राजनीति
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सख्त कार्रवाई की मांग, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मंत्री बावनकुले से की मुलाकात
मुंबई, 15 अक्टूबर: महाराष्ट्र में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले को लेकर अब सियासी हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात कर सख्त कार्रवाई की मांग की।
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां अयोग्य व्यक्तियों को अवैध रूप से जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।
सोमैया ने मंत्री बावनकुले से आग्रह किया कि ऐसे सभी फर्जी प्रमाणपत्रों को तुरंत रद्द किया जाए और जिन लोगों ने इनका फायदा उठाने की कोशिश की है, उनके नाम आधार रिकॉर्ड से हटाए जाएं। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही का नहीं, बल्कि एक गंभीर धोखाधड़ी का है जो सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।
बैठक के दौरान किरीट सोमैया ने कुछ मामलों का उल्लेख भी किया, जहां कथित रूप से अवैध तरीके से जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए थे, जिससे कई लोग गलत तरीके से सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जरूरत है, ताकि दोषियों को चिन्हित कर सख्त सजा दी जा सके।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भरोसा दिलाया कि इस मामले में सरकार गंभीर है और दीवाली के तुरंत बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पूरे प्रकरण को प्राथमिकता से देख रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
बैठक में राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कलेक्टर और विभागीय आयुक्त भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इन अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों की पहचान की प्रक्रिया जारी है और जांच रिपोर्ट तैयार होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री बावनकुले ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी अधिकारी की लापरवाही या मिलीभगत सामने आई, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय समाचार
‘भाजपा जो कहती है, वो पूरा करती है,’ अटल कैंटीन योजना पर मनोज तिवारी ने की पीएम मोदी की सराहना

नई दिल्ली, 25 दिसंबर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर दिल्ली में अटल कैंटीन योजना के तहत गुरुवार यानी आज 100 कैंटीन खोली जाएंगी।
अटल कैंटीन योजना के तहत गरीबों को 5 रुपये में भरपेट भोजन देने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के बारे में जानकारी देते हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली सांसद मनोज तिवारी और भाजपा दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से खास बातचीत की है और पीएम मोदी की सराहना भी की।
अटल कैंटीन योजना पर बात करते हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अटल जी की जयंती पर हम लोग दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कैंटीन खोल रहे हैं और वहां पांच रुपये में भोजन मिलेगा। इसके लिए हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने मेनिफेस्टो में ये बात कही थी और आज इसे पूरा भी कर रहे हैं। भाजपा जो कहती है, वो पूरा करती है। मेरा मानना है कि आज के दिन दिल्ली को ये तोहफा सरकार की तरफ से दिया जा रहा है। रेखा गुप्ता दिल्ली के कई इलाकों में अटल कैंटीन का उद्घाटन करने वाली हैं।
भाजपा दिल्ली के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “आज अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी वर्ष में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। जैसा कि आप देख सकते हैं, यहां हजारों लोग मौजूद हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने हमेशा देश को सबसे ऊपर रखा और अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया। इस भाव के साथ एक हफ्ते तक सरकार अटल जी को लेकर कई कार्यक्रम करने वाली है। आज कवि सम्मेलन, प्रदर्शनी का उद्घाटन और कई जगह पेंटिंग कॉम्पिटिशन रखे गए हैं, जो अटल जी को समर्पित हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अटल जी द्वारा सुशासन को लेकर दिए मूलमंत्र पर भी चर्चा रखी गई है, क्योंकि उनके द्वारा कही गई हर एक बात का मूल्य है। अटल जी का हमेशा मत रहा था कि भारत एक मजबूत भारत बनकर उभरे, ऐसे में उनके सपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं।
बता दें कि अटल कैंटीन योजना का मकसद गरीबों को पौष्टिक भोजन पहुंचाना है। इसमें विशेष रूप से मजदूर समाज और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को ध्यान में रखा गया है, जो मजदूरी पर कमाते और खाते हैं। अटल कैंटीन में ऐसे ही लोगों, यानी गरीब वर्ग के लोगों को पेटभर भोजन मुहैया कराया जाएगा। पांच रुपये में चावल, दाल, सब्जी और रोटी शामिल होगी। सरकार ने ये भी दावा किया है कि खाने की सामग्री उच्च गुणवत्ता वाली होगी।
राजनीति
तमिलनाडु : नए मतदाताओं को नामांकित करने के लिए चार दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन

