व्यापार
कोलगेट-पामोलिव इंडिया का मुनाफा दूसरी तिमाही में 17 प्रतिशत गिरा, आय भी 6 प्रतिशत से अधिक कम हुई

मुंबई, 23 अक्टूबर : कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड के मुनाफे में वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि कंपनी का मुनाफा वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में कम होकर 327.50 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 395.05 करोड़ रुपए पर था।
इसके साथ, जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी की आय सालाना आधार पर 6.15 प्रतिशत कम होकर 1,519.50 करोड़ रुपए हो गई है, जो कि पिछले साल की समान तिमाही में 1,619.11 करोड़ रुपए थी।
कंपनी की ऑपरेटिंग इनकम और ईबीआईटीडीए सालाना आधार पर 6 प्रतिशत गिरकर 465.43 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं, ईबीआईटीडीए मार्जिन 30.6 प्रतिशत पर स्थिर रहा है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 30.7 प्रतिशत पर था।
कोलगेट-पामोलिव इंडिया की प्रबंध निदेशक और सीईओ प्रभा नरसिम्हन ने कहा कि इस तिमाही के प्रदर्शन में जीएसटी दर संशोधन के कारण वितरकों और खुदरा विक्रेताओं के बीच उत्पन्न व्यवधानों का अस्थायी प्रभाव है।
उन्होंने आगे कहा कि कंपनी ने अपने साझेदारों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि कर की दर में बदलाव के बाद लागू हुई कम कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को मिले।
नरसिम्हन ने कहा, “अल्पकालिक चुनौतियों के बावजूद, हम अपने दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्यों पर केंद्रित हैं और अपने ब्रांडों में निवेश करना जारी रखेंगे।”
नतीजों के साथ कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पहला 24 रुपए का अंतरिम डिविडेंड घोषित किया। इस डिविडेंड भुगतान के लिए कंपनी 652.8 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
कंपनी की एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, डिविडेंट की रिकॉर्ड डेट 3 नवंबर निर्धारित की गई है और भुगतान 19 नवंबर या उससे पहले किया जाएगा।
कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) के तिमाही परिणाम बाजार बंद होने के बाद जारी किए गए। एनएसई पर कंपनी का शेयर 1.74 प्रतिशत बढ़कर 2,300 रुपए पर बंद हुए।
हालांकि, बीते एक साल में कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) के शेयर में 30.95 प्रतिशत और 2025 में अब तक 14.87 प्रतिशत की गिरावट आई है।
राजनीति
अमृतसर में पीआरटीसी और पनबस कर्मचारियों का प्रदर्शन, पांच जिलों में किया चक्का जाम

अमृतसर, 23 अक्टूबर : पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (पीआरटीसी) और पनबस के कर्मचारियों ने गुरुवार को अमृतसर सहित पांच जिलों में चक्का जाम कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर उनकी मांगें पूरी न करने का आरोप लगाया।
कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर अमृतसर के गोल्डन गेट पर ही बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया और यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। पुलिस ने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया, जिसके बाद दोनों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। मौके पर मौजूद कुछ पत्रकारों ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उनसे बदसलूकी की।
किसान नेता बलजीत सिंह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सरकार हमारी मांग नहीं मान रही है। इसलिए हम लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो गए हैं। हम लोगों ने इससे पहले भी सरकार को आगाह किया था कि हमारी मांग नहीं मानी जाएगी तो हम लोग सड़क पर उतर सकते हैं। जब बात नहीं सुनी गई तब हम उतरे। अब विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार और मैनेजमेंट के साथ उनकी सहमति बन गई है।
उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट ने एडीसीपी हरपाल सिंह की टीम के साथ बातचीत के बाद 31 अक्टूबर तक टेंडर प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही 28 अक्टूबर को यूनियन के साथ विशेष बैठक रखने का भी ऐलान किया गया। बैठक के बाद इसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।
बलजीत सिंह ने कहा कि यदि सरकार से उसके बाद भी समाधान नहीं हुआ, तो अगली रणनीति का ऐलान किया जा सकता है। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामियों के कारण कर्मचारियों को बार-बार सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
एडीसीपी जगजीत सिंह वालिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि गोल्डन गेट पर लगा जाम अब खोल दिया गया है और यातायात सुचारू रूप से शुरू हो गया है। सरकार की ओर से कर्मचारियों के साथ बातचीत कर अगली तारीख तय कर दी गई है और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
राजनीति
यूपीआई ने बनाया रिकॉर्ड, एक दिन में हुआ 1.02 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) प्लेटफॉर्म से 18 अक्टूबर यानी धनतेरस के दिन 1.02 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन हुए हैं और इस दौरान लेनदेन की संख्या 75.4 करोड़ रही है, जो कि एक दिन में लेनदेन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि धनतेरस से दीपावली के तीन दिनों के दौरान यूपीआई पर औसत लेनदेन की संख्या 73.69 करोड़ रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 64.74 करोड़ थी।
उन्होंने आगे कहा कि इस साल खुदरा विक्रेताओं के लिए दीपावली धमाकेदार रही है और जीएसटी दरों में कटौती से खपत में बढ़ोतरी हुई है, जिससे मध्यम वर्ग को इस त्योहारी सीजन में अपने बजट में ही अधिक शॉपिंग करने का मौका मिला है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि लैब में तैयार हीरों से लेकर कैजुअल वियर और घरों को सजाने वाले उत्पादों तक, बाजार के बड़े और प्रीमियम दोनों सेगमेंट में तेजी आई।
वित्त मंत्री ने आगे कहा, “इस सुधार ने स्लैब को युक्तिसंगत बनाकर और विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं पर दरें कम करके, परिवारों के लिए ठोस बचत प्रदान की है, जिससे खर्च योग्य आय बढ़ी है और मांग को प्रोत्साहित करने में मदद की है।”
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) के अनुसार, नवरात्री से लेकर दीपावली तक चलने वाले फेस्टिव सीजन में गुड्स की बिक्री रिकॉर्ड 5.40 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। इस दौरान करीब 65,000 करोड़ रुपए की सर्विसेज भी ग्राहकों की ओर से खरीदी गई हैं।
कैट की रिसर्च विंग, कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी के अनुसार, यह पिछले साल नवरात्रि से दीपावली की अवधि में हुई 4.25 लाख करोड़ रुपए की फेस्टिव सेल्स की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।
सर्वेक्षण में बताया गया कि इसमें रिटेल की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत रही है। ऑफलाइन मार्केट में भी मांग अच्छी रही है।
कन्फेक्शनरी, होम डेकोर, जूते-चप्पल, रेडीमेड कपड़े, टिकाऊ उपभोक्ता सामान और दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसी प्रमुख उपभोक्ता और खुदरा श्रेणियों में जीएसटी दरों में कमी से मूल्य प्रतिस्पर्धा में काफी सुधार हुआ, जिससे खरीदारी में इजाफा हुआ है।
राजनीति
बिहार विधानसभा चुनाव : छठ के बाद कैसे रूकेंगे प्रवासी मतदाता? भाजपा ने बनाया पूरा प्लान

