अंतरराष्ट्रीय
फिलीपींस में भूकंप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अब तक 69 लोगों की मौत

मनीला, 1 अक्टूबर : फिलीपींस में 6.9 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद का भयावह मंजर सामने आया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। वहीं नागरिक सुरक्षा कार्यालय (ओसीडी) ने बताया कि भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो गई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
ओसीडी के उप-प्रशासक और सहायक सचिव बर्नार्डो राफेलिटो एलेजांद्रो ने ब्रीफिंग में बताया कि भूकंप के केंद्र बोगो शहर में 30 लोगों की मौत हो गई, मेडेलिन शहर में 10, सैन रेमिगियो शहर में 22, तबोगोन शहर में पांच और सोगोड और तबुएलन नगर पालिकाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मौत घरों और इमारतों की ढही हुई दीवारों के नीचे दबने से हुई। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) ने शुरुआत में बताया कि कम से कम 147 लोग घायल हुए हैं।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, सहायक सचिव ने घायलों और लापता लोगों के बारे में नए आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने शुरुआत में बताया था कि मंगलवार रात स्थानीय समयानुसार 9:59 बजे सेबू प्रांत में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, बाद में फिर तीव्रता को संशोधित कर 6.9 कर दिया गया। भूकंप का केंद्र बोगो शहर से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, 5 किलोमीटर की गहराई में था।
बता दें कि मध्य फिलीपींस के कई पड़ोसी प्रांतों के साथ-साथ दक्षिणी फिलीपींस के कुछ क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान की ओर से साझा जानकारी के अनुसार मंगलवार रात से 600 से ज्यादा झटके दर्ज किए गए।
बता दें कि फिलीपींस प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए एक्टिव माना जाता है।
व्यापार
आरबीआई ने आईपीओ लोन की लिमिट को दोगुना कर 25 लाख रुपए प्रति निवेशक किया

मुंबई, 1 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कई फैसलों का ऐलान किया, जिसने क्रेडिट को कंपनियों और आम निवेशकों के लिए आसान बना दिया है।
केंद्रीय बैंक ने बैंकों को भारतीय कंपनियों द्वारा अधिग्रहण के लिए फंडिंग की अनुमति देने का निर्णय लिया है, साथ ही शेयरों और ऋण प्रतिभूतियों के बदले ऋण देने पर प्रतिबंधों में भी ढील दी है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई एक फ्रेमवर्क तैयार करेगा, जिसकी मदद से बैंक अधिग्रहणों के लिए कंपनियों को ऋण उपलब्ध करा पाएंगे।
यह कदम भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नियामक से इस तरह की फंडिंग की अनुमति देने का अनुरोध करने के बाद उठाया गया है।
मल्होत्रा ने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक ने सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों पर ऋण देने की नियामक सीमा हटा दी है।
साथ ही, शेयरों पर ऋण देने की सीमा प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दी गई है।
आईपीओ फंडिंग के लिए, सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति कर दी गई है।
यह बदलाव विशेष रूप से उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (एचएनआई) को सार्वजनिक निर्गमों में बड़ी राशि के लिए आवेदन करने में मदद करेगा।
आरबीआई ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ऋण देना सस्ता करने का भी फैसला किया है। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा उच्च-गुणवत्ता वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को दिए गए ऋणों पर जोखिम भार कम हो जाएगा।
इसके साथ ही, नियामक ने 2016 के उस नियम को वापस ले लिया है जो 10,000 करोड़ रुपए से अधिक बैंक ऋण वाले बड़े उधारकर्ताओं को ऋण देने से हतोत्साहित करता था। इससे प्रणाली में समग्र ऋण उपलब्धता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों ने बताया कि आरबीआई के निर्णयों का उद्देश्य बैंकों द्वारा अधिक ऋण देने को प्रोत्साहित करना, कॉर्पोरेट अधिग्रहणों को समर्थन देना, आईपीओ भागीदारी को बढ़ावा देना और इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यावसायिक विकास के लिए धन की उपलब्धता को और अधिक सुगम बनाना है।
अंतरराष्ट्रीय
डोनाल्ड ट्रंप ने तैयार किया गाजा का नया नक्शा, इजरायल से अलग करेगा बफर जोन

