अंतरराष्ट्रीय
एबी डिविलियर्स ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से लिया संन्यास

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स ने शुक्रवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। 2018 में अपनी अंतर्राष्ट्रीय रिटायरमेंट के बाद डिविलियर्स ने फ्रैंचाइजी क्रिकेट में खेलना जारी रखा, विशेष रूप से वो इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के लिए खेल रहे थे। शुक्रवार को खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने से अब वह एक दशक से जुड़े फ्रैंचाइजी आरसीबी के लिए भी नहीं खेल सकेंगे।
डिविलियर्स ने ट्वीट कर कहा, “यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है, लेकिन मैंने सभी क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। मैंने करियर में पूरे आनंद और उत्साह के साथ मैच खेला। अब 37 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कह रहा हूं।”
37 साल के इस खिलाड़ी ने 184 आईपीएल मैच खेले हैं, सबसे पहले वह दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए तीन सीजन खेले और उसके बाद बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में एक लंबा दशक टीम में बिताया।
उन्होंने आईपीएल में कुल मिलाकर 39.70 की औसत और 151.68 की स्ट्राइक रेट से 5162 रन बनाए, जिसमें तीन शतक और 40 अर्धशतक शामिल हैं, जबकि आरसीबी की ओर से पांच बार आईपीएल प्लेऑफ में प्रवेश करने वाले सदस्य रहे।
डिविलियर्स ने बताया, “यही वास्तविकता है जिसे मुझे स्वीकार करना चाहिए और भले ही यह अचानक लग सकता है, लेकिन मैं आज यह घोषणा कर रहा हूं। मेरे पास अपना समय है। क्रिकेट मेरे लिए असाधारण रूप से सब कुछ रहा है। चाहे टाइटन्स के लिए खेलना, प्रोटियाज, आरसीबी, या दुनियाभर की टीमों के लिए खेलना हो, मुझे अकल्पनीय अनुभव और अवसर दिए हैं और मैं इसके लिए हमेशा आभारी रहूंगा।”
डिविलियर्स ने प्रोटियाज के लिए 114 टेस्ट, 228 एकदिवसीय और 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
उन्होंने कहा, “मैं हर टीम के साथी, हर प्रतिद्वंद्वी, हर कोच, हर फिजियो और हर स्टाफ सदस्य को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो मेरे इस सफर में साथ रहे हैं। मुझे दक्षिण अफ्रीका, भारत, जहां भी मैंने खेला है, मुझे मिले समर्थन से खुश हूं।”
आरसीबी के अध्यक्ष प्रथमेश मिश्रा ने एक बयान में कहा, “एबी डिविलियर्स खेल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक रहे हैं और हम उन्हें आईपीएल में आरसीबी का प्रतिनिधित्व करने के लिए सम्मानित कर रहे हैं। उनकी कार्य नैतिकता विशेष रही है, जिसने न केवल टीम को फायदा हुआ, बल्कि नए युवाओं के लिए उच्च अवसर प्रदान किए है।”
मिश्रा के मुताबिक, “एबी मैदान पर और बाहर दोनों जगह एक अच्छे खिलाड़ी रहे हैं और हम आरसीबी को आईपीएल में प्रमुख फ्रेंचाइजी में से एक के रूप में स्थापित करने में उनकी अथक प्रतिबद्धता के लिए अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहते हैं। हम एबी को जीवन में अगली पारी के लिए शुभकामनाएं देते हैं। वह हमेशा आरसीबी परिवार का हिस्सा रहेंगे।”
डिविलियर्स ने कहा, “आखिरकार, मुझे पता है कि मेरे परिवार, मेरे माता-पिता, मेरे भाई, मेरी पत्नी डेनियल और मेरे बच्चों के बलिदान के बिना कुछ भी संभव नहीं होता। मैं अपने जीवन की अगली पारी का इंतजार कर रहा हूं। जब मैं उन्हें पहले प्राथमिकता दे पाऊंगा।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका में इजरायली दूतावास के दो कर्मियों की गोली मारकर हत्या, जांच शुरू

वाशिंगटन, 22 मई। वाशिंगटन में यहूदी संग्रहालय के पास इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी ने इस घटना की पुष्टि की है।
होमलैंड सिक्योरिटी के मुताबिक, वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के एक पुरुष और एक महिला कर्मचारी को बुधवार रात (अमेरिकी समयानुसार) कैपिटल यहूदी संग्रहालय से बाहर निकलते समय एक अज्ञात हमलावर ने गोली मार दी।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने बताया, “इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की आज रात वाशिंगटन डीसी में यहूदी संग्रहालय के पास बेरहमी से हत्या कर दी गई। हम जांच कर रहे हैं। कृपया पीड़ितों के परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम इस अमानवीय अपराधी को न्याय के कटघरे तक अवश्य लाएंगे।”
इस बीच, इजरायल के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत डैनी डैनन ने इस हमले को “यहूदी-विरोधी आतंकवादी घटना” करार दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “यहूदी समुदाय को निशाना बनाना एक ‘लाल रेखा’ (खतरे के निशान ) को पार करना है। हमें विश्वास है कि अमेरिकी अधिकारी इस अपराध के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इजरायल अपने नागरिकों और प्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए दृढ़ता से काम करता रहेगा।”
वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता ताल नैम कोहेन ने हत्याओं की निंदा की और कहा, “हमें स्थानीय और संघीय स्तर पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि वे शूटर को पकड़ लेंगे और अमेरिका में इजरायल के प्रतिनिधियों और यहूदी समुदायों की रक्षा करेंगे।”
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है और वे मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं।”
उन्होंने कहा, “मेरी टीम और मुझे आज रात कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर और हमारे वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के पास हुई शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है। हम एमपीडी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। अभी के लिए, कृपया पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम जनता को अपडेट रखेंगे।”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट फॉक्स 5 से बात करते हुए अमेरिकन ज्यूइश कमेटी (एजेसी) ने पुष्टि की है कि बुधवार शाम को कैपिटल यहूदी संग्रहालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
एजेसी ने एक बयान में कहा, “हम इस बात से स्तब्ध हैं कि आयोजन स्थल के बाहर हिंसा की एक अकल्पनीय घटना हुई। इस समय, जब हम पुलिस से यह जानने का इंतजार कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ, हमारा ध्यान और हमारी संवेदनाएं केवल उन लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं, जो प्रभावित हुए हैं।”
अंतरराष्ट्रीय
नेतन्याहू ने दोहराया गाजा पर पूर्ण कब्जे का इरादा, ट्रंप से मतभेद की खबरों को बताया बेबुनियाद

