राष्ट्रीय
पीएम मोदी का युवाओं से संवाद, कहा- ‘रफ्तार पकड़ चुका है बिहार, फिर से एनडीए सरकार’

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर : बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के माध्यम से बिहार के युवा कार्यकर्ताओं से संवाद किया।
पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के मेरे युवा साथियों, आप सभी को भाई दूज के पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं। आज चित्रगुप्त पूजा का पावन दिन भी है, आज बहीखातों की पूजा भी की जाती है। आजकल देश में जीएसटी बचत उत्सव भी चल रहा है। मुझे पता चला है कि जीएसटी बचत उत्सव में बिहार के नौजवानों ने भी अपने लिए खूब खरीदारी की है। बाइक और स्कूटी पर जीएसटी कम होने का बिहार के युवा जबरदस्त लाभ उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि त्योहारों की इस उमंग में छठी मईया की पूजा की तैयारी भी जोरों पर है। इन सबके साथ-साथ बिहार लोकतंत्र का महापर्व भी मना रहा है। ये बिहार की समृद्धि का नया अध्याय लिखने का चुनाव है। इसमें बिहार के नौजवानों की बहुत बड़ी भूमिका है, इसलिए बिहार के आप नौजवान साथियों के साथ संवाद का अवसर मिलना उतना ही आनंद देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं बिहार के सभी नौजवानों से कहूंगा कि हर बूथ में सब नौजवानों को एकत्र करें और उस इलाके में जो बुजुर्ग लोग हों, वे आकर जरा सबको पुरानी बातें बताएं। उनके जो विचलित करने वाले अनुभव हैं, वे सभी नई पीढ़ी को बताने का कार्यक्रम बनाया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि आज देश में विकास का महायज्ञ चल रहा है और बिहार भी इसमें कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। बिहार में हर एक क्षेत्र में, हर एक दिशा में काम हो रहा है। कहीं अस्पताल बन रहे हैं, कहीं अच्छे स्कूल बन रहे हैं, कहीं नए रेलवे रूट बन रहे हैं। इसका बहुत बड़ा कारण ये है कि देश और बिहार में एक स्थिर सरकार है। जब स्थिरता होती है तो विकास तेज होता है। बिहार की एनडीए सरकार की शक्ति भी यही है, इसलिए आज बिहार का हर नौजवान उत्साह से कह रहा है- रफ्तार पकड़ चुका है बिहार, फिर से एनडीए सरकार।
पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के सभी युवा कार्यकर्ताओं को एक और काम करना है। चुनाव की भागदौड़ रहेगी, और छठ का महापर्व भी इसी बीच है, लेकिन छठ के तुरंत बाद 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस है, देश के महान नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है। इस दिन रन फॉर यूनिटी होनी है। मैं तो कहूंगा कि हर गांव में कितनी ही चुनावी आपाधापी हो, लेकिन सरदार पटेल को याद करना चाहिए। बड़े शहरों में हर वार्ड में 15-20 मिनट की एकता दौड़ का आयोजन किया जाना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा बेटे-बेटियों को इसमें जोड़ना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे सारी ताकत 140 करोड़ देशवासियों से मिली है और ये सारी ताकत मतदाता के एक वोट की ताकत है। उस वोट ने ये परिस्थिति पैदा की है कि आज राम मंदिर भी बन गया, ऑपरेशन सिंदूर भी हो गया और देश नक्सलवाद से मुक्ति की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। ये वोट की ताकत है, और मैं मानता हूं कि पूरे हिंदुस्तान में वोट की ताकत की सबसे ज्यादा समझ मेरे बिहार के भाई-बहनों को है, इसलिए जंगलराज को एक बार हटाने के बाद आज वो किसी भी हालत में जंगलराज को वापस नहीं आने देना चाहते।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बिहार की बेटियां आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं, ये हम सब के लिए बहुत ही गर्व का विषय है। साइंस और टेक्नोलॉजी का क्षेत्र हो, एविएशन से स्पेस टेक्नोलॉजी तक, फैशन टेक्नोलॉजी और फिनटेक इंडस्ट्री हो, या मेडिकल एजुकेशन और मीडिया जैसे क्षेत्र हों, बिहार की बेटियों ने हर जगह अपना परचम लहराया है।
उन्होंने कहा कि जो लोग अपने आप को गठबंधन कहते हैं, बिहार की जनता उनको लठबंधन कहती है। वो सिर्फ लठ चलाना और झगड़ा करना जानते हैं। लठबंधन वालों के लिए अपना स्वार्थ ही सबसे बड़ा है। इन्हें बिहार के युवाओं की चिंता नहीं है। दशकों तक देश और बिहार के नौजवान नक्सलवाद और माओवादी आतंक से पीड़ित रहे, लेकिन इन लोगों ने आपको नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ को ही प्राथमिकता दी। माओवादी आतंक से मदद लेकर ये लोग चुनाव भी जीतते रहे।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि बिहार को तबाह करने में नक्सलवाद-माओवादी आतंक ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। ये माओवादी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल कुछ भी खोलने नहीं देते थे और बने बनाए संस्थान को बम से तोड़ देते थे। ये उद्योगों को घुसने नहीं देते थे, इसलिए इनके राज में विकास पूरी तरह चौपट हो गया था। मैं मानता हूं कि इन्होंने बिहार की दो पीढ़ियों के भविष्य बर्बाद किए हैं।
