राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली : दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी में कटौती से आम आदमी को राहत, लोगों ने जताई खुशी

नई दिल्ली, 22 सितंबर। जीएसटी 2.0 के लागू होने के पहले ही दिन दिल्ली में दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी दरों में भारी कटौती का असर दिखने लगा है। सरकार ने पनीर, छेना, अल्ट्रा-हीट ट्रीटमेंट (यूएचटी) दूध और अन्य डेयरी आइटम्स पर टैक्स को शून्य कर दिया है, जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने खुशी जाहिर की है।
स्थानीय निवासियों ने जीएसटी 2.0 को आम आदमी के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “आज कीमतें कम हुई हैं और मुझे लगता है कि इसमें और भी राहत मिलनी चाहिए क्योंकि महंगाई बढ़ती ही जा रही है और ऐसे में हर कोई चाहता है कि सरकार इस पर फैसला ले। मेरा मानना है कि डेयरी उत्पादों में कमी अच्छी है और इससे ज्यादा फर्क पड़ेगा।”
एक अन्य निवासी ने कहा, “केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत करने के लिए एक अच्छा कदम लिया है। जीएसटी की नई दरों से आम लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही, व्हीकल और डेली प्रोडक्टस पर जीएसटी दरें कम होने से जनता को फायदा होगा।”
बता दें कि भारत के टैक्स सिस्टम में आज एक ऐतिहासिक बदलाव लागू हो गया है। नया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी 2.0) पूरे देश में प्रभावी हो चुका है, जो टैक्स ढांचे को सरल बनाने और आम नागरिकों को राहत प्रदान करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है।
जीएसटी फैसलों के अनुसार, पनीर, दूध, ब्रेड, स्टेशनरी, जीवन रक्षक दवाएं और शैक्षिक सेवाओं समेत कई आइटम्स पर जीएसटी दर शून्य हो गई है। ये बदलाव तत्काल प्रभावी आज से ही लागू होंगे, जिससे खुदरा कीमतों में कमी आएगी।
नई जीएसटी दर के तहत पनीर और छेना (प्री-पैकेज्ड), दूध, रोटी, चपाती, पराठा, जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार), स्वास्थ्य/जीवन बीमा और शैक्षिक सेवाएं (ट्यूशन, कोचिंग) पर जीरो टैक्स रहेगा। पहले इन सामानों पर 5 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था।
अपराध
दिल्ली दंगा मामला : सुप्रीम कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया

suprim court
नई दिल्ली, 22 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 2020 दिल्ली दंगा साजिश मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले पर 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि इनमें से अधिकतर लोग छात्र हैं और 5 साल से जेल में बंद हैं।
इससे पहले, इस मामले पर 19 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन किसी कारण टल गई थी। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की बेंच जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है।
जमानत के लिए याचिका दायर करने वालों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप हैं, जो फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़ा है।
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत 7 अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। एक अन्य आरोपी, तस्लीम अहमद, को भी अलग बेंच ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है। पुलिस का दावा है कि 2020 में हुए दंगे पूर्व नियोजित और सुनियोजित साजिश का नतीजा थे। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने हिंसा भड़काने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उमर खालिद और शरजील इमाम की गंभीर संलिप्तता प्रतीत होती है। कोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोपों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जो भाषण दिए, वे सांप्रदायिक प्रकृति के थे और उनका मकसद बड़ी भीड़ इकट्ठा करना था।
2020 की हिंसा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शुरू हुई थी। इस हिंसक घटना में 53 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हो गए।
राजनीति
उदित राज ने नवरात्रि में मीट बैन की मांग को बताया असंवैधानिक, कहा- संविधान से चलेगा देश

