राष्ट्रीय समाचार
मुंबई के कुर्ला इलाके में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने संभाला मोर्चा

मुंबई, 13 अक्टूबर: मुंबई के कुर्ला इलाके में रविवार देर रात करीब 3 बजे भीषण आग लग गई। आग लगने से इलाके में हड़कंप मच गया।
आग इतनी तेज थी कि इसकी लपटें और धुआं दूर-दूर तक दिखाई दे रहा था। घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 12 से अधिक गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने में जुट गईं। राहत की बात यह है कि इस हादसे में अभी तक किसी के घायल होने या जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।
यह आग कुर्ला के एक व्यावसायिक इलाके में लगी, जहां कई दुकानें और गोदाम मौजूद हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग की शुरुआत किसी गोदाम या दुकान से हुई, लेकिन इसका सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, लोगों का कहना है कि देर रात अचानक धमाके की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद आग की लपटें दिखने लगीं। देखते ही देखते आग ने आसपास के क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया।
फायर ब्रिगेड की टीमें आग बुझाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है, लेकिन पूरी तरह से इसे बुझाने में अभी समय लग सकता है। मौके पर पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी मौजूद है, जो स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों को सुरक्षित रखने में मदद कर रहा है। कई लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों पर जमा हो गए। प्रशासन ने आसपास के इलाकों को खाली करा लिया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आग के कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक अनुमान में शॉर्ट सर्किट या ज्वलनशील पदार्थों को इसका कारण माना जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
इससे पहले, 12 अक्टूबर को महाराष्ट्र के खारघर के सेक्टर-35 स्थित 19 मंजिला ट्राइसिटी सिम्फनी टॉवर में आग लग गई थी, जहां आग की लपटें इमारत की 19वीं मंजिल तक पहुंच गईं थीं।
राष्ट्रीय समाचार
नई दिल्ली में शुरू हुआ माता वैष्णो देवी का प्रसाद एवं स्मृति चिह्न काउंटर

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने नई दिल्ली स्थित जेके हाउस, पृथ्वीराज रोड पर सोमवार को एक प्रसाद-सह-स्मृति चिह्न काउंटर की शुरुआत की है। यह काउंटर 25 अक्टूबर 2025 तक प्रतिदिन खुला रहेगा।
श्राइन बोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक आधिकारिक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि यह पहल मां वैष्णो देवी के दिव्य आशीर्वाद से की गई है, ताकि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले भक्त बिना यात्रा किए भी प्रसाद, पवित्र वस्तुएं और कीमती स्मृति चिह्न प्राप्त कर सकें।
इस काउंटर पर भक्तगण माता का प्रसाद, सोने और चांदी के पावन सिक्के तथा मंदिर से जुड़े विशेष स्मृति चिह्न खरीद सकते हैं। यह सभी वस्तुएं श्राइन बोर्ड द्वारा प्रमाणित और शुभ मानी गई हैं जो घर बैठे माता के आशीर्वाद को महसूस करने का एक पवित्र माध्यम बनेंगी।
यह प्रयास विशेष रूप से उन भक्तों को ध्यान में रखकर किया गया है जो किसी कारणवश अभी यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन माता के दर्शन और प्रसाद की अनुभूति चाहते हैं।
श्राइन बोर्ड ने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए कहा है कि बुकिंग या किसी भी जानकारी के लिए 9906193093 और 7006236058 पर संपर्क कर सकते हैं।
श्राइन बोर्ड ने इस पोस्ट में जम्मू-कश्मीर सरकार, उपराज्यपाल कार्यालय और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग जम्मू-कश्मीर को टैग भी किया है। बोर्ड ने पोस्ट के अंत में लिखा, “जय माता दी!”
सोशल मीडिया यूजर्स श्राइन बोर्ड के इस प्रयास को लेकर जमकर सराहना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “जय माता दी। दिल्ली के भक्तों के लिए यह एक अद्भुत पहल है! दिव्य आशीर्वाद को और अधिक सुलभ बनाने के लिए एसएमवीडीएसबी का आभारी हूं। 25 अक्टूबर से पहले जरूर आऊंगा।”
राष्ट्रीय समाचार
करूर भगदड़ मामले की स्वतंत्र जांच पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली में हुई भगदड़ की स्वतंत्र जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। इस दर्दनाक घटना में 41 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित कॉज लिस्ट के अनुसार, जस्टिस जे. के. माहेश्वरी और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की पीठ 13 अक्टूबर को इस मामले में दायर याचिकाओं पर अपना निर्णय सुनाएगी। याचिकाओं में घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।
जहां अभिनेता-राजनीतिज्ञ विजय की पार्टी टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की है, वहीं भाजपा नेता उमा आनंदन सहित कई अन्य लोगों ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
यह त्रासदी हाल के वर्षों में तमिलनाडु में भीड़ नियंत्रण की सबसे गंभीर विफलताओं में से एक मानी जा रही है, जिसने राजनीतिक आयोजनों में सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी आसरा गर्ग की अगुवाई में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर जांच के आदेश दिए थे और सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर आगे सुनवाई से इनकार कर दिया था।
3 सितंबर को दिए आदेश में हाईकोर्ट ने टीवीके के राजनीतिक नेतृत्व की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि घटना के बाद नेताओं और आयोजकों ने अपने समर्थकों को घटनास्थल पर छोड़ दिया।
न्यायमूर्ति एन. सेंथिलकुमार की एकल पीठ ने कहा था, “चौंकाने वाली बात यह है कि कार्यक्रम आयोजक और पार्टी के नेता हादसे के बाद स्थल से फरार हो गए। न तो कोई पछतावा दिखा और न ही कोई जिम्मेदारी या खेद व्यक्त किया गया।”
हाईकोर्ट ने विजय, कार्यक्रम आयोजकों और पार्टी के सदस्यों के व्यवहार की “कड़ी निंदा” की थी और कहा था कि पार्टी को तत्काल राहत और बचाव कार्य में जुटना चाहिए था, क्योंकि भीड़ में कई बच्चे, महिलाएं और युवा फंस गए थे और अपनी जान गंवा बैठे।
राजनीति
अफगान मंत्री की प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर राहुल गांधी ने केंद्र को घेरा

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर केंद्र की आलोचना का समर्थन किया, जिसमें महिला पत्रकारों को भाग लेने की अनुमति नहीं थी।
प्रियंका गांधी के एक्स पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, “पीएम मोदी, जब आप सार्वजनिक मंच से महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के लिए बहुत कमजोर हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार है और प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुद्दे पर केंद्र की चुप्पी की आलोचना की।
नेता प्रतिपक्ष गांधी ने कहा, “हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। इस तरह के भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों के खोखलीपन को उजागर करती है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद प्रियंका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए सवाल किया कि अगर भारत में महिला पत्रकारों का इस तरह अपमान होता है, तो केंद्र सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कैसे प्रतिबद्ध है।
एक्स पर एक पोस्ट में, प्रियंका गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।”
उन्होंने कहा, “अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक सिर्फ़ दिखावा नहीं है, तो फिर हमारे देश में, जहां महिलाएं इसकी रीढ़ और गौरव हैं, भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का यह अपमान कैसे होने दिया गया?”
हालांकि, केंद्र ने मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों पर ‘प्रतिबंध’ लगाने में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने स्पष्ट किया कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के निमंत्रण मुंबई स्थित अफगानिस्तान के महावाणिज्य दूत द्वारा अफगान मंत्री की यात्रा के लिए दिल्ली स्थित चुनिंदा पत्रकारों को भेजे गए थे। एनडीटीवी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि अफगान दूतावास का परिसर भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
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