यरूशलम, 22 मई। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को गाजा पर पूरी तरह से कब्जा करने के अपने इरादे को दोहराया और युद्ध समाप्ति के लिए किसी भी प्रकार के समझौते की संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि “गाजा में 20 बंधक अब भी जीवित हैं, जबकि 38 अन्य के मारे जाने की आशंका है।”
पश्चिम यरूशलम स्थित अपने कार्यालय में बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेतन्याहू ने अपनी मंशा जाहिर की।
फिलिस्तीनी संगठन हमास ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि वह युद्ध समाप्ति, गाजा से इजरायली सेना की वापसी और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में इजरायली बंदियों को एकमुश्त रिहा करने के लिए तैयार है।
नेतन्याहू ने इन शर्तों को खारिज कर दिया है। इसके बजाय उन्होंने फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के निरस्त्रीकरण की मांग की है और गाजा पर पूरी तरह से फिर से कब्जा करने पर जोर दिया है।
नेतन्याहू ने दावा किया कि एक बार ये लक्ष्य हासिल हो जाने के बाद, इजरायल तथाकथित ट्रंप योजना को लागू करने के लिए आगे बढ़ेगा -जिसे व्यापक रूप से गाजा से फिलिस्तीनियों के पुनर्वास की रूपरेखा के रूप में देखा जाता है।
नेतन्याहू ने ट्रंप की खाड़ी यात्रा के बाद अमेरिकी प्रशासन के साथ मतभेद की अटकलों को भी खारिज कर दिया, जिसमें इजरायल को शामिल नहीं किया गया था।
ट्रंप की सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा ने कई बड़े व्यापारिक सौदे किए। इसे लेकर मीडिया में कई तरह की बातें उठीं। खासकर वाशिंगटन के सबसे करीबी सहयोगी इजरायल को शामिल न किए जाने को लेकर तमाम सवाल खड़े किए गए।
यह यात्रा ट्रंप के यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिकी बमबारी अभियान को समाप्त करने के निर्णय के बाद हुई।
नेतन्याहू, जिन्होंने पहले इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की थी, ने एक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि: ” मैं इजरायल के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं।'”
इजरायल पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच, ट्रंप ने गाजा में युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने और मानवीय सहायता सामग्री की राह बाधित न करने का आग्रह किया था।
कुछ दिनों पहले एक अलग बातचीत में, नेतन्याहू ने कहा था कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने उनसे कहा था: “हमारे बीच पड़ रही दरार को लेकर उठ रही सभी फर्जी खबरों पर ध्यान न दें’।
अंतरराष्ट्रीय
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सच्चाई बताने संजय झा के नेतृत्व में जापान पहुंचा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल

टोक्यो, 22 मई। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) सांसद संजय झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जापान पहुंचा है। यह दौरा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार के कदमों की जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा करने के उद्देश्य से किया गया है। संजय झा ने इस संबंध में जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की।
इसमें उन्होंने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जापान पहुंच चुका है। हमें यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आम लोगों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदम का हम समर्थन करते हैं।
जेडीयू सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर कहा कि इस ऑपरेशन से आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति साफ जाहिर होती है। जापान और भारत आतंकवाद के खिलाफ एक साथ हैं और हम शांति की पैरोकारी करते हैं।
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजदूत मोहन कुमार, भाजपा सांसद डॉ. हेमांग जोशी, सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, भाजपा सांसद बृज लाल और भाजपा सांसद प्रदान बरुआ शामिल हैं।
यह वैश्विक अभियान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करेगा। जापान के बाद, सभी दक्षिण कोरिया (24 मई), सिंगापुर (27 मई), इंडोनेशिया (28 मई) और मलेशिया (31 मई) जाएंगे।
उनके आगमन पर, जापान में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज ने नेताओं का स्वागत किया, जिन्होंने जापानी नेतृत्व और नागरिक समाज के साथ जुड़ाव के लिए रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा बताई।
बता दें कि भारत ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान का आतंकी चेहरा बेनकाब करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। यह सभी प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में जाएंगे। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जेडीयू सांसद संजय झा कर रहे हैं, जो अब जापान पहुंच चुके हैं, जबकि दूसरे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं, जो अबु धाबी पहुंच चुके हैं।
विदेश मंत्रालय ने इसके लिए प्रतिनिधिमंडल को 150 पन्नों का डोजियर भी सौंपा है, जिसमें पाकिस्तान के काले कारनामों का पूरा लेखा-जोखा है।
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