राष्ट्रीय
मुरादाबाद की जेल में बंद कैदियों ने बहनों के साथ मनाया भाई दूज का त्योहार

मुरादाबाद, 23 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित जेल में ‘भाई दूज’ पर बहनें अपने भाइयों से मिलने पहुंचीं और उनके साथ भाई दूज का त्योहार मनाया। इस खास मौके पर जेल प्रशासन की तरफ से पूरी व्यवस्था की गई थी।
प्रशासन की तरफ से सघन जांच के बाद ही बहनों को उनके भाइयों से मिलने दिया गया। प्रशासन की तरफ से यह सुनिश्चित किया गया कि किसी को कोई दिक्कत नहीं हो।
जेल अधीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि बहनों की सुविधा के लिए जेल प्रशासन की तरफ से ‘पर्ची व्यवस्था’ लागू की गई। दोपहर एक बजे तक इस व्यवस्था के तहत 700 बहनें जेल में अपने भाइयों को तिलक कर चुकी हैं।
इस दौरान अपनी भाइयों से मिलने पहुंची बहनों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जेल प्रशासन की तरफ से उन्हें भाई दूज का त्योहार अपने भाइयों के साथ मनाने का मौका मिल पा रहा है।
निशा ने बताया कि वह अपने भाई के साथ भाई दूज का त्योहार मनाने के लिए आई है। उन्हें इस बात की खुशी है कि जेल प्रशासन की तरफ से एक ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसके तहत उन्हें अपने भाई से मिलने दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उनका भाई पिछले 15 दिनों से बंद है। पहले तो उन्हें लगा कि इस बार वह भाई दूज का त्योहार अपने भाई के साथ नहीं मना पाएगी, लेकिन जैसे ही उन्हें पता लगा कि जेल प्रशासन की तरफ से ‘पर्ची व्यवस्था’ के तहत जेल में बंद लोगों को भी अपनी बहनों के साथ भाई दूज का त्योहार मनाने का मौका दिया जा रहा है तो उन्हें यह जानकर खुशी हुई।
जेल में अपने भाई के साथ भाई दूज का त्योहार मनाने के लिए आई पूजा ने बताया कि उनका भाई पिछले पांच महीने से जेल में बंद है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि जेल प्रशासन की तरफ से ऐसी व्यवस्था की गई कि कैदी भी त्योहार मना सके। हम यहां पर आए। हमें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। कुल मिलाकर मैं यही कहूंगी कि जेल प्रशासन की तरफ से अच्छी व्यवस्था की गई, जिसके तहत यह सुनिश्चित किया गया किया है कि यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति को कोई दिक्कत नहीं हो और कैदी भी त्योहार मना सके।
राजनीति
‘मोदीज मिशन’ : वडनगर से प्रधानमंत्री कार्यालय तक के सफर पर किताब होगी लॉन्च

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असाधारण जिंदगी और राजनीतिक सफर पर लिखी गई बायोग्राफी की लिस्ट में ‘मोदीज मिशन’ नाम की एक नई किताब भी शामिल होने वाली है। इस किताब को शुक्रवार को मुंबई में लॉन्च किया जाएगा।
जाने-माने लेखक बर्जिस देसाई की लिखी यह किताब, वडनगर में एक साधारण बचपन से लेकर प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) तक पीएम मोदी के असाधारण सफर के बारे में है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत शुक्रवार को किताब को रिलीज करेंगे। इस इवेंट में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अलावा कई जाने-माने लोग भी शामिल होंगे।
लेखक के मुताबिक, ”’मोदीज मिशन’ कोई बायोग्राफी नहीं, बल्कि आइडिया की कहानी है। किताब में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी मुश्किलों और अनगिनत चुनौतियों के बावजूद देश को जगाने वाले एक जरिया के तौर पर उभरने पर बात की है।”
इस किताब में पीएम मोदी के बचपन और जवानी के शुरुआती अनुभवों के बारे में बताया गया है, जिसने उनकी सामाजिक-आर्थिक सोच और गवर्नेंस को लेकर उनके नजरिए को बनाया है। यह किताब उन झूठों को ‘बेनकाब’ करने की कोशिश करती है, जो इंटेलेक्चुअल एलीट के एक हिस्से ने गवर्नेंस को ‘पटरी से उतारने’ के लिए पीएम मोदी के बारे में फैलाए हैं।
यह किताब भारत के सांस्कृतिक गर्व को मजबूत करने और एक अच्छा वेलफेयर स्टेट बनाने के लिए पीएम मोदी की लगातार कोशिशों का एक पूरा लेकिन आसान ब्यौरा भी देती है।