UDIT RAJ
नई दिल्ली, 22 सितंबर। नवरात्रि के पर्व का सोमवार से आगाज हो गया है। इसी के साथ ही दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में मीट दुकानों को बंद करने की मांग की गई है। कांग्रेस नेता उदित राज ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी पसंद का अधिकार है अगर कोई मीट नहीं खाना चाहे, तो न खाए।
नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद करने की मांग पर कांग्रेस नेता उदित राज ने मीडिया से बातचीत में कहा, “संविधान के अनुच्छेद 19 में नागरिकों को पूरी आजादी है। आप किसी पर यह नहीं थोप सकते कि उसे क्या खाना है और क्या नहीं। हर व्यक्ति को अपनी पसंद का अधिकार है। अगर कोई मीट नहीं खाना चाहे, तो न खाए। लेकिन क्या 100 प्रतिशत हिंदू किसी के कहने पर मीट बंद कर देंगे? क्या चिकन या मटन बंद हो जाएगा? मैं इस मांग को असंवैधानिक मानता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “हिंदुओं में भी ऐसी प्रथाएं हैं। मां काली ने खून पिया था और दुर्गा पूजा में जानवरों की बलि दी जाती है। कई देवताओं को बलि चढ़ाई जाती है और हिंदू उन्हें पूजते हैं। ये सभी राजनीतिक और गैर-संवैधानिक बातें हैं। मीट की दुकानें बंद करने का जो आह्वान किया गया है, वह पूरी तरह गलत है। इसका मकसद सिर्फ राजनीति है और कुछ लोग इस मुद्दे के जरिए समाज में नफरत फैलाना चाहते हैं। भारत एक आजाद देश है और लोगों को कुछ भी करने का पूरा अधिकार है। देश संविधान से चलेगा, किसी की मर्जी से नहीं चलेगा।”
कांग्रेस नेता उदित राज ने जीएसटी 2.0 के लागू होने पर कहा, “राहुल गांधी ने 8 साल पहले ही इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताया था। मैं पूछता हूं कि इस टैक्स को क्यों लाया गया? जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने इसका विरोध किया था। सरकार ने 55 लाख करोड़ रुपए जीएसटी से पिछले 8 साल में वसूले हैं। जीएसटी में 9 स्लैब थे और इस वजह से लोग बर्बाद हो गए। हालात यह रहे कि व्यापारी देश छोड़कर चले गए। जीएसटी सुधारों को मैं कांग्रेस की जीत मानता हूं। अगर कांग्रेस की बात को मान लिया जाता तो आज लाखों का इन्वेस्टमेंट देश के बाहर नहीं जाता।”
कांग्रेस नेता ने भारत की विदेश नीति पर बात करते हुए कहा, “भारत की विदेश नीति को अब कोई नहीं मानता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जब से सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रक्षा सौदा हुआ है, उसके बाद से कुछ नहीं बचा है। अगर पाकिस्तान पर हमला किया जाएगा तो सऊदी अरब उसका साथ देगा और पूरा गल्फ भी उसका समर्थन करेगा।”
एशिया कप के सुपर 4 मैच में भारत की पाकिस्तान पर 6 विकेट की जीत पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, “मैं भारतीय टीम को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।”
राष्ट्रीय समाचार
जीएसटी 2.0 आज से लागू : जानें क्या सस्ता और क्या हुआ महंगा?

नई दिल्ली, 22 सितंबर। भारत के टैक्स सिस्टम में आज एक ऐतिहासिक बदलाव लागू हो गया है। नया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी 2.0) पूरे देश में प्रभावी हो चुका है, जो टैक्स ढांचे को सरल बनाने और आम नागरिकों को राहत प्रदान करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है।
जीएसटी परिषद ने सितंबर की शुरुआत में इसकी मंजूरी दी थी और अब इसका सीधा असर बाजारों पर दिखने लगा है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के रूप में इसे प्रचारित किया जा रहा है, जो स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस नई व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैबों को सरल बनाया गया है, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं पर बोझ कम होगा। एक नजर डालते हैं टैक्स सिस्टम पर।
जीएसटी फैसलों के अनुसार, पनीर, दूध, ब्रेड, स्टेशनरी, जीवन रक्षक दवाएं और शैक्षिक सेवाओं समेत कई आइटम्स पर जीएसटी दर शून्य हो गई है। ये बदलाव तत्काल प्रभावी आज से ही लागू होंगे, जिससे खुदरा कीमतों में कमी आएगी।
नई जीएसटी दर के तहत पनीर और छेना (प्री-पैकेज्ड), दूध, रोटी, चपाती, पराठा, जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार), स्वास्थ्य/जीवन बीमा और शैक्षिक सेवाएं (ट्यूशन, कोचिंग) पर जीरो टैक्स रहेगा। पहले इन सामानों पर 5 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था।
इसके अलावा, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और स्टेशनरी आइटम्स (शार्पनर, कॉपी, नोटबुक, पेंसिल और अन्य उत्पाद), वोकेशनल प्रशिक्षण संस्थान, कौशल विकास पाठ्यक्रम, चैरिटेबल अस्पताल सेवाएं और ट्रस्ट (स्वास्थ्य, शिक्षा) पर 12 से 18 प्रतिशत लगने वाला टैक्स घटकर शून्य हो गया है।
साथ ही, एसी और फ्रिज आदि पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। वहीं, गाड़ियों पर टैक्स में कटौती की गई है। 350 सीसी और उससे कम की बाइक पर अब जीएसटी घटकर 18 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 28 प्रतिशत था।
इसके अलावा, 1,200 सीसी और 4 मीटर से कम की पेट्रोल गाड़ियों और 1,500 सीसी और 4 मीटर से कम की डीजल गाड़ियों पर टैक्स घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। इससे ऊपर के सेगमेंट और क्षमता वाली गाड़ियों पर अब 40 प्रतिशत का टैक्स लगेगा, जो कि पहले करीब 50 प्रतिशत होता था।
वहीं, तंबाकू, बीड़ी और पान मसाला पर 40% टैक्स बरकरार रखा गया है, जबकि पेट्रोल-डीजल पर कोई बदलाव नहीं हुआ क्योंकि ये अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।
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