खेल
पाकिस्तान की बेइज्जती के साथ खत्म हुआ ‘ऑपरेशन व्हाइट बॉल’, तिलक और अभिषेक ने जीता ये खिताब
दुबई, 29 सितंबर। भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया कप का खिताब जीत लिया है। फाइनल मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। भारतीय टीम 9वीं बार एशिया कप चैंपियन बनी है। इस जीत के हीरो बाएं हाथ के बल्लेबाज तिलक वर्मा रहे, जिन्होंने 53 गेंद पर नाबाद 69 रन की पारी खेली। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। अभिषेक शर्मा प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे।
भारतीय टीम ने एशिया कप की ट्रॉफी एसीसी के मुखिया पाकिस्तानी मूल के मोहसिन नकवी से लेने से इनकार कर दिया और खिताब नहीं लिया। इसी वजह से पुरस्कार वितरण समारोह लगभग 1 घंटे बाद शुरू हुआ। भारतीय टीम का एशिया कप का खिताब मोहसिन नकवी से न लेना पाकिस्तान की घनघोर बेइज्जती थी जो उसे हार से भी अधिक दर्द देगी।
प्लेयर ऑफ द मैच तिलक वर्मा ने कहा, “दबाव था। वे अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। वे गति में बदलाव कर रहे थे। मैं शांत रहने की कोशिश कर रहा था। सैमसन की शानदार पारी। दुबे ने दबाव में जिस तरह से बल्लेबाजी की, वह देश के लिए मददगार और महत्वपूर्ण थी। हमने हर स्थिति के लिए तैयारी की है। आपको लचीला होना चाहिए। मैं किसी भी स्थिति में बल्लेबाजी करने के लिए तैयार था। मैं अपने खेल पर ध्यान दे रहा था। धीमी विकेट के लिए मैंने गौती सर से बात की थी और कड़ी मेहनत की थी। यह मेरे जीवन की सबसे खास पारियों में से एक है। यह सभी भारतीयों के लिए है।”
प्लेयर ऑफ द सीरीज अभिषेक शर्मा ने कहा, “कार मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। विश्व कप जीतने के बाद इस टीम में जगह बनाना किसी भी सलामी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं था। मैंने अपने खेल पर बहुत मेहनत की और आपको कोच और कप्तान का सहयोग चाहिए होता है, मुझे टूर्नामेंट की शुरुआत से ही यह मिल रहा था। अगर मुझे अच्छी शुरुआत मिलती है, तो मेरी टीम जीतेगी। कभी-कभी आप असफल भी हो सकते हैं, लेकिन आपको प्रक्रिया का पालन करना होगा। मेरी योजना थी कि अगर मुझे पावरप्ले में स्पिनर मिल गए, तो मैं पावरप्ले का इस्तेमाल करने की कोशिश करूंगा, चाहे कोई भी बेहतरीन तेज गेंदबाज़ हो, मैं पहली गेंद से ही शुरुआत करूंगा।”
147 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने 20 रन पर अभिषेक शर्मा 5, शुभमन गिल 12 और कप्तान सूर्यकुमार यादव 1 के रूप में तीन विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद तिलक वर्मा ने संजू सैमसन के साथ चौथे विकेट के लिए 57 और शिवम दुबे के साथ पांचवें विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी कर भारत को 5 विकेट से जीत दिला दी। सैमसन 21 गेंद पर 24 और शिवम दुबे 22 गेंद पर 33 रन बनाकर आउट हुए। तिलक वर्मा 53 गेंद पर 4 छक्के और 3 चौके की मदद से 69 रन बनाकर नाबाद रहे। उनके साथ रिंकू सिंह 1 गेंद पर 4 रन बनाकर नाबाद रहे। विजयी चौका रिंकू के बल्ले से निकला। भारत ने 19.4 ओवर में 5 विकेट पर 150 रन बनाकर मैच 5 विकेट से जीता।
इससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान को साहिबजादा फरहान और फखर जमान की जोड़ी ने मजबूत शुरुआत दी थी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 9.4 ओवर में पहले विकेट के लिए 84 रन की साझेदारी की। साहिबजादा फरहान 38 गेंद पर 3 छक्के और 5 चौके की मदद से 57 रन बनाकर आउट हुए। भारत के खिलाफ यह उनका लगातार दूसरा अर्धशतक था। फखर जमान 35 गेंद पर 2 छक्के और 2 चौके की मदद से 46 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद पाकिस्तान का कोई भी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने नहीं टिका और पूरी टीम 19.1 ओवर में 146 रन पर सिमट गई।