यह इस बात पर भी रोशनी डालती है कि कैसे पीएम मोदी की लीडरशिप ने भारत की समग्र एकाग्रता को बढ़ाया और पारदर्शी, परिणाम से जुड़े शासन को पक्का किया। भारतीय अर्थव्यवस्था के फॉर्मलाइजेशन से लेकर आर्टिकल 370 को हटाने तक, यह किताब पीएम मोदी के बड़े फैसले लेने के तरीकों को बताती है।
बर्जिस देसाई मुंबई के एक वकील और लेखक हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें पारसी कल्चर पर बहुत पसंद की गई किताबें, ‘ओह! दोज पारसीज’ और ‘द बावाजी’ शामिल हैं। ‘मोदीज मिशन’ किताब के पब्लिशर रूपा पब्लिकेशन्स हैं।
किताब की पहले से तारीफ करते हुए, देश के जाने-माने इंडस्ट्रियलिस्ट आनंद महिंद्रा ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले लीडर्स में से एक हैं। यह किताब बताती है कि कैसे उन्होंने बिना थके भारत को दुनिया में ऊपर उठाने की कोशिश की है।”
अपराध
बेंगलुरु: प्रेमी ने शादी के लिए युवती पर डाला धर्म परिवर्तन का दबाव, पुलिस में शिकायत दर्ज

बेंगलुरु, 23 अक्टूबर : एक लड़की ने गुरुवार को अपने प्रेमी और उसके परिवार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिन पर कथित तौर पर शादी के लिए उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया।
बेंगलुरु के एचएसआर लेआउट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है और मोहम्मद इशाक के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
पुलिस के अनुसार, कथित तौर पर पीड़िता और मोहम्मद इशाक 17 अक्टूबर, 2024 को इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क में आए। कुछ समय तक बातचीत करने के बाद, वे एक रिश्ते में बंध गए। 30 अक्टूबर, 2024 को बेंगलुरु के थानिसांद्रा इलाके के एक मॉल में उनकी मुलाकात हुई। आरोपी ने पीड़िता से वादा किया कि वह उसके माता-पिता से बात करेगा और उससे शादी करेगा।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि इशाक ने दशरहल्ली में एक कमरा बुक किया और कथित तौर पर उसका यौन शोषण किया।
उसने कहा कि इशाक ने शादी का झांसा देकर बार-बार उसका शारीरिक शोषण किया। इस बीच, उसे उसके व्यवहार पर शक हुआ और उसे पता चला कि उसके कई अन्य लड़कियों से संबंध हैं। जब पीड़िता ने शादी के लिए जोर दिया, तो वह बहाने बनाकर टालता रहा।
यह भी पता चला कि आरोपी ने 14 सितंबर, 2025 को एक मुस्लिम लड़की से सगाई कर ली थी। इस बारे में पूछताछ करने पर, उसने कथित तौर पर पीड़िता को धमकी दी कि अगर उसने उससे दोबारा संपर्क किया, तो उसे जान से मार दिया जाएगा। पीड़िता ने आगे बताया कि उसके साथ गाली-गलौज भी की गई।
दर्ज शिकायत के मुताबिक पीड़िता ने आत्महत्या का प्रयास किया, जिसके बाद इशाक के परिवार ने पीड़िता से संपर्क किया और कहा कि मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है। हालांकि, इशाक के बड़े भाई और बहनोई ने कथित तौर पर लड़की से कहा कि अगर वह आरोपी से शादी करना चाहती है, तो उसे इस्लाम धर्म अपनाना होगा।
उन्होंने कथित तौर पर उसे 40 दिनों के भीतर नमाज पढ़ना सीखने का निर्देश दिया और कहा कि धर्म परिवर्तन के बाद ही शादी की बातचीत आगे बढ़ेगी।
यह मामला विवादास्पद हो गया है, हिंदू संगठन पीड़िता के परिवार से संपर्क कर रहे हैं और इसे “लव जिहाद” का मामला बता रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। पुलिस मामले को गंभीरता से ले रही है और जांच जारी रखे हुए है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की “तुष्टिकरण की राजनीति” के कारण कर्नाटक में “लव जिहाद” के मामले बढ़ रहे हैं।
पूर्व मंत्री और भाजपा विधान पार्षद सी.टी. रवि ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से लव जिहाद, भूमि जिहाद और वोट जिहाद के सभी मामलों की व्यापक जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आग्रह किया था।
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने भी कहा था कि सिद्दारमैया की “अल्पसंख्यक तुष्टिकरण” की राजनीति के कारण राज्य में लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं, जो इस मामले में केरल मॉडल की तरह हो रहा है।
विजयेंद्र ने कहा, “महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों और असामाजिक तत्वों को लगता है कि राज्य सरकार उनका समर्थन करेगी, क्योंकि सरकार विधान सौध परिसर में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने जैसे मामलों में भी आरोपियों को गिरफ्तार करने से हिचकिचाती है। यह नीति कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ रही है और हिंदू परिवारों और महिलाओं में भय पैदा कर रही है।”
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