अपराध
कांदिवली में एक शिकायत मिली कि कपोल इंटरनेशनल स्कूल में सुबह असेंबली के दौरान ‘अजान’ बजाई गई

मुंबई: कांदिवली (पश्चिम) में कपोल इंटरनेशनल स्कूल को शुक्रवार (16 जून) को स्कूल के विधानसभा सत्र के दौरान ‘अज़ान’ (मस्जिद से की जाने वाली प्रार्थना के लिए मुस्लिम कॉल) खेलने की बात फैलने के बाद छात्रों के माता-पिता के विरोध का सामना करना पड़ा। सुबह। पुलिस ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। डीसीपी ने कहा, “आज कांदिवली में एक शिकायत मिली कि एक स्कूल में सुबह की नमाज के दौरान ‘अजान’ बजाई गई। पुलिस ने शिकायत स्वीकार कर ली है और जांच शुरू हो गई है। मामले की सभी कोणों से जांच की जाएगी। सभी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।” अजय कुमार बंसल भाजपा की मुंबई इकाई ने भी स्कूल के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के बारे में ट्वीट किया। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि छात्र रोजाना की तरह सुबह करीब 7 बजे स्कूल पहुंचे। हालाँकि, एक शिक्षक जो स्कूल में नियमित प्रार्थना करने के लिए जिम्मेदार था, के बारे में कहा जाता है कि वह स्पीकर पर ‘अज़ान’ बजाता था। विरोध कर रहे अभिभावकों का कहना है कि ऐसा जानबूझकर तनाव पैदा करने के लिए किया गया है।
भाजपा के स्थानीय विधायक योगेश सागर भी स्कूल के बाहर पहुंचे और प्रदर्शनकारी अभिभावकों में शामिल हो गए। उन्होंने स्कूल में खेले जाने वाले ‘अज़ान’ को जानबूझकर कहा और गलती नहीं, जैसा कि स्कूल ने दावा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल शिक्षक को बचाने की कोशिश कर रहा था। ‘अज़ान’ को लेकर हुए विवाद के बाद स्कूल के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के कारण सभी कक्षाओं की छुट्टी कर दी गई थी। अभिभावकों ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस घटना के पीछे शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाए। स्पीकर पर अज़ान बजाना महाराष्ट्र में पहले से ही एक राजनीतिक मुद्दा रहा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने पिछले साल महाराष्ट्र में लाउडस्पीकरों पर अज़ान के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। मनसे प्रमुख ने कहा था कि अगर लाउडस्पीकर नहीं हटाए गए तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा बजाएंगे. स्कूल प्रिंसिपल डॉ रेशमा हेगड़े ने बताया कि अज़ान खेलने के लिए जिम्मेदार शिक्षक को निलंबित कर दिया गया था। “शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और एक जांच शुरू की गई है। यह एक हिंदू स्कूल है और हमारी प्रार्थनाओं में गायत्री मंत्र और सरस्वती वंदना शामिल है। हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि भविष्य में इस तरह की घटना को दोहराया नहीं जाएगा,” उन्हें इंडियन एक्सप्रेस ने विरोध करने वाली भीड़ से कहा था।
अपराध
महाराष्ट्र: उद्योगपति विश्वनाथ पनवेलकर के घर के बाहर फायरिंग, घटना सीसीटीवी में कैद

अंबरनाथ, 21 अप्रैल। महाराष्ट्र के अंबरनाथ में प्रसिद्ध उद्योगपति विश्वनाथ पनवेलकर के घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की। घटना अंबरनाथ के हुतात्मा चौक के पास स्थित पनवेलकर के ‘सीताई सदन’ निवास स्थान पर आज दोपहर लगभग 2.30 बजे घटी। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार, दो अज्ञात हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और पनवेलकर के घर के गेट की दिशा में दो राउंड फायरिंग कर मौके से फरार हो गए। गनीमत रही कि इस हमले में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
पूरी घटना पनवेलकर के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फायरिंग की सूचना मिलने के बाद शिवाजीनगर थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की गहन जांच शुरू की।
पुलिस आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है और हमलावरों की पहचान में जुटी है। इस फायरिंग की वजह क्या थी और इसके पीछे कौन हो सकता है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं। गोलीबारी की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों में इस घटना के बाद से दहशत का माहौल है। पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
बता दें कि हाल ही के दिनों में नवी मुंबई के बेलापुर में बिल्डर सदरुद्दीन खान (50) पर चेंबूर के डायमंड गार्डन के पास फायरिंग हुई थी। शुरुआती जांच में बिल्डर पर फायरिंग की घटना के पीछे संपत्ति या निजी विवाद को कारण माना गया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोप है कि सदरुद्दीन खान लंबे समय से तेल चोरी के मामलों में शामिल रहा है। मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे में उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
हालांकि, पुलिस ने बिल्डर पर फायरिंग के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ था कि इस फायरिंग के पीछे का कारण संपत्ति विवाद था।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
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