पटना, 23 अक्टूबर : बिहार में चुनावी बिगुल बजने के बाद भाजपा की टेंशन इस बात को लेकर बढ़ गई है कि आखिर छठ पूजा के संपन्न होने के बाद यहां प्रवासी मतदाताओं को कैसे रोका जाए? क्योंकि, छठ पूजा का त्योहार मनाने के लिए देश के कोने-कोने में रहने वाले बिहारवासी अपने प्रदेश का रुख करते हैं।
बिहार में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा। वहीं, छठ पूजा 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलेगी। लेकिन इससे पहले भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यहां के प्रवासी मतदाताओं को छठ पूजा के बाद रोकना है।
एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, 48 लाख से ज्यादा प्रवासी बिहार छठ पूजा मनाने के लिए अपने प्रदेश का रुख करते हैं। इसमें से 45.78 लाख घरेलू प्रवासी और 2.17 लाख विदेश में काम करने वाले बिहार के लोग शामिल हैं।
यह सभी लोग प्रतिवर्ष छठ का त्योहार मनाने के लिए अपने प्रदेश का रुख करते हैं। इसके बाद अपने-अपने कर्मभूमि की ओर रवाना हो जाते हैं। आमतौर पर छठ पूजा के बाद लोग बिहार में रुकने से गुरेज करते हैं।
वहीं, अब जब बिहार में छठ के बाद चुनाव होना है, तो भाजपा ने ऐसे सभी प्रवासी लोगों को रोकने के लिए पूरा प्लान बना लिया है। भाजपा के एक सूत्र के मुताबिक, पार्टी की तरफ से प्रदेश के सभी जिलों में बूथ-स्तरीय अभियान की शुरुआत की गई है। इसके तहत पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनसे आग्रह कर रहे हैं कि वो मतदान समाप्त होने तक यहीं रहें। इसके बाद ही कहीं जाएं।
भाजपा के मुताबिक, हम इस बात को भलीभांति समझते हैं कि छठ के बाद किसी भी आम बिहारी के लिए अपने प्रदेश में रुकना मुश्किल हो जाता है। उन्हें अक्सर नौकरी गंवाने का डर रहता है। लेकिन, हम ऐसे सभी लोगों के बीच में जाकर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके अलावा, हम उन्हें मतदान का महत्व भी समझा रहे हैं। हम उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदान का क्या मूल्य होता है?
जानकारी के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में प्रवासी लोगों की अहमियत को देखते हुए बूथ कार्यकर्ताओं और जिला अध्यक्षों तक को सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रवासी मतदाताओं की सबसे अधिक संख्या पूर्वी चंपारण (6.14 लाख), पटना (5.68 लाख), सीवान (5.48 लाख), मुजफ्फरपुर (4.31 लाख) और दरभंगा (4.3 लाख) जैसे जिलों में है। यह सभी जिले पहले चरण के मतदान के तहत कवर कर दिए जाएंगे।
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