चेन्नई, 25 दिसंबर: तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने घोषणा की है कि योग्य नागरिकों को वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल करवाने में मदद करने के लिए पूरे राज्य में चार दिनों तक स्पेशल वोटर एनरोलमेंट कैंप लगाए जाएंगे।
तमिलनाडु की मुख्य चुनाव अधिकारी अर्चना पटनायक ने कहा कि यह कदम भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के निर्देशों के अनुसार, वोटर लिस्ट के चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के हिस्से के रूप में लागू किया जा रहा है।
इस प्रक्रिया के तहत, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट इस महीने की 19 तारीख को प्रकाशित की गई थी। ड्राफ्ट लिस्ट के प्रकाशन के बाद, दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि 1 जनवरी, 2026 तक खुली रहेगी। इस दौरान, योग्य नागरिक वोटर लिस्ट में नए नाम शामिल करने, मौजूदा एंट्री में सुधार, अयोग्य नामों को हटाने, या व्यक्तिगत विवरण में बदलाव के लिए आवेदन जमा कर सकते हैं।
नामांकन प्रक्रिया को आसान और अधिक सुलभ बनाने के लिए, तमिलनाडु के सभी पोलिंग स्टेशनों पर चार दिनों, 27 जनवरी (शनिवार), 28 जनवरी (रविवार), 3 फरवरी (शनिवार), और 4 फरवरी (रविवार), को विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे।
इन दिनों पोलिंग स्टेशनों पर बूथ लेवल अधिकारी और चुनाव अधिकारी आवेदकों का मार्गदर्शन करने और भरे हुए फॉर्म प्राप्त करने के लिए मौजूद रहेंगे। जिन नागरिकों के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं हैं, साथ ही जिन्होंने हाल ही में 18 साल की उम्र पूरी की है और वोट देने के योग्य हैं, वे सेल्फ-डिक्लेरेशन एफिडेविट के साथ फॉर्म 6 जमा करके नाम शामिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी योग्य मतदाताओं को बिना किसी कठिनाई के रजिस्ट्रेशन करने का अवसर मिले।
इसके अलावा, कोई भी मतदाता जिसका नाम पहले से ही किसी विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में है, वह फॉर्म 7 जमा करके किसी नाम को शामिल करने पर आपत्ति उठा सकता है या मौजूदा एंट्री को हटाने का अनुरोध कर सकता है। यह प्रक्रिया वोटर लिस्ट की सटीकता और विश्वसनीयता बनाए रखने में मदद करती है।
जो मतदाता उसी विधानसभा क्षेत्र में अपना निवास स्थान बदल चुके हैं, या जो नाम, उम्र, पता, या अन्य विवरण जैसे विवरणों में सुधार करना चाहते हैं, वे फॉर्म 8 का उपयोग करके आवेदन जमा कर सकते हैं।
इसी फॉर्म का उपयोग इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (ईपीआईसी) में सुधार का अनुरोध करने के लिए भी किया जा सकता है।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने सभी योग्य नागरिकों से विशेष कैंपों का पूरा उपयोग करने और यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि उनके विवरण वोटर लिस्ट में सही ढंग से दर्ज हों। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए एक व्यापक और सही वोटर लिस्ट बहुत जरूरी है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
नाइजीरिया : मस्जिद में धमाके से कम से कम 10 लोगों की मौत

बोर्नो, 25 दिसंबर: नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी शहर मैदुगुरी में एक मस्जिद में शाम की नमाज के दौरान जोरदार विस्फोट हुआ। यह शहर बोर्नो राज्य की राजधानी है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस धमाके में कम से कम दस नमाजियों की मौत हो गई।
यह घटना बुधवार शाम की है। इसके बाद एक बार फिर इलाके में हिंसा बढ़ने की आशंका गहरा गई है। यह क्षेत्र पिछले कई वर्षों से हिंसा का सामना करता रहा है।
अब तक किसी भी सशस्त्र समूह ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।
मिलिशिया नेता बाबाकुरा कोलो ने बम विस्फोट होने की आशंका जताई है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी मैदुगुरी में उग्रवादियों ने मस्जिदों और भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाया है। इसके लिए आत्मघाती हमलावरों और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह धमाका गैंबोरू मार्केट इलाके की एक भीड़भाड़ वाली मस्जिद के अंदर हुआ। वहां लोग शाम की नमाज के लिए जुटे थे। अचानक हुए विस्फोट से अफरा-तफरी मच गई। मलबा और धुआं फैल गया, और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
कोलो ने बताया कि शुरुआती जांच से लगता है कि विस्फोटक मस्जिद के अंदर रखा गया था, जिसे नमाज के बीच में विस्फोट किया गया। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि यह हमला किसी आत्मघाती हमलावर की ओर से किया गया हो सकता है, लेकिन अधिकारियों ने इसकी अब तक पुष्टि नहीं की है।
बोर्नो लंबे समय से बोको हराम और उससे जुड़े इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रोविंस जैसे जिहादी संगठनों की हिंसा का केंद्र रहा है। हालांकि पूरे क्षेत्र में हिंसा होती रही है, लेकिन शहर में हाल के वर्षों में कोई बड़ा हमला नहीं हुआ है। ऐसे में यह घटना लोगों और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद चिंताजनक है।
बोको हराम ने साल 2009 में बोर्नो राज्य से अपना विद्रोह शुरू किया था। उसका मकसद एक इस्लामिक शासन स्थापित करना बताया जाता है। नाइजीरियाई सेना और पड़ोसी देशों के साथ मिलकर की गई लगातार कार्रवाई के बावजूद, उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया में छिटपुट हमले अब भी आम नागरिकों के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, साल 2009 से जारी इस हिंसा में अब तक कम से कम 40,000 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, करीब बीस लाख लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। इस संघर्ष का मानवीय असर बहुत गहरा रहा है। बार-बार होने वाली हिंसा से कई समुदाय उजड़ गए हैं।
हालांकि, पिछले दशक की तुलना में हमलों में कमी आई है, लेकिन हिंसा नाइजीरिया की सीमाओं से परे पड़ोसी नाइजर, चाड और कैमरून तक फैल गई है। इससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियां और बढ़ गई हैं। अब एक बार फिर आशंका जताई जा रही है कि उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया के कुछ हिस्सों में हिंसा दोबारा तेज हो सकती है।
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