातार बारिश के कारण कोई बड़ी यातायात समस्या की सूचना नहीं मिली है।
दिन का अधिकतम तापमान थोड़ा कम होकर 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है, जिससे शहर में हाल के दिनों में रही उमस भरी स्थिति से कुछ राहत मिलेगी।
कोंकण क्षेत्र में ऑरेंज अलर्ट जारी
आईएमडी के विस्तारित पूर्वानुमान के अनुसार, अगले कुछ घंटों में मध्यम से भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। रायगढ़ और रत्नागिरी जैसे आस-पास के जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जो बहुत भारी बारिश की संभावना को दर्शाता है।
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मुंबई में भारी बारिश, पवई झील में पानी भरा, येलो अलर्ट जारी

मुंबई: बुधवार की सुबह मुंबई में तेज बारिश हुई, क्योंकि रात भर हुई बारिश के बाद शहर में भारी बारिश जारी रही। सीएसएमटी, बैलार्ड एस्टेट और नरीमन पॉइंट समेत कई इलाकों में लगातार बारिश की सूचना मिली, जिसके कारण शहर और उपनगरों में हल्की ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई।
आईएमडी ने जारी किया येलो अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, पूरे दिन और बारिश की उम्मीद है, शहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वानुमान के अनुसार, आसमान में बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। येलो अलर्ट संभावित मौसम संबंधी व्यवधान को दर्शाता है और निवासियों को सतर्क रहने की सलाह देता है।
आज के मौसम संबंधी आंकड़ों के अनुसार, आईएमडी की सांताक्रूज़ वेधशाला ने अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। इस बीच, कोलाबा वेधशाला ने अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। पिछली बारिश और लगातार बारिश से जमीन में नमी होने के कारण शहर के कई हिस्सों में दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
इस मानसून के दौरान प्रमुख घटनाक्रमों में, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला प्रमुख कृत्रिम जलाशय पवई झील बुधवार सुबह-सुबह ओवरफ्लो होने लगा। बीएमसी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से ओवरफ्लो की पुष्टि की, जिसमें झील के किनारे से पानी के बाहर निकलने के दृश्य साझा किए गए।
अपने पोस्ट में, नागरिक निकाय ने कहा: “बीएमसी द्वारा प्रबंधित मुख्य कृत्रिम झीलों में से एक, पवई झील आज सुबह 6 बजे के आसपास ओवरफ्लो होने लगी। 545 करोड़ लीटर (5.45 बिलियन लीटर) की कुल भंडारण क्षमता के साथ, झील मुख्य रूप से आरे मिल्क कॉलोनी में औद्योगिक उपयोग और सेवाओं के लिए गैर-पेयजल की आपूर्ति करती है।” बयान में कहा गया है कि पिछले 48 घंटों में जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण ओवरफ्लो हुआ, जिससे जल स्तर 195.10 फीट तक पहुँच गया, जो इसकी अधिकतम क्षमता है।
सप्ताह की शुरुआत से लगातार हो रही बारिश ने शहर के जल निकासी ढांचे पर अतिरिक्त दबाव डाला है, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि अगर यह प्रवृत्ति जारी रही तो और अधिक जलभराव और व्यवधान हो सकता है। नागरिक अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं, नागरिकों से बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों से बचने और किसी भी आपात स्थिति की सूचना देने का आग्रह कर रहे हैं।
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