नई दिल्ली, 30 सितंबर : गाजा में दो साल से जारी संघर्ष रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने 20 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है साथ ही अपने प्रस्ताव में गाजा का एक नया नक्शा भी तैयार किया है। ट्रंप ने अपने प्रस्ताव में जो नक्शा पेश किया है, उसके अनुसार अब गाजा और इजरायल के बीच एक बफर जोन बना रहेगा।
इसका मतलब ये हुआ कि अब इस रेखा के पार न तो इजरायली सैनिक जाएंगे और न ही फिलिस्तीनी नागरिक आएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से जारी गाजा के नक्शे में नीले, पीले और लाल रंग की तीन लाइन हैं। इसके बाद बफर जोन है।
नीली रेखा दक्षिणी गाजा पट्टी में शहर खान युनिस के पास है, जहां तक इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) का कंट्रोल है। इसके बाद पीले रंग की एक फर्स्ट विड्रॉल लाइन है, जो राफा से होकर गुजर रही है और इसका मतलब है कि बंधकों की रिहाई के बाद आईडीएफ पीली रेखा तक आ जाएगी।
इसके बाद लाल रंग की सेकेंड विड्रॉल लाइन खींची गई है, जहां इजरायली डिफेंस फोर्स आकर रुक जाएगी। इसके बाद से फिर बफर जोन की शुरुआत होगी।
बता दें, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा में संघर्ष खत्म करने को लेकर जो 20 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है, उसे अरब और मुस्लिम देशों के अलावा भारत ने भी अपना समर्थन दिया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में सीजफायर को लेकर ट्रंप के प्लान का स्वागत किया है।
वहीं इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप के इस प्रस्ताव पर कोई ऐतराज नहीं जताया। गाजा संघर्ष पर चर्चा करने के बाद कतर और मिस्र के मध्यस्थों ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का ये प्रस्ताव हमास को दिया है।
हमास की ओर से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। हमास का कहना है कि वह किसी भी तरह का आधिकारिक बयान देने से पहले इस प्रस्ताव पर गहन विचार करेगा। गाजा में सीजफायर के प्लान पर चर्चा करने के लिए इजरायली पीएम नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वाशिंगटन डीसी में मुलाकात की थी।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार सपाट खुला, बैंकिंग स्टॉक्स में तेजी

मुंबई, 30 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार की मंगलवार के कारोबारी सत्र में सपाट शुरुआत हुई। सुबह 9:33 पर सेंसेक्स 131 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 80,496 और निफ्टी 42 अंक या 0.17 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,677 पर था।
शुरुआती कारोबार में बाजार के ज्यादातर सूचकांकों में हरे निशान में कारोबार हो रहा था। बैंकिंग शेयर बाजार को ऊपर खींचने का काम कर रहे थे। निफ्टी बैंक 180 अंक या 0.33 प्रतिशत की तेजी के साथ 54,641 पर था।
अन्य सेक्टोरल इंडेक्स जैसे ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और कमोडिटीज हरे निशान में थे। एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा लाल निशान में थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी हरे निशान में कारोबार हो रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 57 अंक की मामूली तेजी के साथ 56,591 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 24 अंक या 0.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,572 पर था।
सेंसेक्स पैक में पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, इटरनल (जोमैटो), अदाणी पोर्ट्स, टाइटन, बीईएल, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक,एमएंडएम, आईसीआईसीआई बैंक, एचयूएल, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा टॉप गेनर्स थे। एलएंडटी, आईटीसी, एक्सिस बैंक, भारती एयरटेल, ट्रेंट और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि निकट भविष्य में बाजार संरचना कमजोर दिखाई दे रही है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और सकारात्मक संकेतों का अभाव बाजार में किसी भी मजबूत सुधार को रोक रहा है। बाजार के लगातार ऊपर चढ़ने की किसी भी कोशिश को बिकवाली का दबाव झेलना पड़ रहा है, जो कल के नकारात्मक समापन से स्पष्ट है, जबकि इस दौरान संस्थागत निवेशकों ने 1000 करोड़ रुपए से अधिक का सकारात्मक निवेश किया था।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 29 सितंबर को लगातार छठे सत्र में अपनी बिकवाली का सिलसिला जारी रखा और 2,830 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 3,845 करोड़ रुपए का शेयर बाजार में निवेश किया।
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