भारत के लिए कुलदीप यादव ने फिर बेहतरीन गेंदबाजी की। कुलदीप ने 4 ओवर में 30 रन देकर 4 विकेट लिए। अक्षर पटेल ने भी बेहतरीन गेंदबाजी की और 4 ओवर में 26 रन देकर 2 विकेट लिए। वरुण च्रकवर्ती ने 4 ओवर में 30 रन देकर 2 विकेट लिए। जसप्रीत बुमराह ने 2 विकेट लिए।
खेल
दीप्ति शर्मा के लिए गुजरात, दिल्ली और यूपी के बीच टक्कर दिख सकती है: अंजुम चोपड़ा

SPORT
नई दिल्ली, 25 नवंबर: विमेंस प्रीमियर लीग 2026 के लिए नीलामी 27 नवंबर को दिल्ली में होनी है। इस बार नीलामी में सबकी नजरें भारतीय टीम की स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा पर होंगी। भारतीय टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा का मानना है कि दीप्ति के लिए नीलामी में गुजरात जायंट्स, दिल्ली कैपिटल्स और यूपी वॉर्रियर्ज के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा दिख सकती है।
जियोहॉटस्टार पर अंजुम चोपड़ा ने कहा, “दीप्ति की ऑलराउंडर क्षमता उन्हें सबसे अहम खिलाड़ी बना रही है। गुजरात जायंट्स को नीलामी में दीप्ति शर्मा पर जरूर विचार करना चाहिए। दिल्ली कैपिटल्स भी उन्हें एक भारतीय खिलाड़ी के तौर पर टारगेट कर सकती है। यूपी वॉरियर्ज भी उनमें फिर से दिलचस्पी दिखा सकती है।”
पूर्व खिलाड़ी वेदा कृष्णमूर्ति ने भी दीप्ति की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक मैच विनर हैं। बल्ले और गेंद दोनों से शानदार रही हैं। नीलामी में उनकी मांग बहुत ज्यादा होगी और कई टीमें उनके लिए बोली लगाती दिखेंगी।
दीप्ति शर्मा ने महिला वनडे विश्व कप में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी और प्लेयर ऑफ द सीरीज रही थीं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए फाइनल में दीप्ति ने गेंद और बल्ले से कमाल दिखाते हुए भारत की खिताबी जीत में यादगार भूमिका निभाई थी। इस ऑलराउंडर ने 58 रन बनाने के साथ ही 5 विकेट लिए थे। दीप्ति ने टूर्नामेंट में 215 रन बनाने के साथ ही 22 विकेट लिए थे।
इस दमदार प्रदर्शन के बावजूद यूपी वॉरियर्ज ने दीप्ति शर्मा को रिटेन नहीं किया था। इस वजह से उन्हें नीलामी में आना पड़ा। दीप्ति नीलामी में सबसे महंगी खिलाड़ी के रूप में उभर सकती हैं।
यूपी वॉर्रियर्ज की कप्तान रह चुकी दीप्ति ने 3 सीजन में खेले 25 मैचों में 507 रन बनाने के साथ ही 27 विकेट लिए हैं।
खेल
बॉडीलाइन सीरीज : क्रिकेट इतिहास का ‘काला अध्याय’, जिसकी वजह से नियम तक बदलने पड़े

Stadium
नई दिल्ली, 18 नवंबर: साल 1882 में एशेज सीरीज की शुरुआत ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मुकाबलों को रोमांचक बना दिया था, लेकिन 1932-33 में खेली गई सीरीज आज तक क्रिकेट इतिहास के काले अध्याय में दर्ज है। यह क्रिकेट इतिहास की सबसे विवादित सीरीज रही, जिसे ‘बॉडीलाइन सीरीज’ का नाम दिया गया। इस सीरीज के बाद क्रिकेट नियमों में बदलाव तक करने पड़े।
इंग्लैंड के कप्तान डगलस जार्डिन ने ऑस्ट्रेलिया के महानतम बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन को रोकने के लिए ‘बॉडीलाइन’ रणनीति को अपनाया। इसमें गेंदबाज का लक्ष्य विकेट की जगह बल्लेबाजों की बॉडी थी।
ऑस्ट्रेलिया में खेली गई इस सीरीज में इंग्लैंड के गेंदबाज हेरोल्ड लॉरवुड और बिल वोज अपनी तेज गति की गेंदों को बल्लेबाज के शरीर को टारगेट करते हुए फेंकते थे, ताकि बल्लेबाज या तो डिफेंसिव शॉट खेले, या फिर गलत शॉट खेलकर कैच आउट हो जाए। लेग साइड पर कई फील्डर्स तैनात कर दिए जाते थे, ताकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रन तक बनाने का मौका ना मिल सके।
भले ही यह रणनीति उस समय क्रिकेट के नियमों का उल्लंघन नहीं करती थी, लेकिन यह खेल भावना के खिलाफ था। यह बल्लेबाजों की सुरक्षा के लिए खतरा था। परिणामस्वरूप, कई ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को गंभीर चोटें आईं। हेरोल्ड लारवुड की एक गेंद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बर्ट ओल्डफील्ड को लगी, जिसके चलते वह मैदान पर ही गिर पड़े।
इसी दौरान स्थानीय दर्शकों और इंग्लैंड की टीम के बीच तनाव बढ़ गया और आस-पास पुलिस तक तैनात करवानी पड़ी। इसके बाद दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों में तनाव देखने को मिला था।
इस पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए और आखिरकार इंग्लैंड ने सीरीज 4-1 से अपने नाम कर ली।
इंग्लैंड ने सीरीज का पहला मैच 10 विकेट से जीता। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने वापसी करते हुए दूसरे टेस्ट को 111 रन से जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली।
इंग्लैंड ने तीसरा मुकाबला 338 रन से जीतकर फिर से बढ़त बनाई। इसके बाद बिस्बेन में खेले गए चौथे टेस्ट को 6 विकेट से जीता और सिडनी में पांचवां और अंतिम मुकाबला 8 विकेट से अपने नाम किया।
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) को इस रणनीति के खिलाफ विरोध जताया। इसके परिणामस्वरूप क्रिकेट के नियमों में बड़े बदलाव किए गए। इस सीरीज के बाद से लेग साइड फील्ड सेटअप और शॉर्ट पिच गेंदबाजी पर बैन लगाया दिया।
खेल
विकेट को दोष देना आसान, लेकिन अपने गिरेबान में झांकना होगा : अमित मिश्रा

नई दिल्ली, 18 नवंबर: भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता में खेले गए टेस्ट सीरीज के पहले मैच को 30 रन के करीबी अंतर से गंवा बैठी। पूर्व भारतीय स्पिनर अमित मिश्रा का मानना है कि इसके लिए विकेट को दोष देना आसान है, लेकिन खिलाड़ियों को अपने गिरेबान में झांकना होगा।
भारत-साउथ अफ्रीका के बीच ईडन गार्डन्स में खेले गए इस टेस्ट मैच में टेंबा बावुमा ऐसे इकलौते बल्लेबाज रहे, जिन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली। भारत को दूसरी पारी में जीत के लिए सिर्फ 124 रन का लक्ष्य मिला था, लेकिन टीम इंडिया 93 रन पर सिमट गई। इसके बाद कुछ दिग्गजों ने इस शर्मनाक हार के लिए पिच को दोषी ठहराया।
अमित मिश्रा ने मीडिया से कहा, “ऐसा पहली बार नहीं है कि इस तरह की विकेट मिली हो। मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को अपनी स्किल्स निखारनी होगी। अपनी स्किल्स को सुधारने की जरूरत है। विकेट को दोष देना आसान है, लेकिन इससे पहले अपने गिरेबान में झांकना होगा। जब हम इंग्लैंड जैसे देशों का दौरा करते हैं, तो वहां स्विंग का सामना करना पड़ता है। हम उस हिसाब से अपनी स्किल्स को सुधारते हैं। आपको समझना होगा कि किस तरह की पिच पर किस तरह से बल्लेबाजी करनी होगी।”
उन्होंने कहा, “यह एक युवा टीम है। इसमें काफी युवा खिलाड़ी हैं, जिनमें अनुभव की कमी है। सीनियर खिलाड़ियों और कोच को उनसे बात करनी होगी। इस तरह की पिच पर फुट मूवमेंट बेहद अहम है। आपको यह समझना होगा कि किन गेंदबाजों के खिलाफ शॉट खेल सकते हैं, किन गेंदबाजों के खिलाफ शॉट नहीं खेलने। यह सभी टैलेंटेड खिलाड़ी हैं। भविष्य में यह टीम बेहतरीन हो जाएगी।”
साउथ अफ्रीका ने मुकाबले में टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनते हुए पहली पारी में 159 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने 189 रन बनाकर 30 रन की मामूली बढ़त हासिल की।
दूसरी पारी में भी साउथ अफ्रीकी टीम की हालत खराब रही, लेकिन कप्तान टेंबा बावुमा की नाबाद 55 रन की पारी के दम पर टीम ने किसी तरह 153 रन बनाकर भारत को जीत के लिए 124 रन का लक्ष्य दिया।
आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 93 के स्कोर तक अपने 9 विकेट गंवा चुकी थी। चोटिल कप्तान शुभमन गिल इस पारी में बल्लेबाजी के लिए नहीं उतर सके। इसी के साथ टीम इंडिया को सीरीज के पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र5 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार9 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
